3rd Month Pregnancy Diet in Hindi: प्रेगनेंसी के दौरान स्वस्थ आहार की बहुत ही आवश्यकता होती है। जब महिलाएं गर्भावस्था के तीसरे महीने में होती हैं तब उन्हें कुछ विशेष और अतिरिक्त देखभाल और पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। प्रेगनेंसी के थर्ड मंथ में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए यह मां और बच्चे के स्वास्थ्य को निर्धारित करने में सहायक होता है। यदि आप भी गर्भवती होना चाहती हैं तो आपको उन आहारों की जानकारी होना आवश्यक है कि गर्भावस्था के अलग-अलग महीने में आपको खाना चाहिए या नहीं खाना चाहिए। आज का लेख इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि गर्भवती महिला के लिए तीसरा महीना बहुत ही संवेदनशील होता है। इस लेख में हम बता रहे हैं कि महिलाओं के लिए थर्ड मंथ डाइट क्या है। आइए जाने प्रेगनेंसी के तीसरे मंथ में क्या खाना या क्या नहीं खाना चाहिए।
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प्रेगनेंसी का तीसरा महीना महिलाओं के लिए बहुत ही अहम होता है। क्योंकि इस समय तक महिला के शरीर में परिवर्तन और गर्भ में भ्रूण में बहुत अधिक विकास हो जाता है। गर्भ के तीन महीने के दौरान अजन्मे बच्चे के हार्ट, लिवर, आंख, प्राइवेट पार्ट और स्वर यंत्र आदि विकसित होने लगते हैं। ऐसी स्थिति में मां और बच्चे को पर्याप्त पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इसलिए महिलाओं को गर्भावस्था के तृतीय माह के लिए डाइट में पोषण तथ्य और दिशानिर्देशों की आवश्यकता होती है। साथ ही प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए यह भी अहम है। गर्भावस्था के महीनों में कुछ सप्लीमेंट्स की भी आवश्यकता होती है। आइए जाने तीसरे माह की गर्भावस्था के लिए प्रेगनेंसी डाइट प्लान क्या है।
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गर्भवती महिलाओं को प्रेगनेंसी के तीसरे महीने के लिए दिशा निर्देशों के अनुसार दैनिक आवश्यकता से लगभग 300 कैलोरी अधिक का सेवन करना चाहिए। प्रेगनेंसी के शुरुआती महीने में महिलाओं को दैनिक रूप से लगभग 6-11 बार थोड़ी थोड़ी मात्रा में अनाज अधारित भोजन करना चाहिए। इस दौरान कम से कम 2-4 बार ताजे फल, सलाद, सब्जियां खाना चाहिए। लगभग दिन में 4 सर्विंग्स डेयरी उत्पाद जैसे दूध, दही, पनीर आदि का सेवन करना चाहिए। इसी तरह दैनिक आधार पर लगभग 4 सर्विंग्स चिकन और मटन का सेवन करना चाहिए। गर्भावस्था के तीसरे महीने के दौरान प्रतिदिन लगभग 1 सर्विंग्स नट्स और सूखे फलों को लेना भी आवश्यक होता है।
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जो महिलाएं गर्भवती हैं और प्रेगनेंसी के शुरुआती दौर से गुजर रही हैं। उन्हें अपने आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्हें इस बात की जानकारी होना चाहिए कि उन्हें कौन-कौन से खाद्य पदार्थ खाने चाहिए। क्योंकि स्वस्थ और हेल्दी भोजन न केवल महिला बल्कि उनके होने वाले बच्चे के लिए भी आवश्यक होता है। आइए जाने गर्भावस्था के तीसरे महीने में खाये जाने वाले खाद्य पदार्थ क्या हैं।
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स्वस्थ बच्चे के जन्म की तैयारी गर्भावस्था की पहली तिमाही से ही शुरु की जानी चाहिए। गर्भावस्था के पहले तीन महीनों में महिलाओं को उल्टी और मतली जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसी समस्या से बचने के लिए महिलाओं को अपने दैनिक आहार में विटामिन बी6 युक्त खाद्य पदार्थों और सप्लीमेंट्स आदि को शामिल करने की सलाह दी जाती है। इस प्रकार के खाद्य पदार्थ महिलाओं के मूड को बेहतर बनाने में भी मदद करते हैं। गर्भावस्था के तीसरे महीने में विटामिन बी6 की कमी को पूरा करने के लिए महिलाएं निम्न खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल कर सकती हैं।
