Janu Sirsasana in Hindi जानुशीर्षासन योग की वह श्रृंखला हैं जिसमें व्यक्ति को विषम स्थिति में बैठ के अपने आगे की ओर झुकना होता हैं। यह आसन अपने अधिकार में एक चुनौतीपूर्ण आसन हैं खासकर पुरुषों के लिए। यह आसन जांघों, हैमस्ट्रिंग, जांघों, कूल्हे के जोड़ों, पीठ, हाथों और कंधों का लचीलापन बढ़ाने में आश्चर्यजनक रूप से अच्छी तरह से काम करता है। जानुशीर्षासन दिल और दिमाग दोनों को शांत करता है और यह पूरे शरीर को भी फैलाता है। यह योग आपके शरीर को गर्म करता हैं इसलिए इस आसन को योग श्रृंखला के अंत में किया जाता हैं। जानुशीर्षासन आसन अष्टांग योग की प्राथमिक श्रृंखला का हिस्सा है। आइये इस योगासन को करने के तरीका और इससे होने वाले लाभ को विस्तार से जानते हैं।
विषय सूची
1. जानुशीर्षासन क्या हैं – What is Janu Sirsasana (Head-to-Knee Forward Bend) in Hindi
2. जानुशीर्षासन करने से पहले ये आसन भी करें – Janu Sirsasana karne se pehle ye aasan kare in Hindi
3. जानुशीर्षासन करने का तरीका – Janu Sirsasana karne ka tarika in Hindi
4. जानुशीर्षासन के फायदे – Janu Sirsasana ke fayde in Hindi
- जानुशीर्षासन के फायदे पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए – Janu Sirsasana to strengthen the stomach muscles in Hindi
- मानसिक तनाव को कम करने में लाभदायक जानुशीर्षासन – Janu Sirsasana to reduce mental stress in Hindi
- जानुशीर्षासन के लाभ यकृत और पित्ताशय के रोग में – Janu Sirsasana To strengthen the spleen and gall bladder in Hindi
- जानुशीर्षासन हैं ठंड दूर करने में लाभदायक – Janu Sirsasana helps quickly recover from cold in Hindi
- जानुशीर्षासन करने के अन्य लाभ – Other benefits Janu Sirsasana in Hindi
5. जानुशीर्षासन करने में क्या सावधानी रखें – Janu Sirsasana karte samay kya savdhani rakhen in Hindi
जानुशीर्षासन क्या हैं – What is Janu Sirsasana (Head-to-Knee Forward Bend) in Hindi
जानुशीर्षासन योग एक संस्कृत का शब्द हैं, यह दो शब्दों से मिलकर बना हैं जिसमे पहला शब्द “जानु“ हैं जिसका अर्थ “घुटना” हैं और दूसरा शब्द “शीर्ष” का अर्थ “सिर” होता हैं। जानुशीर्षासन अष्टांग योग की प्राथमिक श्रृंखला का हिस्सा है। यह एक बैठा हुआ आसन हैं। इस आसन में सिर पूरी तरह से आपके घुटनों को छूता हैं। इस आसन को अंग्रेजी में “Head-to-Knee Pose, Head-to-Knee Forward Bend, और Head-on-Knee Pose” के नाम से जानते हैं। हालांकि यह आसन देखने में शीर्षासन के समान लगता हैं पर यह उससे बहुत ही अलग हैं। इस मुद्रा का इरादा शरीर को फोल्ड करना है ताकि आपका सिर घुटने के करीब पहुँच सके। यह योग आसन हमारे शरीर को स्वस्थ रखन में बहुत मदद करता हैं। आइये जानुशीर्षासन योग करने की विधि को विस्तार से जानते हैं।
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जानुशीर्षासन करने से पहले ये आसन भी करें – Janu Sirsasana karne se pehle ye aasan kare in Hindi
जानुशीर्षासन को करने से पहले आप नीचे दिए गए कुछ आसन को करें जो आपको जानुशीर्षासन करने में मदद करेगे और आप इस योग को आसानी से घर पर कर सकेगें-
- शीर्षासन
- वृक्षासन
- दंडासन
- बद्ध कोणासन
- उत्तानासन
- अधोमुख श्वानासन
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जानुशीर्षासन करने का तरीका – Janu Sirsasana karne ka tarika in Hindi
नीचे इस आसन को करने के लिए कुछ स्टेप दिए जा रही हैं जिसक पालन करके आप इस आसन को आसानी से कर सकते हैं-
- जानुशीर्षासन करने के लिए आप किसी साफ स्थान पर योगा मैट को बिछा के दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा करके बैठ जाएं।
- इस आसन को करने के लिए आप दंडासन की मुद्रा में भी बैठ सकते हैं।
- दोनों हाथों को सीधा करके जमीन पर रखें और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
- पैरों पर की उँगलियों पर खिंचाव लगायें जिससे पैर की उंगलियां आपकी ओर खिंच जाएं।
- कुछ सेकंड इस मुद्रा में रहें और फिर आगे की क्रिया को करें।
- अब साँस को अन्दर की ओर लें और अपने दाएं पैर को मोड़ के बाएं पैर की जांघ पर रखें।
- अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर करें सीधा खड़ा करें।
- इसके बाद अपने ऊपर के शरीर को नीचे की ओर झुकाएं और कमर के यहाँ से मोड़ें।
- बाएं पैर के पंजें को अपने दोनों हाथों की उंगली में उंगली को फंसा के पकड़ लें। ध्यान रखें की आपका बायां पैर झुकना नहीं चाहिए।
