जड़ीबूटी

अडूसा के फायदे और नुकसान – Adusa (Malabar Nut) Benefits and Side Effects in Hindi

Adusa Benefits in Hindi अडूसा एक औषधीय जड़ी बूटी है जिसे आमतौर पर वासा या वसाका और अंग्रेजी में मालाबार नट्स (Malabar Nut) के नाम से जाना जाता है। औषधीय गुण होने के कारण अडूसा के फायदे कई स्‍वास्‍थ्‍य लाभ के लिए जाने जाते हैं। अपने पोषक तत्‍वों के कारण अडूसा का उपयोग आयुर्वेद चिकित्‍सा, होम्‍योपैथी और यूनानी उपचार में व्‍यापक रूप से किया जाता है। अडूसा के फायदे त्वचा संक्रमण का इलाज करने, अस्‍थमा, अपचन को ठीक करने, गले के दर्द का उपचार करने, मसूड़ों की समस्‍याओं, खांसी आदि से राहत दिलाने में जाने जाते हैं। आइए विस्‍तार से जाने अडूसा के फायदे और नुकसान क्‍या हैं।

विषय सूची

1. अडूसा क्या होता है – What Is Vasaka in Hindi
2. अडूसा का पेड़ कैसा होता है – Adusa Plant In Hindi
3. अडूसे के पोषक तत्‍व – Vasaka Nutritional Value in Hindi
4. अडूसे के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ – Adusa Plant Benefits In Hindi

5. अडूसा के नुकसान – Vasaka Ke Nuksan in Hindi

अडूसा क्या होता है – What Is Vasaka in Hindi

वसाका एक महत्‍वपूर्ण औषधीय जड़ी बूटी है जिसका बहुत सी दवाओं में प्रमुख घटक के रूप में उपयोग किया जाता है। अडूसा पौधे की सभी भाग जिनमें पत्‍ते, जड़, फूल और पूरे पौधे का उपयोग किया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम जस्टिसिया एढाटोडा (Justicia adhatoda) है। यह पौधा भारत का मूल निवासी है जो मैदानी इलाकों और हिमालय के निचले इलाकों में होता है। इसका उपयोग कई स्‍वास्‍थ्‍य लाभ के साथ ही विभिन्‍न दवाओं के लिए किया जाता है।

अडूसा का पेड़ कैसा होता है – Adusa Plant In Hindi

मालाबार एक बहुत घनी झाड़ीयों बाला पेड़ है जो लगभग 4 मीटर तक ऊंचा हो सकता है। यह अधिकतर छायादार या अर्ध छायादार पेड़ की श्रेणी में आता है। यह पेड़ शुष्‍क, नमी और उष्‍णकटिबंधीय जंगलों में पाया जाता है। इस पेड़ की पत्तियां 10 से 16 सेंटीमीटर लंबी और 5 सेंटीमीटर चौड़ी होती हैं। इसके तने की लकड़ी नरम होती है जो गनपाउडर के लिए उपयोग की जाती है। इस पेड़ से बहुत ही मनमोहक फूल आते हैं जिनकी पंखुडियां सफेद रंग की होती हैं। आइए जाने इस औषधीय पेड़ में पाए जाने वाले पोषक तत्‍व क्‍या हैं।

अडूसे के पोषक तत्‍व – Vasaka Nutritional Value in Hindi

इस औषधीय पेड़ के सभी हिस्‍सों का उपयोग औषधी के रूप में किया जाता है। इसकी पत्तियों में अलकोलाइड (alkaloids), टैनिन (tannins), सैपोनिन (saponins), फ्लैवोनोइड्स और फिनोलिक्‍स (flavonoids and phenolics) जैसे फाइटो-रसायनों की अच्‍छी मात्रा होती है। इसके अलावा इस पौधे की पत्तियों में वासिसिन (Vasicine), क्विनाज़ोलिन अल्कालोइड (quinazoline alkaloid) और आवश्यक तेल भी मौजूद रहते हैं। इनके अलावा इनमें अन्‍य बहुत से पोषक तत्‍व और खनिज पदार्थ भी मौजूद रहते हैं जो हमारे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए फायदेमंद होते हैं। आइए जाने अडूसा के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ क्‍या हैं।

अडूसे के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ – Adusa Plant Benefits In Hindi

