Types of Abortion In Hindi माँ बनना हर महिला का सपना होता है और जो महिलायें गर्भवती होती है उनकी ख़ुशी का कोई अंदाजा नहीं लगा सकता है परन्तु कभी कभी किसी कारणवश गर्भवती महिला को गर्भपात यानि की एबॉर्शन करवाना पड़ता। आज के समय में अनियमित जीवनशैली और खानपान की वजह से महिलाओं में कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा होने लगती है उन्ही में से एक गंभीर समस्या है एबॉर्शन की, जिसमें महिला को किसी शारीरिक समस्या की वजह से डॉक्टर द्वारा एबॉर्शन की सलाह दी जाती है या कभी कभी महिला को पता भी नहीं चल पता और उनका गर्भपात हो जाता है। जिसकी वजह से वह महिला केवल शारीरिक रूप से कमजोर ही नहीं मानसिक तौर पर भी अवसादग्रस्त हो जाती है।
परन्तु गर्भपात के कारण के बारे में जानना जरुरी है कि ऐसा होता क्यों है साथ ही इसके विभिन्न प्रकारों के बारे में भी जानना बहुत जरुरी है। इसलिए आज इस लेख में हम आपको गर्भपात क्या होता है और एबॉर्शन के कितने प्रकार होते है इनके बारे में बतायेंगे। तो आईये जाने एबॉर्शन के बारे में –
विषय सूची
गर्भपात एक गर्भावस्था को समाप्त करने की चिकित्सा प्रक्रिया होती है जिसका परिणाम यह होता है की बच्चे का जन्म नहीं हो पाता है। आप कितने सप्ताह की गर्भवती हैं, इस पर निर्भर करते हुए हुए ही गर्भपात की प्रक्रिया निर्धारित की जाती है की गर्भवस्था को दवा के द्वारा समाप्त करना है या सर्जिकल प्रक्रिया द्वारा समाप्त किया जा सकता है। एक गर्भपात जो बिना जानकारी के होता है, उस तरह का गर्भपात मिसकैरिज (miscarriage) या सहज गर्भपात (spontaneous abortion) के रूप में जाना जाता है। और जब गर्भावस्था को सोच समझ कर समाप्त किया जाता है तो उस तरह के गर्भपात को प्रेरित गर्भपात (induced abortion) कहा जाता है।
इसी तरह गर्भपात के कई प्रकार भी होते है जिनके द्वारा गर्भावस्था को ख़त्म किया जाता है। तो आईये जाने एबॉर्शन के प्रकार के बारे में-
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वैसे तो गर्भपात के कई प्रकार होते है परन्तु यह प्रकार इस बार पर निर्भर करते है की महिला की गर्भावस्था का कौन सा महिना चल रहा है क्योकि गर्भावस्था के पहले तिमाही के दौरान ही ज्यादातर गर्भपात होते हैं। गर्भावस्था की पहली तिमाही (first trimester) का मतलब है गर्भावस्था के 12 सप्ताह। परन्तु कुछ देश 24वें हफ्ते में गर्भपात करने की अनुमति देते है जो दूसरी तिमाही ख़त्म होने से पहले का समय होता है पर कुछ देशो में 20वें हफ्ते के बाद गर्भपात प्रतिबंधित है। परन्तु अगर ऐसी कोई स्थिति होती है की जिसमे माँ और बच्चे की जान को खतरा हो तो 24वें हफ्ते के बाद गर्भपात कराया जा सकता है जो तीसरी तिमाही में शामिल होता है।
गर्भपात के दो मुख्य प्रकार हैं:
इन सभी स्थितियों की जानकारी होने के बाद हम जानेंगे गर्भपात के प्रकार, जिनमें शामिल है-
इस प्रकार के गर्भपात में गोली के रूप में दो दवाएं ली जाती है जिसके माध्यम से एक चिकित्सा गर्भपात किया जाता है। एबॉर्शन में उपयोग होने वाली दोनों दवाईयों का नाम है मिफेप्रिस्टोन (मिफेप्रैक्स) mifepristone (Mifeprex)और मिसोप्रोस्टोल (साइटोटेक) misoprostol (Cytotec)। यह दोनों दवाईयां गर्भावस्था को समाप्त करने के लिए एक साथ काम करती हैं। कोई भी गर्भवती महिला गर्भावस्था के 10 वें सप्ताह तक इस विधि का उपयोग कर सकती हैं। परन्तु डॉक्टरों का कहना है की चिकित्सा गर्भपात सभी महिलाओं के लिए नहीं है।
