उच्च रक्तचाप जिसे हाइपरटेंशन के नाम से भी जाना जाता है। यह समस्या कई सालों के दौरान शरीर में धीरे-धीरे विकसित होती है। आमतौर पर इसके कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं, लेकिन लक्षणों के बिना भी उच्च रक्तचाप की समस्या रक्त वाहिकाओं और कुछ अंगों विशेष रूप से मस्तिष्क, दिल, गुर्दे और आंखों को नुकसान पहुंचा सकती है। कभी कभी हाई ब्लड प्रेशर गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं को जन्म दे सकता है और हृदय रोग, स्ट्रोक और कभी-कभी मृत्यु के जोखिम को भी बढ़ा सकता है। अतः हाई बीपी (उच्च रक्तचाप) की प्रारंभिक पहचान कर इलाज प्राप्त करना महत्वपूर्ण है।
इस लेख के माध्यम से आप हाइपरटेंशन क्या है, हाई ब्लड प्रेशर के कारण, लक्षण, जाँच, इलाज और बचाव के बारे में जानेगें। इसके साथ ही आप जानेंगें हाई ब्लड प्रेशर में क्या नहीं खाना चाहिए
विषय सूची
हाइपरटेंशन क्या है – High blood pressure in Hindi
हाई बीपी, हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप उस स्वास्थ्य समस्या को कहा जाता है, जब ब्लड प्रेशर सामान्य से बहुत अधिक होता है।
रक्तचाप या ब्लड प्रेशर, शरीर की धमनियों और रक्त वाहिकाओं की दीवारों पर रक्त परिसंचारी द्वारा लगाया जाने वाला बल है। ब्लड प्रेशर हृदय द्वारा पंप किए जाने वाले रक्त की मात्रा और धमनियों में रक्त प्रवाह के प्रतिरोध की मात्रा दोनों पर निर्भर करता है। हृदय जितना अधिक रक्त पंप करता है और धमनियां जितनी अधिक संकीर्ण होती हैं, आपका रक्तचाप उतना ही अधिक होता है। बिना किसी लक्षणों के व्यक्ति कई वर्षों तक उच्च रक्तचाप की समस्या से पीड़ित रह सकता है।
लंबे समय तक धमनियों पर दबाव बढ़ने से हृदय रोग सहित अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं। अगर उच्च रक्तचाप का इलाज नहीं किया जाता है, तो इससे दिल के दौरे और स्ट्रोक सहित अन्य कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
हाई बीपी (उच्च रक्तचाप) के लक्षण – Symptoms of High BP (Hypertension) in Hindi
हाइपरटेंशन आमतौर पर एक मूक स्थिति (silent condition) होती है। बहुत से लोगों को इसके किसी भी लक्षणों का अनुभव नहीं होता है। इस स्थिति के लक्षणों का पता लगाने में सालों लग सकते है। फिर भी गंभीर उच्च रक्तचाप की स्थिति में निम्न लक्षणों का अनुभव किया जा सकता है, जैसे:
- सिर दर्द
- साँस लेने में परेशानी
- चक्कर आना
- छाती में दर्द
- नकसीर (nosebleeds) या नाक से खून आना
- नजर में परिवर्तन
- मूत्र में खून आना
- नींद न आने की समस्या
इन लक्षणों के दिखने पर तत्काल उपचार (immediate treatment) की आवश्यक्ता होती है। ये लक्षण हर किसी व्यक्ति में उच्च रक्तचाप का संकेत नहीं होते हैं, लेकिन इस स्थिति के लक्षण का इंतजार करना घातक हो सकता है।
उच्च रक्तचाप की रीडिंग को कैसे समझें – How to understand high blood pressure reading in Hindi
रक्तचाप या ब्लड प्रेशर को दो संख्याओं के रूप में लिखा जाता है:
- सिस्टोलिक दबाव (Systolic pressure) : यह पहली या सबसे ऊपर की संख्या होती है। जब दिल धड़कता है और रक्त को पंप करता है तो यह संख्या धमनियों में दबाव को दर्शाती है।
- डायस्टोलिक दबाव (Diastolic pressure) : यह दूसरी या सबसे नीचे की संख्या होती है। यह धड़कनों के बीच जब दिल आराम करता है तब धमनियों में प्रेशर को दर्शाती है।
नार्मल ब्लड प्रेशर रेंज कितना होना चाहिए – Normal blood pressure range kitna hona chahiye
