स्कर्वी (Scurvy Rog) विटामिन सी की कमी से होने वाला रोग है जो किसी भी उम्र में लोगों को प्रभावित कर सकता है। यह रोग आहार में विटामिन सी से समृद्ध पोषक तत्वों में कमी के कारण होता है। स्कर्वी रोग मुख्य रूप से हड्डियों, रक्त वाहिकाओं और शरीर के ऊतकों को प्रभावित करता है। अतः इसके जोखिमों से बचने के लिए इलाज उचित समय पर आवश्यक रूप से किया जाना चाहिए। इस लेख में आप जानेगे स्कर्वी रोग क्या है, स्कर्वी रोग के लक्षण, स्कर्वी रोग किसकी कमी से होता है, कारण, जांच, इलाज,और बचाव के उपाय के बारे में।
1. स्कर्वी क्या है – What is scurvy in Hindi
2. स्कर्वी रोग के लक्षण – scurvy Symptoms in Hindi
3. स्कर्वी रोग के कारण और जोखिम कारक – scurvy Causes and Risk factors in Hindi
4. शिशुओं में स्कर्वी रोग के लक्षण – Scurvy in infants in Hindi
5. स्कर्वी रोग की जटिलताएं – Scurvy Disease Complications In Hindi
6. स्कर्वी रोग का निदान – Scurvy Diagnosis In Hindi
7. स्कर्वी के उपचार – Scurvy Treatment In Hindi
8. स्कर्वी रोग से कैसे बचा जा सकता है – How To Prevent Scurvy In Hindi
9. विटामिन सी की दैनिक अनुशंसित आवश्यकता – Daily recommended vitamin C in Hindi
10. विटामिन सी के स्रोत – Sources of vitamin C in Hindi
स्कर्वी क्या है – What is scurvy in Hindi
स्कर्वी (Scurvy), मानव शरीर में विटामिन सी की कमी के कारण होने वाला रोग है। यह एनीमिया, डिबिलिटी (debility), थकावट, सहज रक्तस्राव, अंगों में दर्द, शरीर के कुछ हिस्सों विशेष रूप से पैर में सूजन और कभी-कभी मसूड़ों तथा दांतों के नुकसान का कारण बन सकता है।
विटामिन सी, जिसका रासायनिक नाम एस्कॉर्बिक एसिड (ascorbic acid) है, एक आवश्यक पोषक तत्व है जिसे आहार से प्राप्त किया जाता है। यह शारीरिक संरचनाओं और प्रक्रियाओं के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
यह कोलेजन (Collagen) नामक प्रोटीन का निर्माण करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कोलेजन (Collagen) हड्डियों, रक्त वाहिकाओं और शरीर के ऊतकों में पाया जाता है, जो संरचना और स्थिरता प्रदान करने में मदद करता है।
विटामिन सी मानव शरीर के अंदर महत्वपूर्ण कार्यों को संपन्न करने में अपनी भूमिका निभाता है, जैसे:
- कोलेस्ट्रॉल और प्रोटीन का चयापचय (metabolism) करने में।
- आयरन के अवशोषण में सहायक होता है।
- एंटीऑक्सीडेंट की तरह कार्य करता है।
- जख्म भरने में सहायक होता है।
- डोपामाइन (dopamine) और एपिनेफ्रीन (epinephrine) जैसे न्यूरोट्रांसमीटर का निर्माण करने में सहायक होता है।
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स्कर्वी रोग के लक्षण – scurvy Symptoms in Hindi
विटामिन सी, शरीर की आयरन अवशोषित करने की क्षमता में वृद्धि करने और कोलेजन (Collagen) का उत्पादन करने में मदद करता है। यदि विटामिन सी का पर्याप्त मात्रा में सेवन न किया जाये तो शरीर पर्याप्त कोलेजन (Collagen) का उत्पादन नहीं करता है, जिससे ऊतक टूटने लगते हैं।
निरंतर विटामिन सी की कमी के चलते, कम से कम चार सप्ताह बाद स्कर्वी (Scurvy) रोग के लक्षण प्रगट होते हैं। हालांकि लक्षणों को विकसित होने के लिए तीन महीने या उससे अधिक समय लग सकता है।
स्कर्वी (Scurvy) रोग से पीड़ित व्यक्ति में निम्न प्रारंभिक लक्षणों को देखा जा सकता हैं, जैसे:
लगातार विटामिन सी की कमी का एक से तीन महीने तक इलाज न किए जाने पर स्कर्वी (Scurvy) के लक्षणों में निम्न कारक शामिल हैं:
- दांत में सड़न (tooth decay) उत्पन्न होना
- दांतों में कमी (tooth loss)
- संवेदनशील जोड़ों में सूजन
- श्वसन दर में कमी (shortness of breath)
- छाती में दर्द
- आँखों की सूखापन, जलन और आंखों के सफेद भाग में से रक्त का निकलना (haemorrhaging)
- प्रतिरक्षा प्रणाली में कमी