इस प्रकार के खाद्य पदार्थों का सेवन कर महिलाएं गर्भावस्था के तीसरे महीने में अतिरिक्त विटामिन को प्राप्त कर सकती हैं।
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प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को कार्बोहाइड्रेट की विशेष आवश्यकता होती है। हालांकि इस दौरान कार्बोहाइड्रेट का अधिक सेवन करना महिलाओं की कमर के निचले हिस्से को अधिक प्रभावित करता है। लेकिन गर्भावस्था के तीसरे महीने के दौरान कार्बोहाइड्रेट उन विशेष पोषक तत्वों में से एक है जिनकी विशेष जरूरत होती है। प्रेगनेंसी के समय कार्बोहाइड्रेट की कमी को पूरा करने के लिए महिलाएं अपने आहार उबले आलू, चावल और ब्रेड आदि पदार्थों को शामिल कर सकती हैं। ये सभी खाद्य पदार्थ महिलाओं को ऊर्जा दिलाने में मदद करते हैं। प्रेगनेंसी के थर्ड मंथ में महिलाओं को अपने दैनिक आहार में उच्च कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थों की पर्याप्त मात्रा को शामिल करने की सलाह दी जाती है।
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ताजी और फ्रेश सब्जियां हमेशा ही स्वास्थ्य के लिए अच्छी मानी जाती हैं। लेकिन गर्भावस्था के तीसरे महीने में इनका महत्व महिलाओं के लिए और अधिक बढ़ जाता है। क्योंकि हरी और पत्तेदार सब्जियों में फाइबर की उच्च मात्रा होती है जो बेहतर स्वास्थ्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को अपने आहार में ब्रोकली और पालक जैसी हरी सब्जियों का विशेष रूप से सेवन करना चाहिए। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं की गर्भावस्था डाइट में गाजर, शिमला मिर्च, कद्दू और खुबानी जैसी सब्जियों को भी शामिल किया जा सकता है।
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ताजे फल विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट, प्राकृतिक शुगर और फाइबर के सबसे अच्छे स्रोत होते हैं। इस कारण ही गर्भावस्था के तीसरे महीने में खाये जाने वाले आहारों में फलों को प्राथमिकता दी जाती है। जो गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के लिए बहुत ही आवश्यक होते हैं। प्रेगनेंट महिलाओं द्वारा नियमित रूप से फलों का सेवन करना चाहिए। क्योंकि ये महिलाओं को कई प्रकार से लाभ पहुंचाते हैं। इस दौरान फलों का सेवन रक्त वाहिकाओं और मांसपेशियों को मजबूत करते हैं। फलों में मौजूद विटामिन सी प्रसव के दौरान होने वाली समस्याओं की संभावना को भी कम करने में अहम योगदान देता है।
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प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में मीट का सेवन करना महिलाओं को आयरन की कमी से बचाने में मदद कर सकता है। गर्भावस्था के दौरान आयरन एक बहुत ही महत्वपूर्ण खजिन है जिसकी हर महिला को विशेष आवश्यकता होती है। शुरुआती गर्भावस्था के दौरान मीट का सेवन करने से शरीर में हीमोग्लोबिन के उत्पादन को बढ़ाने में मदद मिलती है। जिससे मां और बच्चे तक ऑक्सीजन के परिवहन को बढ़ाया जा सकता है। तीसरे माह की गर्भावस्था में खून की कमी संबंधी लक्षणों से बचने के लिए मीट का सेवन आवश्यक रूप से किया जाना चाहिए।
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तीन माह के गर्भ वाली महिलाओं को अपने आहार में कैल्शियम आधारित खाद्य पदार्थ और सप्लीमेंट्स को शामिल करने की सलाह दी जाती है। गर्भावस्था के तीसरे महीने में महिलाओं को अपने आहार में डेयरी उत्पादों का सेवन करना चाहिए। क्योंकि ये उत्पाद कैल्शियम की कमी को पूरा करने और हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। कैल्शियम न केवल महिला बल्कि होने वाले शिशु के लिए भी लाभकारी होता है। इस दौरान नियमित रूप से कैल्शियम आधारित भोजन करने से बच्चे की हड्डियां, दांत, सुनने की क्षमता और मांसपेशियों आदि के विकास में सहायक होते हैं।
