महिला स्वास्थ्य की जानकारी

40 के बाद महिलाओं के शरीर में परिवर्तन – Changes in Female Body After the Age Of 40 in Hindi

Female Body After 40 in Hindi: 40 की उम्र पार करने पर महिलाओं के शरीर में कई बदलाव होते हैं। इस समय वे शारीरिक और भावनात्मक बदलाव महसूस करती हैं। यह एक ऐसी उम्र है, जब महिलाएं ज्यादा बूढ़ी नहीं होतीं, तो ज्यादा जवान भी नहीं रहतीं। लेकिन बढ़ती उम्र के साथ शरीर को खास देखभाल की जरूरत होती है। इस समय शरीर की मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं, त्वचा पर झुर्रियां दिखने लगती हैं और उन्हें कई बीमारियों के संकेत मिलना शुरू हो जाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है, कि 40 वर्ष की उम्र के बाद शरीर का डीजनरेशन शुरू हो जाता है। इसलिए, इस उम्र में सेहतमंद रहने और चेहरे की रौनक बनाए रखने के लिए अपनी लाइफस्टाइल में थोड़ा परिवर्तन करना जरूरी है। ऐसे में चालीस पार महिलाएं कैसे अपने शरीर का ध्यान रखें? अपनी नियमित दिनचर्या में क्या बदलाव लाएं ताकि स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकें?

40 की उम्र एक ऐसा पड़ाव होता है जब महिलाएं प्रजनन की उम्र को पार कर रजोनिवृत्ति की ओर कदम बढ़ाती हैं। यह उम्र का नाजुक दौर होता है, जिसमे महिलाओं को शरीर में कई बदलावों से गुजरता है। इस दौरान ऐस्ट्रोजन होर्मोन में कमी से हड्डियों की कमजोरी, टेस्टोस्टेरौन होर्मोन में कमी के कारण मांसपेशियों की कमजोरी तथा रजोनिवृत्ति के कारण वजन बढ़ने से मधुमेह व उच्च रक्तचाप होने की संभावना बढ़ जाती है। महिलाओं को 40 की उम्र में कुछ एक्सरसाइज अपनानी होंगी, अपने आहार में कुछ चीजों को शामिल करना होगा साथ ही अपनी आदतों में सुधार कर वे इस उम्र में भी खुद को स्वस्थ रख सकतीं है।

आज के इस आर्टिकल में हम आपको 40 के बाद महिलाओं के शरीर में होने वाले परिवर्तनों की जानकारी देने जा रहे हैं। साथ ही यहां आप जान सकेंगे 40 की उम्र में स्वास्थ्य की देखभाल करने के तरीके भी।

विषय सूची

1. महिलाओं के लिए 40 की उम्र – What is age of 40 for women in Hindi
2. 40 के बाद महिलाओं के शरीर में होने वाले बदलाव – How women body change in 40’s in Hindi

3. 40 पार महिलाओं के लिए जरूरी आहार – Diet chart for 40 year old indian woman in Hindi
4. 40 पार महिलाओं के लिए जरूरी पोषण – After 40 Women’s Nutrition in Hindi
5. 40 के बाद महिलाएं ऐसे करें स्वास्थ्य की देखभाल – Ways for women to stay healthy after 40 in Hindi
6. 40 के बाद महिलाएं जीती हैं सबसे अच्छे दिन – Women have spent best days after 40 in Hindi

महिलाओं के लिए 40 की उम्र – What is age of 40 for women in Hindi

40 वर्ष की आयु में कई महिलाओं का जीवन बहुत बदल जाता है। इस दौरान महिलाओं को सामाजिक परिवर्तन और अपेक्षाओं से भी जूझना पड़ता है। उम्र बढ़ने के साथ युवा और यंग दिखने का दबाव भी अक्सर होता है, क्योंकि जैसे-जैसे महिला की उम्र बढ़ती है, चेहरे पर झुर्रियां, डार्क सकल्र्स, फाइन लाइन्स दिखने लगती है, जिसे वह कभी एक्सेप्ट नहीं कर सकतीं। इस दौरान स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या होना भी स्वभाविक है। जिसमें सबसे पहले मीनोपॉज आना और फिर नींद न आने की समस्या होती है। खराब नींद इस उम्र में उनका तनाव का कारण भी बनती है, जिसके बाद उनका स्वभाव मूडी और चिड़चिड़ा हो जाता है। कुल मिलाकर 40 की उम्र में महिलाओं को फिर से एक बार अपना जीवन नई तरह से शुरू करने की जरूरत होती है।

