सीताफल खाने के फायदे आपको पता हो या न हो लेकिन यह आपके द्वारा पसंद जरूर किया जाता होगा। शुगर ऐप्पल या सीताफल के औषधीय गुणों के कारण इसके बहुत से स्वास्थ्य लाभ भी हैं। सीताफल (custard apple in hindi) को शरीफा भी बोलते हैं। अब आप सोच रहें होगें कि सीताफल खाने के क्या फायदे होते हैं? सीताफल एक ऐसा फल है जो कि तासीर में ठंड़ा होने के बावजूद सर्दीयों के मौसम में खाया जाता है। एक दिल के आकार का फल है जिसके बाहरी हिस्से पर मोटी त्वचा होती है। इस फल का खाने योग्य भाग मलाईदार और दानेदार होता है, इसे आमतौर पर कस्टर्ड ऐप्पल (Custard apple) भी कहा जाता है।
सीताफल आम का फल जैसा स्वादिष्ट फल है, जिसे लोग बड़े चाव से खाते हैं। सीताफल का उपयोग कफ दोष को ठीक करने, रक्त की मात्रा बढ़ाने, उल्टी, दांत दर्द से राहत पाने के लिए किया जाता है। इसके अलावा, यह अन्य बीमारियों में भी सीताफल का उपयोग किया जाता है।
इस पौधे का अपरिपक्व हिस्सा – फल, बीज, पत्ते, और जड़ें उनके औषधीय उपयोगों के लिए आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सा दोनों में इस्तेमाल होता है। सीताफल में बहुत से स्वास्थ्य वर्धक पोषक तत्व मौजूद रहते हैं जो हमें रक्तचाप, हृदय रोग (heart disease), मधुमेह, पाचन, एनिमिया, कैंसर आदि गंभीर समस्याओं के प्रभाव को कम करने में मदद करता है। आयुर्वेद के अनुसार, सीताफल का प्रयोग एक-दो नहीं बल्कि, अनेक रोगों का इलाज करने के लिए किया जा सकता है।
शुगर ऐप्पल या सीताफल के दिल, यकृत के लिए कई स्वास्थ्य लाभ हैं और वे अपने एंटीकैंसर और रोगाणुरोधी गुणों के लिए जाने जाते हैं। वे विभिन्न प्रकार के आवश्यक खनिजों और विटामिनों से भरपूर होते हैं जो शरीर के समुचित कार्य में मदद करते हैं। इस लेख में आप जानेगें सीताफल खाने के फायदे और नुकसान (Sitafal ke Fayde aur Nuksan) के बारे में। आइए जानते हैं कि आप एक औषधि के रूप में सीताफल का उपयोग कैसे कर सकते हैं।
1. सीताफल क्या है – Sitafal Kya Hai in Hindi
2. सीताफल का पेड़ – Sitafal Ka Ped in Hindi
3. सीताफल के बारे में – Sitafal Ke Baare Mein in Hindi
4. सीताफल के अन्य नाम – Sitafal Ke Anya Naam in Hindi
5. सीताफल के पोषक तत्व – Custard Apple Nutrition Facts in Hindi
6. सीताफल के फायदे – Sitafal Ke fayde in Hindi
7. सीताफल खाने के नुकसान – Sitafal Khane Ke Nuksan in Hindi
सर्दीयों के मौसम में मिलने वाले स्वादिष्ट सीताफल को शुगर एप्पल (sugar apple) के नाम से भी जाना जाता है। सीताफल का वैज्ञानिक नाम एनोना स्क्वमोसा (Annona squamosa) है जो कि लगभग रामफल के समान ही दिखता है। शरीफा को सीताफल नाम से भी जाना जाता है। यह एक सुगंधित और स्वादिष्ट फल है जिसमें नारंगी (Orange) की तुलना में विटामिन सी अधिक पाया जाता है। सीताफल की तासीर ठंडी होती है।
यह एक मौसमी फल (seasonal fruit) है जिसे सर्दीयों के मौसम में प्राप्त किया जा सकता है। इसके फल गोल होते हैं जिनमें सफेद और मीठी लुग्दी होती है। यह लुग्दी हमें विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य लाभ दिलाने में मदद करती है। इसके अंदर काले बीज होते हैं जो कि जहरीले (Toxic) होते हैं। आइए सीताफल के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करें।