कुछ गर्भवती महिलायें जिनको निम्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्या है उन्हें इस विधि से बचना चाहिए, जिनमें शामिल है-
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चिकित्सा गर्भपात की प्रक्रिया में डॉक्टर या नर्स आपको क्लिनिक में सबसे पहले आपको मिफेप्रिस्टोन देगा। यह दवा आपके शरीर में हार्मोन प्रोजेस्टेरोन को अवरुद्ध करती है, जो भ्रूण को आपके गर्भाशय में प्रत्यारोपित करने और विकसित करने में मदद करता है। इसके बाद आपको अपने साथ घर ले जाने के लिए मिसोप्रोस्टोल दिया जाता है। पहली गोली के 4 घंटे बाद तक आप इसे ले सकती हैं। आप इस दवा को या तो मौखिक रूप से ले सकती हैं या गोलियों को अपनी योनि में भी डाल सकती हैं। मिसोप्रोस्टोल आपके गर्भाशय से गर्भावस्था के ऊतकों को बाहर निकालने में मदद करता है। मिसोप्रोस्टोल लेने के बाद आपको क्रेम्पिंग शुरू हो जाएगी और 1 से 4 घंटे बाद भारी खून बहने लगेगा।
गोलियां लेने के बाद आपको अन्य लक्षणों भी दिखाई देते है जिनमें शामिल हैं-
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ज्यादातर महिलाओं को गोलियां लेने के 4 से 5 घंटे के भीतर गर्भावस्था हट जाती है। परन्तु किसी किसी को 2 दिन तक भी लगते हैं। आपका गर्भपात होने के लगभग 4 से 6 सप्ताह बाद आपके पीरियड्स फिर से शुरू होने लगेंगे। दवा लेने के लगभग 3 सप्ताह बाद आप ओव्यूलेट करना शुरू करेंगी। एक बार जब आप ओव्यूलेट करने लगेंगी, तो आप फिर से गर्भवती हो सकती हैं। आपका डॉक्टर आपको यह सलाह भी दे सकते है कि आप गर्भपात के बाद एक या दो सप्ताह तक सेक्स करने की प्रतीक्षा करें। चिकित्सा गर्भपात का भविष्य में आपके गर्भवती होने की क्षमता पर कोई असर नहीं होता है।
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मेथोट्रेक्सेट और मिसोप्रोस्टोल (MTX) भी एक तरह की गर्भपात विधि है जिसका उपयोग आप गर्भावस्था के पहले 7 हफ्तों में कर सकती हैं। मेथोट्रेक्सेट एक प्रकार की कैंसर की दवा है। जिस तरह यह दवा कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है, वैसे ही यह भ्रूण में कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है।
यह विधि मिफेप्रिस्टोन और मिसोप्रोस्टोल की प्रक्रिया से अधिक समय लेती है, और इसका उपयोग ज्यादातर नियोजित गर्भपात (planned abortions) के लिए किया जाता है। इस विधि का उपयोग डॉक्टर मुख्य रूप से उन महिलाओं के लिए करते हैं जिनकी गर्भावस्था गर्भाशय के बाहर होती है, जिसे अस्थानिक गर्भावस्था (ectopic pregnancy) कहा जाता है। यदि अस्थानिक गर्भावस्था ज्यादा लम्बे समय तक जारी रहती है तो यह जानलेवा हो सकती है।
उन महिलाओं को यह विधि नहीं अपनानी चाहिए जिन्हें-