विशेषज्ञ कहते हैं, कि यह उम्र स्वस्थ जीवनशैली में बदलाव लाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। न केवल खान-पान को लेकर बल्कि व्यायाम के साथ हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए भी यह समय बहुत महत्वपूर्ण है। जहां व्यायाम के दौरान जारी एंडोर्फिन तनाव को कम करने में मदद करता है, वहीं इस दौरान महिलाओं को अपने वजन पर कंट्रोल करने की जरूरत सबसे ज्यादा होती है। 40 के दशक में शुरू होने वाले हार्मोनल उतार-चढ़ाव की वजह से महिलाएं वैसा आहार नहीं ले पातीं, जैसा कि वह 20 और 30 की आयु में लेती थीं।

महिलाओं को ये नहीं भूलना चाहिए, कि 40 की उम्र में उनका मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है और शरीर उनके द्वारा की जाने वाली हर चीज से प्रभावित होता है। इसलिए, उन्हें 40 की उम्र में कार्डियो फिटनेस के साथ स्ट्रेचिंग करनी चाहिए, यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देता है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं, कि महिलाएं दिन में 20 से 30 मिनट सप्ताह में पांच बार एक्सरसाइज करें। फलों और सब्जियों को आहार में जरूर शामिल करें।

(और पढ़े – महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए हार्मोन का महत्व…)

40 के बाद महिलाओं के शरीर में होने वाले बदलाव – How women body change in 40’s in Hindi

40- 65 की उम्र में महिलाओं के शरीर में कई बदलाव होते हैं। कई महिलाओं के लिए यह पीरियड उनके जीवन में नए दृष्टिकोण और नए रास्तों का अवसर प्रदान करता है। नीचे जानते हैं, 40 वर्ष की आयु में महिलाओं के शरीर में आने वाले परिवर्तनों के बारे में।

40 के बाद महिलाओं में दिखते हैं पेरिमेनोपॉज के लक्षण – 40 ke baad women me dikhte hai pre menopause ka lakshan in Hindi

40 की होने पर महिला सबसे पहले पेरिमेनोपॉज का सामना करती है, जहां उनके मासिक धर्म में परिवर्तन होने लगता है। यह महिलाओं का 40वें पड़ाव में कदम रखने का पहला संकेत है। इस दौरान उन्हें भारी रक्तस्त्राव, अनियमित पीरियड्स, ऐंठन आदि होने लगती है। प्री मेनोपॉज हर महिला को अलग तरह से प्रभावित करता है। वैसे इससे डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह एक सामान्य बदलाव है, जो सभी महिलाओं को एक समय बाद होता ही है। वैसे तो पेरिमेनोपॉज की शुरूआत महिलाओं में 47 उम्र तक होती है, लेकिन कुछ महिलाओं में ये जल्दी या इसके बाद भी हो सकती है। इस दौरान मासिक धर्म चक्र में परिवर्तन या नींद में गड़बड़ी का अनुभव ज्यादा होता है।

(और पढ़े – रजोनिवृत्ति के कारण, लक्षण और दूर करने के उपाय…)

महिलाओं में पेरिमेनोपॉज़ के शारीरिक लक्षण – Physical symptoms of perimenopause in Hindi

(और पढ़े – मासिक धर्म (पीरियड्स) के देर से आने के कारण और उपाय…)

महिलाओं में पेरिमेनोपॉज़ के भावनात्मक लक्षण – Emotional symptoms of perimenopause in Hindi

(और पढ़े – चिंता दूर करने के उपाय, तरीके और घरेलू नुस्खे…)

40 की उम्र में महिलाओं में होता है मसल्स लॉस – 40 ki age me women me hota hai muscle loss in Hindi

बॉडी फॉर लाइफ के लेखक डॉ.पामेला पीको के अनुसार 40 की उम्र में महिलाएं आधा पौंड की औसत मात्रा में मांसपेशियों के ऊतकों को खोना शुरू कर देती हैं, जिससे मेटाबॉलिज्म में कमी आ जाती है और इस कारण कम कैलोरी बर्न होती है, जो 40 वर्ष की आयु के बाद महिलाओं में वजन बढ़ने का कारण बनता है।

