Homosexuality in Hindi समान लिंग के प्रति आकर्षण समलैंगिकता (homosexuality) कहलाती है। हमारे देश (भारत) में समलैंगिकता को गलत नहीं माना जाता है, और दूसरे कुछ देशों में समलैंगिकता वैध है और दो समलैंगिक व्यक्ति एक दूसरे के साथ रह सकते हैं। भारत में भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के तहत समलैंगिकता को कानूनी मान्यता दे दी गयी है। इस आर्टिकल में आप जानेंगे समलैंगिकता क्या होती है, समलैंगिकता के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में।
विषय सूची
1. समलैंगिकता (होमोसेक्सुअलिटी) क्या है? – What is Homosexuality in Hindi
2. समलैंगिकता (होमोसेक्सुअलिटी) के कारण – Causes of Homosexuality In Hindi
3. पुरुषों में समलैंगिकता या गे होने के कारण – Causes of Homosexuality In Male In Hindi
4. महिलाओं में समलैंगिकता या लेस्बियन होने के कारण – Causes of Homosexuality In Female In Hindi
5. समलैंगिकता (होमोसेक्सुअलिटी) के लक्षण – Symptoms of Homosexuality In Hindi
6. समलैंगिकता (होमोसेक्सुअलिटी) का इलाज – Treatment of Homosexuality in Hindi
समलैंगिकता (होमोसेक्सुअलिटी) क्या है? – What is Homosexuality in Hindi
वास्तव में समलैंकिता या होमोसेक्सुअलिटी अंग्रेजी के दो शब्दों होमो और सेक्सुअल से मिलकर बना है। जहां होमों का अर्थ समान और सेक्लुअल का अर्थ लिंग से है। समलैंगिकता दो समान लिंग (same sex) के व्यक्तियों के बीच रोमांटिक आकर्षण, यौन आकर्षण और यौन व्यवहार की क्रिया है। सामान्य व्यक्ति की अपेक्षा समलैंगिक व्यक्ति के शरीर की बनावट में किसी भी तरह का अंतर नहीं होता है लेकिन उनके व्यवहार में अंतर जरूर होता है। उन्हें विपरीत लिंग के व्यक्ति में किसी भी तरह की दिलचस्पी नहीं होती है और संभवतः वे उनसे दूर रहने की भी कोशिश करते हैं।
समलैंगिकता कोई बीमारी (disorder) नहीं है लेकिन कुछ डॉक्टर इसे मानसिक विकार मानते हैं। यदि कोई पुरुष किसी पुरुष की तरफ आकर्षित है तो उसे गे (gay) और यदि कोई महिला किसी महिला की तरफ आकर्षित है तो उसे लेस्बियन (lesbian) कहा जाता है। संयुक्त रूप से दोनों को समलैंगिक कहा जाता है।
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समलैंगिकता (होमोसेक्सुअलिटी) के कारण – Causes of Homosexuality In Hindi
- समलैंगिकता के कारणों का पता लगाने के लिए की गई स्टडी में पाया गया है कि सिर्फ मनुष्य ही समलैंगिक नहीं होता है बल्कि चिंपैंजी, डॉल्फिन और पेंग्विन जैसे जानवर भी समलैंगिक होतै हैं। किसी व्यक्ति के समलैंगिक होने के पीछे का मुख्य कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है लेकिन वैज्ञानिक इस बात का दावा करते हैं कि आनुवांशिक कारणों और बच्चे के जन्म से पहले मां के गर्भ में हार्मोन के असंतुलन (imbalances) या गड़बड़ी के कारण बच्चे के समलैंगिक होने की संभावना हो सकती है।
- स्टडी में पाया गया है कि वातावरण का प्रभाव (environmental factor) भी व्यक्ति के समलैंगिक होने के पीछे जिम्मेदार होता है। वहीं कुछ डॉक्टर यह भी मानते हैं कि मानसिक समस्याओं के शिकार व्यक्ति या प्राकृतिक रूप (naturally) से शरीर में कोई गड़बड़ी होने पर व्यक्ति समलैंगिक हो जाता है।
- वैज्ञानिकों के अनुसार समलैंगिकता का एक कारण यह भी हो सकता है कि यदि किसी महिला की यौन इच्छा पति नहीं पूरा कर पाता है तो वह अपनी किसी महिला सहेली के प्रति आकर्षित हो सकती है।
- इसके अलावा महिला और पुरुष में समलैंगिक (homosexual) होने के कुछ अलग-अलग कारण होते हैं। आइये जानते हैं कि समलैंगिकता के पीछे अन्य क्या कारण होते हैं।
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पुरुषों में समलैंगिकता या गे होने के कारण – Causes of Homosexuality In Male In Hindi
- पुरुषों के सेक्स हार्मोन में परिवर्तन के कारण उनमें समलैंगिकता विकसित होने लगती है।
- यदि पुरुष अपनी पत्नी द्वारा ठुकरा (reject) दिया जाता है या कोई पुरुष लंबे समय तक अकेला रहता है तो वह समलैंगिक हो सकता है।
- बचपन में दोस्तों के साथ की गई गलत हरकतों (dirty things) के कारण भी कोई व्यक्ति समलैंगिक हो सकता है।