- एनीमिया (anemia), (रक्त में पर्याप्त लाल रक्त कोशिकाओं या हीमोग्लोबिन (haemoglobin) की कमी के कारण)
- गिंगिवाइटिस (gingivitis) या लाल, मुलायम मसूड़ों से खून बहना
- त्वचा से रक्तस्राव (skin hemorrhages) या त्वचा के नीचे खून का बहाव
- पैरों और पंजों पर लाल नीले रंग से काले नीले रंग के समान चोट के निशान आना
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स्कर्वी रोग के कारण और जोखिम कारक – scurvy Causes and Risk factors in Hindi
स्कर्वी रोग (scurvy rog) का मुख्य कारण विटामिन सी या एस्कॉर्बिक एसिड (ascorbic acid) का अपर्याप्त मात्रा में सेवन है। अतः स्कर्वी या विटामिन सी की कमी के जोखिम को बढ़ाने वाले कारणों में शामिल हैं:
- बहुत कम उम्र या 65 वर्ष से अधिक उम्र वाले व्यक्तिओं में विटामिन सी से समृद्ध आहार के सेवन में कमी के कारण
- अत्यधिक शराब के सेवन से
- अवैध दवाओं (illegal drugs) का उपयोग करने पर
- पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन न करने से
- ऐसे क्षेत्रों में रहना, जहाँ ताजे फल और सब्जियों की प्राप्ति सीमित मात्रा में होती हो
- लम्बे समय तक दस्त
- निर्जलीकरण
- धूम्रपान सेवन से
- कीमोथेरेपी (hemotherapy) और विकिरण थेरेपी (radiation therapy) उपचार के प्रभाव के कारण
- डायलिसिस (dialysis) और गुर्दे की विफलता (kidney failure) की स्थिति
- एनोरेक्सिया (anorexia) और अन्य मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी बीमारियां
- अकाल जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण
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शिशुओं में स्कर्वी रोग के लक्षण – Scurvy in infants in Hindi
स्कर्वी (Scurvy) से प्रभावित शिशुओं में निम्न लक्षण देखे जा सकते हैं:
- चिड़चिड़ाहट,
- चिंतित (anxious) या बेचैन,
- शारीरिक कमज़ोरी,
- हड्डियों में फ्रैक्चर
- हेमोरेजिंग (haemorrhaging) या रक्तस्राव से ग्रस्त
- वे शक्तिहीन या लकवा जैसी स्थिति को प्रगट कर सकते हैं।
- स्कर्वी से प्रभावित शिशु को प्रसन्न या शांत कराना मुश्किल होता है।
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शिशुओं में स्कर्वी रोग के लिए निम्न जोखिम कारक हो सकते है:
- कुपोषित (malnourished) मां के कारण।
- वाष्पित (evaporated) या उबला हुआ दूध पिलाने से।
- पोषण में कठिनाई (difficulty nursing)
- पाचन या अवशोषण से सम्बंधित समस्याएँ।
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स्कर्वी रोग की जटिलताएं – Scurvy Disease Complications In Hindi
विटामिन सी की कमी का लम्बे समय तक इलाज न किए जाने पर स्कर्वी (Scurvy) रोग से जुड़ी जटिलताएं निम्न हैं:
- पेशी-स्फुरण के साथ बेहोशी और ऐंठन (convulsions)
- अंगो की विफलता (organ failure)
- प्रलाप (डेलेरियम) (delirium)
- विकलांग
- कोमा (coma) की स्थिति
- मृत्यु
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स्कर्वी रोग का निदान – Scurvy Diagnosis In Hindi
यदि किसी व्यक्ति को लक्षणों को देखकर लगता है कि उसे स्कर्वी रोग (scurvy) है, तो मरीज को तुरंत डॉक्टर की सहायता लेनी चाहिए। डॉक्टर व्यक्ति के रोग का निदान करने के लिए आहार योजना और चिकित्सकीय इतिहास के बारे में प्रश्न पूछ सकता है। आहार योजना की सही जानकारी स्कर्वी (scurvy) के निदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
इसके अतिरिक्त डॉक्टर मरीज का शारीरिक परीक्षण कर सकता है और रोग की स्थिति का सही अनुमान लगाने के लिए रक्त परीक्षण का आदेश दे सकता है। मरीज के शरीर में विटामिन सी की कमी का निदान करने के लिए रक्त परीक्षण अतिआवश्यक होता है। मरीज के रक्त नमूने में विटामिन सी के स्तर की जांच कर प्राप्त परिणामों के आधार पर स्कर्वी रोग (scurvy) का निदान कर लिया जाता है। यदि रक्त में 11 µmol/L (Micromole/liter) से कम विटामिन सी स्तर पाया जाता है, तो वह व्यक्ति स्कर्वी रोग (scurvy) से पीड़ित होता है।
