पूजा और धार्मिक कार्यों में इसका उपयोग करने से लेकर इसे ‘पान’ के रूप में खाने तक, पान के पत्तों में कई रोगों को ठीक करने के औषधीय गुण और हीलिंग स्वास्थ्य लाभ होते हैं। पान के पत्ते में विटामिन सी, थायमिन, नियासिन, राइबोफ्लेविन और कैरोटीन जैसे विटामिन पाए जाते हैं और ये कैल्शियम का एक बड़ा स्रोत हैं। चूंकि पान एक सुगंधित लता है, आप इसे आसानी से अपने घरों में सजावटी पौधे के रूप में विकसित कर सकते हैं और उसी से अधिकतम स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इस लेख में हमने पान के फायदे और उपयोग के बारे में चर्चा की है।
पान में विटामिन सी, आयरन, कैरोटीन, फाइबर, पोटेशियम, आयोडीन और थायमिन पाया जाता है इसलिए इसका उपयोग आर्युवेदिक दवाओं में व्यापक रूप से किया जाता है पान का इस्तेमाल कर दांतों को खराब होने से रोका जा सकता है, अल्सर और मुँहासे का इलाज किया जा सकता है, खांसी से राहत पाने में मदद की जा सकती है और ब्रोंकाइटिस जैसे श्वसन विकारों को भी ठीक किया जा सकता है।
यह माना जाता है कि पान में मौजूद घटक रक्त में शर्करा के स्तर को कम कर सकते हैं, इस प्रकार पान के कुछ औषधीय गुण मधुमेह का इलाज करते हैं।
पान के पत्तों का उपयोग उन लोगों द्वारा प्रभावी रूप से किया जा सकता है जो वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं। यह शरीर में वसा को कम करता है और शरीर की चयापचय दर को बढ़ाता है।
पान को चबाना मुह के कैंसर को रोकने के लिए जाना जाता है क्योंकि यह लार में एस्कॉर्बिक एसिड के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है। आपको बस कुछ मिनटों के लिए 10 से 12 पान के पत्तों को उबालने और उबले पानी में शहद मिलाने की जरूरत है। दैनिक आधार पर इसे पीने से कैंसर से बचने में मदद मिल सकती है।
जब घाव पर पान की पत्ती को रखा जाता है और पट्टी बांध दी जाती है, तो यह घाव को ठीक कर सकता है और हीलिंग प्रक्रिया (घाव भरने) को तेज कर सकता है। पान के पत्तों को फोड़े के इलाज के लिए आयुर्वेद में भी व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
यदि आप तेज सिरदर्द से पीड़ित हैं, तो पान आपको इससे राहत दिला सकता है। पान की पत्तियों में शीतलन गुण होते हैं जो बाहरी रूप से लगाने पर दर्द से तुरंत राहत देते हैं। इसे माथे पर लगाने से सिरदर्द ठीक हो सकता है।
आयुर्वेद के अनुसार, पान में कुछ तत्व होते हैं जो वायु और पित्त के कारण होने वाले रोगों को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। संस्कृत में वैद्यों के अनुसार, पान का रस अक्सर संक्रमित कान और मवाद के गठन के लिए एक घरेलू उपाय के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है और इसे माथे पर लगाने से सिरदर्द ठीक हो सकता है।
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