ब्लड प्रेशर रेंज के लिए पांच श्रेणियां को परिभाषित किया गया हैं-
- सामान्य रक्तचाप (Healthy) : एक स्वस्थ्य रक्तचाप रीडिंग 120/80 mm Hg (मिलीमीटर ऑफ़ मरकरी) से कम होती है।
- सामान्य से जादा रक्तचाप (Elevated) : उच्च रक्तचाप की स्थिति में सिस्टोलिक संख्या 120 से 129 mm Hg के बीच होती है, और डायस्टोलिक संख्या 80 mm Hg से कम होती है। इस प्रकार के उच्च रक्तचाप को प्रीहाइपरटेंशन भी कहा जा सकता है। डॉक्टर आमतौर पर दवा के साथ इस प्रकार के उच्च रक्तचाप का इलाज नहीं करते हैं। इसके बजाए आपका डॉक्टर आपकी जीवनशैली में बदलावों को प्रोत्साहित कर सकता है ताकि आपका रक्तचाप नियंत्रित हो सकें।
- स्टेज 1 हाइपरटेंशन (Stage 1 hypertension) : उच्च रक्तचाप की स्टेज 1 में सिस्टोलिक संख्या 130 से 139 mm Hg के बीच होती है, और डायस्टोलिक संख्या 80 से 89 mm Hg के बीच प्राप्त होती है।
- स्टेज 2 हाइपरटेंशन ( (Stage 2 hypertension) : हाई ब्लड प्रेशर की स्टेज 2 में सिस्टोलिक संख्या 140 mm Hg या उससे अधिक प्राप्त होती है और डायस्टोलिक संख्या 90 mm Hg या इससे अधिक होती है।
- हाइपरटेंसिव क्राइसिस (Hypertensive crisis) : यदि सिस्टोलिक संख्या 180 mm Hg से अधिक है या डायस्टोलिक संख्या 120 mm Hg से अधिक है तब यह हाइपरटेंसिव क्राइसिस की स्थिति होती है। इस सीमा में रक्तचाप के लिए तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता होती है।
बच्चों और किशोरों के लिए रक्तचाप रीडिंग अलग-अलग हैं। अपने बच्चे के लिए स्वस्थ्य श्रेणियों के बारे में अपने बच्चे के डॉक्टर से पूछें, अगर आपको उनके रक्तचाप की निगरानी करने के लिए कहा जाता है तो।
उच्च रक्तचाप (हाई बीपी) के कारण – Causes of high blood pressure in Hindi
उच्च रक्तचाप दो प्रकार के होते हैं, जिनमें प्रत्येक प्रकार का एक अलग कारण होता है।
प्राथमिक उच्च रक्तचाप – Primary hypertension in Hindi
प्राथमिक उच्च रक्तचाप को भी शुरुआती हाई बीपी (essential hypertension) कहा जाता है। इस प्रकार का उच्च रक्तचाप समय के साथ बिना किसी लक्षण के विकसित होता है। अधिकांश लोगों में इस प्रकार की समस्या (high blood pressure) होती है।
इसका कोई पहचानने योग्य कारण नहीं होता है, तथा प्राथमिक उच्च रक्तचाप कई वर्षों में धीरे-धीरे विकसित होता है। कुछ कारण एक साथ मिलकर इसमें अपनी भूमिका निभा सकते है। इन कारकों में शामिल हैं :
हाई बीपी का आनुवंशिक कारण है जीन – Causes of high blood pressure Genes in Hindi
कुछ लोगों में आनुवांशिक (genetically) रूप से उच्च रक्तचाप की समस्या बनी रहती है। यह माता-पिता से जीन उत्परिवर्तन या आनुवांशिक असामान्यताओं के कारण हो सकता है।
हाई बीपी का कारण शारीरिक परिवर्तन – physical changes Causes of high blood pressure in Hindi
यदि शरीर में कोई परिवर्तन होता है, तो व्यक्ति के पूरे शरीर में कुछ समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसा माना जाता है कि उम्र बढ़ने के कारण किडनी की कार्यक्षमता (kidney function) में परिवर्तन शरीर के प्राकृतिक लवण और तरल पदार्थ के संतुलन को बदल सकता है। और यह परिवर्तन शरीर के रक्तचाप में वृद्धि का भी कारण बन सकता है।
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पर्यावरण के कारण हाई बीपी होना – High BP Causes Environment in Hindi
