Benefits Of Mustard Greens In Hindi: सरसों के साग का नाम सुनते ही किसी विशेष व्यंजन का आभास होता है जबकि यह एक सामान्य सब्जी है। पालक, चौलाई (amaranth) लेटिष (lettuce) और पाक चोई (pak choi) के बाद सबसे लोकप्रिय सरसों के पत्ते हैं जिन्हें भाजी या खाद्य सब्जी के रूप में उपयोग किया जाता है। सरसों साग के फायदे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करते हैं। सरसों भाजी के फायदे आपको मधुमेह की बीमारी से बचा सकते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि सरसों के साग का फायदा हृदय को स्वस्थ रखने में भी प्रभावी है।
बहुत से लोग अपने दैनिक आहार में सरसों के साग को शामिल करते हैं। सरसों के पत्ते के फायदे इसमें मौजूद पोषक तत्वों और खनिज पदार्थ के कारण होते हैं। सरसों के साग खाने के फायदे मुख्य रूप से पाचन ठीक करने और वजन घटाने में होते हैं। इस लेख में आप सरसों के साग के फायदे और नुकसान संबंधी जानकारी प्राप्त करेगें।
विषय सूची
सरसों का साग क्या है – What is Mustard Greens in Hindi
सरसों की साग ब्रैसिका परिवार से संबंधित है जो गोभी, केला और कोलार्ड जैसी ठंडे मौसम की फसल है। सरसों की साग का वैज्ञानिक नाम ब्रैसिका जंकिया (Brassica juncea) है। सरसों घरेलू सब्जी के रूप में उपयोग की जाने वाली फसलों में से एक है। हालांकि मौसम, वातावरण और जलवायु के आधार पर सरसों की कई प्रजातियां हैं जिनकी पत्तीयां और स्वाद भी अलग-अलग है। आइए सरसों के साग के बारे में जाने अन्य जानकारियां।
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सरसों की साग के प्रकार – Types Of Mustard greens in Hindi
मस्टर्ड ग्रीन या सरसों की साग कई प्रकार की होती है जो वातावरण और जलवायु पर निर्भर करती है। जिससे उनकी उपज और स्वाद भी अलग-अलग होता है। सरसों की सबसे लोकप्रिय किस्मों फोरडुक फैंसी (Fordhook Fancy,), ग्रीन वेव (Green Wave), ओसाका पर्पल (Osaka Purple), फलोरिडा ब्रॉडलेफ (Florida Broadleaf), टेंडरग्रीन II (Tendergreen II), टेंडरग्रीन (Tendergreen) और साउथन गैंट कर्लड (Southern Giant Curled) आदि।
सरसों साग की पत्तियों के छोर घुमावदार और लंबे होते हैं जैसे गोभी या चौलई के पत्ते होते हैं। कुछ सरसों की साग बैंगनी होती हैं जबकि सामान्य रूप से इनका रंग हरा होता है। सरसों के पत्तों के निचले हिस्से में छोटे-छोटे रूए या बाल होते हैं। सरसों के परिपक्य बीजों को मसाले के रूप में उपयोग किया जाता है। इसके अलावा इन बीजों से तेल भी प्रापत किया जाता है। बहुत से लोग मस्टर्ड सॉस को बहुत ही पसंद करते हैं जो कि सरसों के बीजों से बनाया जाता है। सरसों की साग की बहुत सी प्रजातियां होती हैं जिन्हें आप अपने आहार में शामिल करने के लिए विचार कर सकते हैं।
सरसों की साग के पोषक तत्व – Mustard greens Nutrition in Hindi
सरसों की साग हल्के खाद्य पदार्थों की सूची में आती है जो पाचन तंत्र के लिए अच्छी होती हैं। सरसों की साग में वे सभी पोषक तत्व और खनिज पदार्थ होते हैं जो अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं। सरसों के पत्ते को साग के रूप में और इसके बीजों को मसाले के रूप में उपयोग किया जाता है। सरसों में हल्का तीखा या मिर्च का स्वाद होता है जो कि इसमें मौजूद फिनोल और फ्लेवोनोइड्स (phenols and flavonoids) के कारण होता है। 100 ग्राम पकी हुई सरसों की साग में पाये जाने वाले अन्य पोषक तत्व इस प्रकार हैं।
दैनिक आधार की आवश्यकता के अनुसार –
- विटामिन K– 524 %
- मैंगनीज – 19 %
- कैल्शियम – 10 %
