38 week pregnancy in Hindi गर्भावस्था का 38वां हफ्ता जिसे फुल टर्म प्रेगनेंसी भी कहते है वह बड़ा ही डर पैदा करने वाला हफ्ता है। क्योकि गर्भावस्था का हर दिन महिलाओं के लिए रोमांचकारी होता है लेकिन बात अगर 38वें हफ्ते की हो तो घबराहट और डर लगना जायज है, परन्तु घबराने की कोई बात नहीं है बस आराम से अपने डॉक्टर के बताये हुए निर्देशों का पालन करें। प्रेगनेंसी के 38वें हफ्ते में गर्भवती महिलाओं में कई तरह के बदलाव होते है, और इस हफ्ते में महिला और बच्चा दोनों ही डिलीवरी के लिए तैयार होने लगते है। इस गर्भावस्था के 38वें हफ्ते में महिला और बच्चे में कई तरह के बदलाव होते देखे जा सकते है।
इसलिए आज इस लेख में हम आपको बतायेंगे की प्रेगनेंसी के 38वें हफ्ते में माँ के शरीर में क्या बदलाव होते है और 38वें हफ्ते में बच्चे का कितना विकास हो जाता है और इस समय माँ को क्या डाइट लेनी चाहिए।
विषय सूची
1. गर्भावस्था के 38वें हफ्ते में शरीर में होने वाले बदलाव – 38 week pregnancy physical changes in Hindi
2. गर्भावस्था के 38वें हफ्ते में बच्चे का विकास – 38 weeks of pregnancy baby development in Hindi
3. प्रेगनेंसी के 38वें हफ्ते के लक्षण -38th week pregnancy symptoms in hindi
4. प्रेगनेंसी के 38वें सप्ताह में लेबर प्रेरित करने के लिए एक्सरसाइज – 38th week of pregnancy exercise to induce labor in Hindi
5. गर्भावस्था के 38वें सप्ताह में ली जाने वाली डाइट – 38th week of pregnancy diet plan in Hindi
प्रेगनेंसी के 38वें हफ्ते में भी माँ के शरीर में कई तरह के बदलाव होते रहते है। इस समय गर्भवती महिला की गर्भाशय ग्रीवा डिलीवरी के लिए तैयार होती है इसलिए 38वें हफ्ते में म्यूकस डिस्चार्ज (mucus discharge) ज्यादा होता है। इस हफ्ते में महिला को पेल्विस और पीठ में दर्द और ज्यादा बढ़ सकता है क्योकि बच्चा धीरे धीरे नीचे की ओर जन्म देने वाली नली जिसे बर्थ कैनाल कहते है उसकी तरफ आता है जिससे दर्द बढ़ जाता है। परन्तु अगर आपको गंभीर पेट दर्द के साथ पीठ और सिर में दर्द हो और हाथ और पैर में सूजन दिखाई दे तो तुरन्त अपने डॉक्टर से संपर्क करें क्योकि यह हाई बीपी के लक्षण हो सकते है जो आपके और आपके बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
क्योकि अगर आपको प्रेगनेंसी में हाई बीपी की परेशानी होगी तो इससे प्लेसेंटा पर असर पड़ता है जिससे प्लेसेंटा में ठीक तरह से रक्त प्रवाह नहीं हो पाता है और बच्चे को ठीक तरह से ऑक्सीजन, रक्त और खाना नहीं मिल पाता है।
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प्रेगनेंसी के 38वें हफ्ते में बच्चे का सिर आपकी पेल्विक हड्डियों पर होता है जिसका एहसास आपको भी होने लगता है। 38वें हफ्ते में बच्चे की लम्बाई कम से कम 20 इंच तक बढ़ जाती है और बच्चे का वजन भी लगभग 3 किलो तक हो जाता है। इस हफ्ते में आने के बाद लेनुगो (lanugo) यानि की गर्भरोम भी बच्चे के ऊपर से गायब होने लगते है। गर्भावस्था के 38वें हफ्ते तक बच्चे के सारे अंग विकसित हो चुके रहते है और वह पूरी तरह काम करना भी शुरू कर देते है।
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गर्भावस्था के 38वें सप्ताह के दौरान माँ को अनुभव होने वाले कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल है-
गर्भावस्था के 38वें हफ्ते में यदि माँ को जोरदार संकुचन या पेट में ऐंठन या कसाव महसूस होता है तो उसे ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन कहा जाता है। इस तरह के संकुचन का मतलब होता है की बच्चा डिलीवरी के लिए पूरी तरह तैयार है। लेकिन अगर आपको ऐसा कोई भी संकुचन हो तो पहले अपनी पोजीशन बदल कर देखें मतलब अगर आप बैठी है तो खड़े हो जाये लेटी है तो टहलने लगे यदि ऐसा करने पर संकुचन बंद हो जाये तो समझ जाये की बच्चा अभी डिलीवरी के लिए तैयार हो रहा है पर अगर पोजीशन बदलने के बाद भी संकुचन में आराम ना मिले और यदि ये बढ़ जाये तो तुरन्त हॉस्पिटल जाने की तय्यारी करें क्योकि ऐसे में डिलीवरी कभी भी हो सकती है।
