Foods to avoid 1 year child in Hindi: शिशु के जन्म के बाद एक साल तक उसके खाने का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। हर मां को यह मालूम होना चाहिए, कि छह महीने से एक साल तक के बच्चे को खाने में क्या देना है और क्या नहीं। दरअसल, इस दौरान बच्चे का विकास तेजी से होता है और स्वस्थ व सही आहार उसके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसलिए एक साल तक के बच्चे को खाने में क्या नहीं देना है, इसकी खासतौर से जानकारी होनी चाहिए।
दरअसल, कुछ मां अपने एक साल तक के बच्चों के मुंह का स्वाद बदलने के लिए उन्हें अलग-अलग आहार खिलाती हैं, लेकिन चूंकि, इस उम्र में बच्चे का पाचन तंत्र बहुत कमजोर होता है। ऐसे में अगर कोई आहार उसे सूट न हुआ, तो उसका सीधा असर उसके स्वास्थ्य पर पड़ता है। विशेषज्ञों के अनुसार, एक साल तक के बच्चों के दांत नहीं निकलते, ऐसे में उन्हें तरल पदार्थ देना ही सबसे अच्छा है। अगर आप पहली बार पैरेंट्स बनने जा रहे हैं, तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं, कि अपने एक साल तक के बच्चे को खाने में कौन सी चीजें नहीं देनी चाहिए।
विषय सूची
- एक साल के बच्चे को खाने में न दें नमक – Ek saal ke bachhe ko khane me na de salt in Hindi
- 12 महीने तक के शिशु को न दें चीनी – 12 mahine ke shishu ko na de sugar in Hindi
- एक साल तक के बेबी को न कराएं संतृप्त वसा का सेवन – Do not give saturated fat to one year baby in Hindi
- 12 महीने तक के शिशु को कभी न खिलाएं शहद – 12 mahine ke shishu ko kabhi na khilaye honey in Hindi
- एक साल तक के शिशु को भूलकर भी न दें मूंगफली – Ek saal ke shishu ko na khilaye nuts in Hindi
- एक साल से कम उम्र के बच्चों को न दें पनीर – Ek saal tak bache ko na de cheese in Hindi
- छोटे बच्चों को न खिलाएं कच्चा अंडा – Do not feed raw eggs to one year child in Hindi
- एक साल तक के बच्चों को न पिलाएं चावल का पानी – Ek saal tak ke bachho ko na pilaye rice water in Hindi
- 12 महीने तक के शिशु को नहीं देना चाहिए मीट – Baby should not be given meat till 12 months in Hindi
- एक साल तक के बच्चे को खाने को नहीं देनी चाहिए बैरीज – Ek saal tak ke bachhe ko nahi de berries in Hindi
- 12 महीने से कम के बच्चों को न खिलाएं सी-फूड – Sea food is not good for one year baby in Hindi
- एक साल से कम उम्र के बच्चे को नहीं देना चाहिए चॉकलेट – Chocolate should not be feed to one year baby in Hindi
- गाय का दूध 12 महीने तक के बच्चे को न दें – Cow milk should avoid giving babies in Hindi
- एक साल तक शिशु को नहीं दे सकते हैं रिफाइंड अनाज – Avoid refined grains to feed your one year baby in Hindi
- 12 महीने तक बेबी को फ्रूट जूस देने से बचें – 12 mahine tak baby ko fruit juice dene se bache in Hindi