- विटामिन बी – 7 %
- विटामिन सी – 59 %
सरसों की साग के फायदे – Mustard greens Benefits in Hindi
आप सरसों की साग को अपने विशेष व्यंजनों के रूप में शामिल कर सकते हैं। यह सब्जी न केवल स्वादिष्ट होती है बल्कि आपको कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ भी दिला सकती है। इसमें मौजूद पोषक तत्व और खनिज पदार्थ शरीर में मौजूद विषाक्तता को दूर करने में प्रभावी होते हैं। आइए विस्तार से जाने सरसों की साग हमें किस प्रकार के स्वास्थ्य लाभ दिलाती है।
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सरसों भाजी के फायदे हृदय के लिए – Sarson bhaji ke fayde hirday ke liye in Hindi
हृदय रोगियों के लिए सरसों की साग के फायदे होते हैं। सरसों की भाजी में नाइट्रेट, मैग्नीशियम और आवश्यक फैटी एसिड की उच्च मात्रा होती है। साथ ही इसमें हृदय को स्वस्थ रखने वाले बहुत से फाइटोकेमिकल्स भी होते हैं। सरसों की साग खाने के फायदे हृदय रोगी को पर्याप्त नाइर्टेट और मैग्नीशियम दिलाने में मदद करते हैं। नाइट्रेट की उचित मात्रा आपके रक्त और ऊतकों में पर्याप्त नाइट्राइट और नाइट्रिक एसिड के स्तर को बनाए रखता है। इसके अलावा सरसों के पत्तों में मौजूद मैग्नीशियम उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होता है। इसके अलावा इसमें मौजूद फाइबर शरीर में मौजूद खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी नियंत्रित करता है जो हृदय स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। यदि आप हृदय रोगी हैं या भविष्य में हृदय संबंधी समस्याओं से बचना चाहते हैं तो अपने नियमित आहार में सरसों की साग को शामिल करें। (1)
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सरसों की साग रखे मधुमेह को दूर – Sarson ki Saag rakhe Diabetes ko dur in Hindi
मधुमेह रोगियों के लिए सरसों की साग बहुत ही लाभकारी होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सरसों के पत्तों में पर्याप्त मात्रा में फाइटोन्यूट्रिएंट्स मौजूद रहते हैं। यह हमारे शरीर में मौजूद हानिकारक जीवाणुओं के विकास को रोकने में सहायक होता है। इसके अलावा सरसों की साग के मुख्य लाभों में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करना भी शामिल है। नियिमत रूप से सरसों की साग का सेवन आपको मधुमेह और मोटापे जैसी समस्याओं से बचा सकता है।
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सरसों के पत्ते के फायदे लिवर के लिए – Mustard greens benefits for Liver in Hindi
सरसों का साग जिगर को साफ करने के लिए बहुत ही अच्छा खाद्य पदार्थ है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सरसों के पत्तों में क्लोरोफिल की उच्च मात्रा होती है। इसके अलावा सरसों के अन्य पोषक तत्व रक्त में मौजूद विषाक्तता को प्रभावी रूप से दूर कर सकते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि सरसों में भारी धातुओं, रसायनों और कीटनाशकों को बेअसर करने भी क्षमता होती है। जिससे शरीर में मौजूद विषाक्तता या हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने में मदद मिलती है। सरसों की साग के लाभ प्राप्त करने के लिए आप इसे कई प्रकार से अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। (2)
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सरसों का साग के फायदे प्रतिरक्षा बढ़ाये – Sarson ka saag ke fayde immunity Badhaye in Hindi
