नौ हफ्ते की प्रेगनेंसी पूरी करने के बाद आपके गर्भावस्था का दसवां हफ्ता शुरु हो चुका है। इसका अर्थ यह है कि आप तीसरे महीने की प्रेगनेंसी में प्रवेश कर चुकी हैं। इस दौरान मां बनने की जितनी खुशी महसूस होती है शरीर में हो रहे बदलावों से उतनी ही परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। हालांकि प्रेगनेंसी के दसवें हफ्ते में आपको अपनी अच्छी तरह देखभाल करना चाहिए और मन में चल रहे सभी जरुरी सवालों को डॉक्टर से पूछ लेना चाहिए। चूंकि अब आप प्रेगनेंसी के दसवें हफ्ते में है तो आपको कैल्शियम और आयरन की गोलियां लेने के अलावा हेल्दी प्रेगनेंसी के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्वों को भी लेना चाहिए।
गर्भधारण के दसवें हफ्ते में लक्षणों में भी कुछ बदलाव आते हैं और खूब खट्टा, और तीखा खाने का मन होता है। प्रेगनेंसी के दसवें हफ्ते में पेट अधिक नहीं बढ़ता है फिर भी शरीर में भारीपन महसूस होता है, इससे बचने के लिए हल्की एक्सरसाइज रोजाना करें। आज के इस आर्टिकल में हम आपको प्रेगनेंसी के दसवें हफ्ते के बारे में जानकारी देंगे। जिसमें हम आपको ये बताएंगे की 10 हफ्ते की प्रेगनेंसी में आप किस तिमाही में हैं, आप कितने महीने की प्रेगनेंट हैं, गर्भावस्था के दसवें हफ्ते में आपका बच्चा कितना बड़ा है,10 हफ्ते की गर्भावस्था के लक्षण, प्रेगनेंसी के दसवें हफ्ते का डाइट प्लान और दसवें हफ्ते की प्रेगनेंसी में कैसे करें अपनी देखभाल और प्रेगनेंसी के दसवें सप्ताह में कितना एक्सरसाइज करें।।
विषय सूची
गर्भावस्था के दसवें हफ्ते में आप किस तिमाही में हैं? – 10 Weeks Pregnant is How Many trimesters in Hindi
प्रेगनेंसी के दसवें हफ्ते में आप गर्भावस्था की पहली तिमाही (first trimester) में हैं। गर्भावस्था के अगले दो हफ्तों के बाद आप अपनी प्रेगनेंसी की पहली तिमाही पूरी करेंगी। गर्भावस्था की पहली तिमाही कुल 12 हफ्तों की होती है जिसे पूरा करने के बाद आप प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में प्रवेश करेंगी।
गर्भावस्था के दसवें सप्ताह में आप कितने महीने की प्रेगनेंट हैं -10 weeks pregnant is how many months in Hindi
गर्भधारण के दसवें हफ्ते में आप लगभग तीन महीने की प्रेगनेंट हैं। आपने अपनी प्रेगनेंसी के दो महीने पूरे कर लिए हैं और आपके गर्भावस्था के तीसरे महीने का दूसरा हफ्ता चल रहा है। अभी आपकी प्रेगनेंसी के 30 हफ्ते यानी 210 दिन या 6 महीने 2 हफ्ते बचे हैं।
गर्भावस्था के दसवें हफ्ते में बच्चा कितना बड़ा होता है – 10 weeks pregnant baby size in Hindi
गर्भधारण के दसवें हफ्ते में आपका बच्चा स्ट्रॉबेरी के साइज का होता है। गर्भावस्था के दसवें हफ्ते में भ्रूण का आकार 1.25 इंच से 1.68 इंच या लगभग 4.26 सेंमी होता है जो अगले हफ्ते में इसका दो गुना बढ़ जाता है। सप्ताह दर सप्ताह भ्रूण की साइज लगातार बढ़ती है। दसवें हफ्ते की प्रेगनेंसी में आपको अपने पेट में बच्चे की कुछ हलचल महसूस हो सकती है। प्रेगनेंसी के दसवें हफ्ते में आपके शिशु की जेस्टेशनल उम्र (gestational age) 8 हफ्ते होती है और उसका वजन लगभग 4 ग्राम होता है। सिर्फ इतना ही नहीं गर्भ में पल रहे शिशु के शरीर में लगातार परिवर्तन होता है जिसके कारण उसका आकार बदलता रहता है।