समय के साथ अस्वस्थ्यकर जीवन शैली (healthy lifestyle) जैसे- शारीरिक गतिविधि और संतुलित आहार की कमी सम्बंधित व्यक्ति के शरीर पर खराब असर डाल सकती है। इससे वजन बढ़ने की समस्या पैदा हो सकती हैं। अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त होने पर हाई बीपी का खतरा और अधिक बढ़ सकता है।
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द्वितीयक उच्च रक्तचाप – Secondary hypertension in Hindi
प्राथमिक उच्च रक्तचाप के मुकाबले द्वितीयक उच्च रक्तचाप (secondary hypertension) अक्सर जल्दी होता है और प्राथमिक उच्च रक्तचाप से अधिक गंभीर होता है। द्वितीयक उच्च रक्तचाप का कारण बनने वाली स्थितियों में निम्न को शामिल किया जा सकता है:
- किडनी की बीमारी
- ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया सिंड्रोम (obstructive sleep apnea)
- थायराइड समस्याएं
- कुछ दवाओं का दुष्प्रभाव
- शराब का अधिक सेवन
- एड्रेनल ग्रंथि (adrenal gland) की समस्याएं
- जन्मजात हृदय दोष
- अवैध दवाएं, जैसे कोकीन और एम्फ़ैटेमिन का सेवन
- कुछ अंतःस्रावी ट्यूमर (endocrine tumors)
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हाई बीपी (उच्च रक्तचाप) की जटिलताएं – High BP (High Blood Pressure) Complications in Hindi
चूंकि उच्च रक्तचाप अक्सर एक मूक स्थिति (silent condition) होती है, इसलिए इसके लक्षण स्पष्ट होने में कई वर्षो का समय लग सकता है और इस दौरान आपके शरीर को बहुत नुकसान हो सकता है। यदि उच्च रक्तचाप का इलाज नहीं किया जाता है, तो आप गंभीर और घातक जटिलताओं का सामना कर सकते हैं। उच्च रक्तचाप की जटिलताओं (complications) में निम्नलिखित शामिल हैं :
धमनियों का क्षतिग्रस्त होना – Damaged arteries in Hindi
स्वस्थ धमनियां लचीली और मजबूत होती हैं। स्वस्थ धमनियों और रक्त वाहिकाओं के माध्यम से ब्लड मुक्त रूप से बहता है। हाइपरटेंशन धमनियों को कठोर (tougher), कड़ा और कम लोचदार बनाता है। यह नुकसान आपकी धमनियों में वसा स्टोर होने और रक्त प्रवाह को प्रतिबंधित करने के लिए उत्तरदाई होता है। इस स्थिति के परिणामस्वरूप दिल का दौरा और स्ट्रोक की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
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दिल का कमजोर होना – Damaged Heart in Hindi
हाई बीपी की समस्या दिल के कार्यों में कठिनाई पैदा करती है। उच्च रक्तचाप, रक्तवाहिकाओं में दबाव को बढ़ाता है जिससे दिल को मांसपेशियों में रक्त को पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इससे दिल का आकार बढ़ सकता है। एक बड़ा दिल निम्नलिखित खतरों को बढ़ाता है :
- हृदय का रुक जाना या हार्ट फेलियर (Heart failure)
- अकस्मात स्ट्रोक से मृत्यु
- दिल का दौरा।
मस्तिष्क को नुकसान – Damaged brain in Hindi
दिमाग अर्थात मस्तिष्क ठीक से काम करना, आक्सीजन युक्त रक्त (oxygen-rich blood) की स्वस्थ आपूर्ति पर निर्भर करता है। उच्च रक्तचाप के कारण दिमाग की रक्त आपूर्ति कम हो सकती है। जिसके कारण यह स्थिति मस्तिष्क की महत्वपूर्ण कोशिकाओं के मरने का कारण बन सकती है। और स्ट्रोक का रूप ले सकती है। अनियंत्रित हाई बीपी आपकी स्मृति और सीखने, याद करने, बोलने और तर्क करने की क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है।
हाई बीपी (उच्च रक्तचाप) का निदान – Diagnosis of high BP (hypertension) in Hindi
