Insomnia in hindi अनिद्रा या इनसोमनिया एक नींद न आने की बीमारी है जो अच्छी नींद को प्रभावित करती है। जब कोई सोता है या जब कोई सो रहा होता है तो आप अचानक जाग जाते है। एक बार जब आप जागते हैं तो अनिद्रा आपके लिए वापस सो जाने में भी मुश्किल पैदा कर सकता है। यह विकार नींद न आने के कारण पूरे दिन के लिए आपको थका देता है और आपकी ऊर्जा का स्तर, स्वास्थ्य, मनोदशा, काम के प्रदर्शन और जीवन की गुणवत्ता को कमजोर करता है। इस लेख में आप जानेगे अनिद्रा के कारण लक्षण और बचने के तरीके के बारें में।
बहुत से वयस्कों को अल्पावधि (acute) इनसोमनिया का अनुभव हो सकता है जो सप्ताह या दिनों तक रहता है। यह आमतौर पर एक दर्दनाक घटना के प्रभाव के बाद या बस तनाव है। लेकिन ज्यादातर लोग जो दीर्घावधि (longterm) अनिद्रा का अनुभव करते हैं, जो एक महीने से अधिक समय तक रहती है, ऐसा कुछ चिकित्सा स्थितियों या दवाइयों के दुष्प्रभावों के कारण होता है।
अनिद्रा के कारण – Causes of Insomnia in Hindi
नींद न आने की समस्या (अनिद्रा) के उपचार के लिए, इसके पीछे के कारणों को जानना और उनका इलाज करना महत्वपूर्ण है। यह जीवन की घटनाओं, तनाव और बुरी आदतों के कारण हो सकती है जो आपके सोने के तरीके को प्रभावित करते हैं हालांकि, अनिद्रा के कुछ अन्य कारणों में शामिल हैं:
तनाव – परिवार की वित्तीय स्थिति, स्वास्थ्य, विद्यालय और काम के बारे में चिंता करना, अगर आप थक गए हों तो हमारा मन भी सक्रिय हो सकता है। जिससे सोना बहुत कठिन हो जाता है आघात या जीवन की घटनाओं जैसे नौकरी छूट जाना, तलाक, बीमारी या किसी प्रिय की मौत के कारण अनिद्रा हो सकता है (और पढ़े – मानसिक तनाव के कारण, लक्षण एवं बचने के उपाय)
कार्य या यात्रा कार्यक्रम – काम की शिफ्ट का बार बार बदलते रहना, लेट शिफ्ट तक काम करते रहना,अलग-अलग समय क्षेत्रों में यात्रा करने से आपके शरीर का नींद चक्र बाधित हो सकता है और अनिद्रा को जन्म दे सकता है।
अस्वस्थ नींद की आदतें – नींद की आदतें जैसे कि सोने से पहले खाना, बहुत ज्यादा टेलीविजन देखना, काम के दौरान अपने बिस्तर का उपयोग करना, सोने का वातावरण सही ना होना, सोने से पहले उत्तेजनाओं वाले कम करना, अनियमित सोने के समय अनिद्रा पैदा कर सकता है।
मानसिक समस्याएं – जैसे पोस्ट ट्रामाटिक तनाव विकार या चिंता विकार जैसे विकार भी अनिद्रा को गति प्रदान कर सकते हैं।
दवाएं – चिकित्सकीय दवाओं और रक्तचाप और अस्थमा के इलाज में इस्तेमाल होने वाली कुछ दवाएं भी अनिद्रा पैदा कर सकती हैं।
अन्य विकार – अल्जाइमर रोग, पार्किंसंस की बीमारी, अतिरक्त थायरॉयड, गैस्ट्रो इफोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी), अस्थमा, हृदय रोग, मधुमेह, कैंसर और पुराने दर्द जैसी चिकित्सा स्थितियां भी अनिद्रा को उत्पन्न कर सकती हैं।
अनिद्रा के लक्षण – Insomnia Symptoms in Hindi
- रात में सोने में कठिनाई होना
- रात के दौरान जागते रहना
- दैनिक कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने में समस्या होना
- नींद और थकान महसूस करना बहुत जल्दी उठना
अनिद्रा के प्रकार – Types of Insomnia in Hindi
नींद न आने की समस्या या अनिद्रा के कुछ प्रकार होते हैं जो निम्न हैं –
शोर्ट टर्म एक्यूट इनसोमनिया – Short-Term (Acute) Insomnia in Hindi
यह कुछ दिनों से कुछ हफ्तों तक रहता है और 3 हफ्तों से ज़्यादा समय तक नहीं रहता। जो की आमतौर पर एक दर्दनाक घटना के प्रभाव या तनाव के कारण हो सकता है।
इसके आलावा तनाव या जीवन में किसी प्रकार का फेरबदल होना। टेम्पररी इन्सोमनिया हो सकता है और कई दूसरे कारणों से भी अनिद्रा रोग हो सकता है जैसे बहुत काम करना ,बहुत घूमना ,वातावरण में बदलाव। इन स्थितियों मे व्यक्ति को किसी चिकित्सा की ज़रूरत नहीं होती।
(और पढ़ें – गहरी और अच्छी नींद लेने के लिए घरेलू उपाय)
क्रानिक दीर्घावधि इनसोमनिया – Chronic (Long Term) Insomnia in Hindi
यह एक महीने से भी अधिक लम्बा हो सकता है यह तब होता है जब व्यक्ति में कुछ परेशानियां पायी जाती हैं जैसे सोने में परेशानी होना। कई रातों तक जागने के बाद सोना। या कुछ दवाओं के साइडइ फेक्ट्स मरीज़ यह सोच कर परेशान रहता है कि उसकी नींद पूरी नहीं हुई है।
(और पढ़ें – गहरी और अच्छी नींद लेने के तरीके)
इनसोमनिया से बचने के तरीके – Ways To Avoid Insomnia in Hindi
- अनिद्रा से बचाव इस बात पर निर्भर करता है की मरीज किस प्रकार से अपने आप को आराम दे सकता है। कुछ सामान्य बदलाव हर उम्र के अनिद्रा के मरीज़ों के लिए लाभदायक होते हैं।
- सही समय पर उठना और सही समय पर सोना।
- सोने तभी जाये जब आपको लगने लगे की आपको नींद आ रही है।
- सोते हुए अपने आप को रिलेक्स छोड़ दें इससे आपको तनाव से आराम मिलता है और जल्दी नींद आती है।
- अनिद्रा से बचने के लिए शाम के समय का व्यायाम एक अच्छा विकल्प होता है।
- अपने सोने के कमरे का वातावरण साफ रखे कमरे में जादा वस्तुओं को न रखे।
- सोने से दो घंटे पहले भोजन कर लें।
- इनसोमनिया से बचने के लिए मोबाइल और इन्टरनेट का इस्तेमाल सोने से पहले ना करें।
- हलकी नीली लाइट में जल्दी नींद आती है इसका उपयोग आप अपने सोने वाले कमरे में कर सकते है।
- साइकालाजिस्ट की मदद से इन्सोमनिया के भावुक कारणों पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
- तथा कुछ स्थितियां एसी होती है जिसमें मरीज़ के लिए दवाएं लेना भी ज़रूरी हो जाता है लेकिन दवाएं भी सावधानी से लेनी चाहिए।
Leave a Comment