10 वीक की प्रेगनेंसी में आपके शिशु का वजन 4 ग्राम से अधिक या कम भी हो सकता है। चूंकि हर महिला के गर्भावस्था की स्थिति अलग-अलग होती है इसलिए भ्रूण के वजन और आकार में भी परिवर्तन देखा जाता है। अगर आपको कुछ असामान्य समझ में आ रहा हो तो गर्भावस्था के 10वें हफ्ते में डॉक्टर के पास जरुर जाएं।
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गर्भावस्था के 10वें हफ्ते में भ्रूण का विकास – Baby Development At 10th Week Of Pregnancy in Hindi
10 हफ्ते की प्रेगनेंसी से फेटल पीरियड (fetal period) की शुरुआत हो जाती है और बच्चे के कई अंगों का विकास बहुत तेजी से होता है। आइये जानते हैं 10 वीक की प्रेगनेंसी के दौरान किस तरह से भ्रूण का विकास होता है।
बच्चे की हड्डियों का विकास: 10 वीक की प्रेगनेंसी के दौरान बच्चे के कई अंगों में हड्डियों का विकास होता है। चूंकि गर्भावस्था के दसवें हफ्ते में आपके बच्चे के पूरे शरीर की लंबाई लगभग डेढ इंच होती है लेकिन आपके शरीर से पोषक तत्वों को प्राप्त कर बच्चे की हड्डियों का निर्माण शुरु हो जाता है। हड्डियां और कार्टिलेज बनने के साथ ही टखने और घुटनों का आकार भी बनता है। बच्चे की भौंहे पूरी तरह आ जाती है।
बच्चे के मसूढ़े का विकास: गर्भावस्था के 10वें हफ्ते में बच्चे के मसूढे और छोटे-छोटे टूथ गम बनते हैं। मसूढ़ों के ऊपर सफेद पट्टी सी बनती है जिसमें जन्म के बाद बच्चे का दांत निकलता है।
आंखों का विकास: प्रेगनेंसी के दसवें हफ्ते में बच्चे की छोटी-छोटी आंखें विकसित होती है और एक ऑप्टिकल स्ट्रक्चर बनता है। आंखों की पलकें भी बनना शुरू होती हैं और भौहों के साथ ही सिर पर भी बाल की हल्की रेखाएं आती हैं।
नाक का विकास: 10 हफ्ते की प्रेगनेंसी में बच्चे के नाक में दो छोटे-छोटे नोस्ट्रिल बनते हैं। इसके साथ ही हार्टबीट 180बीपीएम तक बढ़ती है।
(और पढ़े – गर्भ में शिशु का विकास महीने दर महीने…)
गर्भावस्था के दसवें हफ्ते में मां का शरीर – Mother’s body in tenth week of pregnancy in Hindi
10 वीक की प्रेगनेंसी में मां के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। एंड्रोजन हार्मोन के कारण चेहरे पर तेजी से मुंहासे निकलते हैं। इसके अलावा स्तन का आकार काफी बढ़ जाता है और निपल का रंग गहरा हो जाता है। सिर्फ इतना ही नहीं गुस्सा और चिड़चिड़ापन भी बढ़ सकता है और प्रेगनेंट स्त्री को दोपहर के समय अधिक नींद आती है। गर्भावस्था के दसवें हफ्ते में हल्की सुस्ती रहती है और खूब चटपटी चीजें खाने का मन करता है। कुछ महिलाओं को गर्भावस्था के 10वें हफ्ते में लो ब्लड प्रेशर और बढ़े हुए ब्लड शुगर का सामना करना पड़ता है।
गर्भावस्था के दसवें सप्ताह में पेट में बदलाव – 10 weeks pregnant belly in Hindi
