Aankh ka fadakna आमतौर पर हम सभी की आंखें फड़कती हैं और कुछ देर बाद अपने आप बंद भी हो जाती हैं। लेकिन कुछ लोग आंखों का फड़कना शुभ और अशुभ संकेतों से जोड़कर देखते हैं। वास्तव में अच्छे या बुरे संकेतों के कारण नहीं बल्कि तंत्रिका संबंधी विकारों के कारण आंखें फड़कती हैं। यह एक ऐसी समस्या है जिसके बारे में लोगों को बहुत कम जानकारी है। इसलिए इस लेख में हम आपको आंख फड़कने के कारण, इसका घरेलू इलाज और बचाव के बारे में बताने जा रहे हैं।
विषय सूची
1. आंखों का फड़कना क्या है – What is Eye Twitching in Hindi
2. आंखों के फड़कने का कारण – Causes of Eyelid Twitching in Hindi
3. आंख फड़कने का घरेलू इलाज – Home Remedies for Eye Twitching in Hindi
4. आंख फड़कने से कैसे बचें – Prevention of Eye Twitching in Hindi
आंख और पलकों का फड़कना बिल्कुल आम समस्या है जिसे डॉक्टरों की भाषा में म्योकिमिया (myokymia) कहा जाता है। यह आमतौर पर एक आंख के निचली पलक या निचले हिस्से को प्रभावित करता है लेकिन इसके कारण पलक और आंख का ऊपरी हिस्सा भी फड़कता है। ज्यादातर आंख फड़कने की समस्याएं शुरू होकर खत्म भी हो जाती हैं लेकिन कुछ मामलों में एक सप्ताह से लेकर महीनों तक व्यक्ति की आंखें फड़क सकती है। हालांकि आंखों के फड़कने से व्यक्ति के स्वास्थ्य को किसी तरह की हानि नहीं होती है लेकिन यदि यह समस्या लंबे समय तक बनी रही तो यह गंभीर तंत्रिका संबंधी समस्याओं (neurological condition) का संकेत हो सकती है।
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आमतौर पर आंखों के फड़कने से व्यक्ति को किसी तरह का दर्द या नुकसान नहीं होता है लेकिन लंबे समय तक यह समस्या बनी रहने कुछ परेशानी और चिड़चिड़ापन जरूर होता है। कई बार आंखों का फड़कना अपने आप बंद हो जाता है जबकि कभी-कभी यह कई दिनों तक लगातार होता है। आइये जानते हैं आंखों के फड़कने का कारण क्या होता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अधिक तनाव लेना आंख फड़कने का एक कारण है। काम और जिम्मेदारियों के बोझ, कैरियर में असफलता सहित विभिन्न कारणों से लोग तनाव और अवसाद में जीते हैं जिसके कारण आंख फड़कती है।
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लंबे समय तक अनिद्रा की समस्या से ग्रसित होना, सही तरीके से नींद न आना और बहुत ज्यादा सोचने के कारण भी आंखों की पलकें फड़कती हैं।
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कंप्यूटर, टैबलेट और स्मार्टफोन सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और डिजिटल डिवाइस के अधिक इस्तेमाल के कारण आंखों में अधिक तनाव उत्पन्न होता है जिसके कारण आंख फड़कती है।
जो लोग आवश्यकता से अधिक कैफीन का सेवन करते हैं उनकी आंखें फड़कती हैं, क्योंकि कैफीन में कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो आंखों में तनाव पैदा करते हैं जिसके कारण आंखें फड़कती हैं।
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अगर आप बीयर, वाइन या अन्य नशीले पेय पदार्थों और एल्कोहल का सेवन करते हैं तो आपकी आंखें फड़क सकती हैं।
आमतौर पर 50 साल की उम्र के बाद आंखें शुष्क (dry) होने लगती हैं। जिसके कारण आंखों का ऊपरी भाग और पलकें फड़कने लगती हैं। इसके अलावा अर्थराइटिस और डिप्रेशन की दवाओं का सेवन करने, लेंस लगवाने के कारण भी आंखें शुष्क हो जाती हैं जिसके कारण भविष्य में आंखें फड़कने की संभावना बढ़ जाती है।