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इस प्रक्रिया में डॉक्टर आपको मेथोट्रेक्सेट का डोस देता है। यह दवाई एक शॉट या एक गोली के रूप में आती है जिसे आप मुंह से भी ले सकती हैं। आप मिसोप्रोस्टोल की गोलियां घर पर 4 से 6 दिन बाद या तो मुंह से या अपनी योनि में डालकर भी ले सकती हैं। यह दवा लेने के 1 से 12 घंटे के भीतर गर्भपात शुरू हो जाएगा। आपको ऐंठन महसूस होगी और खून बहने लगेगा। आपको 4 से 8 घंटे तक भारी रक्तस्राव
हो सकता है।(और पढ़े – गर्भपात के बाद ब्लीडिंग रोकने के उपाय…)
आपके गर्भपात को खत्म होने में कुछ दिन या हफ्ते लग सकते हैं। कुछ महिलाओं को एक महीने तक का समय लगता है। 1 से 2 प्रतिशत महिलाओं पर यह दवा असर नहीं। इसलिए यदि यह दवा काम नहीं करती है, तो आपको एक सर्जिकल गर्भपात की आवश्यकता हो सकती है।
मेथोट्रेक्सेट और मिसोप्रोस्टोल के कुछ साइड इफेक्ट्स भी है जिनमें शामिल हैं-
आपका गर्भपात होने के एक या दो महीने बाद आपके पीरियड्स फिर से शुरू होने लगेंगे। गर्भपात भविष्य में गर्भवती होने की आपकी क्षमता को प्रभावित नहीं करता है। आपका डॉक्टर आपको दोबारा सेक्स करने से पहले एक या दो हफ्ते इंतजार करने की सलाह भी दे सकता है।
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वैक्यूम एस्पिरेशन गर्भपात गर्भावस्था के पहले तिमाही (पहले 12 सप्ताह) या प्रारंभिक दूसरी तिमाही (12 से 16 सप्ताह) के दौरान की जाती है। इस विधि को सक्शन एस्पिरेशन (suction aspiration) भी कहा जाता है। कुछ महिलाएं गर्भपात करवाने के लिए मुख्य विधि के रूप में वैक्यूम एस्पिरेशन का चयन करती हैं। इस विधि का उपयोग महिलाएं मेडिकल गर्भपात के फेल होने (अपूर्ण गर्भपात) के बाद करती है ताकि वह गर्भावस्था को समाप्त कर सके। अगर आपको निम्न में से कोई समस्या है तो इस विधि का उपयोग ना करें, इसमें शामिल है-
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वैक्यूम एस्पिरेशन गर्भपात की विधि में भ्रूण और नाल को गर्भाशय से बाहर खींचने के लिए कोमल सक्शन का उपयोग किया जाता है। यह प्रक्रिया डॉक्टर द्वारा क्लिनिक में की जाती है। वैक्यूम एस्पिरेशन कोई दर्दनाक विधि नहीं है, लेकिन आप कुछ ऐंठन महसूस कर सकती हैं क्योंकि आपका गर्भाशय ऊतक को हटा देता है। यह प्रक्रिया केवल 5 से 10 मिनट तक रहती है। गर्भपात पूरा होने के बाद आपको कुछ घंटों के लिए क्लिनिक में रहने की सलाह दी जा सकती है।
वैक्यूम एस्पिरेशन के कुछ साइड इफेक्ट्स भी है जिनमें शामिल है-
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इस प्रक्रिया के बाद अस्वस्थता के कारण आपको कम से कम एक या दो दिन आराम करने की आवश्यकता हो सकती है। इस प्रक्रिया के बाद कम से कम एक सप्ताह तक सेक्स से बचें। इस प्रक्रिया के बाद आपके पीरियड्स लगभग 4 से 6 हफ्ते बाद आ जाते है। इस प्रकार के गर्भपात होने से भविष्य में गर्भवती होने की आपकी क्षमता प्रभावित नहीं होती है। आपके डॉक्टर आपको गर्भपात के बाद पहले कुछ हफ्तों में गर्भावस्था को रोकने के लिए जन्म नियंत्रण का उपयोग करने की सलाह दे सकते है।
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Dilation and evacuation (D & E) एक भी एक तरह की गर्भपात प्रक्रिया है जिसका उपयोग दूसरी तिमाही में किया जाता है, आमतौर पर गर्भावस्था के 14 वें सप्ताह के बाद। यह विधि आमतौर पर ऐसी महिलाओं द्वारा चुनी जाती है जिसने गर्भपात कराने में देरी कर दी हो, या किसी ऐसी महिला के लिए जो गर्भावस्था को समाप्त करने का विकल्प इसलिए चुनती है अगर भ्रूण में कोई गंभीर असामान्यता या चिकित्सा समस्या उत्पन्न हो गयी हो।
