रुद्राक्ष पहनने के फायदे, आयुर्वेद में रुद्राक्ष को एक पवित्र पौधा माना जाता है। रुद्राक्ष को आयुर्वेदिक ग्रंथों में संजीवनी की तरह माना जाता है क्योंकि इसके रोगों और विकारों की रोकथाम के गुण पाया जाता है। प्राचीन काल से ही स्वास्थ्य लाभ के लिए इसका उपयोग किया जाता है। हालांकि कुछ संप्रदायों में पारंपरिक रुप से प्रार्थना माला के लिए यह इस्तेमाल किया जाता है। यह जैविक आभूषण (organic ornament) या माला के रूप में उपयोग किया जाता रहा है जिसे आमतौर पर या तो हाथ या गर्दन या दोनों में पहना जाता है। इस आर्टिकल में हम स्वास्थ्य के लिए रुद्राक्ष के फायदों के बारे में बारे में बताने जा रहे हैं।
विषय सूची
- रुद्राक्ष क्या है – What is Rudraksha in hindi
- रुद्राक्ष में पाये जाने वाले औषधीय गुण – Medicinal properties of rudraksha in hindi
- रुद्राक्ष पहनने के फायदे – Rudraksha benefits in Hindi
- रुद्राक्ष के फायदे बुखार में शरीर दर्द और बेचैनी दूर करने में – Rudraksha benefits for Restlessness & Body Ache in Fever in Hindi
- रुद्राक्ष के फायदे डायबिटीज के लिए – Rudraksha ke fayde Diabetes mein in Hindi
- उच्च रक्तचाप के लिए रुद्राक्ष के फायदे – Rudraksha for High Blood Pressure in Hindi
- रुद्राक्ष पहनने के फायदे चेचक के इलाज में – Rudraksha for Chicken Pox in Hindi
- दिल की बीमारियों से बचाने में रुद्राक्ष के फायदे – Rudraksha Protects from heart diseases in Hindi
- मुंहासे और फुंसी ठीक करने में रुद्राक्ष के फायदे – Rudraksha for Acne & Pimples in Hindi
- स्मरण शक्ति बढ़ाने में रुद्राक्ष मदद करता है – Rudraksha benefits increase memory power in Hindi
- चर्म रोग दूर करने में रुद्राक्ष के फायदे – Rudraksha benefits Remove skin diseases in Hindi
- सुंदरता बढ़ाने के लिए रुद्राक्ष के फायदे – Rudraksha benefits Enhance beauty in Hindi
रुद्राक्ष क्या है – What is Rudraksha in Hindi
रुद्राक्ष शब्द हिंदू धर्म से संबंधित है। मूल रूप से, रुद्राक्ष एक पेड़ है जो इंडोनेशिया, नेपाल, जावा, बर्मा और सुमात्रा के पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है। रुद्राक्ष के पत्ते हरे रंग के होते हैं और इसके फल भूरे रंग के होते हैं और स्वाद में खट्टा (sour) होता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एक बार भगवान शिव ने लंबी अवधि के योग ध्यान के बाद अपनी आंखें खोलीं तो अचानक तीव्र भावनाओं के कारण उनके आंख से आंसू निकलने लगे। इसी आंसू से रुद्राक्ष के वृक्ष की उत्पत्ति हुई है। रुद्राक्ष जैविक (organic) होता है और इसमें धातु नहीं होता है जिसके कारण इसे पहनना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
रुद्राक्ष में पाये जाने वाले औषधीय गुण – Medicinal properties of rudraksha in Hindi
आमतौर पर रुद्राक्ष एक नहीं बल्कि विभिन्न प्रकार के औषधीय गुणों से भरपूर होता है। यही कारण है कि यह स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है। आइये जानते हैं कि रुद्राक्ष में कौन कौन से औषधीय गुण पाये जाते हैं।
रुद्राक्ष में एंटासिड, एंटी अर्थराइटिस, एंटी इंफ्लैमेटरी, एंटी हाइपरटेंसिव, एंटीपाइरेटिक, शांतिदायक (Demulcent), वायुनाशी (Carminative), कफोत्सारक (Expectorant), पाचन उत्तेजक, एंटी कैंसर, हाइपोग्लासेमिक, एंटीऑक्सीडेंट, एनलजेसिक, एंटी स्ट्रेट, एंटीडिप्रेसेंट आदि गुण पाये जाते हैं।
रुद्राक्ष पहनने के फायदे – Rudraksha benefits in Hindi
