हमारे समाज में सेक्स जैसे मुद्दों पर खुलेआम बात नहीं होती। सेक्स एक ऐसा टॉपिक है जिस पर बात करने के लिए पढ़ा लिखा वर्ग भी कतराता रहता है। पर जिन देशों में सेक्स के बारे में बात होती है वहां से औरतों के साथ पहली बार सेक्स को लेकर ऐसी खबर सामने आयी है जो आपको हैरान कर देंगी। पूरी दुनिया में महिलाओं के ऊपर हो रहे यौन अत्याचार से जुड़े कई चौंकाने वाले खुलासे होते रहे हिं।
#मीटू मूवमेंट ने इस बात को सबके सामने उजागर किया कि महिलाओं के साथ कैसे बिना उनकी इच्छा के जबरजस्ती और मजबूरन यौनाचार किए जाते हैं। अमेरिका की ऐसी ही एक रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि हर 16 में से 1 अमेरिकी महिला को पहली बार सेक्स के लिए जबरन मजबूर किया गया। उस समय उनकी उम्र भी मजबूर करने वाले व्यक्ति की तुलना में काफी कम थी।
क्या कहता है शोध
जामा इंटरनल मेडिसिन के एक नए अध्ययन में महिलाओं और यौन उत्पीड़न के बारे में एक दिल दहला देने वाला और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशित इस नए शोध के अनुसार, 16 महिलाओं में से 1 के लिए, सेक्स का उनका पहला अनुभव जबरदस्ती का था।
शोध में यह भी कहा गया कि 16 अमेरिकी महिलाओं में से एक को पहली बार संभोग करने के लिए मजबूरन तैयार किया गया था।
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ये था आयु का औसत
यह संख्या चौंकाने वाली है, लेकिन शोधकर्ता इस पर कैसे पहुंचे? पीबीएस के अनुसार, रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने 13,310 महिलाओं, जिनकी उम्र 18 से 44 वर्ष की थी, शादी, तलाक, पारिवारिक जीवन, प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में 2011 से 2017 के बीच सवाल पूछे। (यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि अपने पहले सेक्स के बारे में, पुरुषों से नहीं पूछा गया था और 17 या उससे कम उम्र की लड़कियों को इस सर्वे में शामिल नहीं किया गया था।)
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क्या कहते हैं आंकड़ें
जिसमे 6.5% महिलाओं ने बताया कि उनका पहली बार सेक्स करना गैर-मुनासिब था। यदि वह संख्या प्रतिनिधि है, तो इसका मतलब होगा कि अमेरिका में लगभग 33 लाख महिलाएं एक समान स्थिति में हैं। जिनके साथ यौन अत्याचार या जबरदस्ती की गयी। इस समय महिलाओं की औसत आयु लगभग 15.6 थी, 7% महिलाओं ने शोधकर्ताओं को बताया कि वे जबरदस्ती के समय 10 वर्ष से छोटी थीं, 29% ने कहा कि वे 11 से 14 वर्ष की आयु के बीच की थीं, और 39% ने कहा कि यह घटना उनके साथ 15 से 17 साल की उम्र के बीच हुई।
जैसा कि महिलाएं बहुत अच्छी तरह से जानती हैं, यौन हमले के प्रभाव वास्तविक हैं और जीवन भर रह सकते हैं। तीस प्रतिशत महिलाएं जिनके पास सेक्स का पहला अनुभव यौन अत्याचार या जबरदस्ती वाला था, ने बाद में अवांछित गर्भावस्था (unwanted pregnancy) की सूचना दी, यह उन 18% महिलाओं की तुलना में था जिन्होंने कहा कि उन्होंने पहली बार यौन संबंध बनाने का विकल्प अपनी मर्जी से चुना। सेक्स के लिए मजबूर महिलाओं को गर्भपात और मासिक धर्म के दौरान परेशानीयों की समस्याएं होने की संभावना बहुत अधिक थी।
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यह महत्वपूर्ण क्यों है?
सीडीसी के 2010 के इंटिमेट पार्टनर और यौन हिंसा सर्वेक्षण के अनुसार, पांच में से एक महिला और 71 पुरुषों में से एक को पहली बार संभोग के लिए मजबूर किया गया था। राष्ट्रीय यौन हिंसा संसाधन केंद्र के अनुसार, जिन लोगों के साथ बलात्कार किया गया था, उनमें से 81 प्रतिशत महिलाओं और 35 प्रतिशत पुरुषों ने पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (post-traumatic stress disorder) की की सूचना दी थी।
हॉक्स के अनुसार इस अध्ययन का एक रीजन यह है कि, चिकित्सकों को उन रोगियों की देखभाल के बारे में सूचित करना है जिन्होंने सेक्स का अनुभव एक यौन अत्याचार या जबरदस्ती से किया हो। उन्होंने कहा, “कोई भी शारीरिक परीक्षा किसी ऐसे व्यक्ति के लिए दर्दनाक हो सकती है जिसने अतीत में शारीरिक या यौन हिंसा का सामना किया है।” मरीजों को कठिन प्रश्न पूछने से पहले अनुमति देने में सक्षम होना चाहिए और चिकित्सकों को जननांग परीक्षण (genital exams) करने में संवेदनशील होना चाहिए।
हालांकि इन नंबरों को पढ़ना कठिन है, लेकिन इस तरह के अध्ययनों से यह उम्मीद की जा सकती है कि समाज को यह समझने में मदद मिलेगी कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा वास्तव में कैसे होती है और लोगों को उनकी कहानियों पर विश्वास करने के लिए प्रेरित करती है।
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