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इस स्वादिष्ट फल सीताफल का पेड़ ऊंचाई में 3 से 8 मीटर तक हो सकता है। यह अर्ध-पर्णपाती पेड़ है जिसमें बहुत सी शाखाएं होती हैं जिनके कारण यह झाड़ी नुमा दिखाई देता है। इसकी शाखाएं अनियमित रूप से फैली होती हैं। इसकी पत्तियां सरल, वैकल्पिक होती हैं जो 4 से 22 मिलीमीटर लंबी होती हैं।
इसकी पत्तियां संकीर्ण रूप से लंबवत अंडाकार (Vertical oval) होती है। इसके फलू 2 से 4 के समूह में होते हैं जो कि हल्के पीले हरे रंग के होते हैं। इसके फल का रंग प्रारंभ में हरा होता है जिनकी सतह दानेदार होती है। पकने पर इस फल में सफेद लुग्दी बनती है जो कि सुगंधित और स्वादिष्ट होती है। इस फल के अंदर मौजूद गूदा कलीयों के रूप में होता है जिनके प्रत्येक कली में काले भूरे रंग के बीज होते हैं।
यह फल दिखने में बहुत ही रोचक और आकर्षक होता है। यह फल पकने से पहले हरे और पकने के बाद हल्के पीले हरे रंग का होता है। इसका आकार 6 से 10 सेंमी व्यास तक हो सकता है। इस फल में अलग-अलग कलियां होती हैं जो एक दूसरे से जुड़ी हुई रहती हैं।
इस फल में पाया जाने वाला गूदा खाने योग्य (Pulp is eatable) होता है जो कि मीठा सुगंधित और सफेद रंग का होता है। इस फल की सभी कलियों में चमकदार गहरे भूरे रंग के बीज होते हैं जो 1.3 से 1.6 सेमी तक लंबे हो सकते हैं। इसमें पाए जाने वाले लाभकारी पोषक तत्व हनुमान फल से कहीं अधिक हैं।
शुगर एप्पल जिसे क्षेत्रीय भाषा में सीताफल के नाम से जाना है। लेकिन इसे विभिन्न देशों में अलग-अलग नाम से जाना जाता है आइए जाने अन्य देशों के साथ-साथ सीताफल को भारत में और किस नाम से जाना जाता है।
भारत : भारत में इस फल को हिंदी में सीताफल या शरीफा (Custard apple) कहा जाता है। बंगाली भाषा में अता, तमिल में सीप्पलम, तेलगु में सीता फालमू आदि नामों से जाना जाता है।
स्पेन : स्पेन देश में इसे मंज़ाना डी अजु़कर (Manzana de azucar) के नाम से जाना जाता है।
चीन : चीन में इसे शीज़ीया (Shijia) के नाम से पुकारा जाता है।
जमैका : जमैका में यह फल मिठाई (sweetsop) के नाम से प्रसिद्ध है।
एनोना स्क्वमोसा (सीताफल) में बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं जो हमारे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। चीनी एप्पल या सीताफल की 100 ग्राम मात्रा में पाए जाने वाले पोषक तत्व इस प्रकार हैं :
प्रोटीन | 1.53-2.38 g |
कार्बोहाइड्रेट | 19.16-25.19 g |
वसा | 0.26-1.10 g |
कैलोरी | 88.9-95.7 g |
लौह | 0.28-1.34 mg |
एस्कोरबिक एसिड | 34.7-42.2 mg |
कैरोटीन | 5-7 I.U. |
रिबोफाल्विन | 0.113-0.167 mg |
नियासिन | 0.654-0.931 mg |
कैल्सियम | 19.4-44.7 mg |
फरास्फोरस | 23.6-55.3 mg |
थायामिन | 0.100-0.13 mg |
इस औषधीय फल में मौजूद पोषक तत्व (Nutrients) हमारे अच्छे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। सीताफल के औषधीय गुणों के कारण शायद ही शरीर का कोई हिस्सा बचता हो जिसे यह लाभ न पहुंचाता हो। लेकिन अधिक मात्रा में सेवन करने पर यह कुछ मामूली से नुकसान भी दे सकता है। लेकिन यदि इतिहास की बात की जाए तो सीताफल के फायदे इसके नुकसानों से कई गुना अधिक हैं। आइए जाने सीताफल खाने के क्या फायदे हैं? और यह हमारे शरीर को किस प्रकार लाभ पहुंचाता है और सीताफल खाने के फायदे और नुकसान क्या हैं।
फाइबर (dietary Fibre) शरीर के लिए बहुत ही आवश्यक घटकों में से एक है जो कि सीताफल में अच्छी मात्रा में मौजूद रहता है। आहार फाइबर हमारे शरीर में चीनी के अवशोषण (Sugar absorption) को धीमा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह मधुमेह टाइप 2 के खतरे को कम करने में मदद करता है।