- अब अपने सिर को बाएं पैर के घुटने पर रख लें।
- इस स्थिति में आप कुछ देर रहें और 5 से 10 बार साँस लें।
- इस स्थिति में सिर्फ आपके बाएं पैर और बाएं कुल्हे पर खिंचाव लगेगा।
- इसके बाद अपने दोनों हाथों को खोलें और सीधे हो जाएं।
- अब फिर से यही प्रकिया आपको बाएं पैर के साथ करना हैं इसके लिए आप अपने बाएं पैर को मोड़ के दाएं पैर की जांघ पर रख लें।
- अब पुनः यही क्रिया दूसरे पैर के साथ करें।
- इस आसन को आप 1 से 2 मिनिट तक ही करें इससे अधिक ना करें।
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जानुशीर्षासन के फायदे – Janu Sirsasana ke fayde in Hindi
जानुशीर्षासन करने के अनेक लाभ हैं अगर आप इस आसन को नियमित रूप से करते हैं तो यह आपके लिए बहुत ही फायदेमंद हो सकता हैं। आइये इसके लाभों को विस्तार से जानते हैं-
जानुशीर्षासन के फायदे पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए – Janu Sirsasana to strengthen the stomach muscles in Hindi
इस आसन को करने से आपके पेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, इसके साथ यह आसन आपके पेट के छोटी और बड़ी आंतों को फैलता हैं। जो पाचन क्रिया को मजबूत करता हैं। यह आपके पेट में कब्ज की समस्या को खत्म कर देता हैं। यह पेट फूलना और पेट की सूजन की परेशानी को भी दूर करता है।
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मानसिक तनाव को कम करने में लाभदायक जानुशीर्षासन – Janu Sirsasana to reduce mental stress in Hindi
इस आसन को करने के लिए आप जब अपने सिर को घुटनों पर रखते हैं तो सिर में रक्त का संचरण अधिक प्रवाह से होता हैं जो सिरदर्द, चिंता और थकान से रहत देता हैं। इस आसन का अभ्यास करने से अनिद्रा, साइनसिसिटिस और उच्च रक्तचाप भी ठीक हो जाता है। जानुशीर्षासन मन को शांत रखता हैं और हल्के तनाव से भी रहत देता हैं।
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जानुशीर्षासन के लाभ यकृत और पित्ताशय के रोग में – Janu Sirsasana To strengthen the spleen and gall bladder in Hindi
इस आसन को करते समय अपने दाएं पैर पर खिंचाव लगता हैं जो प्लीहा और पित्त मूत्राशय को मजबूत करता है और उनको स्वस्थ रखता हैं। यह यकृत और गुर्दे को उत्तेजित करता हैं और उनके कार्य को सुधरता हैं। यह पेट के क्षेत्र में रक्त प्रवाह में वृद्धि और गुर्दे की क्रिया को बढ़ावा देता है।
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जानुशीर्षासन हैं ठंड दूर करने में लाभदायक – Janu Sirsasana helps quickly recover from cold in Hindi
इस आसन को करने से शरीर ने अधिक ऊष्मा उत्पन्न होती हैं जिससे शरीर का तापमान बढ़ जाता हैं। यह बढ़ा हुआ शरीर का तापमान हमारे शरीर से ठंडी को कम करने में मदद करता हैं। अगर आप जानुशीर्षासन को सही ढंग से करते हैं तो यह आपको बुखार होने से बचाता हैं। इसके अलावा यह आसन फ्लू के कारण ग्रंथि में हुई सूजन को जल्दी से ठीक कर देता हैं।
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जानुशीर्षासन करने के अन्य लाभ – Other benefits Janu Sirsasana in Hindi
- इस आसन को करने से ग्रोइन, हैमस्ट्रिंग और कंधे को एक अच्छा खिंचाव मिलता है।
- यह आसन प्रजनन प्रणाली के कार्य में सुधार करता है। इस आसन को करने से प्रजनन अंग भी उत्तेजित होते हैं, जिसके कारण मासिक धर्म और रजोनिवृत्ति (मासिक धर्म का बन्द होना) आदि की समस्या खत्म हो जाती हैं।
- गर्भावस्था के दौरान, यह आसन पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है। लेकिन इस आसन को केवल दूसरे तिमाही तक ही अभ्यास किया जाना चाहिए।
- मोटापा कम करने के लिए जानुशीर्षासन लाभदायक हैं।
- यह हिप्स और पूरे शरीर को फैलता हैं।
- जानुशीर्षासन के लाभ यह पैरों के दर्द को कम करता हैं।
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जानुशीर्षासन करने में क्या सावधानी रखें – Janu Sirsasana karte samay kya savdhani rakhen in Hindi
इस आसन को करते समय आपको नीचे दी गई सावधानी को ध्यान में रखना हैं-
- अगर आपको घुटनों में दर्द हैं तो आप इस आसन को ना करें।
- गंभीर पीठ दर्द से पीड़ित व्यक्ति को यह आसन नहीं करना चाहिए।
- अगर आप दस्त और अस्थमा की समस्या से परेशान हैं तो आप इस आसन को करने से बचें।
- अगर आप लम्बर डिस्क हर्नियेशन (lumbar disc herniation) के रोगी हैं तो आप इस आसन को ना करें।
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