हमारी पाचन प्रणाली या शरीर के आंतरिक अंगों में आंतों का विशेष स्थान है। आंतों की कमजोरी का सीधा प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है क्योंकि यह पाचन तंत्र का अभिन्न अंग है। हमारे द्वारा खाए जाने वाले सभी खाद्य पदार्थ पाचन प्रक्रिया के द्वारा इन्हीं आंतों से होकर गुजरते हैं। पाचन प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद अपशिष्ट पदार्थ आंतों में तब तक जमा रहता है जब तक इसे मल के रूप में बाहर नहीं कर दिया जाता है। इससे स्पष्ट होता है कि आंत हमारी आहार प्रणाली का एक हिस्सा है जो पेट और गुदा से जुड़ा हुआ है। लेकिन जब हमारी आंत अस्वस्थ होती है तब हमें कई प्रकार की पाचन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन आप आंतों की कमजोरी का इलाज भी कर सकते हैं। आज इस लेख में आप आंतों की कमजोरी या अस्वस्थ आंतों के इलाज संबंधी जानकारी प्राप्त करेगें।
विषय सूची
- आंतों की कमजोरी क्या है – What is intestinal weakness in Hindi
- आंतों की कमजोरी का कारण – Cause intestinal weakness in Hindi
- आंतों की कमजोरी के घरेलू उपाय – Home remedies for intestinal weakness in Hindi
- आंतों की मजबूती के लिए पर्याप्त पानी पिएं – Drink enough water to strengthen the intestines in Hindi
- आंतों की कमजोरी का घरेलू इलाज करे अदरक – Ginger for cleaning the bowels in Hindi
- आंतों की सूजन का घरेलू इलाज पुदीना – Aanto ki sujan ka ilaj Pudina in Hindi
- आंतों की कमजोरी का घरेलू इलाज प्रोबायोटिक – Probiotic for intestinal weakness in Hindi
- आंतों की कमजोरी दूर करे फाइबर युक्त खाद्य – Fiber Foods se Aanto Ki Kamjori Ka Ilaj in Hindi
- आंतों को स्वस्थ रखने के लिए धूम्रपान और शराब से बचें – Avoid smoking and alcohol to keep intestines healthy in Hindi
- कमजोर आंत रोगी अधिक भोजन न करें – kamjor aant rogi adhik bhojan na kare in Hindi
आंतों की कमजोरी क्या है – What is intestinal weakness in Hindi
आंतों का सही तरीके से काम न करना या अस्वस्थ रहना ही आंतों की कमजोरी कहलाता है। यह एक बहुत ही आम समस्या है जो लगभग हर व्यक्ति की बड़ी आंता को प्रभावित करता है। आंतों की कमजोरी होने के कारण कब्ज, दस्त, गैस, पेट की सूजन, पेट दर्द और ऐंठन जैसी समस्याएं होती हैं। आंतों का कमजोर होना ऐसी समस्या है जो व्यक्ति को लंबे समय तक प्रभावित करता है। यदि इस प्रकार की समस्या किसी व्यक्ति को लंबे समय तक बनी रहती है तो आप इसे घरेलू उपाय और कुछ जीवनशैली परिवर्तन के माध्यम से दूर कर सकते हैं। कुछ मामलों में आपको डॉक्टरी परामर्श और दवाओं की भी आवश्यकता हो सकती है।
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आंतों की कमजोरी का कारण – Cause intestinal weakness in Hindi
आंतों के कमजोर होने या अस्वस्थ रहने के सही और सटीक कारणों के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। लेकिन अध्ययनों से पता चलता है कि आंतों के खराब स्वास्थ्य के लिए बहुत से कारक जिम्मेदार होते हैं। आंतों की कमजोरी का प्रमुख कारण सुस्त और निष्क्रिय जीवन शैली होती है। क्योंकि ऐसी स्थिति में भोजन करने के बाद शारीरिक परिश्रम की कमी के कारण भोजन देर से पचता है जिससे आंतों की कार्य क्षमता में कमी आती है। लेकिन यदि आप अपने दैनिक जीवन नियमित योग और व्यायाम करते हैं तो इस प्रकार की समस्या से बच सकते हैं। आइए जाने आंतों को स्वस्थ रखने और आंतों की कार्य क्षमता को बढ़ाने के घरेलू उपाय क्या हैं।
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आंतों की कमजोरी के घरेलू उपाय – Home remedies for intestinal weakness in Hindi
यदि आप भी पाचन संबंधी समस्याओं से परेशान हैं तो यह आपकी आंतों की कमजोरी का कारण हो सकता है। लेकिन आपको घबराने की आवश्यकता नहीं है लेकिन इस समस्या का समय पर इलाज किया जाना आवश्यक है। आंतों का कमजोर होना या पाचन समस्याओं का होना आपके खराब खान-पान, गंदी जीवनशैली और सुस्त दिनचर्या होता है। लेकिन आप कुछ आसान से टिप्स और घरेलू उपाय को अपना कर अपनी आंतों को मजबूती दिला सकते हैं। ऐसा करने के लिए आपको आंत की सफाई करने वाले खाद्य पदार्थों की जानकारी होना आवश्यक है। आइए जाने हम अपनी आंतों की कमजोरी को दूर करने के लिए किन घरेलू उपाय को अपना सकते हैं।
आंतों की मजबूती के लिए पर्याप्त पानी पिएं – Drink enough water to strengthen the intestines in Hindi
पाचन संबंधी समस्याओं या आंत की कमजोरी का प्रमुख कारण पानी की कमी होता है। यदि आप अपनी आंतों की मजबूती या आंतों का बेहतर स्वास्थ्य चाहते हैं तो पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें। पानी की उचित मात्रा पाचन संबंधी समस्याओं का सबसे अच्छा घरेलू उपाय है। क्योंकि शरीर को खाद्य पदार्थ पचाने और उनसे पोषक तत्वों की प्राप्त करने में पानी अहम भूमिका निभाता है। शरीर में पानी की कमी के कारण मल के कड़े होने और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन शारीरिक गतिविधि, उचित व्यायाम, पौष्टिक भोजन और पर्याप्त पानी का नियमित सेवन आपकी आंतों को स्वस्थ रखता है।