अध्ययन बताते हैं कि शरीर को नियमित रूप से प्रतिदिन 25-30 ग्राम कार्बोहाइड्रेट की आवश्यकता होती है। इस तरह से फाइबर और कार्बोहाइड्रेट की अच्छी मात्रा प्राप्त करने के लिए सीताफल का उपयोग किया जा सकता है। इस मौसमी फल का नियमित सेवन करने से मधुमेह (diabetes) की संभावनाओं को कम करने में मदद करता है।
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हृदय स्वास्थ्य (cardiovascular health) को बढ़ावा देने के लिए सीताफल का उपयोग किया जा सकता है। क्योंकि सीताफल में ऐसे बहुत से पोषक तत्व मौजूद रहते हैं जो हृदय को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाते हैं। सीताफल में मैग्नीशियम (Magnesium) की अच्छी मात्रा होती है जो कि हृदय की मांसपेशीयों को मजबूत करते हैं और तंत्रिका तंत्र को आराम करने में मदद करते हैं।
इस कारण दिल के दौरे और स्ट्रोक (Heart attack and stroke) की संभावनाओं को कम किया जा सकता है। इसके अलावा सीताफल में फाइबर, विटामिन बी3, विटामिन बी6 और अन्य पोषक तत्व अच्छी मात्रा में होते हैं जो हमारे रक्त में होमोसिस्टीन ( homocysteine) जो कि एक एमिनो एसिड होता है इसके स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। ये कारण स्ट्रोक या कोरोनरी हृदय रोग (Coronary heart disease) की संभावना को बढ़ाते हैं।
पर्याप्त मात्रा में सीताफल का सेवन करने से अच्छे कोलेस्ट्रॉल (उच्च घनत्व लिपोप्रोटीन) को बढ़ाने और खराब कोलेस्ट्रॉल
(कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन ) (low-density lipoprotein) को कम करने में मदद मिलती है।(और पढ़े – दिल मजबूत करने के उपाय…)
गलत खान-पान और उच्च तनाव के कारण हाई-ब्लड प्रेशर की समस्या आम होती है। उच्च रक्तचाप शरीर के लिए बहुत ही गंभीर समस्या हो सकती है। लेकिन सीताफल इस समस्या का समाधान करने में आपकी मदद कर सकता है। सीताफल में केले की अपेक्षा पोटेशियम की अधिक मात्रा होती है।
पोटेशियम दिल को स्वस्थ्य रखने में मदद करता है। हृदय के स्वस्थ्य रहने से आपके शरीर में रक्त का प्रवाह संतुलित रहता है जिसके कारण आपके रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। यदि आप उच्च रक्तचाप की समस्या से परेशान हैं तो सीताफल का उपयोग कर सकते हैं।
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हमारे शरीर के लिए कोलेस्ट्रॉल अच्छा होता है, लेकिन अधिक मात्रा में कोलेस्ट्रोल शरीर को नुकसान पहुंचाता है। गलत खान-पान और अनियंत्रित जीवनशैली के कारण हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है। साथ ही कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का एक प्रमुख कारण विटामिन बी3 की कमी होना भी है। लेकिन यदि सीताफल का उचित मात्रा में सेवन किया जाता है तो इसमें मौजूद नियासिन (Niacin) खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को 20 प्रतिशत तक कम कर सकता है।
इसके साथ ही यह हमारे शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रोल के स्तर को बढ़ाने में भी मदद करता है। अच्छे कोलेस्ट्रॉल हमारी धमनियों (Arteries) को सुरक्षा प्रदान करते हैं। धमनीयों का प्रमुख काम रक्त को शरीर सभी हिस्सों तक और वहां से वापिस हृदय तक लाना होता है।