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गर्भावस्था के तीसरे महीने के दौरान महिलाओं को फोलेट युक्त खाद्य पदार्थों का पर्याप्त सेवन करना चाहिए। क्योंकि फोलेट भ्रूण के विकास के लिए बहुत ही महात्वपूर्ण विटामिन होता है। फोलेट न्यूरल ट्यूब में किसी भी प्रकार के दोष की संभावना को रोकने में मदद करता है। फोलेट में विटामिन बी9 होता है जो कि महिला स्वास्थ्य के लिए बहुत ही आवश्यक होता है। फोलेट की पर्याप्त मात्रा प्राप्त करने के लिए महिलाओं को गर्भावस्था के समय शतावरी, ब्रोकोली, ऐवोकैडो आदि खाद्य पदार्थों का पर्याप्त सेवन करना चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान गर्भ में भ्रूण के शारीरिक विकास में वसा एक महत्वपूर्ण घटक होता है। प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में स्वस्थ वसा प्राप्त करने के लिए मांस और डेयरी उत्पादों का सेवन किया जाना चाहिए। इन खद्य पदार्थों से प्राप्त स्वस्थ वसा बच्चे के संपूर्ण विकास में मदद करता है। लेकिन इस दौरान गर्भवती महिलाओं को कैलोरी की दैनिक आवश्यकता से 30 प्रतिशत से अधिक प्राप्त नहीं करना चाहिए। स्वस्थ वसा की प्राप्ति के लिए महिलाओं को गर्भावस्था के तीसरे महीने के दौरान अपने आहार में विभिन्न प्रकार के तेल जैसे सूरजमुखी, जैतून, मूंगफली, तिल, बादाम और अखरोट आदि को शामिल करना चाहिए।
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जिंक एक और महत्वपूर्ण घटक है जो गर्भावस्था में महिलाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान महिलाओं को जिंक आधारित खाद्य पदार्थ और सप्लीमेंट्स का सेवन करना चाहिए। जिंक भ्रूण के शारीरिक विकास को बढ़ावा देने में मदद करता है। जिंक की कमी को दूर करने के लिए गर्भवती महिलाएं चिकन, मीट, मछली, अदरक, प्याज, सेम और अन्य जिंक युक्त खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल कर सकती हैं। गर्भावस्था के तीसरे महीने में इस प्रकार के खाद्य पदार्थों का सेवन करना रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं।
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विटामिन डी की उचित मात्रा गर्भावस्था के तीसरे महीने के दौरान विशेष रूप से आहार में लिया जाना चाहिए। विटामिन डी होने वाले बच्चे की हड्डियों और दांतों के विकास को बनाए रखने में मदद करता है। आप भ्रूण के उचित विकास के लिए गर्भावस्था के तीसरे महीने के भोजन में उन खाद्य पदार्थों को शामिल कर सकती हैं जिनसे विटामिन डी प्राप्त किया जा सकता है। विटामिन डी प्राप्त करने के लिए वसायुक्त मछली और अंडे की जर्दी जैसे खाद्य पदार्थ प्रमुख हैं।
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गर्भ में भ्रूण के तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क के कार्यों के विकास के लिए आयोडीन महत्वपूर्ण होता है। प्रेगनेंसी के तीसरे महीने के दौरान आयोडीन की पर्याप्त मात्रा का सेवन करने की सलाह दी जाती है। आयोडीन प्राप्त करने के लिए महिलाओं को पनीर, दही, आलू, दाल और समुद्री भोजने जैसे झींगा, सालमन मछली आदि का सेवन करना चाहिए।
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गर्भावस्था के किसी भी महीने में स्वस्थ आहार का सेवन करना आवश्यक होता है। लेकिन कुछ ऐसे भी खाद्य पदार्थ होते हैं जिन्हें गर्भावस्था के तीसरे महीने के दौरान खाने से बचना चाहिए। क्योंकि इन खाद्य पदार्थों में कुछ ऐसे गुण होते हैं जो गर्भावस्था के अनुकूल नहीं होते हैं साथ ही ये भ्रूण और महिला के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। आइए जाने प्रेगनेंसी के तीसरे महीने के दौरान क्या नहीं खाना चाहिए।