आपको जानकर हैरानी होगी कि रुद्राक्ष पहनने के फायदे सेहत से भी जुड़े हुए हैं। रुद्राक्ष स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक माना गया है, हमारे धार्मिक ग्रंथों में रुद्राक्ष के महत्व की खूब चर्चा की गई है, एक मुखी से लेकर चौदह मुखी हर तरह का रुद्राक्ष किसी न किसी रूप में लाभकारी बताया गया है। आइये जानतें हैं रुद्राक्ष पहनने के फायदे क्या होते हैं
रुद्राक्ष के फायदे बुखार में शरीर दर्द और बेचैनी दूर करने में – Rudraksha benefits for Restlessness & Body Ache in Fever in Hindi
बुखार में व्यक्ति को बेहतर महसूस कराने के लिए रुद्राक्ष सबसे अच्छे विकल्पों में से एक है। इसके अमेलियोरेटिव प्रभाव होते हैं। शोध से पता चलता है कि इसमें प्रतिरक्षा उत्तेजक (immune stimulatory) गुण भी पाया जाता है। इस प्रकार यह संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकता है। 1 से 3 ग्राम रुद्राक्ष चूर्ण को गर्म पानी के साथ लेने से तेज बुखार के कारण बेचैनी, शरीर में दर्द और जलन कम होती है। आमतौर पर कम ही घरों में बुखार के कारण शरीर के दर्द को दूर करने के लिए लोग रुद्राक्ष का उपयोग करते हैं। लेकिन रुद्राक्ष बुखार के कारण होने वाली अत्यधिक बेचैनी (restlessness) और चिड़चिड़ापन (irritability) को दूर करने में बहुत मददगार साबित होता है।
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रुद्राक्ष के फायदे डायबिटीज के लिए – Rudraksha ke fayde Diabetes mein in Hindi
शोध से पता चलता है कि रुद्राक्ष में मधुमेह विरोधी (anti-diabetic) प्रभाव होता है। इसलिए मधुमेह रोगियों के लिए रूद्राक्ष किसी रामबाण से कम नहीं होता है। नीम के पत्तों के 10 मिलीलीटर रस के साथ 1 ग्राम रुद्राक्ष चूर्ण लेने से रक्त शर्करा (blood sugar) के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इससे मधुमेह रोगियों को बहुत फायदा पहुंचता है। कुछ मामलों में रुद्राक्ष को नीम के पत्तों के रस (neem juice) में मिलाकर सेवन करने से डायबिटीज के लिए दवा खाने की जरूरत नहीं पड़ती है।
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उच्च रक्तचाप के लिए रुद्राक्ष के फायदे – Rudraksha for High Blood Pressure in Hindi
रुद्राक्ष में एंटीहाइपरटेन्सिव और कार्डियो प्रोटेक्टिव प्रभाव होते हैं, इसलिए यह उच्च रक्तचाप (Hypertension) को नियंत्रित करने के लिए एक अच्छा वैकल्पिक उपाय है। शोध में बताया गया है कि तांबे के बर्तन (copper vessel) में रुद्राक्ष को पानी में भिगोना, फिर इसे सुबह खाली पेट पीना उच्च रक्तचाप के लिए अधिक फायदेमंद है। वास्तव में तांबा रुद्राक्ष के एंटी हाइपरटेंसिव गुण को बढ़ा देता है। एक तांबे के बर्तन में 250 मिलीलीटर पानी लें और रुद्राक्ष को इस पानी में रात भर भिगो दें। सुबह खाली पेट पानी पीएं। इसके अलावा, 2 ग्राम रुद्राक्ष पाउडर को तांबे के बर्तन में पानी डालकर रखें और फिर इसका सेवन करें।
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रुद्राक्ष पहनने के फायदे चेचक के इलाज में – Rudraksha for Chicken Pox in Hindi
रुद्राक्ष चिकनपॉक्स के लक्षणों की गंभीरता (severity) को कम करने में मदद करता है। यह अस्वस्थता (malaise), थकान और सिरदर्द को कम करता है। इसके अलावा, यह चिकन पॉक्स के चकत्ते (rashes) पर जलन और दर्द को कम करता है। चिकन पॉक्स होने पर यह तेजी से व्यक्ति को ठीक करने में सहायक होता है। यही कारण है कि चेचक निकलने पर ज्यादातर लोग रुद्राक्ष का उपयोग करते हैं।
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दिल की बीमारियों से बचाने में रुद्राक्ष के फायदे – Rudraksha Protects from heart diseases in Hindi