अपने औषधीय गुणों के कारण इस जड़ी बूटी का उपयोग कई गंभीर और सामान्‍य स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को दूर करने के लिए उपयोग की जाती है। मालबार नट्स से प्राप्‍त होने वाले स्‍वास्‍थ्‍य लाभों की जानकारी इस लेख में दी गई है। जिन्‍हें जानकर आप लाभ प्राप्‍त कर सकते हैं। आइए जाने अडूसा से प्राप्त होने वाले स्‍वास्‍थ्‍य लाभ क्‍या हैं।

अडूसा के फायदे अस्‍थमा के उपचार में – Malabar Nut Health Benefits For Asthma in Hindi

मालाबार नट्स में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। इसके अलावा इसमें मौजूद अन्‍य औषधीय गुणों के कारण इसका उपयोग अस्‍थमा का उपचार में किया जाता है। यह वायुमार्ग और फेफड़ों की सूजन को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा अडूसा फल में पाए जाने वाले वाइसिसिन यौगिक ब्रोंकोडाइलेटर हैं जो सांस फूलने की प्रक्रिया को कम करने में मदद करते हैं। अपने इन्‍हीं विशेष गुणों के कारण अस्‍थमा उपचार के विभिन्‍न औषधीयों में इसका उपयोग किया जाता है। अस्थमा में अडूसा के फायदे लेने के लिए 5-5 मिली अडूसा के पत्तों का रस शहद के साथ 2.5 मिली अदरक का रस मिलाकर सेवन करें। अस्‍थमा जैसी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को दूर करने के लिए आप भी अडूसा के लाभ प्राप्‍त कर सकते हैं।

(और पढ़े – अस्थमा (दमा) के कारण, लक्षण, उपचार एवं बचाव…)

अडूसा का काढ़ा है खांसी का इलाज – Adusa Benefits For Prevents Coughing in Hindi

आप सामान्‍य खांसी का उपचार करने के लिए अडूसा का उपयोग कर सकते हैं। इस औषधीय पौधे की पत्तियों में खांसी को दूर करने वाले गुण मौजूद रहते हैं। इसका उपयोग खांसी की आयुर्वेदिक दवाओं में प्रमुख घटक के रूप में उपयोग किया जाता है। खांसी आपके व्‍यक्तिगत जीवन को प्रभावित कर सकती है विशेष रूप से आपकी रात की नींद को। खांसी का उपचार करने के लिए अडूसा की पत्तियों से बने काढ़े को शहद

के साथ मिलाकर सेवन कर खांसी से छुटकारा पाया जा सकता है।

(और पढ़े – सूखी खांसी के लिए घरेलू उपचार…)

अडूसा के लाभ मसूड़ों के रक्‍तस्राव में – Adusa Benefits For Bleeding Gums in Hindi

यदि आपके मसूड़ों से खून आ रहा है तो इसका जल्‍द ही उपचार किया जाना चाहिए। यदि समय पर उपचार न किया गया तो आपके मुंह में संक्रमण बढ़ सकता है और अन्‍य दांतों से संबंधित परेशानियां हो सकती हैं। ऐसी स्थिति में मालबार नट्स की ताजा पत्तियों का उपयोग किया जा सकता है। आप अडूसा की पत्तियां लें और इसे अच्‍छी तरह से पेस्‍ट बना लें। इस पेस्‍ट को धीरे-धीरे मसूड़ों के ऊपर लगाएं। इस पेस्‍ट को नियमित रूप से तब तक इस्‍तेमाल करें जब तक रक्‍तस्राव से राहत मिल जाए। संभवत: 2-3 दिनों में राहत मिल सकती है। यदि आप भी ऐसी समस्‍या से परेशान हैं तो इस औषधीय जड़ी बूटी का उपयोग कर सकते हैं।

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अडूसा के पत्तों के फायदे ब्रोंकाइटिस उपचार में – Adulsa Leaves for Bronchitis in Hindi

वसाका अपने औषधीय गुणों के कारण ब्रोंकाइटिस के इलाज में मदद कर सकता है। ब्रोंकाइटिस मे ब्रोंन्कियल ट्यूबें सूजन के कारण अवरूद्ध हो जाती हैं। इसके अलावा वायु मार्ग की अंदरूनी सतह में श्‍लेष्‍म का जमाव भी होने लगता है। लेकिन अडूसा का उपयोग करने पर यह वायु मार्गों में आने वाले अवरोधों को दूर करने में मदद करता है। जिससे खांसी, सीने का दर्द और ब्रोंकाइटिस जैसी अन्‍य स्‍वशन संबंधी समस्‍याओं से छुटकारा मिल सकता है। आप भी अपने स्‍वशन मार्गों को स्‍वस्‍थ्‍य बनाए रखने के लिए अडूसा का उपयोग कर सकते हैं।

