Potato Benefits in Hindi आलू एक प्रकार की सब्जी है जो जमीन के नीचे उगती है। आलू में कार्बोहाइड्रेट और वसा पाई जाती है। इनमें लूटिन और जैक्सैंथिन (Xanthine) जैसे कैरोटेनोड्स (Carotenoids) शामिल होते हैं जो दिल की क्रिया में सुधार करते हैं। यह रक्त में कोलेस्ट्रोल का स्तर कम करता है और रक्तवाहिकाओं को नुकसान से बचाता है। आलू का उपयोग दवा बनाने के लिए भी किया जाता है। इस लेख में आप जानेंगे आलू के फायदे और नुकसान (Aalu ke fayde aur nuksan in hindi) के बारे में।
आलू में पोटेशियम, कैल्शियम, लोहा और फास्फोरस (Iron and phosphorus) जैसे खनिज तत्व होते हैं। आलू में विटामिन ए, विटामिन बी और विटामिन सी भी होते हैं। इस कारण यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी होता है।
लोग पेट विकारों को दूर करने के लिए कच्चे आलू के रस का सेवन करते हैं। आलू का उपयोग गठिया, संक्रमण, फोड़ें, जलन, कैंसर, पाचन, ब्लडप्रेशर, आदि रोगों की रोकथाम करने में मदद करता है।
विषय सूची
1. आलू के फायदे – Aalu ke fayde in Hindi
2. आलू के नुकसान – Potato side effects in Hindi
हमारे अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए आलू के फाइटोन्यूट्रिएंट में कैरोटीनोइड, फ्लैवोनोइड्स और कैफीक एसिड शामिल होते हैं। आलू में विटामिन सी एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थानों के अनुसार ये पदार्थ पाचन, हृदय स्वास्थ्य (cardiovascular health), रक्तचाप और कैंसर आदि की रोक थाम करने में मदद करते हैं। आइए जाने आलू के फायदे और स्वास्थ्य लाभों के बारे में ।
जो लोग अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं, उनके लिए आलू अच्छा आहार होता है। आलू में मुख्य रूप से कार्बोहाइड्रेट (carbohydrates) पाया जाता है और इसमें प्रोटीन की मात्रा कम होती है। आलू में विटामिन सी और विटामिन बी-कॉम्लेकस भी शामिल होते हैं, जो कार्बोहाइड्रेट के उचित अवशोषण में मदद करते हैं। यही कारण है कि आलू आपके वजन को बढ़ाने में आपकी मदद करता है।
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उच्च रक्तचाप (High BP), हृदय रोगों का मुख्य कारण होता है। आलू में बहुत से खनिज पदार्थ होते हैं जो रक्तचाप को कम करने में मदद करते हैं। कुछ अध्ययन बताते हैं कि पोटेशियम की उच्च मात्रा हृदय रोगों की संभावना को कम करते है। दिल को स्वस्थ रखने के लिए आलू का सेवन करना फायदेमंद होता है।
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विटामिन सी और बी-कॉम्प्लेक्स (B-complex) की अच्छी मात्रा आलू में उपस्थित होती है। साथ ही साथ आलू में पोटेशियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और जस्ता जैसे खनिज पदार्थ भी होते है जो त्वचा के लिए बहुत अच्छे होते हैं। आप आलू को पीसकर उसमें शहद का मिश्रण कर अपने चेहरे में लगा सकते हैं यह आपकी त्वचा पर मुंहासें और धब्बे (pimples and spots) का इलाज करने में भी मदद करता है।
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यदि आपकी त्वचा में जलन हो रही हो तो आप जलन वाले स्थान पर भी आलू और शहद के मिश्रण का उपयोग कर सकते हैं। यह आपको त्वचा की जलन (Skin irritation) से तुरंत आराम दिलाने में मदद करेगा। आलू आपकी त्वचा को नरम और साफ करने के लिए बहुत अच्छे हैं, खासकर कोहनी के आसपास की त्वचा के डार्कनेस को कम करने में ।
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लाल और रस वाले आलूओं में फ्लैवोनॉयड एंटीआक्सिडेंट जैसे जेक्सैंथिन और कैरोटीन (zeaxanthin and carotenes), विटामिन ए आदि की अच्छी मात्रा उपलब्ध होती है, जो आपको कई प्रकार के कैंसर से बचा सकते हैं। इसके अलावा कृषि अनुसंधान के एक अध्ययन से पता चला है कि आलू में एंटी कैंसर और एंटी-ट्यूमर गुण वाला कार्सोटिन नामक एक यौगिक होता है। एंटीआक्सीडेंट (antioxidant) गुणों वाले विटामिन ए