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प्रेगनेंसी के 38वें हफ्ते में माताओं को रात में या तो किसी प्रकार के दर्द के कारण या चिंता के कारण बेचैनी हो सकती है जिसकी वजह से माँ का रात में सोना मुश्किल हो सकता है।
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गर्भावस्था के 38वें हफ्ते में गर्भवती महिला के योनि स्राव में वृद्धि हो सकती है, जो एक बलगम जैसी, गाढ़े पदार्थ की तरह होती है जिसे म्यूकस प्लग के रूप में जाना जाता है। इस तरह के बलगम प्लग की उपस्थिति पूरी तरह से सामान्य होती है। डिस्चार्ज में यह वृद्धि गर्भाशय ग्रीवा के फैलाव के कारण होता है।
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38 सप्ताह की प्रेग्नेंसी में माताओं का पेट अपने एक अधिकतम सीमा तक फैला जाता है, जिससे यह तेजी से संवेदनशील होता जाता है। यदि आपको पेट की त्वचा के फैलाव के कारण खुजली हो रही हो तो ऐसे में पेट की त्वचा को हाइड्रेट करने के लिए आप मॉइस्चराइज़र की मदद ले सकती है। ऐसे समय में डॉक्टर द्वारा बहुत सारे तरल पदार्थ लेने और बहुत सारा पानी पीने की भी सलाह दी जाती है।
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ज्यादातर सभी गर्भवती महिलाओं को टखनों और पैरों में सूजन की समस्या होती है इसके लिए आप पीछे की तरफ बैठकर और अपने पैरों को ऊपर उठाकर सूजन को आसानी से कम कर सकती है। नियमित सैर करने से भी रक्त प्रवाह अच्छा होता है जिससे पैरों में सूजन कम होती है।
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गर्भावस्था के 38वें हफ्ते में यह गर्भवती महिलाओं में काफी आम समस्या होती है। इसलिए चिंता को कम करने के लिए, मन को शांत रखना बेहतर विकल्प है इसके लिए आप फिल्म देख सकती है या दोस्तों और परिवार के साथ समय बिता सकती है जिससे आपको चिंता की समस्या से काफी हद तक आराम मिल सकता है।
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गर्भावस्था के 38वें सप्ताह के दौरान आपके द्वारा किए जाने वाले लेबर के संकेत इस प्रकार हो सकते हैं- ऊपर की तरफ हल्कापन महसूस होना, क्योकि अब आप अपने बच्चे को पेल्विस में गहराई से महसूस करने लगेंगी। योनि से गाढ़ा बलगम प्लग निकलने लगता है। एमनियोटिक थैली जिसे पानी की थैली भी कहा जाता है उसका टूटना। नियमित अंतराल पर बार-बार और दर्दनाक संकुचन होना। कम पीठ दर्द होना। दस्त के बिना या साथ में ऐंठन होना। यदि 38वें सप्ताह में प्रसव पीड़ा स्वाभाविक रूप से शुरू हो जाती है, तो इसका मतलब यह है कि आपका शिशु बाहर आने के लिए तैयार है और जल्द ही आपको खुशखबरी मिलने वाली है।
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डॉक्टरों द्वारा सभी गर्भवती महिलाओं को यह सलाह दी जाती है की गर्भावस्था के 38वें हफ्ते में अंतिम बार वह अल्ट्रासाउंड जरुर करवाएं जिससे बच्चे की पोजीशन और डिलीवरी के लिए तैयार होने का समय पता लगाया जा सके।
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आप गर्भावस्था के 38वें हफ्ते में लेबर यानि की लेबर पैन को प्रेरित करने के लिए कुछ आसान सी एक्सरसाइज भी कर सकती है जिससे आपको डिलीवरी के समय ज्यादा दिक्कत नहीं होंगी। जिसमें शामिल है-
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प्रेगनेंसी के 38वें हफ्ते में आपको कुछ खास तरह की डाइट लेने की भी जरुरत होती है।
जिससे आपको और आपके होने वाले बच्चे को भरपूर पोषण मिल सके, इस तरह की डाइट में शामिल है-
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