- एक साल तक बच्चे को न दें मुंह में न घुलने वाले पदार्थ – Ek saal ke bachho ko na de muh me ghulne wale padarth in Hindi
- एक साल से कम के बच्चों को नहीं दें अनपॉश्चुराइज्ड खाद्य पदार्थ – Do not give unpasteurized foods to children below one year in Hindi
- 12 महीने तक के बच्चों को नहीं खिलानी चाहिए ये सब्जियां – Ek saal tak ke child ko nahi khilani chahiye vegetables in Hindi
- एक साल से कम के बच्चों को नहीं दें कैंडी – Avoid candy to feed your 12 months baby in Hindi
एक साल के बच्चे को खाने में क्या-क्या नहीं देना है – What not to feed your one year old baby in Hindi
बच्चा जैसे ही कुछ सॉलिड खाना शुरू करता है, पैरेंट्स उसे अलग-अलग स्वाद की चीजें देने लगते हैं। लेकिन इसके साथ ये जानना बहुत जरूरी है कि, जो चीजें आप अपने एक साल से कम उम्र के बच्चों को खिला रहे हैं, वो उसके लिए सही हैं भी या नहीं। आपकी मदद के लिए हमने नीचे कुछ ऐसे ही खाद्य पदार्थों की लिस्ट दी है, जिन्हें बच्चों को एक साल तक नहीं देना चाहिए।
(और पढ़े – जानिए 1 साल के बच्चे को क्या खिलाएं…)
एक साल के बच्चे को खाने में न दें नमक – Ek saal ke bachhe ko khane me na de salt in Hindi
एक साल तक के शिशुओं को ज्यादा नमक नहीं खिलाना चाहिए। क्योंकि, यह उनके गुर्दे और आंतों के लिए अच्छा नहीं है। छोटे बच्चों को दिन में मात्र एक ग्राम नमक की आवश्यकता होती है, जो उन्हें फलों और सब्जियों से प्राकृतिक रूप से मिल जाता है। इसलिए उन्हें अलग से नमक खिलाने की जरूरत नहीं होती। ध्यान रखें, कि एक साल तक के बच्चे को सॉस, चिप्स और रेडी टू ईट मील्स भूलकर भी नहीं खिलाएं। इसका असर उनके गुर्दे और आंतों पर तो पड़ेगा ही, साथ ही हाइपरटेंशन की समस्या भी बढ़ जाएगी।
(और पढ़े – सोडियम क्या है – स्रोत, मात्रा, फायदे और नुकसान…)
12 महीने तक के शिशु को न दें चीनी – 12 mahine ke shishu ko na de sugar in Hindi
जब तक आपका शिशु एक साल से ज्यादा उम्र का नहीं हो जाता, उसे चीनी का सेवन कम कराएं। दरअसल, चीनी में बहुत ज्यादा मात्रा में केमिकल्स होते हैं, जो बच्चे के दांतों के लिए नुकसानदायक हैं। फलों में मौजूद प्राकृतिक चीनी बच्चों का टेस्ट बदलने के लिए काफी है। ज्यादा चीनी खिलाने से बच्चों को बचपन से ही शुगर लेवल बढ़ने का खतरा रहता है। (और पढ़े – जानिए 2 साल के बच्चे को क्या खिलाएं…)
एक साल तक के बेबी को न कराएं संतृप्त वसा का सेवन – Do not give saturated fat to one year baby in Hindi
अपने 12 महीने के बच्चे को ऐसे खाद्य पदार्थ न दें, जिनमें संतृप्त वसा अधिक हो। केक, बिस्किट और क्रिस्प में अधिक मात्रा में सेच्युरेटिड फैट होता है, जिससे बच्चों में बचपन से ही मोटापे की शिकायत होने लगती है। आप चाहें, तो खाद्य पदार्थों पर लगे लेबल की जांच करें, इससे आपको उन खाद्य पदार्थों को चुनने में मदद मिल सकती है, जिनमें फैट बहुत कम मात्रा में होता है।
(और पढ़े – वसा के स्रोत, फायदे और नुकसान…)