और विटामिन सी आपके शरीर को कैंसर के प्रभाव से बचाने में मदद करते हैं।(और पढ़े – कैंसर क्या है कारण लक्षण और बचाव के उपाय)
उच्च रक्तचाप मधुमेह, तनाव, अपचन, पोषक संतुलन, आहार और कई अन्य कारणों से हो सकता है। आलू इन में से कई संभावित कारणों के प्रभाव को कम कर सकते हैं। ये तनाव (stress) के कारण उच्च रक्तचाप से मुक्ति पाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। आलू में विटामिन सी और फाइबर बहुत अच्छी मात्रा में होते हैं जो अपचन का इलाज कर सकते हैं। लेंकिन यदि उच्च रक्तचाप मधुमेह के कारण होता है तो आलू के सेवन से बचना चाहिए। आलू में मौजूद फाइबर कोलेस्ट्रॉल को कम करने और शरीर में इंसुलिन (insulin) कामकाज को ठीक करने में मदद करता है, जो रक्तचाप को कम करने में सहायक होता है। आलू में उपस्थित पोटेशिम भी रक्तचाप को कम करता है क्योंकि यह एक वासोडिलेटर (vasodilator) के रूप में कार्य करता है।
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गुर्दे के पत्थर मुख्य रूप से रक्त में यूरिक एसिड (uric acid) के बढ़ते स्तर के कारण होते हैं। ऐसे मामलों में अधिक प्रोटीन वाले भोजन से बचना चाहिए, विशेष रूप से मांस प्रोटीन जैसे मांस, टर्की झींगा, मछली, अंडे और दूध आदि जो रक्त में यूरिक एसिड को बढ़ाते हैं। लोहे और कैल्शियम भी गुर्दे के पत्थरों के गठन में मदद करते हैं। आलू में दोनों ही अच्छी मात्रा में होते है जो गुर्दे के पत्थरों के निवारक उपाय के रूप में उपयुक्त नहीं होते लेकिन आलू में मैग्नीशियम भी होता है जो गुर्दे और अन्य ऊतकों में कैल्शियम (calcification) के संचय को रोकता है, जो गुर्दे के पत्थरों के इलाज के लिए फायदेमंद होता है।
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दस्त के इलाज के लिए आलू का उपयोग बहुत ही प्रभावी माना जाता है। आलू, दस्त पीडित लोगों के लिए पौष्टिक आहार का अच्छा विकल्प होता है, क्योंकि ये पचने में आसान होते हैं। लेकिन स्टार्च (starch) की अधिकता के कारण आलू का अधिक मात्रा में सेवन करने से आपके दस्त की प्रक्रिया को बढ़ा सकता है। इसलिए दस्त की स्थिति में आलू का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए।
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कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक त्तवों की उपलब्धता के कारण आलू गठिया (rheumatism) रोग से राहत दिलाते हैं। इसके अलावा उबलते आलू से प्राप्त पानी दर्द और गठिया की सूजन से छुटकारा दिलाते हैं। हालांकि स्टार्च और कार्बोहाइड्रेट (starch and carbohydrate) की अधिक मात्रा के कारण आलू शरीर का वजन बढ़ा सकते हैं जो गठिया प्रभावित रोगी पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं।
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कार्बोहाइड्रेट की अच्छी मात्रा के कारण आलू पचाने (Digest) में आसान होते हैं और वे पाचन क्रिया को भी मजबूत करते हैं। ये गुण आलू को बच्चों के लिए या उन लोगों के लिए अच्छा आहार बनाती है जो कठोर भोजन नहीं पचा सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें आलूओं का ज्यादा मात्रा में आहार करने पर समय के साथ अम्लता (acidity) बढ़ सकती है। क्योंकि आलू में फाइबर की मात्रा अधिक होती है। यह पेरिस्टाल्कि गति को उत्तेजित करता है और गैस्ट्रिक रसों का स्राव बढ़ाता है, जो पाचन को आसान बनाते हैं। यह कोलोरेक्टल कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचाने के दौरान कब्ज जैसी स्थितियों को रोकता है।
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स्कर्वी रोग विटामिन सी की कमी के कारण होता है। आलू में विटामिन सी अच्छी मात्रा में होते हैं जो इस बीमारी को रोकने में मदद करते हैं। यह फटे हुए होंठ, स्पॉन्सी और मसूड़ों से रक्तस्राव (bleeding gums) और वायरल संक्रमण से बचाता है।
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