Sardi mein hone wali bimariya in hindi: सर्दियों का मौसम शुरू होते ही इसके साथ कई बीमारियां भी दस्तक देने लगती हैं। ये बीमारियां ऐसी होती हैं जो बच्चे, वयस्कों सहित बुजुर्गों पर भी हमला करती हैं। कई बार काफी एहतियात बरतने के बावजूद भी व्यक्ति इनकी चपेट में आ ही जाता है। इस मौसम में त्वचा फटना और शुष्क होना, होठों से खून निकलना आम बात है। इसके अलावा भी इस मौसम में काफी सारी दिक्कतें होती है। यही कारण है कि सर्दियों के मौसम में हर व्यक्ति को विशेष देखभाल की जरूरत पड़ती है। अगर आप इन स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में नहीं जानते तो इस आर्टिकल में हम आपको सर्दियों में होने वाली 10 बीमारियां और उनसे बचने के उपाय बताने जा रहे हैं।
विषय सूची
- सर्दियों में होने वाली बीमारियों के कारण – Causes of winter health issues in Hindi
- सर्दियों में होने वाली बीमारियां – Sardiyo mein hone wali bimariya in Hindi
- गले में खराश होता है सर्दियों में – Sore throats winter health issue in Hindi
- सर्दी में होने वाली बीमारी है अस्थमा – Sardi me hone wali bimari hai asthma in Hindi
- सर्दी की बीमारी हाथ पैर थंडे होना – Cold hands and feet during winter in Hindi
- विंटर में होती है फ्लू की समस्या – Flu is winter health issue in Hindi
- सर्दी में आता है सबसे ज्यादा हार्ट अटैक – Heart attacks sardi me hone wali bimari in Hindi
- सर्दियों में होती है इयर इंफेक्शन की समस्या – Ear infections winter problem in Hindi
- सर्दी में स्किन होने लगती है ड्राई – Dry skin during winter in Hindi
- सर्दियों में बढ़ जाता है जोड़ों का दर्द – Arthritis during winter in Hindi
- सर्दी की बीमारी है फ्रोस्टबाइट – Sardi mein hoti hai Frostbite in Hindi
- विंटर में होती है हाइपोथर्मिया की बीमारी – Hypothermia winter health issue in Hindi
सर्दियों में होने वाली बीमारियों के कारण – Causes of winter health issues in Hindi
हम सभी जानते हैं कि इस मौसम में तापमान में सबसे ज्यादा उतार चढ़ाव होता है और हवा ठंडी और आर्द्र होती है। इसके अलावा कई दिनों तक धूप नहीं निकलने के कारण भी कई बीमारियां शरीर पर अटैक करती हैं। इन बीमारियों के अन्य कारण निम्न हैं।
- कोहरे के कारण एलर्जी पैदा करने वाले तत्व बढ़ जाते हैं।
- हवा में नमी के कारण इंफेक्शन होता है।
- पर्याप्त एक्सरसाइज नहीं कर पाने के कारण बीमारियां हमला करती हैं।
- अधिक बैठने और सोने के कारण शारीरिक परेशानियां होने लगती हैं।
- अधिक भोजन के कारण मोटापा बढ़ता है।
(और पढ़े – मौसम में परिवर्तन के कारण सर्दी और खांसी से बचने के उपाय और उपचार…)
सर्दियों में होने वाली बीमारियां – Sardiyo mein hone wali bimariya in Hindi
इस मौसम में काफी अधिक संख्या में बीमारियां होती हैं लेकिन हम यहां आपको दस मुख्य बीमारियों के बारे में बताने जा रहे हैं।
गले में खराश होता है सर्दियों में – Sore throats winter health issue in Hindi
गले में खराश होना सर्दियों की एक आम स्वास्थ्य समस्या है। इस मौसम में तापमान लगातार बदलता रहता है और गर्म रुम से बाहर ठंड में निकलने से बॉडी इसकी चपेट में आ जाती है और वारयल इंफेक्शन के कारण गले में खराश हो जाती है। यह एक ऐसी समस्या है जो बच्चों और वयस्कों में तो होती ही है लेकिन बुजुर्गों में सबसे अधिक होती है। इससे बचने के लिए ठंड में घर से बाहर निकलते समय स्कॉर्फ से चेहरा ढक लेना चाहिए और गुनगुने पानी में चुटकी भर नमक डालकर गरारा करना चाहिए। इससे गले का इंफेक्शन कम हो जाता है और खराश से राहत मिलती है।
(और पढ़े – गले की खराश को ठीक करने के घरेलू उपाय…)