12 महीने तक के शिशु को कभी न खिलाएं शहद – 12 mahine ke shishu ko kabhi na khilaye honey in Hindi
एक साल से कम उम्र के बच्चों को कभी भी शहद नहीं खिलाना चाहिए। दरअसल, शहद में क्लोस्ट्रिडियम बोटुलिनम नाम का बैक्टीरिया होता है, जो बच्चे की आंत में विषाक्त पदार्थ का उत्पादन करता है। जिससे शिशु को बोटिलिज्म हो सकता है। यह बहुत खतरनाक बीमारी है। जब तक बच्चा 1 वर्ष से अधिक उम्र का न हो, तब तक उसे शहद देने से बचें। शहद एक प्रकार से चीनी ही है, इसका परहेज करने से दांतों की सड़न को भी रोकने में मदद मिलती है।
(और पढ़े – शहद के फायदे उपयोग स्वास्थ्य लाभ और नुकसान…)
एक साल तक के शिशु को भूलकर भी न दें मूंगफली – Ek saal ke shishu ko na khilaye nuts in Hindi
12 महीने से कम उम्र के बच्चों को नट्स और मूंगफली भूलकर भी नहीं देनी चाहिए। हां, आप छह महीने की उम्र से इन्हें कुचलकर दे सकते हैं। यदि आपके परिवार में फूड एलर्जी का इतिहास है, तो बच्चे को एक साल से पहले नट्स और मूंगफल देने की भूल न करें। (और पढ़े – मूंगफली के फायदे गुण लाभ और नुकसान…)
एक साल से कम उम्र के बच्चों को न दें पनीर – Ek saal tak bache ko na de cheese in Hindi
एक साल से कम उम्र के बच्चों को पनीर नहीं खिलाना चाहिए। वैसे तो पनीर छोटे बच्चों के लिए स्वस्थ और संतुलित आहार का एक हिस्सा है, जो कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन प्रदान करता है। आप चाहें, तो छह महीने की उम्र से बच्चों को फूल फैट चीज खिला सकते हैं। जैसे कॉटेज चीज, क्रीम चीज आदि। उन्हें मोल्ड रिप्ड सॉफ्ट चीज नहीं खिलाना चाहिए, इनमें लिस्टेरिया नामक बैक्टीरिया होता है, जो अनपॉश्चुराइज्ड दूध से बनता है। इसलिए एक साल से कम उम्र के बच्चों को खिलाने के लिए फुल फैट चीज अच्छे रहते हैं।
(और पढ़े – पनीर खाने के फायदे पोषक तत्व और नुकसान…)
छोटे बच्चों को न खिलाएं कच्चा अंडा – Do not feed raw eggs to one year child in Hindi
बाल रोग विशेषज्ञ अक्सर एक साल तक के बच्चों को कच्चा अंडा खिलाने की मनाही करते हैं। उनके अनुसार इससे बच्चों में एलर्जी का खतरा बढ़ जाता है। (और पढ़े – कितने साल के बाद के बच्चों को अंडे खिलाने चाहिए…)
एक साल तक के बच्चों को न पिलाएं चावल का पानी – Ek saal tak ke bachho ko na pilaye rice water in Hindi
कई लोगों का मानना है, कि जब तक बच्चा तरल पदार्थ लेता है, तो उसे चावल का पानी भी पिलाना चाहिए। लेकिन विशेषज्ञ छोटे बच्चों को चावल का पानी पिलाने के लिए मना करते हैं। इसमें बहुत अधिक मात्रा में आर्सनिक होता है। आर्सनिक प्राकृतिक रूप से पर्यावरण में पाया जाता है और ये भोजन और पानी में भी अपना रास्ता बना सकता है। स्तन के दूध और फॉमूर्ला मिल्क के विकल्प में भी आप बच्चे को चावल का पानी नहीं दे सकते हैं। ये उनके लिए नुकसानदायक हो सकता है।
(और पढ़े – चावल के पानी के फायदे…)
12 महीने तक के शिशु को नहीं देना चाहिए मीट – Baby should not be given meat till 12 months in Hindi