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अडूसा के गुण दिलाए गले को राहत – Malabar Nut Benefits For Sore Throat in Hindi

जो लोग गले के दर्द और इससे संबंधित अन्‍य परेशानियों से ग्रसित हैं उनके लिए मालबार नट्स फायदेमंद होते हैं। अडूसा में मौजूद एंटी-बैक्‍टीरियल, एंटीवायरल और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण सामान्‍य संक्रमण को रोकने में मदद करते हैं। गले में दर्द और इससे संबंधित अन्‍य समस्‍याओं जैसे गले की सूजन आदि के लिए आप अडूसा का उपयोग कर सकते हैं। 1 चम्मच अडूसा के रस को दो चम्मच शहद के साथ लेने से गले की खराश से राहत मिलती है।

(और पढ़े – गले की खराश को ठीक करने के घरेलू उपाय…)

अडूसा के औषधीय गुण गठिया का उपचार करे – Adulsa Plant Uses For Arthritis in Hindi

आज आवादी का बहुत बड़ा हिस्‍सा गठिया और संयुक्‍त दर्द का सामना कर रहा है। इस समस्‍या का प्रमुख कारण खराब जीवन शैली ही है। इस प्रकार की समस्‍या का प्रमुख कारण शरीर में यूरिक एसिड की उच्च मात्रा भी होती है। लेकिन इस स्थिति का इलाज करने के लिए वसाका जड़ी बूटी का उपयोग किया जा सकता है। अडूसा में मौजूद पोषक तत्‍व शरीर में यूरिक एसिड के स्‍तर को कम करने में मदद कर सकते हैं। जिससे आपको गठिया के दर्द और सूजन से छुटकारा मिल सकता है। क्‍योंकि अडूसा में मौजूद एंटी-इंफ्लामेटरी गुण गठिया की सूजन को कम करने में सहायक होते हैं। इस तरह से आप अडूसा के लाभ गठिया उपचार में प्राप्‍त कर सकते हैं। इसके पत्तों का पेस्ट लगाने से सूजन तो कम होती ही है, साथ में जोड़ों के दर्द में भी राहत मिलती है।

(और पढ़े – गठिया (आर्थराइटिस) कारण लक्षण और बचाव)

अडूसा का उपयोग अल्‍सर के उपचार में – Vasaka Use for Ulcer in Hindi

मालाबार नट्स की पत्तियों में नॉन-स्‍टेरॉयड एंटी-इंफ्लामेटरी ड्रग्‍स गुण होते हैं। इस कारण से अडूसा की पत्तियों का उपयोग करने पर यह बिना किसी दुष्‍प्रभाव के अल्‍सर की सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है। इसलिए अडूसा का उपयोग पेप्टिक अल्‍सर के उपचार में किया जा सकता है। अल्‍सर का उपचार करने अलावा भी अडूसा का उपयोग आयुर्वेद में रक्‍तस्राव को रोकने के लिए भी उपयोग किया जाता है। इस तरह से अडूसा मानव स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने के लिए विशेष जड़ी बूटीयों के रूप में उपयोग की जा सकती है।

(और पढ़े – पेप्टिक अल्सर या पेट में अल्सर (छाले) क्या है, कारण, लक्षण, इलाज और घरेलू उपचार…)

अडूसा का इस्‍तेमाल अपच को ठीक करे – Vasaka Benefits for Indigestion in Hindi

मालाबार नट्स का उपयोग पाचन संबंधी विभिन्‍न समस्‍याओं का इलाज कर सकता है। विशेष रूप से यह अपच, पेट की गैस और पेट फूलना जैसी समस्‍याओं का प्रभावी उपचार माना जाता है। पेट से संबंधित परेशानियों को दूर करने के लिए आप अडूसा की पत्तियों का पेस्‍ट तैयार कर थोडे़ से गर्म पानी में मिलाएं। इस घोल की 2 चम्‍मच मात्रा में ताजा अदरक के रस की ½ चम्‍मच मात्रा मिला कर सेवन करें। इस मिश्रण का दिन में दो बार सेवन करने पर यह अपच और इससे संबंधित सभी परेशानियों को दूर करने में मदद कर सकता है साथ ही भूख बढ़ाने में भी सहायक होता है।