प्रेगनेंसी के 10वें हफ्ते में आपके पेट का निचला हिस्सा हल्का गोल हो जाता है जो नारंगी के आकार का नजर आता है। कहने का अर्थ यह है कि अब आपका पेट हल्का सा निकला हुआ दिखायी देता है क्योंकि आपका गर्भाशय प्रेगनेंसी के दसवें हफ्ते में ग्रेपफ्रुट या छोटे संतरे के आकार का हो जाता है। लेकिन इसके बाजवदू पेट बहुत बढ़ा हुआ नहीं दिखायी देता है। प्रेगनेंसी के दौरान पेट बढ़ने के लक्षण या पेट का आकार प्रेगनेंट महिला के वजन और लंबाई पर भी निर्भर करता है।
(और पढ़े – गर्भावस्था के दौरान होने वाले शारीरिक परिवर्तन…)
प्रेगनेंसी के दसवें हफ्ते के लक्षण – 10 week pregnancy symptoms in Hindi
गर्भावस्था के दसवें हफ्ते में शरीर में तेजी से बदलाव होते हैं और एक साथ कई तरह के लक्षण नजर आते हैं। दरअसल, 10 वीक प्रेगनेंसी के दौरान एससीजी और प्रोजेस्टेरोन जैसे प्रेगनेंसी हार्मोन पीक पर होते हैं जिसके कारण शरीर में गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण दिखने शुरु हो जाते हैं। प्रेगनेंसी के दसवें हफ्ते में निम्न लक्षण दिखायी देते हैं:
डरावने सपने आना
प्रेगनेंसी का दसवां हफ्ता शुरू होते ही गर्भवती महिला को रात में डरावने सपने आते हैं। हालांकि इसका कारण स्पष्ट नहीं है लेकिन माना जाता है कि शरीर में भारीपन, तनाव, चिंता और मुंह का स्वाद बिगड़ने के कारण भावनात्मक कमजोरी और चिड़चिड़ापन होता है जिसके कारण बुरे सपने आते हैं।
चेहरे पर मुंहासे निकलना
गर्भावस्था का दसवां हफ्ता शुरू होते ही शरीर में हार्मोनल बदलाव के कारण प्रेगनेंट महिला के चेहरे पर तेजी से मुंहासे निकलते हैं जो अगले कई हफ्तों तक लगातार बने रहते हैं। 10 हफ्ते के गर्भावस्था से शरीर में एंड्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ने लगता है जिसके कारण महिला की स्किन पहले से अधिक ऑयली या ड्राई हो जाती है। इस दौरान नए मुंहासे रोज निकल सकते हैं जो पूरी तरह नॉर्मल है।
बार बार पेशाब आना
प्रेगनेंसी का दसवां हफ्ता शुरु होते ही गर्भवती महिला की किडनी पेट और यूटेरस फैल जाता है जिसके कारण ब्लैडर पर दबाव बढ़ने लगता है। इससे प्रेगनेंट महिला को बार-बार पेशाब का अनुभव होता है। गर्भावस्था के दौरान पेशाब को रोकना नहीं चाहिए अन्यथा ब्लैडर इंफेक्शन हो सकता है।
अधिक लार आना
दसवें सप्ताह के गर्भावस्था में पेट में बेचैनी के कारण मुंह में अधिक लार बनता है। प्रेगनेंसी के कारण शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं जो किसी न किसी रुप में नजर आते हैं। मुंह में अधिक मात्रा में लार बनने का कारण प्रेगनेंसी हार्मोन ही है। इसे कंट्रोल करने के लिए च्यूइंगम चबाना चाहिए।
थकान
गर्भावस्था के दसवें हफ्ते में प्रेगनेंसी हार्मोन प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़ने लगता है जिसके कारण तेज थकान महसूस होती है और अधिक नींद आती है। इसके अलावा बच्चे को खून की सप्लाई करने के लिए बॉडी को अधिक मेहनत करनी पड़ती है जिससे थकान महसूस होती है। प्रेगनेंसी की पहली तिमाही तक महिला को थकान होती है।
स्तन का बड़ा होना
दसवें सप्ताह के गर्भावस्था में प्रेगनेंसी हार्मोन के कारण ब्रेस्ट बड़े हो जाते हैं और निपल का रंग गहरा हो जाता है। इस दौरान ब्रेस्ट में दर्द भी होता है और सूजन भी नजर आती है।