हरी सरसों की साग में एंटीऑक्सीडेंट मुख्य घटक के रूप में उच्च मात्रा में होते हैं। जिसके कारण यह हमारे शरीर को फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचाते हैं। फ्री रेडिकल्स शरीर में कोशिकाओं के डीएनए को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं। इन फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाला ऑक्सीडेटिव तनाव शरीर में महत्वपूर्ण कार्यों और ऊतकों को परेशान करता है। जिसके कारण कैंसर और मधुमेह जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। लेकिन इन सभी समस्याओं से बचने में सरसों की साग आपकी मदद कर सकती है। क्योंकि सरसों की साग में विटामिन सी और विटामिन ए की उच्च मात्रा होती है। ये दोनों ही विटामिन हमारे शरीर के लिए एंटीऑक्सीडेंट का काम करते हैं। इसके अलावा सरसों में ग्लूटाथियोन भी होता है जो एक एंटीऑक्सीडेंट है।
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सरसों के साग खाने के फायदे कोलेस्ट्रॉल कम करे – Sarson ki saag for reduce Cholesterol in Hindi
नियमित रूप से सरसों की साग का सेवन करना आपको हृदय संबंधी रोगों से बचा सकता है। सरसों की साग में कोलेस्ट्रॉल को कम करने की क्षमता होती है। खराब कोलेस्ट्रॉल की उच्च मात्रा होने पर नसों और धमिनयों के अवरूद्ध होने की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही कोलेस्ट्रॉल की उच्च मात्रा मधुमेह और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी हो सकता है। आप अपने शरीर में अच्छे और खराब कोलेस्ट्रॉल के संतुलन को बनाए रखने के लिए सरसों की साग का सेवन कर सकते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियों को अपने आहार में शामिल करने से शरीर खराब कोलेस्ट्रॉल को पित्त एसिड में बदल देते हैं। जो कि भोजन में वसा को तोड़ने में मदद करता है। यदि आप भी अपने शरीर को कोलेस्ट्रॉल मुक्त रखना चाहते हैं तो सरसों की साग खाने पर विचार कर सकते हैं।
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सरसों के साग का फायदा पाचन के लिए – Mustard Green good for digestion in Hindi
पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए सरसों का साग एक अच्छा विकल्प है। क्योंकि सरसों के साग में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है जो पाचन समस्याओं को प्रभावी रूप से दूर करने में सहायक है। सरसों के पत्तों में मौजूद फाइबर आंत में खराब कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण में हस्तक्षेप करता है। अध्ययनों से पता चलता है कि जो लोग सरसों के साग और अन्य प्रकार की पत्तेदार साग का सेवन करते हैं उनमें कोलन कैंसर, बवासीर और कब्ज जैसी पाचन समस्याओं की संभावना कम होती है। इसके अलावा सरसों की साग के औषधीय गुण उच्च रक्तचाप को भी नियंत्रित करते हैं। आप अपने पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए सरसों के साग को अपने दैनिक आहार में शामिल करें।
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सरसों की साग के लाभ आंखों के लिए – Sarson ki saag ke labh aankho ke liye in Hindi
सरसों की साग में ल्यूटिन और जेक्सैंथिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। जिनकी मौजूदगी दृष्टि स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। ये उम्र बढ़ने संबंधी आंखों के देखने की क्षमता में कमी जैसे कि धब्बेदार अध: पतन और मोतियाबिंद को रोकते हैं। वे ग्लूकोमा और रेटिनोब्लास्टोमा जैसी स्थितियों का मुकाबला करने में भी प्रभावी रूप से भूमिका निभा सकते हैं। आप भी अपनी आंखों को स्वस्थ रखने के लिए सरसों की साग के लाभ ले सकते हैं। यह आसानी से प्राप्त होने वाली खाद्य सब्जियों में से एक है। (3)