(और पढ़े – अपच या बदहजमी (डिस्पेप्सिया) के कारण, लक्षण, इलाज और उपचार…)

अडूसा का प्रयोग त्‍वचा समस्‍याओं में – Adusa Plant Benefits for skin in Hindi

विभिन्‍न स्‍वास्‍थ्‍य लाभ दिलाने के साथ ही अडूसा के फायदे त्‍वचा समस्‍याओं के लिए भी जाने जाते हैं। आप त्‍वचा से संबंधित विभिन्‍न समस्‍याओं के इलाज के लिए अडूसा पौधे के विभिन्‍न भागों का उपयोग कर सकते हैं। अडूसा प्रकृति में ठंडा होता है इसलिए यह त्‍वचा की जलन और संक्रमण आदि को दूर करने में अहम योगदान दे सकता है। आप इसकी पत्तियों के रस का उपयोग त्‍वचा संक्रमण पर कर सकते हैं। एंटी-इंफ्लामेटरी गुण त्‍वचा की सूजन को कम करने में सहायक होते हैं। साथ ही इसके एंटी-बैक्‍टीरियल गुणों के कारण संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद मिलती है। इसके अलावा आप इसकी पत्तियों का पेस्‍ट बनाकर भी इस्‍तेमाल कर सकते हैं।

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अडूसा अर्क के लाभ मासिक धर्म में – Adusa Benefits For Menstruation in Hindi

महिलाओं के लिए मासिक धर्म के दौरान होने वाली समस्‍याएं बहुत ही कष्‍टदायक होती हैं। इस दौरान होने वाली समस्‍याओं में दर्द, ऐंठन और अत्‍यधिक रक्‍तस्राव शामिल हैं। लेकिन इस प्रकार की समस्‍याओं का उपचार करने के लिए अडूसा की पत्तियों का उपयोग किया जा सकता है। इस समस्‍या का इलाज करने के लिए इसकी 6-8 पत्तियों का पेस्‍ट तैयार करें। इस पेस्‍ट को दिन में दो बार गुड़ के साथ सेवन करने से मासिक धर्म की समस्‍याओं से छुटकारा मिल सकता है। विशेष रूप से मासिक धर्म के दौरान होने वाले अत्‍यधिक रक्‍तस्राव को रोकने का प्रभावी इलाज माना जाता है।

(और पढ़े – मासिक धर्म (पीरियड्स) के देर से आने के कारण और उपाय…)

अडूसा के नुकसान – Vasaka Ke Nuksan in Hindi

चूंकि अडूसा एक आयुर्वेदिक औषधी है जिसका उपयोग स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओ से राहत पाने के लिए किया जाता है। लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से कुछ दुष्‍प्रभाव भी हो सकते हैं। इसलिए जहां तक संभव हो किसी अनुभवी व्‍यक्ति की सलाह और देख रेख में ही जड़ी बूटीयों का सेवन किया जाना चाहिए।

अडूसा से होने वाले कुछ दुष्‍प्रभाव इस प्रकार हैं-

  • मधुमेह रोगीयों को बहुत ही संभल कर इस औषधी का सेवन करना चाहिए। क्‍योंकि यह रक्‍त शर्करा के स्‍तर को कम करने में मदद करता है। लेकिन यदि अधिक मात्रा में इसका सेवन किया जाता है तो यह शरीर में रक्‍त शर्करा के स्‍तर को बहुत ही निम्‍न स्‍तर में ले जा सकता है।
  • 1 वर्ष से कम उर्म के बच्‍चों को अडूसा का सेवन करने से बचना चाहिए।
  • गर्भावस्‍था के समय महिलाओं को इसका सेवन करने से बचना चाहिए। इसके साथ ही स्‍तनपान कराने वाली माताओं को डॉक्‍टर की सलाह के बाद ही इसका सेवन करना उचित है।
  • अधिक मात्रा में मालाबार नट्स का सेवन करने पर यह उल्टी और दस्‍त जैसी समस्‍याओं को बढ़ा सकता है।

(और पढ़े – मधुमेह को कम करने वाले आहार…)

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