उच्च रक्तचाप का निदान (Diagnosis) काफी सरल है। अधिकांश डॉक्टर और अस्पताल के लोग नियमित रूप से आपके रक्तचाप की जांच कर इसकी पहचान कर सकते हैं। यदि आपको हाई बीपी है, तो डॉक्टर आपको सलाह दे सकता है कि आप कुछ दिनों तक रक्तचाप की प्रतिदिन जांच करायें। केवल एक रीडिंग के बाद उच्च रक्तचाप का निदान शायद ही कभी किया जाता है। डॉक्टर को निरंतर समस्या का साक्ष्य देखना होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि आपका वातावरण और खान पान रक्तचाप की वृद्धि में योगदान दे सकता है, इसके अलावा, पूरे दिन रक्तचाप का स्तर बदलता रहता है।
यदि आपका बीपी हाई रहता है तो डॉक्टर इसके कारणों का निदान करने के लिए निम्न परीक्षण कराने की सिफ़ारिश कर सकता है। इन परीक्षिणों में शामिल हो सकते हैं :
- मूत्र परीक्षण
- कोलेस्ट्रॉल स्क्रीनिंग और अन्य रक्त परीक्षण
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (electrocardiogram) (ईसीजी) के साथ आपके दिल की विद्युत गतिविधि का परीक्षण।
- आपके दिल या किडनी का अल्ट्रासाउंड टेस्ट।
इन परिक्षणों के बाद आपका डॉक्टर आपके उच्च रक्तचाप का इलाज (Treatment of hypertension) शुरू कर सकता है।
हाई बीपी (उच्च रक्तचाप) के लिए उपचार विकल्प – Treatment option for High blood pressure in Hindi
डॉक्टर हाई ब्लड प्रेशर के कारणों का निदान कर आपके लिए सबसे अच्छे उपचार विकल्प का निर्धारण करने में मदद कर सकता है। उपचार प्रक्रिया उच्च रक्तचाप के प्रकार और जटिलताओं पर निर्भर करती है। डॉक्टर निम्न तरीके से हाई ब्लड प्रेशर का इलाज कर सकता है:
प्राथमिक हाई बीपी (उच्च रक्तचाप) का इलाज – Primary hypertension treatment in Hindi
यदि डॉक्टर प्राथमिक उच्च रक्तचाप का निदान करता है, तो वह इलाज के दौरान जीवनशैली में परिवर्तन करने की सलाह दे सकता है। जीवनशैली में बदलाव कर प्राथमिक उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा डॉक्टर दवा की भी सिफारिश कर सकता है।
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माध्यमिक हाई बीपी (उच्च रक्तचाप) का इलाज – Secondary hypertension treatment in Hindi
यदि डॉक्टर टेस्ट के दौरान उच्च रक्तचाप के कारणों में किसी अंतर्निहित समस्या का निदान करता है, तो उपचार के दौरान अंतर्निहित समस्या पर ध्यान केंद्रित करेगा। उदाहरण के लिए यदि आप वह दवा ले रहे हैं जो रक्तचाप में वृद्धि कर रही है तो डॉक्टर अन्य दवाइयों की सिफारिश कर सकता है।
कभी-कभी अंतर्निहित कारणों का इलाज करने के बावजूद भी उच्च रक्तचाप लगातार बना रहता है। इस मामले में डॉक्टर जीवनशैली में परिवर्तन लाने और रक्तचाप को कम करने में मदद करने के लिए दवाएं लिख सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) की दवा – Medication for high blood pressure in Hindi
दो या दो से अधिक रक्तचाप की दवाएं अक्सर उच्च रक्तचाप के इलाज के लिए एक से बेहतर काम करती हैं। कभी-कभी सबसे प्रभावी दवा या दवाओं का संयोजन खोजने के लिए ट्रायल एंड एरर (trail-and-error) विधि उपयोग में लाई जाती है।
उच्च रक्तचाप के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली कुछ दवाओं में शामिल हैं :
- बीटा-ब्लॉकर्स (Beta-blockers) – बीटा-ब्लॉकर्स आपके दिल की गति को धीमा कर देता है। यह प्रत्येक धड़कन के साथ धमनियों के माध्यम से पंप होने वाले रक्त की मात्रा को कम करता है, जिससे रक्तचाप में कमी आती है। बीटा-ब्लॉकर्स आपके शरीर में कुछ हार्मोन के स्राव को भी अवरुद्ध करता है जो ब्लडप्रेशर को बढ़ा सकते हैं।
