6th Month Pregnancy Diet: गर्भावस्था का छटा महीना गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत ही अहम होता है। प्रेगनेंसी के 6 वे महीने के दौरान स्वस्थ भोजन गर्भवती महिला के साथ ही उसके शिशु के लिए बहुत जरूरी है। 6 मंथ प्रेगनेंसी डाइट में खाए जाने वाले आहार का पेट में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य में बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए महिलाओं को यह जानकारी होना बहुत जरूरी है कि 6 माह की गर्भावस्था के दौरान क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए। क्योंकि इस दौरान केवल पौष्टिक खाद्य पदार्थ ही एक विकल्प होता है जो आपके भ्रूण के विकास में मदद कर सकता है। गर्भवती महिलाओं को अपने डॉक्टर की सलाह पर गर्भावस्था डाइट प्लान तैयार करना चाहिए। आइए जाने गर्भावस्था के 6 वे महीने में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए।
प्रेगनेंसी के छठे महीने में भ्रूण का विकास बहुत तेजी से होता है। इसलिए गर्भावस्था की इस अवधि के दौरान महिला और शिशु के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। इस दौरान महिलाओं को कुछ विशेष प्रकार के पौष्टिक और स्वास्थ्य वर्धक खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। आइए जाने गर्भावस्था के छठे महीने में खाए जाने वाले आहार कौन से हैं।
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प्रेगनेंसी के छठे माह में महिलाओं को विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों का विशेष रूप से सेवन करना चाहिए। गर्भावस्था की इस अवस्था में महिलाओं को विटामिन सी की विशेष जरूरत होती है। इस दौरान विटामिन सी महिला के शरीर को मजबूत और स्वस्थ रखने में मदद करता है। विटामिन सी एक एंटीऑक्सीडेंट होता है जो शरीर को बीमार करने वाले फ्री रेडिकल्स से बचाता है। विटामिन सी प्राप्त करने के लिए महिलाएं स्ट्रॉबेरी, अंगूर, गोभी और शकरकंद आदि का सेवन कर सकती हैं।
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गर्भावस्था के छटवे महीने में महिलाओं को अपने आहार में फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। प्रेगनेंसी के दौरान फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ महिलाओं को कब्ज जैसी समस्या से बचाने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसलिए कुछ डाक्टर भी प्रेगनेंसी के समय फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को आहार का अनिवार्य हिस्सा बताते हैं। इस दौरान महिलाओं को फाइबर की उचित मात्रा प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रकार की हरी सब्जियां और फलों का सेवन अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए। क्योंकि ये खाद्य पदार्थ गर्भावस्था में महिलाओं की पाचन शक्ति को बढ़ाने में सहायक होते हैं।
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गर्भावस्था के 6 वे महीने में पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाना चाहिए। इस दौरान महिलाएं अपने और अपने बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए बादाम को अपने आहार का हिस्सा बना सकती हैं। बादाम में ऐसे पोषक तत्व और खनिज पदार्थ अच्छी मात्रा में होते हैं जो प्रेगनेंसी के दौरान महिला और बच्चे के लिए अच्छे होते हैं। यदि आपको बादाम से किसी प्रकार की एलर्जी नहीं है तो गर्भावस्था के छठे महीने में इसे अपने आहार में शामिल किया जा सकता है।
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गर्भवती महिलाओं के लिए विटामिन बी एक बहुत ही आवश्यक पोषक तत्व है। प्रेगनेंसी के छठे महीने के दौरान महिलाओं को विटामिन बी9 या फोलिक एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाना चाहिए। हालांकि दैनिक आधार पर फोलिक एसिड की कुछ ही मात्रा की आवश्यकता होती है। फोलिक एसिड शिशु के मस्तिष्क विकास के लिए बहुत ही आवश्यक होता है। इसके अलावा फोलिक एसिड शिशु की रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने में भी मदद करता है। इसलिए महिलाओं को बच्चे के जन्म से पहले पर्याप्त मात्रा में फोलिक एसिड युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाना चाहिए।
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6 मंथ प्रेगनेंसी डाइट में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करना बहुत ही आवश्यक है। क्योंकि प्रोटीन गर्भावस्था आहार का सबसे प्रमुख और आवश्यक हिस्सा है। गर्भ में भ्रूण के विकास के लिए प्रोटीन बहुत ही आवश्यक होता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को छठवे माह के दौरान अपने आहार में उन खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए जिनमें प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है। इस प्रकार के खाद्य पदार्थों में अंडे, मछली, सोया उत्पाद, चिकन, दूध और हरी सब्जियां आती हैं।
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अधिकांश डॉक्टर प्रेगनेंसी के छ: माह के दौरान कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करने की सलाह देते हैं। क्योंकि कार्बोहाइड्रेट ऊर्जा का सबसे अच्छा स्रोत होता है। कार्बोहाइड्रेट का पर्याप्त सेवन करने से शिशु के शारीरिक विकास में सहायक होता है। गर्भवती महिलाएं कार्बोहाइड्रेट प्राप्त करने के लिए प्रेगनेंसी डाइट में आलू, स्वीट कार्न, ओट्स, पास्ता और नट्स आदि को शामिल कर सकती हैं।