सिरदर्द और मूड स्विंग
हार्मोनल उतार चढ़ाव के कारण गर्भावस्था के दसवें हफ्ते में सिरदर्द होता है और पूरे दिन मूड स्विंग रहता है। हालांकि कुछ महिलाओं को सिर दर्द जैसे लक्षण प्रेगनेंसी के आठवें हफ्ते बाद नजर आते हैं।
मितली और उल्टी
गर्भावस्था के दौरान होने वाली मितली और उल्टी को मॉर्निंग सिकनेस कहा जाता है। गर्भधारण के बाद ये लक्षण नजर आने लगते हैं। कुछ महिलाओं को प्रेगनेंसी के पूरे 10 महीनों तक मॉर्निंग सिकनेस होती है।
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प्रेगनेंसी के दसवें हफ्ते में ऐंठन – 10 weeks pregnant cramping in Hindi
दसवें सप्ताह के गर्भावस्था में शरीर में ऐंठन और सूजन जैसे लक्षण नजर आते हैं। 10 वीक की प्रेगनेंसी में एग इंप्लांट होने के कारण गर्भाशय में खिंचाव आ जाता है। ऐसी स्थिति में छींकने, खांसने और उठने बैठने की पोजिशन बदलने से ऐंठन और बढ़ जाती है। दसवें हफ्ते की प्रेगनेंसी में सामान्य ऐंठन तो ठीक है लेकिन यदि ऐंठन या क्रैम्पिंग गंभीर हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
(और पढ़े – गर्भावस्था (प्रेगनेंसी) के दौरान पेट दर्द…)
10 वीक प्रेगनेंसी में स्पॉटिंग -10 weeks pregnant spotting in Hindi
गर्भावस्था के दसवें हफ्ते में हल्की ब्लीडिंग होती है जिसे स्पॉटिंग कहते हैं। जब पीरियड रुक जाता है और भ्रूण गर्भाशय से अटैच होता है तो इस दौरान कुछ महिलाओं को स्पॉटिंग या इंप्लांटेशन ब्लीडिंग होती है। प्रेगनेंसी की पहली तिमाही तक इस तरह की स्पॉटिंग होती रहती है।
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10वें सप्ताह की प्रेगनेंसी में कौन से गंभीर लक्षण दिखने पर डॉक्टर के पास जाएं
जब गर्भ में भ्रूण आकार ले लेता है तो शरीर में असामान्य लक्षण दिखना चिंता का कारण हो सकता है। गर्भावस्था के दसवें हफ्ते में शरीर में कुछ भी असामान्य महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। अगर ये लक्षण दिखें तो तत्काल डॉक्टर से मिलें।
- पूरे दिन तेज उल्टी होना
- पेशाब में जलन और दर्द
- योनि से तेज गंध आना या असामान्य स्राव होना
- लगातार बुखार होना
- पेट, पीठ और कमर में तेज दर्द
- अधिक ठंड लगना
- योनि से खून निकलना
- शरीर में तेज ऐंठन
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10 सप्ताह की गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड – Ultrasound At 10th Week of Pregnancy in Hindi
प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में गर्भावस्था के 8वें या 9वें हफ्ते के दौरान पहला अल्ट्रासाउंड किया जाता है। जिसमें बच्चे की हार्ट बीट सुनी जा सकती है और गर्भ में बच्चे की स्थिति जांची जाती है। इसके अलावा असामान्यताओं का भी पता लगाया जाता है। प्रेगनेंसी का दूसरा अल्ट्रासाउंड गर्भावस्था के 13वें या 14वें सप्ताह में किया जाता है। हालांकि यह महिला की गर्भावस्था की स्थिति पर निर्भर करता है। डॉक्टर प्रेगनेंट महिला का स्वास्थ्य परीक्षण करके अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह देती हैं।