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आंतों की कमजोरी का घरेलू इलाज करे अदरक – Ginger for cleaning the bowels in Hindi
प्राचीन समय से ही पाचन संबंधी समस्याओं के इलाज में अदरक का उपयोग किया जा रहा है। यदि आप कमजोर आंत वाले रोगी हैं तब भी अदरक आपके लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। क्योंकि अदरक में ऐसे गुण होते हैं जो आंतों की उचित सफाई में सहायक होते हैं। अदरक में जिंजेरोल (gingerols) नामक एक घटक होता है। यह पेट के संकुचन को गति देने में सहायक होता है। जिससे उन खाद्य पदार्थों को स्थानांतरित करने में मदद मिली है जो पेट के माध्यम से अधिक तेजी से अपच पैदा करते हैं। इसके अलावा अदरक में ऐसे घटक भी होते हैं जो मतली, उल्टी और दस्त जैसे लक्षणों को भी कम कर सकते हैं। आप भी अपनी आंतों की कमजोरी के इलाज के लिए अदरक का उपयोग कर सकते हैं।
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आंतों की सूजन का घरेलू इलाज पुदीना – Aanto ki sujan ka ilaj Pudina in Hindi
मुंह की बदबू दूर करने के साथ ही पुदीना आपके बेहतर पाचन के लिए भी अच्छा होता है। आप अपनी कमजोर आंतों के घरेलू उपचार के रूप में पुदीना का भी उपयोग कर सकते हैं। पुदीना का इस्तेमाल उल्टी और दस्त को रोकने में भी किया जाता है। शोध के अनुसार पुदीना आंतों में मांसपेशीय ऐंठन को और आंतों की सूजन को कम करने में सहायक होता है। इसके अलावा यह गैस, अपच और पेट दर्द जैसी समस्याओं को ठीक कर सकता है।
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आंतों की कमजोरी का घरेलू इलाज प्रोबायोटिक – Probiotic for intestinal weakness in Hindi
अध्ययनों के अनुसार आंत्र संबंधी रोगों का उपचार करने में प्रोबायोटिक एक अच्छा उपाय है। हमारी आतों में अच्छे और बुरे दोनों प्रकार के बैक्टीरिया होते हैं। लेकिन आंतों में खराब बैक्टीरिया की मात्रा अधिक हो जाने के कारण आंतों को नुकसान हो सकता है। ऐसी स्थिति में प्रोबायोटिक आंतों में अच्छे बैक्टीरिया के स्तर को बढ़ाने में सहायक होते हैं। जिससे अच्छे और खराब बैक्टीरिया में संतुलन बनता है। इसके अलावा प्रोबायोटिक में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया पाचन संबंधी समस्याओं को भी आसानी से दूर कर सकते हैं। यदि आप भी आंतों के कमजोर होने या आंतों के चिपकने जैसी समस्या से परेशान हैं तो प्रोबायोटिक आधारित खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
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आंतों की कमजोरी दूर करे फाइबर युक्त खाद्य – Fiber Foods se Aanto Ki Kamjori Ka Ilaj in Hindi
पेट संबंधी समस्याओं के दौरान रोगी को वसायुक्त और संसाधित खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए। क्योंकि इस प्रकार के खाद्य पदार्थ कब्ज और अन्य समस्याओं को बढ़ा सकते हैं। इस प्रकार की समस्याओं से बचने के लिए आप अपने आहार में अधिक से अधिक फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें। फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों में अधिक से अधिक हरी सब्जीयां, ताजे और मौसमी फल साबुत अनाज आदि का सेवन किया जा सकता है। इस प्रकार के भोजन को करने से आंतों के स्वस्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।
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आंतों को स्वस्थ रखने के लिए धूम्रपान और शराब से बचें – Avoid smoking and alcohol to keep intestines healthy in Hindi
अधिक मात्रा में धूम्रपान और शराब का सेवन करना भी आपकी आंतों को नुकसान पहुंचा सकता है। धूम्रपान करने से गले की परेशानीयां बढ़ सकती है जिससे पेट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा अधिक मात्रा में शराब का सेवन करने से आपके पाचन तंत्र में भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है। क्योंकि यह आपके यकृत और पेट की आंतरिक परत को नुकसान पहुंचा सकता है। यही कारण है कि आंतों की कमजोरी वाले रोगी को धूम्रपान और शराब का सेवन न करने की सलाह दी जाती है।
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कमजोर आंत रोगी अधिक भोजन न करें – Kamjor aant rogi adhik bhojan na kare in Hindi
पाचन संबंधी समस्याओं का प्रमुख कारण आंतों की कमजोरी होती है। ऐसी स्थिति में रोगी को पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक आहार लेना चाहिए। लेकिन उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अधिक मात्रा में और दिन में कई बार भोजन नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने पर आपकी पाचन प्रणाली में दबाव बढ़ता है जिससे भोजन पचाने की क्षमता में कमी आ सकती है। परिणाम स्वरूप अपशिष्ट पदार्थ लंबे समय तक आंतों में रूका रहता है। जो आंतों के संक्रमण और उन्हें कमजोर कर सकता है।
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