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स्कर्वी के उपचार – Scurvy Treatment In Hindi
स्कर्वी रोग के लक्षण सामान्य से बहुत गंभीर हो सकते हैं, अतः इसका इलाज करना अति आवश्यक होता है हालांकि स्कर्वी का इलाज काफी सरल होता है।
Scurvy (स्कर्वी) का उपचार करने के लिए डॉक्टर मरीज को दवाओं के रूप में या इंजेक्शन द्वारा विटामिन सी की खुराक देने की सिफारिश कर सकता है। अधिकांश मल्टीविटामिन (multivitamins) में यह विटामिन प्रचुर मात्रा में शामिल होता है, जिसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर किया जा सकता है।
इसके अलावा डॉक्टर मरीज को विटामिन सी से समृद्ध आहार का सेवन करने की सलाह दे सकते हैं। यदि आहार में बदलाव किए जाने के कुछ दिनों के बाद भी लक्षणों में कमी न होने पर डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
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स्कर्वी रोग से कैसे बचा जा सकता है – How To Prevent Scurvy In Hindi
स्कर्वी (scurvy) की रोकथाम के लिए पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी का उपभोग किया जाना चाहिए, विटामिन सी की पूर्ति आहार के रूप में या कभी-कभी सप्लीमेंट (supplement) के रूप में भी की जा सकती है।
धूम्रपान और शराब के अत्यधिक सेवन पर रोक लगाई जानी चाहिए।
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विटामिन सी की दैनिक अनुशंसित आवश्यकता – Daily recommended vitamin C in Hindi
डॉक्टर द्वारा दैनिक विटामिन सी की सिफारिश आयु, लिंग और अन्य स्वास्थ्य स्थितियों को ध्यान में रखते हुए की जाती हैं। आमतौर पर किसी सामान्य व्यक्ति के लिए सिफारिश की गई दैनिक निम्न है:
- 6 महीने तक के बच्चों के लिए – 40 मिलीग्राम / दिन
- 7 से 12 महीने तक के बच्चों के लिए – 50 मिलीग्राम / दिन
- 1 से 3 साल के बच्चों के लिए – 15 मिलीग्राम / दिन
- 4 से 8 साल के बच्चों के लिए – 25 मिलीग्राम / दिन
- 9 से 13 साल के महिलाओं और पुरुषों के लिए – 45 मिलीग्राम / दिन
- 14 से 18 साल के महिलाओं और पुरुषों के लिए क्रमशः – 65मिलीग्राम और 75मिलीग्राम/ दिन
- 19 से अधिक उम्र के पुरुषों के लिए – 90 मिलीग्राम / दिन
- 19 से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए – 75 मिलीग्राम/ दिन
गर्भावस्था के दौरान, महिलाओं को 85 मिलीग्राम / दिन विटामिन सी का उपभोग करना चाहिए, जबकि स्तनपान कराने के दौरान 120 मिलीग्राम / दिन तक सेवन उपयोग किया जा सकता है।
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विटामिन सी के स्रोत – Sources of vitamin C in Hindi
संतरा, नींबू और अन्य साइट्रस फल (Citrus fruits), आमतौर पर स्कर्वी (scurvy) के जोखिमों को कम करने और इसका इलाज करने के लिए उपयोग किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त अनेक फलों और सब्जियों में नींबू की तुलना में अधिक विटामिन सी की मात्रा पाई जाती है। जूस और अनाज जैसे कई खाद्य पदार्थों में भी विटामिन सी शामिल होता है। अतः स्कर्वी रोग (scurvy) से पीड़ित व्यक्तियों को विटामिन सी की कमी को पूरा करने के लिए निम्न खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए:
- शिमला मिर्च
- अमरुद और पपीता
- पत्तेदार सब्जियां जैसे- काले (kale), पालक आदि
- ब्रोकोली (broccoli)
- ब्रसेल्स स्प्राउट्स (Brussels sprouts)
- कीवी फल (kiwi fruits)
- जामुन, (स्ट्रॉबेरी, और ब्लैकबेरी)
- आम और संतरे
- टमाटर
- हरी मटर
- आलू
- गोभी
विटामिन सी पानी में घुल जाता है, अतः मानव शरीर इस विटामिन को लम्बे समय तक स्टोर करके नहीं रख पाता है। अतः इसका सेवन दैनिक आहार के रूप में किया जाना चाहिए।
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