- मूत्रवर्धक (Diuretics) – शरीर में उच्च सोडियम स्तर और अतिरिक्त तरल पदार्थ ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकते हैं। मूत्रवर्धक, जिसे पानी की गोलियां भी कहा जाता है, यह किडनी की मदद से आपके शरीर से अतिरिक्त सोडियम को हटाने में मदद करते हैं।
- एसीई इनहिबिटर (ACE inhibitors) : एंजियोटेंसिन एक रसायन है जो रक्त वाहिकाओं और धमनियों की दीवारों को टाइट और संकीर्ण करने का कारण बनता है। एसीई (angiotensin converting enzyme) इनहिबिटर शरीर मे इस रसायन के अधिक से अधिक उत्पादन को रोकता है। यह रक्त वाहिकाओं को आराम करने में मदद करता है और रक्तचाप को कम करता है।
- एंजियोटेंसिन ll रिसेप्टर ब्लॉकर्स (एआरबी) (Angiotensin ll receptor blockers) : एसीई अवरोध एंजियोटेंसिन के निर्माण को रोकता हैं, जबकि एआरबी रिसेप्टर्स एंजियोटेंसिन के साथ बाध्यकारी ब्लॉक बनाते हैं। इस एंजियोटेंसिन रासायनिक के बिना रक्त वाहिकाएं टाइट (blood vessels won’t tighten) नहीं हो पाती है। इससे रक्त वाहिकाओं को आराम और रक्तचाप को कम करने में मदद मिलती है।
- कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स (Calcium channel blockers) : ये दवाएं कुछ कैल्शियम को हृदय संबंधी मांसपेशियों में प्रवेश करने से रोकती हैं। इससे दिल की धड़कन कम और रक्तचाप भी कम होता है।
- अल्फा-2 एगोनिस्ट (Alpha-2 agonists) : इस प्रकार की दवा तंत्रिका आवेगों को बदलती हैं, जो रक्त वाहिकाओं को कसने का कारण बनती हैं। यह रक्त वाहिकाओं को रिलेक्स करने में मदद करता है, जो रक्तचाप को कम करता है।
उच्च रक्तचाप कम करने के घरेलू उपाय – Home remedies for high blood pressure in Hindi
स्वस्थ्य जीवन शैली (healthy lifestyle) में परिवर्तन आपको उन कारकों को नियंत्रित करने में मदद कर सकता हैं, जो उच्च रक्तचाप का कारण बनते हैं। यहां हाई बीपी कम करने के कुछ सबसे आसान घरेलू उपचार बताए गए हैं।
हाई बीपी कम करने के लिए आहार – Diet for high blood pressure in Hindi
उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद के लिए स्वस्थ आहार (heart-healthy diet) महत्वपूर्ण है। आहार परिवर्तन हाई बीपी को नियंत्रण में रखने के साथ जटिलताओं के जोखिम को कम करता है। एक स्वस्थ आहार के अंतर्गत निम्न खाद्य पदार्थों को शामिल किया जाता है:
- फल
- सब्जियां
- साबुत अनाज
- मछली की तरह बिना चर्बी का प्रोटीन
हाई बीपी के लिए योग और व्यायाम – Exercise For High Blood Pressure In Hindi
स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए शारीरिक रूप से सक्रिय होना चाहिए। व्यायाम वजन घटाने में मदद करने के अलावा तनाव को कम करने, रक्तचाप को कम करने और कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम (cardiovascular system) को मजबूत करने में मदद कर सकता है।
प्रत्येक सप्ताह 150 मिनट का मध्यम शारीरिक व्यायाम करने का लक्ष्य रखें। प्रतिदिन लगभग 30 मिनिट और प्रति सप्ताह कम से कम 5 दिनों तक व्यायाम करने की आदत डालें।
(और पढ़े – वजन कम करने के उपाय और टिप्स)
उच्च रक्तचाप कम करने के लिए वजन को कम करें– Reaching a healthy weight For High Blood Pressure In Hindi
यदि आप अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हैं, तो आहार के माध्यम से और शारीरिक गतिविधि में वृद्धि से वजन कम करके, उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद प्राप्त कर सकते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर कम करने का उपाय है तनाव से दूरी – Stress Management For High Blood Pressure In Hindi