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सरसों साग के लाभ याददाश्त के लिए – Sarson saag ke labh Memory ke liye in Hindi
उम्र बढ़ने के साथ ही स्मृति हानि और मानसिक असंतुलन जैसी समस्याएं आम हैं। लेकिन अध्ययनों से पता चलता है कि ऐसी समसयाओं से बचने में हरी पत्तेदार सब्जियां प्रभावी होती है। सरसों की साग के फायदे भी आपको उम्र बढ़ने के दौरान कमजोर याददाश्त और भ्रम जैसी स्थिति को रोकने में मदद करती है। अध्ययनों से पता चलता है कि जो वयस्क लोग प्रतिदिन 1 कप उबली हुई पत्तेदार साग या सरसों की साग का सेवन करते हैं। वे अन्य लोगों की तुलना में स्मृति परीक्षणों में बेहतर प्रदर्शन करते हैं। आप भी भविष्य में होने वाली ऐसी मानिसिक स्थितियों से बचने के लिए अपने दैनिक आहार में पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें। इस प्रकार की सब्जियों में सरसों की साग, काले, पालक, कोलार्ड, पत्ता गोभी और अन्य फोलेट, विटामिन ए आधारित सब्जियों का सेवन करें।(4)
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सरसों दा साग के फायदे कैंसर में – Mustard Green Benefit for Cancer in Hindi
हरी सब्जियों में ग्लूकोसाइनोलेट्स (glucosinolates) नामक पदार्थों का एक समूह होता है। इनकी उपस्थिति के कारण ही सरसों और अन्य इसी तरह की सब्जियों का स्वाद कड़वा और गंध तीखी होती है। जब हम इस प्रकार की सब्जियों का सेवन करते और इन्हें पचाते हैं तो उनमें मौजूद ग्लूकोसाइनोलेट्स सक्रिय यौगिकों जैसे इंडोल (indoles), नाइट्राइल (nitriles), थायोसाइनेट और आइसोथियोसाइनेट्स (thiocyanates, and isothiocyanates) को बनाने के लिए टूट जाते हैं। ये सभी यौगिक मूत्राशय, स्तन, बृहदान्त्र, यकृत, फेफड़े और पेट सहित शरीर में होने वाले अन्य संभावित कैंसर के विकास और डीएनए की क्षति को रोकने में मदद करते हैं। इसके अलावा सरसों की साग में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने में भी मदद करते हैं। (5)
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सरसों साग के गुण कब्ज का इलाज करे – Mustard Green for Constipation in Hindi
कब्ज रोगी के लिए सरसों की साग का सेवन करना अच्छा माना जाता है। क्योंकि सरसों के पत्ते में मौजूद फाइबर मल त्याग को आसान बनाने में मदद करता है। एक कप उबली हुई सरसों की पत्तियों मे लगभग 3 ग्राम फाइबर होता है जो मल त्याग करने की नियमितता को बढ़ावा देता है। सरसों की साग में उपलब्ध फाइबर पानी में घुलनशील होता है जो आंतों में वसा के संचय को रोकता है। इस तरह से कब्ज को रोकने में सरसों की साग के फायदे होते हैं जो कोलोरक्टल सूजन और भविष्य में होने वाली बवासीर की संभावना को कम करता है।
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सरसों साग के औषधीय गुण अस्थमा के लिए – Sarson da saag good for Asthma in Hindi
प्राचीन समय से ही सरसों के साग को स्वास्थ्य संबंधी फायदे प्राप्त करने के लिए आहार के रूप में उपयोग किया जा रहा है। सरसों की भाजी अस्थमा रोगी के लिए भी लाभकारी होती है। हिस्टामिन कस उत्पादन अस्थमा रोगी के शरीर में अधिक होता है जिससे श्वसन अंगों और नलिकाओं में सूजन संबंधी लक्षण दिखाई देते हैं। इसके कारण ही अस्थमा रोगी को श्वांस लेने में परेशानी होती है। लेकिन यदि अस्थमा रोगी नियमित रूप से सरसों की साग का सेवन करे तो इन लक्षणों को कम किया जा सकता है।
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