(और पढ़े – मोटापे से होने वाले रोग और उनसे बचाव…)

40 वर्ष के बाद महिलाओं में होता है बोन लॉस – 40 ke baad women me hota hai bone loss in Hindi

35 की उम्र तक महिलाओं की बोन डेंसिटी बनी रहती है, लेकिन 40 की होते ही हर साल हड्डी का एक प्रतिशत खोने लगता है। इससे बचने के लिए महिलाओं को स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और वेट बियरिंग एक्सरसाइज करनी चाहिए। यह न केवल बोन लॉस को रोकती है, बल्कि हड्डियों के घनत्व को भी बनाए रखने में मदद करती है।

(और पढ़े – हड्डियों को मजबूत बनाने के घरेलू उपाय…)

40 के बाद महिलाओं में बढ़ती है ब्रेस्ट कैंसर की संभावना – 40 ke baad women me badte hai breast cancer ke chances in Hindi

40 वर्ष की आयु के बाद महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के चांसेज बढ़ जाते हैं। इससे बचने के लिए इस उम्र में कदम रखते ही महिलाओं को हर साल मेमोग्राम करवाना चाहिए। अपनी सेहत को ठीक रखने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करना भी बहुत अच्छा है।

(और पढ़े – ब्रैस्ट कैंसर (स्तन कैंसर) के लक्षण, कारण, जांच, इलाज और बचाव…)

40 के बाद महिलाओं के चेहरे पर दिखते हैं रिंकल्स – 40 ke baad mahilayon ke chehre par dikhte hai wrinkles in Hindi

40 पार करते ही आपकी त्वचा पतली, सूखी और कम लोचदार हो जाएगी। अगर आप इससे बचना चाहती हैं, तो रात में एक मॉइस्चराइजर का उपयोग करें, पर्याप्त रूप से हाइड्रेट रहें और घर से बाहर निकलते समय हमेशा सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। ऐसा करने से चेहरे पर झुर्रियां नहीं दिखेंगी।

(और पढ़े – चेहरे की झुर्रियों के कारण और झुर्रियां कम करने के घरेलू उपाय…)

40 की उम्र में महिलाओं के शरीर में होता है दर्द – 40 ki age me mahilayon ki body pain in Hindi

40 का पड़ाव पार करते ही महिलाओं के शरीर में जगह-जगह दर्द शुरू हो जाते हैं। जिसमें सबसे ज्यादा सामान्य है घुटनों में दर्द और कमर का दर्द। इसके अलावा बढ़ता तनाव भी दर्द को बढ़ा सकता है। इसलिए तनाव को कम करने के लिए घरेलू उपचार सबसे अच्छा विकल्प हैं।

(और पढ़े – कमर दर्द दूर भगाने के लिए आजमाएं ये घरेलू नुस्खे और उपाय…)

40 वर्ष की आयु में ज्यादा होता है हैंगओवर – 40 ki age me jyada hota hai hangover in Hindi

शराब पीने वाली महिलाओं का हैंगओवर इस उम्र में जल्दी नहीं उतरता। नींद से जागने के बाद भी वह बहुत अजीब सा थका हुआ महसूस करती हैं। इसलिए, इस उम्र में शराब का सेवन कम कर देना चाहिए और अगर आप शराब पी भी रही हैं, तो हर ड्रिंक के बीच में एक गिलास पानी पीना अच्छा तरीका है। इससे हैंगओवर की स्थिति पैदा नहीं होगी।

(और पढ़े – जानिए हैंगओवर उतारने के घरेलू उपाय…)

40 प्लस महिलाओं में बढ़ती हैं दांतों में सेंसिटिविटी – Increase in teeth sensitivity of 40 plus women in Hindi

जिन महिलाओं को 30 की उम्र से दांतों में परेशानी रही है, 40 के बाद उनके दांतों में सेंसिटिविटी और अधिक बढ़ जाती है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे दांतों के इनेमल और तंत्रिकाओं के बीच डेंटिन और इनर हार्ड टिशू बन जाते हैं, जो दांतों में दर्द का कारण बनते हैं। इसलिए इस उम्र में नियमित रूप से महिलाओं को अपने दांतों का चैकअप कराने की सलाह दी जाती है।