व्यायाम तनाव का प्रबंधन (manage stress) करने का एक शानदार तरीका है। इसके अलावा अन्य गतिविधियां भी सहायक हो सकती है :
ये सब तनाव को कम करने के तरीके हैं। पर्याप्त नींद लेना भी तनाव के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है।
(और पढ़े –अनिद्रा के कारण, लक्षण और उपचार)
ब्लड प्रेशर कम करने का उपाय एक आदर्श जीवन शैली अपनाना – Adopting a cleaner lifestyle For High Blood Pressure In Hindi
यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो उसे छोड़ने का प्रयास करें। धूम्रपान तंबाकू में उपस्थित रसायन शरीर के ऊतकों को नुकसान पहुंचाते हैं और रक्त वाहिकाओं की दीवारों को कठोर करते हैं। यदि आप नियमित रूप से बहुत अधिक शराब का सेवन करते हैं, तो उच्च रक्तचाप की समस्या से निजाद पाने के लिए शराब से परहेज करना होंगा। क्योंकि शराब रक्तचाप (blood pressure) को बढ़ा सकता है।
उच्च रक्तचाप वाले लोग क्या खाएं और क्या ना खाएं – Diet For High Blood Pressure In Hindi
हाइपरटेंशन का इलाज करने और संभावित जटिलताओं को रोकने के सबसे आसान तरीकों में से एक आपकी आहार प्रणाली है। आप जो खाते हैं वह उच्च रक्तचाप को कम करने या समाप्त करने के लिए मदद कर सकता है। उच्च रक्तचाप वाले लोगों के लिए यहां कुछ सबसे आम आहार सुझाव दिए गए हैं:
हरी सब्जियों का अधिक और मांस का कम सेवन करें – Eat less meat more plants for hypertension in Hindi
फल और हरी सब्जियों पर आधारित भोजन का सेवन करना, फाइबर को बढ़ाने तथा सोडियम, अस्वास्थ्यकर संतृप्त और ट्रांस वसा की मात्रा को कम करने का आसान तरीका है। फलों, सब्जियों, पत्तेदार भाजियों और साबूत अनाज (whole grains) का अधिक मात्रा में सेवन करें। लाल मांस के बजाय, मछली, कुक्कुट या टोफू जैसे स्वस्थ कम चर्बी वाले प्रोटीन का चयन करें।
आहार में सोडियम का उपयोग कम करें – Reduce dietary sodium for High BP in Hindi
उच्च रक्तचाप वाले लोगों और हृदय रोगी को प्रतिदिन 1500 मिलीग्राम और 2300 मिलीग्राम के बीच सोडियम की दैनिक खपत रखना चाहिए। सोडियम को कम करने का सबसे अच्छा तरीका भोज्य पदार्थों को अच्छी तरह से पकाना है। रेस्तरां भोजन या प्रीपेक्टेड खाद्य पदार्थ खाने से बचें, क्योंकि इनमें सोडियम बहुत अधिक मात्रा में होता है।
(और पढ़े – शरीर में बढ़े सोडियम को कुछ इस तरह करें कम)
हाइपरटेंशन आहार में स्वस्थ्य भोजन शामिल करें – Add healthy foods to your hypertension diet in Hindi
हरी सब्जियां और फल का सेवन करने से आपके दिल को स्वस्थ (heart-healthy) रखने में मदद मिलती है। अतः फल और सब्जियों को प्रतिदिन अपने आहार में शामिल करें।
हाई बीपी होने पर ज्यादा मीठा का सेवन न करें – Cut back on sweets during high BP in Hindi
चीनी युक्त खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में कैलोरी बहुत अधिक होती है, लेकिन पोषण संबंधी सामग्री नहीं होती है। यदि आप कुछ मीठा चाहते हैं, तो ताजा फल या डार्क चॉकलेट (dark chocolate) की थोड़ी सी मात्रा खाने का प्रयास करें। अध्ययन से पता चलता है कि नियमित रूप से डार्क चॉकलेट खाने से रक्तचाप कम हो सकता है।
(और पढ़े – क्या आप जानते हैं चॉकलेट खाने के फायदे और नुकसान के बारे में)
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