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एसिडिटी (अम्लता) (पेट में जलन) क्या है, लक्षण, कारण, इलाज, और आहार – What is Acidity, Symptoms, Causes, Treatment and Diet in Hindi

Acidity In Hindi एसिडिटी (अम्लता) पेट से संबन्धित समस्या है, जो पेट में जलन और दर्द का कारण बनती है। यह स्थिति किसी भी व्यक्ति को तथा किसी भी उम्र में परेशान कर सकती है, तथा काफी कष्टदायक हो सकती है। यह व्यक्तियों को प्रभावित करने वाली बहुत ही आम समस्या है। इस लेख में आप जानेंगे एसिडिटी (अम्लता) (पेट में जलन) क्या है, लक्षण, कारण, इलाज, और आहार के बारे में।

अम्लता की स्थिति में पेट में एसिड का उत्पादन अधिक मात्रा में होता है तथा अतिरिक्त एसिड एसोफैगस तक आता है। जिससे संस लेने में तकलीफ, गले में जलन, बैचनी,  सीने में दर्द और अनेक प्रकार की समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। यह स्थिति मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति को अधिक प्रभावित करती है। यह स्थिति अनेक प्रकार की जटिलताओं जैसे- पेट में अल्सर, एसिड रिफ़्लेक्स, पेट की अस्तर में सूजन, कैंसर का कारण बन सकती है। अतः इस स्थिति को अनदेखा नहीं करना चाहिए। एसिडिटी के लक्षण प्रगट होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए, जिससे इसकी जटिलताओं से बचा जा सके।

आज के इस लेख में आप जानेंगे कि एसिडिटी (पेट में जलन) क्या है, इसके लक्षण, कारण और जटिलताएँ क्या हैं, एसिडिटी का निदान, इलाज और रोकथाम कैसे की जा सकती है तथा एसिडिटी में क्या खाएं और क्या न खाएं।

  1. एसिडिटी (पेट में जलन) क्या है – What is acidity in Hindi
  2. एसिडिटी (अम्लता) के लक्षण – Acidity Symptoms in Hindi
  3. एसिडिटी (पेट में जलन) के कारण – acidity causes in Hindi
  4. एसिडिटी की जटिलताएँ – Acidity complications in Hindi
  5. एसिडिटी का निदान – Acidity Diagnosis in Hindi
  6. एसिडिटी का इलाज – Acidity Treatment in Hindi
  7. एसिडिटी की रोकथाम / घरेलू उपचार – Acidity Prevention / home remedy in Hindi
  8. एसिडिटी में क्या खाएं – In Acidity What to Eat in Hindi
  9. एसिडिटी में परहेज – Food to avoid acidity in Hindi

एसिडिटी (पेट में जलन) क्या है – What is acidity in Hindi

एसिडिटी (अम्लता) एक चिकित्सकीय स्थिति है, जो एसिड के अतिरिक्त उत्पादन का कारण बनती है। यह एसिड पेट की ग्रंथियों द्वारा उत्पन्न किया जाता है। वह व्यक्ति एसिडिटी का अधिक शिकार होते हैं जो अधिक मात्रा में शाकाहारी, मसालेदार और तेल वाले भोजन का सेवन करते हैं। नॉन स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लैमेटरी ड्रग्स जैसी कई दवाएं भी गैस्ट्रिक अम्लता (gastric acidity) के विकास सहायक हो सकती हैं। एसिडिटी (अम्लता) से संबन्धित व्यक्तियों में अपच और कब्ज जैसी समस्याएँ उत्पन्न होना आम बात है। एसिडिटी को घरेलू उपचार अपनाकर या एंटासिड (antacids) का सेवन कर ठीक किया जा सकता है। अम्लता के सामान्य लक्षणों में पेट और गले में जलन, कब्ज, बेचैनी, अपच, जी मिचलाना, और खट्टी डकार को शामिल किया जाता है।

किसी व्यक्ति द्वारा भोजन का सेवन करने पर, वह भोजन पेट में ग्रासनली (esophagus) से होकर गुजरता है। पेट में गैस्ट्रिक ग्रंथियां (gastric glands) एसिड का निर्माण करती हैं। यह एसिड भोजन को पचाने और रोगाणुओं को मारने के लिए आवश्यक होता है। एसिडिटी (पेट में जलन) तब होती है, जब गैस्ट्रिक ग्रंथियां पाचन प्रक्रिया के लिए आवश्यकता से अधिक मात्रा में एसिड का उत्पादन करती हैं। इस स्थिति के परिणामस्वरूप पेट के ठीक ऊपर, या छाती के ठीक नीचे जलन पैदा होती है।

(और पढ़े – एसिडिटी के कारण, लक्षण और बचाव के घरेलू उपाय…)

एसिडिटी (अम्लता) के लक्षण – Acidity Symptoms in Hindi

अम्लता के अंतर्गत निम्न लक्षणों को शामिल किया जा सकता है:

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एसिडिटी (पेट में जलन) के कारण – acidity causes in Hindi

एसिडिटी (अम्लता) का मुख्य कारण पेट में एसिड का आवश्यकता से अधिक उत्पादन है। अस्वास्थ्यकर जीवन शैली तथा अनुचित भोजन मुख्य रूप से अम्लता का कारण बन सकता है। इसके अतिरिक्त निम्न स्थितियाँ एसिड के अत्यधिक उत्पादन (एसिडिटी) को प्रोत्साहित कर सकती हैं, जैसे:

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एसिडिटी की जटिलताएँ – Acidity complications in Hindi

यदि समय पर एसिडिटी (अम्लता) का इलाज न किया जाए, तो यह स्थिति व्यक्ति में निम्न जटिलताओं का कारण बन सकती है:

  • छाती या पेट में गंभीर दर्द
  • अत्यधिक उल्टी
  • निगलने में कठिनाई
  • पेट में अल्सर (gastric ulcers)
  • कैंसर
  • एसिड भाटा (acid reflux), इत्यादि।

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एसिडिटी का निदान – Acidity Diagnosis in Hindi

यदि कोई व्यक्ति एसिडिटी (पेट में जलन) के लक्षणों से पीड़ित हैं, तो उसे तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। एसिडिटी अनेक प्रकार की जटिलताओं का कारण बन सकती है, जो संबन्धित व्यक्ति को अधिक परेशान कर सकती हैं। अतः व्यक्ति को एसिडिटी से संबन्धित लक्षण प्रगट होने पर इसके निदान के लिए चिकित्सक की सहायता लेनी चाहिए। एक चिकित्सक रोग का निदान करने के लिए व्यक्ति की दैनिक दिनचर्या तथा आहार के सेवन की जानकारी ले सकता है।

इसके अतिरिक्त अम्लता तथा इसकी जटिलताओं का निदान करने के लिए निम्न परीक्षणों की सलाह दी जा सकती है:

एक्स-रे (x-ray) परीक्षण – एसोफैगस और पेट की जांचा करने के लिए एक्स-रे (x-ray) परीक्षण की सिफ़ारिश की जा सकती है। इस परीक्षण में बेरियम घोल (Barium solution) की भी मदद ली जा सकती है। मरीज को बेरियम घोल पिलाया जाता है, और एक्स-किरणों की मदद से इसकी गतिशीलता की जांच की जाती है।

पीएच मोनिट्रिंग (pH Monitoring) – इस टेस्ट के दौरान एसोफैगस को 1-2 दिनों की अवधि के लिए एक डिवाइस के साथ जोड़ा जाता है। यह डिवाइस एसिड के स्तर तथा पीएच (ph) स्तर को मापता है।

एसोफेजियल मेनोमेट्री (Esophageal Manometry) – इस परीक्षण के माध्यम से ग्रासनली (esophagus) में दबाव और भोजन की गतिशीलता के साथ समस्याओं की पहचान करने के लिए प्रयोग किया जाता है। अतः यह परीक्षण मुख्य रूप से एसोफैगस की मांसपेशियों के कार्य और भोजन को सामान्य रूप से स्थानांतरित करने की क्षमता को मापता है।

एंडोस्कोपी (endoscopy) – एंडोस्कोपी की मदद से ऊपरी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (gastrointestinal) की जांच की जा सकती है। इस परीक्षण की मदद से डॉक्टर एसोफैगस और पेट की अस्तर में असमानताओं का पता लगा सकता है। इस परीक्षण के दौरान एक एन्डोस्कोप उपकरण को गले के माध्यम से एसोफैगस और पेट डाला जाता है, तथा श्लेष्म अस्तर के स्वास्थ्य का अध्ययन किया  जाता है।

बायोप्सी (Biopsy) – बायोप्सी (Biopsy) परीक्षण के लिए एंडोस्कोपी के दौरान पेट के ऊतक का एक छूटा सा नमूना भी लिया जा सकता है।

(और पढ़े – एंडोस्कोपी कराने के कारण, तरीका, फायदे एवं नुकसान…)

एसिडिटी का इलाज – Acidity Treatment in Hindi

एसिडिटी (acidity) या इसकी जटिलताओं का निदान किए जाने के बाद, डॉक्टर द्वारा इलाज प्रक्रिया प्रारम्भ की जा सकती है। इलाज के दौरान संबन्धित व्यक्ति के हालात और रोग की स्थिति को ध्यान में रखा जाता है। डॉक्टर अम्लता का इलाज करने के लिए एल्यूमीनियम, कैल्शियम या मैग्नीशियम युक्त एंटासिड (antacids) दवाओं की सिफ़ारिश कर सकता है। यदि किसी व्यक्ति को अम्लता की समस्या गंभीर है, तो डॉक्टर द्वारा प्रोटॉन पंप इनहिबिटर का भी निर्धारण किया जा सकता है। कुछ स्थितियों मे डॉक्टर पेट में एसिड के उत्पादन को कम करने के लिए सर्जरी (वागोटोमी) (Vagotomy) की भी सिफ़ारिश कर सकता है।

एसिडिटी की रोकथाम / घरेलू उपचार – Acidity Prevention / home remedy in Hindi

एसिडिटी (acidity)की रोकथाम के लिए घरेलू उपचार काफी लाभदायक होते हैं। अतः प्रत्येक व्यक्ति द्वारा एसिडिटी के लक्षणों को कम करने और इसकी रोकथाम के लिए निम्नलिखित तरीकों को अपनाया जाना चाहिए:

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एसिडिटी में क्या खाएं – In Acidity What to Eat in Hindi

एसिडिटी की समस्या से छुटकारा पाने के संबन्धित व्यक्ति द्वारा एक स्वास्थ्य आहार प्रणाली को अपनाया जाना बहुत आवश्यक होता है। जो व्यक्ति एसिडिटी की समस्या से परेशान हैं, उन्हें कुछ विशिष्ट आहार के सेवन की सलाह दी जाती है। एसिडिटी को कम करने के लिए निम्न आहार के सेवन पर ध्यान दिया जाना चाहिए:

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एसिडिटी में परहेज – Food to avoid acidity in Hindi

कुछ खाद्य पदार्थ एसिडिटी के लक्षणों को ओर अधिक खराब कर सकते हैं। अतः लक्षणों को कम करने के लिए निम्न पदार्थों के सेवन से बचने का प्रयास करना चाहिए:

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Sourabh

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