(और पढ़े – दांतों में ठंडा गर्म लगने (सेंसिटिविटी) के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार…)

40 के बाद औरतों को चोट से उभरने में समय लगता है – 40 ke baad aurto ko chot se ubarne me time lagta hai in Hindi

40 की उम्र बेहद नाजुक होती है। अब आप उतनी भी जवान नहीं हैं कि, हर चोट को सहन कर जाएं। इस उम्र में महिलाओं को चोट से उभरने में बहुत समय लगता है। विशेषज्ञों का कहना है, कि कम हार्मोनल परिवर्तन के कारण मांसपेशियों की मरम्मत में समय लगता है। इसलिए जब आपको चोट लगती है, तो जल्दी रिकवरी के लिए ज्यादा से ज्यादा आराम करने की जरूरत होती है।

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40 की उम्र में झड़ने लगते हैं महिलाओं के बाल – Hair loss in women in the age of 40 in Hindi

इस उम्र में कई महिलाओं को बाल झड़ने की समस्या शुरू हो जाती है। महिलाओं में उम्र से संबंधित बालों का झडऩा शरीर में हर जगह (जैसे पैर, बगल और प्यूबिक हेयर) शुरू हो जाता है।

(और पढ़े – बालों का गिरना क्या है, प्रकार, कारण, लक्षण, इलाज और बचाव…)

40 के पड़ाव में महिला की योनि में होता है सूखापन – 40 ki age me yoni me dryness in Hindi

महिलाओं की उम्र 40 होते ही पेरिमेनोपॉज की समस्या शुरू हो जाती है, जिसमें योनि का सूखापन भी एक अहम समस्या है, जो शरीर में एस्ट्रोजन के निम्न स्तर के कारण होता है।

(और पढ़े – योनि में सूखेपन का कारण और दूर करने के घरेलू उपाय…)

40 प्लस की महिलाओं में बढ़ती है कब्ज की समस्या – 40 plus women me badta hai constipation in Hindi

महिलाएं जैसे-जैसे 40 की उर्म्र की तरफ बढ़ती है, उनमें कब्ज, अपच, डायवर्टिकुलिटिस और अल्सर की संभावना बढ़ जाती है। इस उम्र में इन रोगों को दूर करने के लिए ली जाने वाली दवा स्वस्थ पाचन को बिगाड़ सकती है। पाचन समस्याओं से बचने के लिए सबसे अच्छा उपाय है, कि खूब पानी पीएं, एक्टिव रहें, प्रोबायोटिक्स का सेवन करें और विभिन्न रंग के फल और सब्जियां खाएं।

(और पढ़े – कब्ज में क्या खाएं और क्या ना खाएं…)

40 की उम्र के बाद महिलाओं को कम आता है पसीना – 40 ki umar ke baad mahilayon ko ata hai kam paseena in Hindi

जैसे ही महिलाएं 40 का पड़ाव छूती हैं, उनके पसीने की ग्रंथियां सिकुड़ने लगती हैं और कम संवेदनशील हो जाती हैं। कई अध्ययनों में पाया गया है, कि 40 के करीब आने वाले महिलाओं में पसीना बहुत कम आता है।

(और पढ़े – ज्यादा पसीना आने के कारण, लक्षण और घरेलू उपाए…)

40 के बाद महिलाओं में यूटीआई की समस्या – 40 Ke baad women me UTI ki problem in Hindi

एस्ट्रोजन बैक्टीरिया के खिलाफ एक सुरक्षात्मक भूमिका निभाता है, जो यूटीआई UTI (यूरीनेरी ट्रैक्ट इंफेक्शन) के बढ़ने के लिए जिम्मेदार है। 40 की उम्र में महिलाओं के शरीर में इसके उत्पादन में कमी आती है। इसके लिए आपको अपने डॉक्टर से चर्चा जरूर करनी चाहिए।

(और पढ़े – मूत्र पथ संक्रमण (यूटीआई) के कारण, लक्षण और उपचार…)

40 प्लस महिलाओं की सुनने की क्षमता होती है कमजोर – 40 plus women have hearing loss in Hindi