चूंकि रुद्राक्ष रक्तचाप (BP) को नियंत्रण में रखने में मदद करता है इसलिए यह हृदय से संबंधित बीमारियों से बचाने में काफी लाभदायक साबित होता है। इसके लिए रुद्राक्ष को अपने गले में इस तरह पहनें कि वह आपके दिल को छू जाए। इसके अलावा रविवार को पानी से भरे तांबे के बर्तन में पंच मुखी रुद्राक्ष रखें और अगले दिन इसे खाली पेट पिएं। लंबे समय तक इस प्रक्रिया का पालन करने से दिल की तकलीफें (heart troubles) दूर हो जाती हैं और हृदय से जुड़ी बीमारियों से बचाव होता है।
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मुंहासे और फुंसी ठीक करने में रुद्राक्ष के फायदे – Rudraksha for Acne & Pimples in Hindi
रुद्राक्ष में एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल गुण पाया जाता है जिसके कारण यह फुंसी और मुंहासों को दूर करने में काफी फायदेमंद होता है। आयुर्वेद में मुंहासों को ठीक करने के लिए रुद्राक्ष का उपयोग करने की विधि बतायी गयी है। रुद्राक्ष पाउडर और अर्जुन छाल (Arjuna bark) पाउडर को समान अनुपात में मिलाएं। इस मिश्रण का एक चम्मच लें और इसमें 2 से 3 चम्मच शहद मिलाएं और एक पतला पेस्ट बनाएं। अब इस रुद्राक्ष के पेस्ट को प्रभावित हिस्सों पर या पूरे चेहरे पर लगाएं। 30 मिनट तक सूखने दें इसके बाद गुनगुने पानी (warm water)से चेहरे को धो लें। इससे चेहरे पर चमक पैदा होती है और मुंहासे दोबारा नहीं होते हैं।
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स्मरण शक्ति बढ़ाने में रुद्राक्ष मदद करता है – Rudraksha benefits increase memory power in Hindi
आमतौर पर रुद्राक्ष में कुछ ऐसे विशेष गुण पाये जाते हैं जो स्मरण शक्ति (memory power) और बुद्धि (intelligence) को बढ़ाने में मदद करता है। चार मुखी रुद्राक्ष वाणी दोष (speech impairment), दरिद्रता और भूलने की समस्या को दूर करने में काफी सहायक होता है।
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चर्म रोग दूर करने में रुद्राक्ष के फायदे – Rudraksha benefits Remove skin diseases in Hindi
त्वचा संबंधी कई विकारों से निपटने के लिए रुद्राक्ष को रात भर पानी से भरे तांबे के बर्तन में रखें और अगले दिन खाली पेट इसका पानी पियें इससे त्वचा संबंधी सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी। इसी प्रकार धातुओं (metals) से होने वाले रोगों से राहत पाने के लिए अपनी नाभि (naval) पर तीन मुखी रुद्राक्ष के पाउडर का लेप लगाएं। घाव और चोटों के इलाज के लिए नौ मुखी रुद्राक्ष और तुलसी का पेस्ट लगाना फायदेमंद है। त्वचा की जलन और खुजली का इलाज करने के लिए रुद्राक्ष और नीम की पत्तियों का पेस्ट बनाकर लगाएं।
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सुंदरता बढ़ाने के लिए रुद्राक्ष के फायदे – Rudraksha benefits Enhance beauty in Hindi
रुद्राक्ष त्वचा को चमकदार और दाग रहित (flawless) बनाने के लिए काफी लाभदायक है। मुलायम और चमकदार त्वचा पाने के लिए रुद्राक्ष और चंदन पाउडर का पेस्ट चेहरे पर लगाएं। इस पेस्ट को लगाने से शरीर की बदबू (body odor) से राहत मिलती है। खूबसूरत त्वचा पाने के लिए गुलाब जल और बादाम के साथ रुद्राक्ष का भी उपयोग किया जा सकता है।
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मरी पत्नी गर्भवती नहीं हो पा रही है। उसका पिरियड टाईम से नहीं आता है कभी 10 दिन लेट तो 20 दिन लेट आता है। मेरा भी जल्दी ही स्खलित हो जाता है। मेरा उम्र 34 है। मेरी वाइफ की उम्र 28 है।