Laser eye surgery in Hindi जानिए लेजर आई सर्जरी कराने की प्रक्रिया, यह कैसे होती है,फायदे, नुकसान और कीमत – Laser eye surgery (LASIK) process, benefits, side effects and cost in Hindi लेजर आई सर्जरी आंखों की रोशनी को ठीक करने की एक सामान्य लेजर आई प्रणाली है। इसे अंग्रेजी में लेजर-इन-सिटू-किरेटोमिल्यूसिस अर्थात् लेसिक (LASIK) कहा जाता है। लेजर आई सर्जरी के दौरान नेत्र सर्जन आंख की कॉर्निया में एक सिरे से दूसरे सिरे तक चीरा लगाते हैं और लटके हुए (flap) उत्तकों को ऊपर उठाते हैं एवं आंखों को फिर से नयी रोशनी देने का कार्य करते हैं।
लेसिक लेजर आई सर्जरी का उपयोग दूर दृष्टिदोष और निकट दृष्टि दोष को दूर करने के लिए किया जाता है। लेकिन जिन व्यक्तियों के आंखों की रोशनी अत्यधिक कम हो उनके लिए यह प्रणाली उपयोगी नहीं होती है। लेजर आई सर्जरी कराने के बाद भी 3 मरीजों में से एक मरीज को चश्मा लगाने की जरूरत पड़ती है, विशेष रूप से रात में वाहन चलाते समय।
विषय सूची
1. लेजर आई सर्जरी कराने की प्रक्रिया – Procedure of laser eye surgery in Hindi
2. लेजर आई सर्जरी के फायदे – Benefits of laser eye surgery in Hindi
3. लेजर आई सर्जरी कराने के नुकसान – Side effects of laser eye surgery in Hindi
4. लेजर आई सर्जरी कराने की कीमत – Cost of laser eye surgery in Hindi
लेजर आई सर्जरी कराने की प्रक्रिया – Procedure of laser eye surgery in Hindi
लेजर आई सर्जरी की पूरी प्रक्रिया (procedure) में लगभग 15 मिनट का समय लगता है और कुल मिलाकर मरीज को सिर्फ एक से दो घंटे ही डॉक्टर के पास रहना पड़ता है। सर्जरी होने के बाद मरीज को अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है। सर्जरी के बाद आंखों को सामान्य होने में लगभग 8 घंटे का समय लगता है। कुछ मामलों में आंखों को पूरी तरह से ठीक होने में कई महीने लग जाते हैं।
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आइये जानते हैं कि लेजर आई सर्जरी की प्रक्रिया क्या है-
- लेजर आई सर्जरी करने से पहले आंखों को सुन्न करने के लिए मरीज की आंखों में आई ड्रॉप डाला जाता है।
- इसके बाद नेत्र सर्जन मरीज को कुछ दवाएं खाने के लिए देते हैं। इसके बाद मरीज को सर्जिकल कुर्सी पर बैठाया जाता है। इसके बाद डॉक्टर मरीज की आंखों की पलकों (eyelids) को लिड स्पेकुलम( lid speculum) नामक उपकरण से झपकने से रोकते हैं।
- लेजर आई सर्जरी की अगली प्रक्रिया में डॉक्टर मरीज के आंखों की कॉर्निया तक पहुंचते हैं।
- इसके बाद आंखों को स्थिर रखने के लिए एक डिवाइस का उपयोग किया जाता है।
- जिससे मरीज को आंखों पर सामान्य रूप से एक हल्के दबाव का अनुभव होता है।
- सर्जन आंखों की कॉर्निया में एक पतला फ्लैप बनाते हैं जो अस्थायी रूप से मोड़ा जा सके।
- इसके बाद एक कंप्यूटर नियंत्रित एक्सीमर लेजर (excimer laser) का उपयोग किया जाता है जिससे आंखों पर सीधे प्रकाश स्पंदित किया जाता है और कॉर्निया को दोबारा से नई आकृति (reshape) प्रदान की जाती है।
- इस दौरान आंखों में हल्का दबाव महसूस होता है लेकिन किसी तरह का दर्द नहीं होता है। इस उपकरण से क्लिक की ध्वनि आती है।
- लेजर आई सर्जरी की प्रक्रिया के अंतिम चरण में सर्जन कॉर्नियल फ्लैप (corneal flap) को पुनर्स्थापित करते हैं। यह स्वाभाविक रूप से उसी जगह पर रहता है और कुछ घंटों में ठीक होना शुरू हो जाता है।