40 के बाद शरीर में बदलाव के साथ महिलाओं के सुनने की क्षमता कम हो जाती है। इसलिए 40 के बाद ज्यादातर महिलाएं अपने कान की जांच जरूर कराती हैं। खुद को स्वस्थ रखने के लिए ऐसा करना सही भी है।

(और पढ़े – कान का संक्रमण दूर करने के घरेलू उपाय और नुस्‍खे…)

40 की उम्र में महिलाओं को होता है मूत्रमार्ग में लीकेज – Women have leakage problem at age 40 in Hindi

इस उम्र में पेरिमेनोपॉज के कारण एस्ट्रोजन की मात्रा में कमी आती है। ऐसे में कम एस्ट्रोजन के साथ मूत्रमार्ग को सपोर्ट करने वाली मांसपेशियां कमजोर हो जाती है, जिससे लीक होने की संभावना ज्यादा होती है। इसके लिए आप कुछ उपाय कर सकती हैं। मूत्राशय पर दबाव को कम करने के लिए कम वजन उठाएं। यदि फिर भी बात न बने, तो बिना देर किए अपनी डॉक्टर से बात करें।

(और पढ़े – मूत्राशय में संक्रमण के कारण, लक्षण और बचाव…)

40 के बाद महिला का गर्भवती होना कठिन होता है – 40 ke baad pregnancy me problem in Hindi

40 साल की उम्र में एक महिला के गर्भधारण करने की संभावना 40 से 50 प्रतिशत ही होती है। इसका कारण यह है, कि इस उम्र में अंडे नहीं बन पाते, जिस कारण महिलाएं गर्भवती नहीं हो पातीं

(और पढ़े – गर्भवती होने (गर्भधारण करने) के लिए सही सही समय…)

40 पार महिला हो जाती है भुल्लकड़ – Woman beyond 40 becomes forgetful in Hindi

अक्सर 40 की उम्र पार करते ही महिलाएं भूलना शुरू हो जाती हैं। मेनोपॉज के दौरान कम एस्ट्रोजन का उत्पादन करने वाली महिलाओं के साथ यह समस्या होती है। इस उम्र में योगा और मेडिटेशन करके याददाश्त को बेहतर बनाया जा सकता है।

(और पढ़े – भूलने की बीमारी के लक्षण कारण जांच इलाज और उपचार…)

40 की उम्र में महिलाओं की निगाहें हो जाती हैं कमजोर – Eyes become week at the age of 40 in Hindi

बढ़ती उम्र में महिलाओं की निगाहें कमजोर हो जाती हैं। कई महिलाओं को पास की चीज देखने में परेशानी होती है, वहीं कुछ रात में ड्राइव करते समय तेज चकाचौंध का अनुभव करती हैं। इस उम्र में आपकी आंखें ड्राय भी हो सकती हैं। अपनी आंखों को सुरक्षित रखने के लिए यूवी प्रोटेक्शन सनग्लासेस का उपयोग करें, स्वस्थ आहार खाएं और अपनी आंखों का सही इलाज करें।

(और पढ़े – आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए घरेलू उपाय…)

40 से अधिक उम्र की महिलाओं में सेक्स ड्राइव में कमी – 40 se jyada ki mahilayon me ati hai sex drive me kami in Hindi

40 से ज्यादा उम्र की महिलाओं में सेक्स ड्राइव में कमी आ जाती है। जिसके पीछे प्रमुख कारण है, तनाव। कई अध्ययनों के अनुसार, 40 से ज्यादा उम्र की महिलाओं में पुरूषों की तुलना में सेक्स करने की इच्छा दोगुनी कम हो जाती है।

(और पढ़े – महिलाओं में कामेच्छा (सेक्स की इच्छा) की कमी के कारण और इलाज…)

40 पार महिलाओं के लिए जरूरी आहार – Diet chart for 40 year old indian woman in Hindi

40 की उम्र के बाद महिलाओं को कई तरह से शारीरिक बदलावों से गुजरना पड़ता है। इस उम्र में उनका मेटाबॉलिज्म कम हो जाता है और हार्मोनल चेंज भी होते हैं। शरीर में कैल्शियम की कमी होने से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। लेकिन आपको इतना परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर आप इन सभी समस्याओं से बच सकती हैं। जानिए स्वस्थ रहने के लिए 40 पार महिलाएं (diet for 40 year old woman) अपने आहार में कौन-कौन सी चीजें शामिल कर सकती हैं।