(और पढ़े – गर्भावस्था के समय क्या न खाएं)
अधिकांश महिलाओं को जंक फूड बहुत ही पसंद होते हैं। लेकिन गर्भावस्था के तीसरे महीने के दौरान ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए। क्योंकि ये खाद्य पदार्थ महिला और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। जंक फूड का अधिक सेवन करने पर आप साबुत अनाज का पर्याप्त सेवन नहीं करते हैं। जिससे आपको मल त्याग (bowel movements) संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इस प्रकार की समस्या गर्भावस्था में प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। इसके आलावा जंक फूड में चीनी और वसा की उच्च मात्रा होती है जो गर्भवती महिला के लिए हानिकारक माना जाता है।
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गर्भावस्था के तीसरे माह के दौरान महिलाओं को समुद्री भोजन नहीं करने की सलाह दी जाती है। क्योंकि समुद्री भोजन में मिथाइल मरकरी (methyl mercury) की उपस्थिति होती है। यह समुद्री भोजन में पाया जाने वाला एक हानिकारक तत्व है जो आपके भ्रूण को कमजोर कर सकता है। इसलिए गर्भावस्था के प्रेगनेंसी के समय महिलाओं को समुद्री भोजन जैसे ट्यूना फिश, सेलफिश आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
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गर्भावस्था के दौरान महिलाओं और बच्चों के विकास के लिए लगभग सभी प्रकार के खाद्य पदार्थ टिन के डिब्बे में उपलब्ध होते हैं। इस प्रकार के खाद्य पदार्थ महिला और शिशु के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए गर्भावस्था के दौरान हमेशा प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाना चाहिए न कि टिन के डब्बों में बंद खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाना चाहिए।
(और पढ़े – जानिए जंक फूड (फास्ट फूड) के नुकसान और हानिकारक प्रभावों को)
गर्भावस्था के दौरान किसी भी प्रकार की विषाक्तता संबंधी समस्याओं से बचने के लिए हमेंशा ही पाश्चराइज्ड दूध उत्पादों का सेवन करना चाहिए। क्योंकि गर्भावस्था के तीसरे महीने के दौरान अन पश्चराइज्ड दूध उत्पादों का सेवन करने से लिस्टेरिया या फूड पॉइजनिंग संबंधी संक्रमण हो सकता है। इसलिए घर में बने डेयरी उत्पादों का सेवन करना सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि इनमें किसी प्रकार के संक्रमण की संभावना नहीं होती है।
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कॉफी या चाय का सेवन सामान्य रूप से सुरक्षित होता है। लेकिन गर्भावस्था के तीसरे महीने के दौरान कॉफी या चाय का सेवन नहीं किया जाना चाहिए। क्योंकि इनमें मौजूद कैफीन आपके शिशु के लिए हानिकारक हो सकती है। अधिक मात्रा में सेवन करने पर कैफीन प्लेसेंटा को पार करके हृदय गति को प्रभावित कर सकता है। साथ ही कैफीन की उच्च मात्रा रक्तचाप और हृदय रोगों की संभावना को बढ़ा सकता है। इसलिए गर्भावस्था के शुरुआती महीने के दौरान महिलाओं को अधिक मात्रा में कैफीन आधारित चाय या कॉफी का सेवन नहीं करना चाहिए।
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हालांकि प्रेगनेंसी के दौरान अंकुरित अनाज खाने की सलाह दी जाती है। लेकिन गर्भावस्था के तीसरे महीने और पूरी गर्भावस्था के दौरान इन्हें कच्चे खाने से बचना चाहिए। क्योंकि अनाज को अंकुरित करने के दौरान इनमें बैक्टीरिया उत्पन्न हो जाते हैं। जब आप कच्चे ही इन अंकुरित अनाज का सेवन करते हैं तो ये बैक्टीरिया सीधे ही शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं और महिला स्वास्थ्य को खराब कर सकते हैं। इसके अलावा कच्चे अंकुरित अनाज को पचाना आसान नहीं होता है जो अपच, बदहजमी, पेट की ऐंठन और कब्ज जैसी समस्याओं को बढ़ा सकता है। यदि आप भी प्रेगनेंसी के दौरान अंकुरित अनाज का सेवन करना चाहते हैं तो पहले उन्हें भाप में पका कर या उबाल कर सेवन कर सकते हैं।