सर्दी में होने वाली बीमारी है अस्थमा – Sardi me hone wali bimari hai asthma in Hindi
सर्दियों में ठंडी हवा के कारण अस्थमा के लक्षण बढ़ जाते हैं और गले में घरघराहट होने के साथ सांस लेने में भी तकलीफ होती है। अस्थमा के मरीजों को खासतौर से ठंड के मौसम में अपनी विशेष देखभाल करनी चाहिए। वास्तव में सर्दी के मौसम में कोहरे के कारण हवा में भारी मात्रा में खतरनाक एलर्जेंस मौजूद रहते हैं और इस हवा में सांस लेने से अस्थमा के मरीजों की परेशानी बढ़ जाती है। इसके कारण झींक, खांसी, छाती में जकड़न जैसी दिक्कतें उभर आती हैं। इससे बचने के लिए ठंड भरे मौसम में मुंह और नाक पर मास्क लगाकर बाहर निकलना चाहिए या फिर ढीले स्कॉर्फ से ढक लेना चाहिए। इसके अलावा नियमित रुप से अस्थमा की दवाएं लेनी चाहिए और इनहेलर को हमेशा अपने पास रखना चाहिए।
(और पढ़े – अस्थमा (दमा) के कारण, लक्षण, उपचार एवं बचाव…)
सर्दी की बीमारी हाथ पैर थंडे होना – Cold hands and feet during winter in Hindi
अधिक ठंड के कारण सर्दियों में हाथ पैर ठंडे पड़ जाते हैं और कई कोशिशों के बाद भी जल्दी गर्म नहीं हो पाते हैं। इससे कंपकंपी, थरथराहट और दांत किटकिटाने लगते हैं। इशके अलावा हाथ और पैरों की उंगलियों का रंग बदल जाता है और इसमें दर्द एवं खुजली होने लगती है। कई बार उंगलियां सफेद और फिर नीली एवं अंत में लाल पड़ जाती हैं। हाथों और पैरी की छोटी रक्त वाहिकाओं में ऐंठन आ जाती है जिससे उंगलियों में ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है। इससे बचने के लिए मोजे और दस्ताने पहनने चाहिए। कंबल में पैर और हाथ डालकर बैठना चाहिए एवं लगातार सिंकाई करते रहना चाहिए। इसके अलावा एक्सरसाइज करने से भी गर्माहट आती है।
(और पढ़े – पैरों की देखभाल के लिए अपनाएं कुछ आसान टिप्स…)
विंटर में होती है फ्लू की समस्या – Flu is winter health issue in Hindi
फ्लू को इंफ्लूएंजा भी कहा जाता है जो संक्रामक रेस्पिरेटरी वायरस के कारण होता है। यह सर्दियों की एक आम समस्या है। समय के साथ इसके लक्षण सामान्य से लेकर गंभीर हो सकता हैं और कई बार मरीज को हॉस्पिटल में भी भर्ती कराना पड़ता है। इसकी गंभीरता के कारण मरीज की मौत भी हो सकती है। यह आमतौर पर बड़े बच्चों और उन वयस्कों में होती है है जिनका इम्यून सिस्टम बहुत कमजोर होता है। इन्हीं लोगों को फ्लू अपनी चपेट में लेता है। इससे बचने के लिए अपनी नाक,आंख और कान को छूने से बचना चाहिए, पर्याप्त नींद लेनी चाहिए, हमेशा साबुन से हाथ धोना चाहिए और इससे पीड़ित व्यक्ति से दूर रहना चाहिए।
(और पढ़े – वैज्ञानिकों ने फ्लू वायरस को मारने के लिए सुरक्षित यूवी लाइट की खोज की…)
सर्दी में आता है सबसे ज्यादा हार्ट अटैक – Heart attacks sardi me hone wali bimari in Hindi
अन्य मौसम की अपेक्षा सर्दियों में सबसे ज्यादा दिल का दौरा पड़ता है। इसका कारण यह है कि ठंड के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है जिससे हार्ट पर अधिक दबाव पड़ता है। इससे शरीर को गर्म रखने के लिए हृदय को अधिक कार्य करना पड़ता है और इसकी वजह से हार्ट अटैक का दौरा पड़ने लगता है। इससे बचने के लिए रुम को गर्म रखना चाहिए और एक्स्ट्रा कंबल ओढ़कर सोना चाहिए। इसके अलावा पर्याप्त गर्म कपड़े पहनना चाहिए। सिर को टोपी और स्कॉर्फ से ढककर रखना चाहिए और हाथ में दस्ताने पहनने चाहिए।
(और पढ़े – हार्ट अटैक से बचने के उपाय…)
सर्दियों में होती है इयर इंफेक्शन की समस्या – Ear infections winter problem in Hindi
सर्दियों में अन्य मौसम की अपेक्षा कान में सबसे ज्यादा इंफेक्शन होता है। जलवायु में परिवर्तन के कारण इंफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है। जिसके कारण कान में खुजली होने के साथ गंदगी जमा हो जाती है। कुछ सीरियस कंडीशन में कान से पस भी निकलने लगता है। इससे बचने के लिए धूम्रपान से परहेज करना चाहिए और बीमार लोगों के पास नहीं बैठना चाहिए। इसके अलावा अच्छा भोजन करना चाहिए और पर्याप्त नींद लेनी चाहिए।
