कम्प्यूटर पर जादा देर तक काम करना आज के दौर की जरूरत बन गया है। आज शायद ही कोई हो जो इसके बिना अपना काम जल्दी खत्म कर पाता हो। लेकिन ज्यादा देर तक कम्प्यूटर पर काम करने से हमें कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आजकल की भागमभाग भरी ज़िंदगी, काम का हद से ज़्यादा बोझ और काम को समय पर पूरा करने की परेशानी के कारण आप लगातार कम्प्यूटर पर काम करते रहते हैं और थक जाने के बावजूद भी आपको काम करना पड़ता है। तो अब आप परेशान न हों क्योंकि आज हम आपको एक ऐसा तरीका बताने जा रहे हैं, जिससे आप कई घंटों तक कम्प्यूटर पर काम करने के बावजूद भी तरोताजा महसूस करेंगे। इन तरीक़ों पर अमल करने से आपकी थकान उड़न-छू हो जायेगी और काम को भी कम समय में अच्छे से पूरा कर सकेंगे।
तो आज से ही इन टिप्स को अपनी डेली लाइफ में अपनायें और लाभ उठायें।
- कम्प्यूटर पर काम से ब्रेक लेना ज़रूरी है, लगातार अनावश्यक काम न करें। आधे-आधे घंटे पर उठकर थोड़ा चल लें और आँखों को आराम दें।
- कुर्सी का अर्गोनॉमिक डिज़ाइन ही प्रयोग करें। अर्गोनॉमिकली डिज़ाइन कुर्सियाँ बाज़ार में मिल जाती हैं। ये वे डिज़ाइन हैं जिन पर बैठने पर आपके शरीर को ज़्यादा से ज़्यादा कम्फ़र्ट मिलता है।
- कुर्सी पर कमर, पीठ और हाथों को सहारा देते हुए बैठें। ऐसा करने से आप ज़्यादा देर तक बिना थके काम कर सकेंगे। साथ ही आपकी शारीरिक में किसी विकृति के उत्पन्न होने का ख़तरा भी नहीं रहता है।
- बेहतर होगा कि की-बोर्ड को थोड़ा ढलान पर रखें। ऐसा करने से ज़्यादा देर तक टाइपिंग करने के बाद भी उंगलियों और हथेलियों में दर्द का एहसास नहीं होता है।
- कंप्यूटर के अधिक उपयोग से होने वाले बुरे प्रभावों से सही टाइपिंग तकनीक और मुद्रा का उपयोग करके पूरी तरह से बचा जा सकता है। की-बोर्ड और माउस को 90 डिग्री कोण पर मुड़ी कोहनी की सीध में रखें। यह पोज़िशन आपको अधिक कम्फ़र्ट लेवल देती है तथा आपके शरीर में तनाव और थकान नहीं होती है।
- गर्दन में होने वाले दर्द से बचने के लिए कम्प्यूटर के मॉनीटर और कीबोर्ड को गर्दन की एकदम सीधी दिशा में रखें। कुर्सी पर बैठे-बैठे फ़ोन को कंधे और गर्दन से दबाकर बात न करें। बात करना आवश्यक हो तो हेडफ़ोन या ईयरफ़ोन का प्रयोग करें। इससे आपको बैकपेन की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
- कम्प्यूटर पर काम करते समय शरीर ढीला और मन शांत रखने की आवश्यकता है। इससे शारीरिक एवं मानसिक तनाव कम होता है। आँखों पर भी अनुकूल प्रभाव बना रहता है।
- ध्यान रहे आपके कम्प्यूटर का मॉनीटर आपकी आंखों से 20-25 इंच की दूरी पर होना चाहिए। इसके साथ ही आपका मॉनीटर 5-15 इंच का होना चाहिए। मॉनीटर की रोशनी के आँखों पर दुष्प्रभाव को कम करने के लिए एंटी ग्लेयर चश्मा या एंटी ग्लेयर स्क्रीन का प्रयोग करें। आख़िरकार आँखों की सुरक्षा से बढ़कर दूसरी बात क्या हो सकती है।
- काम करते समय थोड़ी-थोड़ी देर पर अपनी आँखें कम्प्यूटर स्क्रीन से आँखें हटाते रहनी चाहिए। इससे आपकी आँखों का तनाव को कम होता ही है, बल्कि आपकी आँखों में ड्राइनेस की समस्या भी नहीं होती है।
- एयर कंडीशन कमरे में बैठकर काम करने पर शरीर की नमी कम होने लगती है, इसलिए दिन में कम से कम 8 से 12 गिलास पानी अवश्य पिएँ। ऐसा करने से आप रिफ़्रेश्ड महसूस करेंगे।
- जितनी दूरी पर आपके कम्प्यूटर का मॉनीटर है उतनी ही दूरी पर आपका माऊस भी होना चाहिए। याद रहे कम्प्यूटर पर काम करते समय आपको झूकना नहीं हैं।
- आँखों की थकान कम करने के लिए आप अपने मुह को पानी से धुलें, इससे आपको आराम मिलेगा। अगर पानी ठंडा हो तो और भी अच्छा है।
- सुनिश्चित करें कि कम्प्यूटर पर काम करते वक्त इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री आपकी पहुंच के अंदर हों। जिससे आपको बार बार उठना ना पड़े इससे आप कमर के दर्द से तो बचेगें ही साथ में काम का समय भी बचा पायेगे।
- इन बेसिक आदतों को अपनाकर आपको बहुत फ़ायदा होगा, आज से ही आप इन पर ध्यान देंना चालू कीजिये। ताकि पूरे दिन एक्टिव और फ़्रेश महसूस कर सके। आपको इन छोटे-छोटे बदलाव से आश्चर्यजनक रिजल्ट प्राप्त होंगे।
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