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कुछ रिपोर्टों से पता चला है कि शरीर में मैग्नीशियम सहित अन्य पोषक तत्वों की कमी के कारण आंखें फड़कती हैं। स्वस्थ आंखों के लिए पर्याप्त पोषण आवश्यक होता है। इनकी कमी होने पर पलकें फड़कने लगती हैं।
आंखों में खुजली, पानी आना और सूजन के कारण भी आंखें फड़कती हैं। जब हम आंखों को मलते हैं तो पुतलियों के ऊत्तकों से हिस्टामिन स्रावित होता है जिसके कारण आंखों में एलर्जी हो जाती है और आंखें फड़कने लगती हैं।
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चूंकि आंख का फड़कना कोई गंभीर समस्या नहीं है इसलिए इसके इलाज के लिए डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इन घरेलू उपायों से आप आंखों के फड़कने का इलाज कर सकते हैं।
आलू का शीतल प्रभाव (cooling effect) आंखों की मांसपेशियों को राहत पहुंचाता है जिसके कारण आंख फड़कना रूक जाता है। इसलिए आंख फड़कने पर आलू के गोल टुकड़े को काटकर आंखों के ऊपर कुछ देर तक रखे रहें। कुछ ही देर में आंखों का फड़कना बंद हो जाएगा।
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आंखों के आसपास के क्षेत्र पर उंगली से मसाज करने पर आंखों की मांपेशियां मजबूत होती हैं और ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ता है। आंख फड़कने पर दिन में कम से कम पांच से छह बार 30 सेकेंड तक आंखों का मसाज करें। इस समस्या से तुरंत छुटकारा मिल जाएगा।
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अक्सर हम चेहरे पर फेस पैक लगाते समय आंखों पर खीरे का टुकड़ा रखते हैं। यह आंखों को राहत प्रदान करने के लिए रखा जाता है। खीरे में एंटी इंफ्लैमेटरी गुण पाया जाता है जो तंत्रिका मांसपेशियों को शांत रखता है। आंख फड़कने पर प्रभावित हिस्से पर ठंडे खीरे का पतला टुकड़ा रखें और आंखें बंद करके लेट जाएं। थोड़ी ही देर में आंखों का फड़कना बंद हो जाएगा।
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शरीर में पोटैशियम की कमी आंखों के फड़कने का एक बड़ा कारण होता है। केले में पर्याप्त मात्रा में पोटैशियम होता है जो आंखों के फड़कने का एक बेहद इलाज माना जाता है। नियमित दो केला खाने से किसी भी उम्र में आंखें नहीं फड़कती हैं।
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हल्के गुनगुने पानी से आंखों के ऊपर छींटे मारने से आंख के ऊत्तकों को राहत मिलती है जिसके कारण आंखों का फड़कना बंद हो जाता है। जब भी आपकी आंखें फड़कें तो यह उपाय जरूर आजमाएं।
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माना जाता है कि गुलाब जल आंखों के लिए क्लिंजर (सफाई करने) का काम करता है जिससे आंखों का फड़कना बंद हो जाता है। गुलाबजल को कुछ देर तक फ्रिज में रखें इसके बाद एक कॉटन को गुलाब जल में डुबाएं और थकी हुई आंखों के ऊपर कॉटन को दबाकर कुछ देर तक छोड़ दें। कुछ देर बाद कॉटन हटा लें और आराम से आंखें खोलें। आंखों का फड़कना बंद हो जाएगा।
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तेजी से आंखें झपकाने का अभ्यास करने से सिर्फ आंखों की गंदगी ही बाहर नहीं निकलती बल्कि आंखों में नमी भी बनी रहती है जिससे मांसपेशियों को राहत मिलती है। आंखें फड़कने पर आंखों को तेजी से खोलें और बंद करें या पलकों को तेजी से 20 सेकेंड तक झपकाएं। आंखों का फड़कना बंद हो जाएगा।
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