डी एंड ई (Dilation and evacuation) विधि में वैक्यूम एस्पिरेशन, संदंश (forceps), और फैलाव और इलाज (dilation and curettage) (डी और सी) के संयोजन का उपयोग किया जाता है। यह प्रक्रिया दो दिन की अवधि में की जाती है। इस प्रक्रिया में पहले दिन, गर्भावस्था के ऊतक को हटाने के लिए डॉक्टर आपके गर्भाशय ग्रीवा को पतला (या चौड़ा) करते हैं। दूसरे दिन, डॉक्टर भ्रूण और नाल को हटाने के लिए संदंश (forceps) का उपयोग करता है, गर्भाशय के बाहर सक्शन करने के लिए एक ट्यूब लगाया जाता है और गर्भाशय के अस्तर को अलग करने के लिए एक स्कूप जैसा उपकरण जिसे मूत्रवर्धक कहा जाता है उसका उपयोग किया जाता है। यह प्रक्रिया अस्पताल या क्लिनिक में ही होती है।
डी एंड ई की प्रक्रिया दर्दनाक हो सकती है, इसलिए आपका डॉक्टर असुविधा को रोकने के लिए आपको अनेस्थिसिया दे सकता है। इस प्रक्रिया में 30 मिनट से कम समय लगता है। आप उसी दिन घर जा सकती हैं।
D & E के कुछ साइड इफेक्ट्स में शामिल हैं-
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इस प्रक्रिया के बाद इसके दुष्प्रभाव दो सप्ताह तक रह सकते हैं। आपको प्रक्रिया के बाद यौन संबंध बनाने के लिए लगभग दो सप्ताह तक इंतजार करने की सलाह दी जाती है। एक सप्ताह के लिए भारी व्यायाम करने से बचें। इस प्रक्रिया के 4 से 8 सप्ताह बाद आपके पीरियड्स फिर से शुरू हो जायेंगे। D & E भविष्य में गर्भवती होने की आपकी संभावनाओं को प्रभावित नहीं करता है।
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इंडक्शन गर्भपात का उपयोग गर्भावस्था के दूसरे तिमाही में किया जाता है। यह प्रक्रिया एक विकल्प हो सकता है यदि आप गर्भावस्था के 24 वें सप्ताह से पहले एबॉर्शन नहीं करवा पायी है और यदि अब आप D & E प्रक्रिया का भी उपयोग नहीं कर सकती हैं।
इस प्रक्रिया में आपको एक दवा दी जाती है जिससे आपको प्रसव पीड़ा शुरू हो जाती है। आपका गर्भाशय सिकुड़ जायेगा और गर्भावस्था को रोक देगा। आपका डॉक्टर सक्शन या एक चम्मच जैसे उपकरण का उपयोग भी कर सकता है जिससे आपके गर्भाशय को साफ किया जायेगा। यह प्रक्रिया अस्पताल या विशेष क्लिनिक में की जाती है। अब आप अपने गर्भाशय में तीव्र ऐंठन महसूस करेंगे जब आपका गर्भाशय सिकुड़ने लगेगा। इस प्रक्रिया को पूरा करने में एक दिन से कई घंटे या अधिक समय लग सकता है।
इंडक्शन एबॉर्शन के कुछ साइड इफेक्ट भी है जैसे-
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इस प्रक्रिया से उबरने में आपको कम से कम एक-दो दिन का समय लगेगा। आपको इस प्रक्रिया के बाद 2 से 6 सप्ताह तक सेक्स से बचना चाहिए। इस प्रक्रिया के बाद आप कुछ हफ़्ते के भीतर ही अपनी नियमित गतिविधियों में वापस जा सकती है। इस प्रक्रिया के बाद आपके पीरियड्स एक या दो महीने के भीतर फिर से शुरू हो जायेंगे। इस प्रक्रिया का भविष्य में आपके गर्भवती होने की क्षमता पर कोई असर नहीं होगा।
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