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हरी सब्जियां वैसे तो सामान्य आहार का हिस्सा है, लेकिन प्रेगनेंसी के छटवे महीने के दौरान हरी सब्जीयों को विशेष रूप से अपने अहार में शामिल किया जाना चाहिए। क्योंकि हरी सब्जियां कई पोषक तत्वों और खनिज पदार्थों का बैंक माना जाता है। गर्भावस्था के दौरान विटामिन की कमी को पूरा करने के लिए भी हरी सब्जियां एक बेहतर विकल्प है। जो महिलाएं गर्भावस्था छठे माह से गुजर रही हैं उन्हें नियमित रूप से प्रतिदिन हरी और ताजी सब्जियों का सेवन करना चाहिए।
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मौसमी और ताजे फलों की तुलना अन्य खाद्य पदार्थों से नहीं की जा सकती है। क्योंकि ताजे फल, फाइबर, प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और कई खनिज पदार्थ के सबसे अच्छे स्रोत होते हैं। 6 माह की गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को नियमित रूप से ताजे फलों का सेवन करना चाहिए। क्योंकि ये ताजे फल शिशु के विकास के लिए पर्याप्त प्रोटीन और विटामिन उपलब्ध कराते हैं। इस दौरान महिलाएं सामान्य रूप से केला, अंगूर, सेब, संतरा, नाशपाती और अन्य मौसमी फलों को अपने आहार में शामिल कर सकती हैं।
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ऐसे बहुत से कारण हैं जिनकी वजह से दुग्ध उत्पादों को गर्भावस्था आहार में शामिल किया जा सकता है। प्रेगनेंसी के छटवे माह के दौरान महिलाओं को पर्याप्त मात्रा में दूध और इससे बने कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। क्योंकि दुग्ध उत्पाद कैल्शियम का अच्छा स्रोत हैं जो शिशु की हड्डियों के निर्माण के लिए बहुत ही आवश्यक है। गर्भवती महिलाएं प्रोटीन और कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए डेयरी उत्पादों को अपनी प्रेगनेंसी डाइट में शामिल कर सकती हैं।
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प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के लिए आहार का एक और अहम हिस्सा पानी है। प्रेगनेंसी के 6 माह के दौरान महिलाओं को पौष्टिक भोजन के साथ-साथ पर्याप्त मात्रा में पानी और अन्य तरल खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। क्योंकि इस दौरान शरीर में पानी की कमी महिलाओं के शरीर के लिए हानिकारक हो सकती है। इस दौरान पानी की कमी से महिलाओं को कब्ज की समस्या हो सकती है। लेकिन नियमित रूप से पानी पीना महिलाओं की पाचन शक्ति को बढ़ाने में भी सहायक होता है। इस दौरान महिलाओं को डॉक्टर की सलाह के अनुसार दैनिक आधार पर कम से कम 8 गिलास पानी पीना अनिवार्य है।
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गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक खाद्य पदार्थों की विशेष आवश्यकता होती है। लेकिन इस दौरान सभी खाद्य पदार्थ खाने योग्य नहीं होते हैं। कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं जिन्हें गर्भावस्था के छठवे महीने में नही खाना चाहिए। आइए जाने इस दौरान कौन से खाद्य पदार्थों से परहेज किया जाना चाहिए।
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गर्भावस्था महिलाओं के लिए एक बहुत ही संवेदनशील स्थिति होती है। इस दौरान महिलाओं का शरीर विभिन्न प्रकार के संक्रमण के लिए अनुकूल होता है। इसलिए महिलाओं को इस दौरान कच्चे समुद्री खाद्य पदार्थों से पूरी तरह दूर रहना चाहिए। क्योंकि इन खाद्य पदार्थों में विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया और उच्च मात्रा में पारा होता है। जो न केवल महिला बल्कि शिशु के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान इस प्रकार के खाद्य पदार्थों को नहीं खाना चाहिए।
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प्रेगनेंसी के 6 माह की गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को किसी भी प्रकार से भुने हुए मीट (Under cooked Meat) जैसे रोस्टेड या तंदूरी चिकन आदि से बचना चाहिए। क्योंकि इस प्रकार से पके हुए मांस में बैक्टीरिया होने की अधिक संभावना होती है। गर्भावस्था के दौरान मांस खाना चाहिए लेकिन इसे पूरी स्वच्छता और अच्छी तरह से पका कर ही खाना फायदेमंद होता है। अच्छी तरह से पके हुए मांस को पचाने में भी आसानी होती है।
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गर्भावस्था के छटवे महीने में उन डेयरी उत्पादों का सेवन करने से बचना चाहिए जिन्हें अच्छी तरह से पाश्चुरित नहीं किया जाता है। शॉफ्ट चीज (Soft Cheeses) भी उन्हीं खाद्य पदार्थों में से एक है। प्रेगनेंसी के दौरान हार्ड चीज खाना फायदेमंद होता है। गर्भावस्था के दौरान अनपाश्चुरित दुग्ध उत्पादों का सेवन करने से शरीर में बैक्टीरियल प्रभाव की संभावना बहुत अधिक होती है।
पाचन संबंधी समस्याओं का प्रमुख कारण मसालेदार भोजन हो सकता है। इसलिए महिलाओं को गर्भावस्था के 6 महीने के दौरान अधिक मात्रा में मसालेदार भोजन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इस प्रकार के भोजन में अधिक तेल और मसालों के साथ ही स्वच्छता का ध्यान नहीं दिया जाता है। हालांकि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को उबला भोजन पसंद नहीं आता है। लेकिन अपने और अपने बच्चे के स्वास्थ्य के लिए महिलाओं को इस प्रकार के भोजन से दूर रहना ही बेहतर माना जाता है।
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चाय और कॉफी जैसे कैफीन युक्त पेय पदार्थ गर्भावस्था के छठवे महीने के लिए अच्छे नहीं होते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि चाय और कॉफी बिल्कुल भी नहीं लेना चाहिए। महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान प्रतिदिन 1 से 2 कप चाय या कॉफी का सेवन कर सकती हैं। लेकिन इससे अधिक मात्रा का सेवन करना शिशु के मस्तिष्क स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है।
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