12 महीने का शिशु बहुत छोटा होता है। उसकी पचाने की क्षमता बहुत कमजोर होती है, ऐसे में उसे जरा सा भी मीट न खिलाएं। बच्चे इसे आसानी से नहीं पचा पाते। दरअसल, मीट में एनिमल फैट और सोडियम की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जो बच्चों की सेहत के लिए सही नहीं है।
(और पढ़े – चिकन के फायदे और नुकसान…)
एक साल तक के बच्चे को खाने को नहीं देनी चाहिए बैरीज – Ek saal tak ke bachhe ko nahi de berries in Hindi
केवल बैरीज ही नहीं, बल्कि एक साल तक के छोटे बच्चों को ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी, अम्लीय और खट्टे फल बिल्कुल खाने को नहीं देने चाहिए। इससे उनके पेट में एसिडिटी होती है और पेट भी बहुत जल्दी खराब हो सकता है। (और पढ़े – ब्लूबेरी के फायदे और नुकसान…)
12 महीने से कम के बच्चों को न खिलाएं सी-फूड – Sea food is not good for one year baby in Hindi
सीफूड जैसे शेलफिश और अन्य मछलियों में मर्करी की मात्रा अधिक होती है। जिससे फूड पॉइजनिंग का खतरा भी बढ़ता है। इसलिए मछली बच्चे को न देना ही अच्छा है। (और पढ़े – मछली खाने के फायदे और नुकसान…)
एक साल से कम उम्र के बच्चे को नहीं देना चाहिए चॉकलेट – Chocolate should not be feed to one year baby in Hindi
जिस भी चीज में चॉकलेट मिली हो, उसे एक साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं देनी चाहिए। दरअसल, इसमें सॉलिड मिल्क होता है, जो 12 महीने से कम के बच्चे के लिए नुकसानदायक है। (और पढ़े – क्या आप जानते हैं चॉकलेट खाने के फायदे और नुकसान के बारे में…)
गाय का दूध 12 महीने तक के बच्चे को न दें – Cow milk should avoid giving babies in Hindi
अक्सर लोग एक साल से कम उम्र में ही बच्चों को गाय का दूध पिलाना शुरू कर देते हैं, लेकिन ये उनके शरीर पर गलत प्रभाव डालता है। दरअसल, गाय के दूध में आयरन बहुत कम होता है, इसलिए यह बच्चों के लिए बहुत ज्यादा पौष्टिक नहीं है। जबकि संपूर्ण विकास के लिए बच्चों को अधिक मात्रा में आयरन की जरूरत होती है। (और पढ़े – दूध के फायदे, गुण, लाभ और नुकसान…)
एक साल तक शिशु को नहीं दे सकते हैं रिफाइंड अनाज – Avoid refined grains to feed your one year baby in Hindi
रिफाइंड अनाज में पोषक तत्व बहुत कम होते हैं। इसमें मैग्नीशियम, कैल्शियम और विटामिन बी भी बहुत कम होता है। जबकि साबुत अनाज में बायोटिक कंपोनेंट बहुत होते हैं, जिससे पाचन तंत्र अच्छा रहता है। (और पढ़े – अंकुरित अनाज खाने के फायदे और नुकसान…)
12 महीने तक बेबी को फ्रूट जूस देने से बचें – 12 mahine tak baby ko fruit juice dene se bache in Hindi
अमेरिकन अकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार, एक साल के कम के बच्चों को फ्रूट जूस बिल्कुल भी नहीं दिया जाना चाहिए। फलों के जूस में शुकर्रा युक्त पानी नहीं होता, इनमें कैलोरी बहुत होती है, लेकिन वसा, प्रोटीन, कैल्शियम, जिंक, विटामिन डी और फाइबर में से इसमें कुछ भी नहीं होता, जो बढ़ते बच्चे के लिए जरूरी है। बहुत अधिक मात्रा में फ्रूट जूस बच्चों में दांतों की सड़न, दस्त और पेट की परेशानी का कारण भी बन सकता है। अगर आप पिलाना भी चाहते हैं, तो सफेद अंगूर का रस पिलाएं।