(और पढ़े – गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड कब और कितनी बार करवाना चाहिए…)
प्रेगनेंसी के 10वें हफ्ते में टेस्ट – Test At 10th Week Of Pregnancy in Hindi
10वें सप्ताह के गर्भावस्था में डॉक्टर कुछ जरुरी टेस्ट कराने के लिए कहती हैं। इसमें नॉन इनवेसिव प्रीनेटल टेस्ट और फेटल डीएनए टेस्ट किया जाता है। यह सभी टेस्ट भ्रूण में आनुवांशिक बीमारियों का पता लगाने के लिए किया जाता है। इसके अलावा न्युकल ट्रांसलुसेंसी स्क्रीनिंग (Nuchal Translucency screening) की जाती है। इस टेस्ट के माध्यम से बच्चे में डाउन सिंड्रोम या गुणसूत्र असामान्यता का पता लगाया जाता है।
इसके साथ ही प्रेगनेंसी के 10वें से 12वें हफ्ते के बीच प्रेगनेंट महिला में रुबेला वायरस और बच्चे में जन्मजात हृदय दोष का पता लगाने के लिए भी कुछ टेस्ट किये जाते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं एचसीजी हार्मोन और प्रोजेस्टेरोन का स्तर जानने के लिए ब्लड टेस्ट भी किया जाता है। गर्भावस्था के दिन बढ़ने पर गोनोरिया, क्लैमाइडिया जैसी यौन संचारित बीमारियों के निदान के लिए पैप स्मीयर टेस्ट किया जाता है।
(और पढ़े – गर्भावस्था के लिए रक्त परीक्षण…
गर्भावस्था के दसवें हफ्ते में भ्रूण की हलचल – fetal movement at 10 weeks in Hindi
10 सप्ताह की प्रेगनेंसी में बच्चे की हलचल गर्भ में नहीं होती है हालांकि इसका कुछ आभास होता है जो वास्तविक नहीं होता है। प्रेगनेंसी के 13वें से 16वें हफ्ते के बीच पेट में बच्चे की हलचल महसूस की जा सकती है। इसके साथ ही आप बच्चे के दिल की धड़कन और पेट में कुछ स्पंदन महसूस कर सकती हैं।
10 हफ्ते की प्रेगनेंसी में सेक्स – Sex at 10 weeks pregnancy in Hindi
जैसे-जैसे प्रेगनेंसी के हफ्ते बढ़ते जाते हैं, गर्भावस्था के लक्षण हल्के होते जाते हैं। चूंकि प्रेगनेंसी के शुरुआती कुछ हफ्तों में हार्मोन में उतार चढ़ाव के कारण बहुत तेजी से शारीरिक बदलाव होते हैं जिससे सेक्स की इच्छा घटती है। लेकिन गर्भावस्था के 10 हफ्ते में प्रवेश करने के बाद लक्षण कम हो जाते जिससे सेक्स करने की इच्छा बढ़ती है। प्रेगनेंसी के दसवें हफ्ते में पहले की तरह सामान्य रुप से सेक्स किया जा सकता है। हालांकि आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेकर ही शारीरिक संबंध बनाना चाहिए।
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10 सप्ताह भ्रूण गर्भपात – 10week baby miscarriage in Hindi
गर्भावस्था के दसवें हफ्ते में भ्रूण के विभिन्न अंगों का निर्माण हो चुका होता है जो विकसित अवस्था में होते हैं। 10वें हफ्ते की प्रेगनेंसी में गर्भापात का खतरा कम होता है। प्रेगनेंसी की पहली तिमाही यानी गर्भावस्था का 12वां हफ्ता पूरा होने के बाद गर्भपात का जोखिम काफी कम हो जाता है। इसलिए ज्यादातर महिलाएं प्रेगनेंसी के तीन महीने बाद दोस्तों को खुशखबरी सुनाती हैं।