- किसी पुरुष दोस्त के प्रति अधिक लगाव और उसकी चिंता करने के कारण भी एक पुरुष अपने पुरुष मित्र के साथ समलैंगिक संबंध रख सकता है।
- जैविक कारणों से भी पुरुष में समलैंगिकता विकसित हो जाती है।
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महिलाओं में समलैंगिकता या लेस्बियन होने के कारण – Causes of Homosexuality In Female In Hindi
- महिलाओं के शरीर में मेल हार्मोन (male hormone) का अधिक मात्रा में बनने के कारण कोई महिला समलैंगिक या लेस्बियन हो सकती है।
- सेक्स हार्मोन में परिवर्तन के कारण भी महिला लेस्बियन (lesbian) हो सकती है।
- पीसीओएस नामक बीमारी के कारण भी महिलाओं में समलैंगिकता का भाव पैदा हो जाता है।
- पीरियड बहुत अधिक देर से आना या अनियमित होना, हार्मोन में उतार चढ़ाव (fluctuation), बच्चे को जन्म देने के लिए पर्याप्त हार्मोन का शरीर में न बनना आदि कारण से भी कोई महिला समलैंगिक हो सकती है।
- बचपन से किसी लड़की की परवरिश लड़कों की तरह करने और उन्हें लड़कों के काम करवाने की आदत डलवाने के कारण भी ऐसी लड़कियों में लड़कों के गुण विकसित होने लगते हैं जिसके कारण वह लड़की की तरफ आकर्षित होने लगती है।
- किसी सहेली से अधिक जुड़ा, उसे लेकर जरूरत से ज्यादा चिंतित होना, उसके बिना रह न पाना, और सहेली के साथ की गई गलत हरकतें भी समलैंगिकता का कारण होती हैं।
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समलैंगिकता (होमोसेक्सुअलिटी) के लक्षण – Symptoms of Homosexuality In Hindi
- यदि कोई पुरुष समलैंगिक है तो वह पुरुष की ओर और यदि कोई महिला समलैंगिक (homosexual)है तो वह महिला की तरफ आकर्षित होगी।
- समलैंगिक होने का एक लक्षण यह भी है कि पुरुष अपने पुरुष मित्र (male friend) के साथ और महिला अपनी सहेली के साथ अंतरंग संबंध स्थापित करने की कोशिश करेगी।
- किसी पार्टी या समारोह में समलैंगिक पुरुष को महिलाओं के बीच घबराहट (irritation) हो सकती है और समलैंगिक महिला को पुरुषों के बीच घबराहट हो सकती है।
- यदि कोई व्यक्ति गे या समलैंगिक है तो वह अपने पुरुष मित्र को एकटक नजरों से निहारेगा और उसके सुंदरता की तारीफ ऐसे करेगा जो सुनने में सामान्य नहीं लगेगा। ठीक यही लक्षण लेस्बियन या समलैंगिक महिला में भी दिखायी देंगे।
- लेस्बियन महिला अपनी महिला मित्र को और गे पुरुष अपने पुरुष मित्र के अधिक करीब आने का मौका ढूंढता रहेगा और कभी-कभी सार्वजनिक जगहों पर भी ये एक दूसरे का हाथ पकड़ने, चूमने (kissing) और यहां तक कि बेहद करीब आने से खुद को रोक नहीं पाते हैं।
- यदि कोई पुरुष समलैंगिक है तो वह अपने पुरुष मित्र के अंगों से संबंधित अंतरंग बातें और महिला अपनी महिला मित्र के अंगों से संबंधित अंतरंग बातें करेगी।
- समलैंगिकता का एक बड़ा लक्षण यह भी है कि समलैंगिक लोगों को अपने विपरीत लिंग (opposite sex) के लोगों में कोई दिलचस्पी दिखायी नहीं देती है और वह समलिंगी को ही देखते, आकर्षित और मोहित होते रहते हैं।
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समलैंगिकता (होमोसेक्सुअलिटी) का इलाज – Treatment of Homosexuality in Hindi
चूंकि समलैंगिकता कोई बीमारी नहीं है और यह प्राकृतिक रूप से व्यक्ति में विकसित होती है इसलिए ज्यादातर समलैंगिक व्यक्ति इसके इलाज के बारे में नहीं सोचते हैं। माना जाता है कि समलैंगिकता का इलाज संभव नहीं है और न ही कोई इलाज उपलब्ध है। लेकिन डॉक्टरों ने समलैंगिकता (homosexuality) के इलाज के लिए कुछ नए उपाय खोज निकाले हैं। डॉक्टरों का दावा है कि समलैंगिक व्यक्ति को हार्मोन थेरेपी और इलेक्ट्रानिक शॉक देकर इस समस्या को दूर किया जा सकता है। कुछ डॉक्टर इसे मानसिक विकार (mental disorder) मानते हैं और उसी आधार पर इसका इलाज करने का प्रयत्न करते हैं।
लेकिन वास्तव में देखा जाए तो समलैंगिकता को ठीक नहीं किया जा सकता है। जहां तक थेरेपी की बात है तो कुछ समलैंगिकों को टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की थेरेपी दी जाती है। इसके अलावा उन्हें अपने विपरीत लिंग के व्यक्तियों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने और उनके बारे में जानने की सलाह दी जाती है।
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