(और पढ़े – सेहत के लिए अंगूर खाने के फायदे और नुकसान…)
एक साल तक बच्चे को न दें मुंह में न घुलने वाले पदार्थ – Ek saal ke bachho ko na de muh me ghulne wale padarth in Hindi
चोकिंग के खतरे के कारण छोटे बच्चों को ऐसे खाद्य पदार्थ नहीं देने चाहिए, जो मुंह में जल्दी नहीं घुलते। जैसे कच्ची गाजर, पॉपकॉर्न, नट्स आदि। दरअसल, एक साल तक बच्चों के मसूड़े नहीं बनते, जिससे उन्हें चबाने में कठिनाई होती है। इसलिए अक्सर डॉक्टर भी पिसे या घुली हुई चीजें खिलाने की सलाह देते हैं। (और पढ़े – पॉपकॉर्न खाने के फायदे और नुकसान…)
एक साल से कम के बच्चों को नहीं दें अनपॉश्चुराइज्ड खाद्य पदार्थ – Do not give unpasteurized foods to children below one year in Hindi
अनपॉश्चुराइज्ड फूड छह महीने से एक साल तक के बच्चों के लिए बहुत नुकसानदायक होते हैं। इन बिना पके हुए खाद्य पदार्थ में खतरनाक बैक्टीरिया हो सकते हैं, जो शिशुओं में जानलेवा बीमारी पैदा कर सकते हैं। (और पढ़े – 6 महीने के बच्चे को खिलाएं ये आहार…)
12 महीने तक के बच्चों को नहीं खिलानी चाहिए ये सब्जियां – Ek saal tak ke child ko nahi khilani chahiye vegetables in Hindi
वैसे तो सब्जियां बच्चों की सेहत बनाती हैं, लेकिन पालक और हरी पत्तेदार सब्जियों में नाइट्रेट का स्तर बहुत अधिक होता है। एक वर्ष से कम उम्र के शिशुओं में नाइट्रेट को तोड़ने के लिए पर्याप्त स्टमक एसिड नहीं होते। यह खतरनाक रूप से निम्र स्तर के ऑक्सीजन का कारण बन सकता है, जिसे ब्लू बेबी सिंड्रोम के रूप में भी जाना जाता है। (और पढ़े – हरी सब्जियां खाने के फायदे…)
एक साल से कम के बच्चों को नहीं दें कैंडी – Avoid candy to feed your 12 months baby in Hindi
कैंडी एक साल से पहले बच्चों को नहीं देनी चाहिए। इसे काटने और चबाने के लिए दांतों की आवश्यकता होती है, जो एक साल तक नहीं आते। इसे बच्चा अगर गलती से निगल जाए, तो परेशानी हो सकती है। इसलिए जब तक आपके बच्चे के दांत नहीं आ जाते, कैंडी, लॉलीपॉप यानि चबाने वाली चीजें उसे भूलकर भी न दें।
अपने शिशु को ठोस आहार देना शुरू करने पर भले ही आप कितने रोमांचित क्यों न हों, लेकिन कुछ चीजें ऐसी हैं, जो पहले साल तक उसे नहीं खिलानी चाहिए। यह चोकिंग का खतरा पैदा कर सकती हैं, साथ ही कई बीमारियों को भी बढ़ावा दे सकती हैं। इस लेख में हमने आपको बच्चे के पहले वर्ष के दौरान आहार में न दी जाने वाली चीजों की सूची दी है। इससे आपको बच्चे को कुछ भी सॉलिड खिलाना शुरू करने में मदद मिलेगी। लेकिन फिर भी कोई भी ठोस आहार देने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।
(और पढ़े – बच्चे को ठोस आहार कब देना शुरू करें, क्या दें और किन बातों का रखें ध्यान…)
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