इसके बाद सर्जन मरीज की आंखों का दोबारा से परीक्षण करते हैं। परीक्षण करने के बाद मरीज को घर जाने की इजाजत मिल जाती है। हालांकि सर्जरी के तत्काल बाद आप खुद वाहन नहीं चला सकते हैं। सर्जरी के बाद आप आंखों में खुजली, हल्का जलन (mild irritation) और असामान्य रूप से आंसू निकलने का अनुभव कर सकते हैं। लेकिन यह आंखों के ठीक होने का लक्षण होता है जो स्थायी नहीं होता है।
लेजर आई सर्जरी के फायदे – Benefits of laser eye surgery in Hindi
लेजर सर्जरी आंखों की रोशनी को सुधारने के लिए किया जाता है। लेसिक लेजर सर्जरी कराने के बाद लगभग 96 प्रतिशत मरीजों को मनचाही रोशनी मिल जाती है।
आइये जानते हैं कि लेजर आई सर्जरी के फायदे क्या हैं-
- यह साबित हो चुका है कि लेजर आई सर्जरी ज्यादातर मामलों में आंखों की रोशनी को बेहतर बनाने में प्रभावी रूप से काम करती है।
- लेसिक लेजर आई सर्जरी के दौरान मरीज को बहुत ही कम दर्द होता है।
- लेजर आई सर्जरी के तुरंत बाद या एक दिन बाद ही आंखों की रोशनी पहले से बेहतर हो जाती है।
- सर्जरी के बाद आंखों में तेजी से सुधार होता है और आंखों पर किसी तरह की पट्टी लगाने की जरूरत नहीं होती है।
- लेजर सर्जरी के बाद आंखों में सुधार लाने के लिए मरीज को लंबे समय तक किसी तरह का चश्मा (eyeglasses) पहनने की जरूरत नहीं होती है।
- लेजर सर्जरी कराने के कई वर्षों बाद यदि उम्र बढ़ने के साथ आंखों की रोशनी में परिवर्तन होता है तब भी इसमें सुधार किया जा सकता है।
- laser eye surgery पूरी तरह से सुरक्षित है और नेत्र सर्जन सिर्फ उन्हीं मरीजों के आंखों की लेजर सर्जरी करते हैं जो इस सर्जरी को कराने के लिए उपयुक्त हों। इसलिए इसमें खतरे की संभावना कम होती है।
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लेजर आई सर्जरी कराने के नुकसान – Side effects of laser eye surgery in Hindi
- लेजर सर्जरी के दौरान आंखों की कॉर्निया में जो परिवर्तन (changes) किया जाता है उसे फिर से उसी अवस्था में नहीं लाया जा सकता है।
- laser eye surgery लेजर आई सर्जरी तकनीकी रूप से एक जटिल प्रक्रिया है। इस सर्जरी में समस्या तब आ सकती है जब डॉक्टर कॉर्निया के लटके हुए उत्तकों को काटते हैं, इस दौरान हमेशा के लिए आंखों की रोशनी जाने का भी खतरा रहता है।
- आंखों की लेजर सर्जरी के कुछ दुर्लभ मामलों में मरीज के आंखों की वास्तविक रोशनी हमेशा के लिए खत्म हो सकती है और उसे सर्जरी के बाद भी चश्मा लगाना पड़ सकता है।
- हर व्यक्ति लेजर आई सर्जरी नहीं करा सकता है और आंखों का प्रत्येक डॉक्टर लेजर सर्जरी प्रणाली में दक्ष भी नहीं होता है इसलिए बिना-सोचे समझे सर्जरी कराने से आंखें प्रभावित हो सकती हैं।
- लेजर सर्जरी कराने के पहले 24 से 48 घंटों में कुछ मरीजों को अत्यधिक बेचैनी हो सकती है।
- सर्जरी के बाद रात में वाहन चलाने में परेशानी, आंखों में चमक, आंखें शुष्क होना और एक साथ एक ही वस्तु के कई प्रतिबिंब दिखाई दे सकते हैं।
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लेजर आई सर्जरी कराने की कीमत – Cost of laser eye surgery in Hindi
अलग-अलग देशों में लेजर आई सर्जरी कराने की कीमत भिन्न-भिन्न है। भारत में औसतन 20 हजार रूपये से 30 हजार रूपये के बीच लेजर आई सर्जरी आसानी से हो जाती है। इसके अलावा भारत के ही कुछ शहरों में लेजर आई सर्जरी कराने में 30 हजार से 36 हजार तक का खर्च आता है। आप किसी अच्छे लेजर आई सेंटर में जाकर नेत्र सर्जन से अपने आंखों की सर्जरी करा सकते हैं। प्रत्येक स्थान पर कीमत अलग-अलग हो सकती है जो लाखों में भी हो सकती है।
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