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आप गर्भावस्था के दौरान सब्जियों और फलों को अच्छी तरह से धोने के बाद ही आहार के रूप में उपयोग करें। क्योंकि फल और सब्जियां स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं। लेकिन इनके ऊपर जमा हानिकारक कीटनाशक और अन्य रासायनिक उत्पाद महिला और उसके बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। इसलिए प्रेगनेंसी के तीसरे महीने के दौरान फलों और सब्जियों का सेवन करने से पहले इन्हें 10 से 15 मिनिट के लिए चूना और विनेगर के मिश्रण में भिगोना अच्छा होता है।
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गर्भावस्था के दौरान लगभग सभी पोषक तत्वों और खनिज पदार्थों की विशेष आवश्यकता होती है। लेकिन जिन पोषक तत्वों को हम खाद्य आहार के रूप में प्राप्त नहीं कर पाते हैं उनके लिए हमें अलग से कुछ सप्लीमेंट्स की आवश्यकता होती है। गर्भावस्था के तीसरे महीने के दौरान महिलाओं को अपने आहार में कुछ विशेष सप्लीमेंट्स को शामिल करना चाहिए जो इस प्रकार हैं।
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गर्भावस्था के तीसरे महीने के दौरान आप अपने आहार में कुछ सामान्य से परिवर्तन कर सकते हैं। जो आपके बेहतर स्वास्थ्य में आपकी मदद कर सकते हैं। यहां कुछ सुझाव दिये जा रहे हैं जिनका पालन करने से स्वस्थ गर्भावस्था का आनंद लिया जा सकता है।
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गर्भावस्था के तीसरे महीने के दौरान भोजन करने की सामान्य मात्रा से अधिक भोजन करना चाहिए। इस दौरान आपके चिकित्सक एक या दो बार अधिक मात्रा में भोजन करने के बजाय दिन में कई बार कम-कम मात्रा में भोजन करने की सलाह दे सकते हैं। गर्भावस्था के तीसरे महीने के दौरान गर्भवती महिलाओं को प्रतिदिन 4 भोजन और बीच में 3 बार हल्के नाश्ते के रूप में आहार करना चाहिए। आप भोजन के दौरान अपनी पसंद के अनुसार फल और सब्जियों को भी शामिल कर सकते हैं।
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गर्भावस्था के दौरान आमतौर पर खाद्य एलर्जी का अनुभव होता है। इनमें से कुछ एलर्जी की प्रतिक्रिया बचपन से ही होती है जबकि कुछ प्रकार की एलर्जी गर्भावस्था के दौरान नई होती हैं। गर्भावस्था के तीसरे महीने के दौरान होने वाली कुछ आम खाद्य एलर्जी में लैक्टोज एलर्जी, साइट्रिक एसिड, बैंगन, समुद्री भोजन, मूंगफली, खसखस आदि से एलर्जी हो सकती है। इस प्रकार के खाद्य पदार्थों से त्वचा में चकत्ते, छींकना, पेट की गड़बडी, सांस फूलना और खुजली जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यदि आपको भी इनमें से किसी भी एक प्रकार की समस्या होती है तो इन खाद्य पदार्थों का सेवन बंद कर दें और तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करें।
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प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में प्रेगनेंसी डाइट का पालन करने के लिए कोई विशेष सावधानियां नहीं है। इस दौरान महिलाओं को अपने आहार में लगभग सभी प्रकार के पोषक तत्व और खनिज पदार्थों का सेवन करना चाहिए। हालांकि जिन खाद्य पदार्थों से उन्हें एलर्जी होती है उनसे बचना ही अच्छा विकल्प है।
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