विटामिन डी- हड्डियों को मजबूत रखने के लिए शरीर में विटामिन डी होना बहुत जरूरी है। वैसे तो, विटामिन डी सूर्य की रोशनी से मिल जाता है, लेकिन अपने आहार में अंडा और मीट का सेवन करने पर भी शरीर में विटामिन डी की कमी पूरी की जा सकती है।

फल और सब्जियां- 40 की उम्र में आते-आते महिलाओं का वजन बढ़ने लगता है। इसे नियंत्रित रखने के लिए लो कैलोरी हाई फाइबर वाले फल और सब्जियों का सेवन करें।

फ्लैक्स सीड- फ्लैक्स सीड ओमेगा 3 से भरपूर होता है, जो धमनियों को स्वस्थ रखने के साथ एस्ट्रोजन लेवल को बैलेंस रखने में भी मदद करता है। फ्लैक्स सीड बढ़ती उम्र में ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में बहुत सहायक है।

कैल्शियम- बढ़ती उम्र में महिलाओं के शरीर में सबसे पहले कैल्शियम की कमी आती है। यह हड्डियों के लिए बहुत जरूरी है। इसलिए अपने आहार में छोले, दूध, पनीर, अंडा, दही, आंवला को शामिल करें।

टमाटर- 40 से अधिक उम्र वाली महिलाओं को टमाटर का सेवन जरूर करना चाहिए। इसमें मौजूद लाइकोपीन से हृदय रोग व कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।

सोयाबीन – अगर आप 40 की हो गई हैं, तो नियमित रूप से सोयाबीन का सेवन जरूर करें। 40 की आयु के बाद मीनोपॉस की स्थिति में बोन डेंसिटी में कमी आ जाती है, ऐसे में सोयाबीन का आइसोफ्लेवोंस मीनोपॉस के दौरान बोन डेंसिटी को ठीक करने में बहुत मददगार साबित होता है।

(और पढ़े – अच्छी सेहत के लिए विटामिन डी युक्त भोजन…)

40 पार महिलाओं के लिए जरूरी पोषण – After 40 Women’s Nutrition in Hindi

यदि आप 40 वर्ष की होने के बाद भी अपने उचित पोषण के बारे में गंभीर नहीं हैं, तो यह अपनी डाइट पर गंभीर होने का समय है।

  • सेम और मटर, स्टार्च और गैर-स्टार्च सहित गहरे हरे, लाल और नारंगी, विभिन्न प्रकार की सब्जियां चुनें।
  • तरह-तरह के फल खाएं।
  • अपने दैनिक आहार में अनाज शामिल करें। आपका आधा अनाज साबुत अनाज होना चाहिए।
  • वसा रहित या कम वसा वाले डेयरी प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें। इसमें दूध, दही, पनीर या फोर्टीफाइड सोया उत्पाद शामिल हैं।
  • अपने हर भोजन में प्रोटीन लें। स्वस्थ प्रोटीन में दुबला मांस (चिकन), समुद्री भोजन, अंडे, बीन्स और मटर, नट, बीज और सोया उत्पाद शामिल कर सकतीं हैं।
  • जैतून के तेल जैसे स्वस्थ तेल का उपयोग करें।

(और पढ़े – महिलाओं के स्वास्थ्य लिए जरूरी विटामिन और उनके स्रोत…)

40 के बाद महिलाएं ऐसे करें स्वास्थ्य की देखभाल – Ways for women to stay healthy after 40 in Hindi

उम्र बढ़ने का असर सबसे ज्यादा आपकी त्वचा, क्षमता और सेहत पर नजर आता है। 40 की उम्र पार करने के बाद स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं भी बढ़ने लगती हैं, इसलिए जरूरी है कि 40 के पड़ाव में कदम रखने के साथ ही अपनी सेहत का ख्याल रखें। नीचे हम 40 प्लस महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल करने के तरीके बता रहे हैं, जो उन्हें स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरूरी हैं।