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प्रेगनेंसी के दसवें हफ्ते में डॉक्टर से क्या उम्मीद रखें – What to expect from a doctor in the tenth week of pregnancy in Hindi
- प्रेगनेंसी कन्फर्म होते ही आप डॉक्टर के पास जाना शुरू कर दें और मन में चल रहे सभी प्रश्नों को पूछें। प्रेगनेंसी के दसवें हफ्ते से अपना नियमित चेकअप शुरु करवा दें।
- इस दौरान डॉक्टर प्रेगनेंट महिला का ब्लड प्रेशर और वजन की जांच करती हैं और उसे पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेने की सलाह देती हैं।
- प्रेगनेंसी के दसवें हफ्ते में डॉक्टर आपको फोलिक एसिड, कैल्शियम और जरुरी सप्लीमेंट्स की खुराक भी बताएंगी।
- गर्भवती महिला को डॉक्टर से पीरियड रुकने की तारीख, अपनी पहली प्रेगनेंसी, किसी खास चीज से होने वाली एलर्जी और वर्तमान में चल रही दवाओं के बारे में बताना चाहिए।
प्रेगनेंसी के दसवें हफ्ते का डाइट प्लान – 10 week pregnancy Diet in Hindi
10 वीक की प्रेगनेंसी डाइट में वह सभी चीजें शामिल करनी चाहिए जिनमें अधिक से अधिक पोषक तत्व मौजूद हों और जो बच्चे के विकास में मदद करे।
फल एवं सब्जियां
प्रेगनेंसी के दसवें हफ्ते में रोजाना पांच से सात बार फल और सब्जियों का सेवन करने चाहिए। इस दौरान फलों के जूस, स्मूदी, सब्जियों का सूप, शोरबा आदि लेना चाहिए। अपने आहार में गहरी हरे रंग की सब्जियों को अधिक मात्रा में शामिल करें और नाश्ते में फल जरुर खाएं।
स्टार्ची फूड
प्रेगनेंसी के दसवें सप्ताह में स्टार्ची फूड लेना न भूलें। पर्याप्त मात्रा में चुकंदर, पोटैटो, ब्राउन राइस, क्विनोआ, ब्रेड, पास्ता, अनाज और होलग्रेन का सेवन करें।
प्रोटीन
गर्भावस्था के दसवें सप्ताह में भ्रूण के विकास के लिए प्रोटीन की बहुत जरुरत होती है। प्रोटीन प्राप्त करने के लिए लीन मीट, मछली, अंडे, दालें, बीन्स रोजाना खाना चाहिए।
डेयरी फूड
डेयरी फूड न सिर्फ भ्रूण के विकास में मदद करते हैं बल्कि महिला के शरीर को पर्याप्त ऊर्जा भी प्रदान करते हैं। डेयरी उत्पादों जैसे दूध, चीज, दही कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं इसलिए इनका सेवन अधिक मात्रा में करें।
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प्रेगनेंसी के दसवें हफ्ते में क्या न खाएं – What not to eat in the tenth week of pregnancy in Hindi
- गर्भावस्था के दसवें हफ्ते में फल खाना फायदेमंद होता है लेकिन पपीता खाने से बचें। यह ब्लीडिंग को बढ़ाता है जिससे गर्भपात हो सकता है।
- प्रेगनेंसी के दसवें हफ्ते में अधिक फैट और शुगर युक्त चीजें न खाएं अन्यथा आपकी सेहत खराब हो सकती है।
- कुछ मछलियों जैसे शार्क, स्वोर्डफिश और मार्लिन में मरकरी होती है इसलिए ऐसी मछलियों को नहीं खाना चाहिए।
- गर्भावस्था के दसवें हफ्ते में अधपका मांस या अंडा खाने से इंफेक्शन और फूड प्वायजनिंग हो सकती है इसलिए ऐसी चीजों से बचें।
- कच्चे अंकुरित अनाजों को गर्भावस्था के दौरान खाने से परहेज करें अन्यथा पेट फूल सकता है।