(और पढ़े – कान का संक्रमण दूर करने के घरेलू उपाय और नुस्खे…)
सर्दी में स्किन होने लगती है ड्राई – Dry skin during winter in Hindi
ड्राई स्किन एक आम समस्या है और सर्दियों में जब पर्यावरण में आर्द्रता कम होती है तो यह काफी बढ़ जाती है। इससे त्वचा रुखी और बेजान दिखायी देती है और अधिक शुष्क होने के कारण फट जाती है। इसके कारण चेहरा खराब हो जाता है और होठ फटने के कारण खून निकलने लगता है। इससे बचने के लिए नैचुरल मॉश्चराइजर लगाकर अच्छी तरह मसाज करनी चाहिए। रात को सोते समय भी बॉडी लोशन, कोल्ड क्रीम लगानी चाहिए। अधिक गर्म पानी से नहीं नहाना चाहिए इससे स्किन और ज्यादा ड्राई होने लगती है।
(और पढ़े – सर्दियों में त्वचा को चाहिए अतिरिक्त देखभाल, इन बातों का रखें ध्यान…)
सर्दियों में बढ़ जाता है जोड़ों का दर्द – Arthritis during winter in Hindi
डॉक्टरों का मानना है कि ठंड के समय में हमारी बॉडी बहुत ज्यादा हीट को कंजर्व करती है और हृदय और फेफडे को अधिक ब्लड सर्कुलेट करती है। इस दौरान बांह, कंधे और घुटनों की रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं जिसके कारण दर्द होने लगता है। इस मौसम में आर्थराइटिस रोगियों की तकलीफ बढ़ जाती है और उन्हें घुटनों में लगातार दर्द होता है जिससे उनके जोड़ों में अकड़न के साथ दर्द होता है और उठने बैठने में तकलीफ होती है। इससे बचने के लिए रोजाना एक्सरसाइज, स्विमिंग और साइक्लिंग करनी चाहिए। इसके अलावा एरोबिक भी करना चाहिए।
(और पढ़े – जोड़ों में दर्द का घरेलू उपचार…)
विंटर में होती है हाइपोथर्मिया की बीमारी – Hypothermia winter health issue in Hindi
यह एक ऐसी कंडीशन है जिसमें बॉडी का टेम्परेचर 35 डिग्री सेल्सियस से कम हो जाता है। इसके कारण शरीर एकदम ठंडा पड़ जाता है और जब आप घर से बाहर निकलते हैं या फिर पानी के संपर्क में आते हैं तो आपको सामान्य से अधिक ठंड लगती है। इसके कारण शरीर में थरथराहट, थकान के साथ बार बार पेशाब महसूस होता है। अगर इसका इलाज जल्द शुरू ना कराया जाए तो इसके कारण व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। इससे बचने के लिए गर्म खाद्य पदार्थ खाना चाहिए, अधिक ठंड लगने पर घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और स्थिति गंभीर होने पर डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
(और पढ़े – शरीर का सामान्य तापमान कितना होता है, सामान्य रेंज और महत्व…)
सर्दी की बीमारी है फ्रोस्टबाइट – Sardi mein hoti hai Frostbite in Hindi
यह सर्दियों में होने वाली समस्या है। यह आमतौर पर तब होती है जब त्वचा और इसके ऊतक जम जाते हैं। इसके कारण स्किन ठंडी पड़ जाती है और सुन्न होने के साथ बहुत टाइट औऱ पीली हो जाती है। टेम्परेचर में बदलाव होने से फ्रोस्टबाइट के कारण कान, नाक, ठोड़ी और हाथ एवं पैरों की उंगलियां डैमेज हो जाती हैं। इससे बचने के लिए अधिक ठंड में घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए, नियमित एक्सरसाइज करनी चाहिए और पर्याप्त गर्म कपड़े पहनने चाहिए।
(और पढ़े – सर्दियों में शरीर गर्म रखने के उपाय और खाद्य पदार्थ…)
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
आपको ये भी जानना चाहिये –
- सर्दियों में उठने वाले पुराने दर्द का कारण और उपाय
- सर्दियों में बालों की खास देखभाल करने के टिप्स और घरेलू उपाय
- सर्दी जुकाम और खांसी के घरेलू उपाय
- सर्दियों के लिए बेस्ट होममेड फेस पैक
- सर्दियों में वजन बढ़ने के कारण और इससे बचने के उपाय
Leave a Comment