  • 40 से अधिक उम्र होने पर अपनी आदतों और दिनचर्या में बदलाव लेकर आएं। दरअसल, इस अवस्था में आपके शरीर में पहले जैसी ऊर्जा नहीं होती, इसलिए ताउम्र स्वस्थ रहने के लिए अपने खान-पान और दिनचर्या में बदलाव लेकर आएं।
  • 40 प्लस महिलाओं को ज्यादा गुस्सा और चिंता करने से बचना चाहिए। इस उम्र में शारीरिक श्रम भी उतना ही करना चाहिए, जितना आपका शरीर साथ दे।
  • बढ़ती उम्र के अनुसार भोजन में तेल व मसालों का सेवन कम कर दें। इससे पाचन क्रिया ठीक रहेगी और शरीर के अंगों के कार्य करने की क्षमता भी बढ़ेगी।
  • 40 की उम्र के बाद छोटी-छोती बातों पर गुस्सा और चिड़चिड़ापन आने लगता है। इससे बचने के लिए योग, मेडिटेशन को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
  • 40 वर्ष की उम्र के बाद महिलाओं को रोजाना कम से कम 20 मिनट तक टहलना चाहिए। सप्ताह में 3 से 4 बार कम से कम 45 मिनट का वर्कआउट तो जरूर करना चाहिए।
  • इस उम्र में महिलाओं को नियमित रूप से ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर और पेल्विक टेस्ट कराना ही चाहिए।
  • थकान को दूर करने के लिए दिनभर में 7 से 8 घंटे की नींद जरूरी है। अच्छी नींद आपको तनाव से दूर रखने में मदद करती है।
  • उम्र बढ़ने के साथ कई बीमारियां भी आपको घेर लेती हैं, जिसमें डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, थायरॉइड जैसी समस्या आम है। इसलिए इन सबकी जांच जरूर नियमित रूप से कराएं।

(और पढ़े – 30 साल की उम्र के बाद हर महिला को करवाने चाहिए ये मेडिकल टेस्ट…)

40 के बाद महिलाएं जीती हैं सबसे अच्छे दिन – Women have spent best days after 40 in Hindi

40 की उम्र में प्रवेश भावनात्मक रूप से, यौन रूप से और शारीरिक रूप से महिला के जीवन का सबसे अच्छा समय हो सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि 40 वर्ष और उससे अधिक उम्र की महिलाएं अधिक आत्मविश्वास रखती हैं और जानती हैं कि उन्हें अपने पहले के वर्षों की तुलना में क्या पसंद है और क्या करना चाहिए। जिससे उनमे निर्भरता और आत्म-आलोचना में कमी और आत्मविश्वास और निर्णायकता में वृद्धि होती है। इसके अलावा-कुछ महिलाओं में इस उम्र में कामेच्छा (libido) बढ़ जाती है। बच्चे पैदा करने वाले दिनों में, कई महिलाएं बच्चों और घरेलू जीवन के भारी दबाव को महसूस करती हैं। जबकि चालीसवें वर्ष की महिलाओं के बच्चे बड़े और अधिक स्वतंत्र होते हैं।

माँ से चिपके रहने वाले बच्चे के दिन अब कम हो गए हैं और वह अधिक स्वतंत्र महसूस कर सकती है। इस प्रकार, अपने पति के साथ अंतरंगता (intimacy) में सुधार होता है।

इसे सीधे शब्दों में कहें, तो अपने चालीसवें वर्ष में प्रवेश करने वाली एक महिला को स्वस्थ जीवन शैली के विकल्प चुनकर आने वाले शारीरिक और भावनात्मक परिवर्तनों के लिए खुद को तैयार करने में मदद मिल सकती है, जिससे आने वाले वर्षों को स्वीकार करना आसान हो जाता है।

40 की उम्र कोई बुढ़ापे का संकेत नहीं है। इस उम्र तक महिलाएं मैच्योर हो जाती हैं, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ शरीर से जुड़ी कई समस्याएं भी उभरने लगती हैं। इसलिए इस उम्र में भी खुद को फिट रखने के लिए सही आहार लें और रूटीन चैकअप कराते रहें। 40 वर्ष की आयु के बाद हदय रोग, स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर, कैंसर और अन्य बीमारियों से बचने के लिए नियमित जांच महत्वपूर्ण है। इन तरीकों को अपनाने से आप 40 की उम्र में भी खुद को पूरी तरह फिट और हेल्दी रख पाएंगी।

(और पढ़े – स्वस्थ और फिट रहने के लिए अपनी दिनचर्या में क्या शामिल करें…)

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