- प्रेगनेंसी के दसवें हफ्ते में खाली पेट केक, बिस्कुट, कूकीज, चिप्स और कैंडी खाने से बचें। इनमें कैलोरी अधिक और पोषक तत्व कम पाये जाते हैं जो आप और बच्चे दोनों की सेहत के लिए अच्छे नहीं होते हैं।
(और पढ़े – गर्भावस्था के समय क्या न खाएं…)
गर्भावस्था के दसवें हफ्ते में देखभाल के लिए टिप्स – 10 week pregnancy care tips in Hindi
- गर्भावस्था के दसवें सप्ताह से नियमित हेल्थ चेकअप कराना शुरु कर दें।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं और बॉडी को हाइड्रेट रखें।
- प्रेगनेंसी के दौरान जरुरी विटामिन, मिनरल, प्रिनेटल विटामिन और प्रोटीन लें।
- थोड़ी थोड़ी मात्रा में कई बार भोजन करें, इससे मॉर्निंग सिकनेस से बचने में आसानी होगी।
- प्रेगनेंसी के दसवें हफ्ते में अधिक चाय या कॉफी न पीएं।
- अधिक ऑयली या स्पाइसी फूड खाने से बचें।
- फ्राइड फैटी फूड और अधिक मीठा खाने से बचें।
- भारी काम न करें और ना ही भारी सामान उठाएं।
- अच्छी किताबें बढ़े और दिनचर्या को हेल्दी बनाएं।
- रोजाना एक्सरसाइज करें और बॉडी को एक्टिव रखें।
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10 सप्ताह की प्रेग्नेंसी में पेल्विक में दर्द होना कितना सामान्य है
गर्भावस्था के दसवें हफ्ते में कुछ महिलाएं जब कई बार अपने बच्चे को महसूस भी नहीं कर पाती हैं, उस दौरान भी उन्हें पेल्विक में दर्द और ऐंठन महसूस होता है। दसवें हफ्ते की प्रेगनेंसी में गर्भाशय में कई एक्टिविटी चल रही होती है जिसके कारण पेल्विक में ऐंठन या दर्द होना बिल्कुल सामान्य है। लेकिन यदि दर्द बहुत अधिक होता है तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
10 हफ्ते की प्रेगनेंसी में एक्सरसाइज करते समय ना करें ये गलतियां
गर्भावस्था के 5वें और 6ठें हफ्ते में ही गर्भ में पल रहे शिशु के कई अंग आकार ले चुके होते हैं जो प्रेगनेंसी के दसवें हफ्ते से विकसित होने लगते हैं। इसलिए प्रेगनेंट महिला के लिए गर्भावस्था का दसवां हफ्ता खास होता है। इस दौरान विशेषरुप से एक्सरसाइज करते समय प्रेगनेंट महिला को कुछ जरुरी बातों का ध्यान रखना चाहिए और एक्सरसाइज करते समय ये गलतियां नहीं करनी चाहिए।
- पीछे की ओर झुककर एक्सरसाइज न करें।
- एक्सरसाइज के दौरान सांस को रोककर न रखें।
- ट्विस्टिंग मोशन का यूज न करें।
- पेट पर दबाव पड़ने वाला कोई भी एक्सरसाइज न करें।
- प्रेगनेंसी के दौरान हल्की एक्सरसाइज करें और किसी उपकरण का इस्तेमाल न करें।
(और पढ़े – प्रेगनेंसी में किये जाने वाले योग…)
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में हमने गर्भावस्था के दसवें हफ्ते के बारे में संपूर्ण जानकारी दी। जिसमें हमने आपको बताया की 10 हफ्ते की प्रेगनेंसी में आपके शरीर में किस तरह के बदलाव आते हैं, गर्भावस्था के दसवें हफ्ते में किन लक्षणों का सामना करना पड़ता है, 10 हफ्ते की गर्भावस्था में क्या खाएं और क्या न खाएं। इसके अलावा हमने 10वें हफ्ते की प्रेगनेंसी में एक्सरसाइज और मां के देखभाल से जुड़ी जानकारी भी दी। उम्मीद है दसवें हफ्ते की प्रेगनेंसी में ये सभी जानकारी आपके काम आएंगी।
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