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जो लोग एनीमिया (खून की कमी) बीमारी से पीड़ित हैं वे इस समस्या का उपचार करने के लिए सीताफल का सेवन कर सकते हैं। यह बीमारी शरीर में आयरन की कमी के कारण होती है। एनीमिया के लक्षणों में चक्कर आना, थकान आदि हो सकते हैं। सीताफल में मौजूद आयरन की अच्छी मात्रा एनीमिया के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं। साथ ही इसमे मौजूद अन्य पोषक तत्व रक्त की गुणवत्ता को सुधारने और शरीर में रक्त उत्पादन की क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं।
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यदि आपका पाचन तंत्र खराब है तो आप इसे ठीक करने के लिए सीताफल का उपयोग कर सकते हैं। सीताफल में फाइबर और कॉपर की अच्छी मात्रा होती है जो कि पाचन तंत्र को स्वस्थ्य बनाने में मदद करते हैं। नियमित रूप से सीताफल का सेवन करने से यह कब्ज और आंतों में आने वाली अन्य समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं।
आप सीताफल के गूदे को मसल कर (Crush the pulp) इसमे कुछ पानी मिलाएं और इसका सेवन करें। यह दस्त को रोकने में सहायता करता है। यदि नियमित रूप से सीताफल का सेवन किया जाता है तो क्रोहन रोग (Chron’s disease) और आईबीएस को कम करने में सहायक होता है।
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एक अध्ययन से पता चलता है कि सीताफल में ऐसे पोषक तत्व मौजूद रहते हैं जो कैंसर विरोधी (Anti-cancer) गुण दर्शाते हैं। इसमें बहुत से एंटीऑक्सीडेंट भी अच्छी मात्रा में होते हैं जो कि कैंसर के विकास को रोकने में मदद करते हैं। सीताफल में एसीटोजेनिन और एल्कलॉइड (acetogenin and alkaloids) भी होते हैं जो ट्यूमर कोशिकाओं के विकास को रोकते हैं।
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विटामिन सी के अच्छे स्रोतों में सीताफल का नाम शामिल है। विटामिन सी त्वचा की बीमारीयों और संक्रमणों का इलाज करने में मदद कर सकता है। इन त्वचा समस्याओं में फोड़े, एक्जिमा, सोरायसिस (Psoriasis) और फफोले आदि शामिल हैं। सीताफल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को स्वस्थ्य और युवा बनाए रखने में भी सहायक होते हैं।
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अध्ययनो से पता चलता है कि सीताफल के पत्तों, जड़ और छाल आदि का काढ़ा (Decoction) बनाकर उपयोग करने से यह जोड़ों के दर्द से राहत दिला सकता है। गठिया एक अपरिवर्तनीय संयुक्त रोग है जो दर्द और सूजन का कारण बनता है। गठिया के सबसे आम प्रकारों में रूमेटोइड गठिया और ऑस्टियोआर्थराइटिस (rheumatism and arthritis) शामिल हैं। सीताफल में मैग्नीशियम शरीर में पानी की मात्रा को संतुलित करने में मदद करता है और जोडो में मौजूद एसिड को कम करता है। जिससे गठिया की सूजन और दर्द से राहत मिल सकती है।
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अगर आप सोच रहीं हैं कि गर्भवती महिला को सीताफल खाने से क्या फायदा होता है? तो हम आपको बता दें स्वस्थ गर्भावस्था को बढ़ावा देने के लिए फोलेट बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। फोलेट तंत्रिका ट्यूब दोषों की संभावनाओं को कम करने में मदद करता है। सीताफल में फोलेट की अच्छी मात्रा होती है जो कि गर्भवती महिलाओं की स्वस्थ्य गर्भावस्था में मदद करते हैं।
गर्भावस्था के दौरान सीताफल का सेवन करने से यह गर्भापात की संभावनाओं को कम करता है। इसके अलावा गर्भवती महिलाएं एवोकैडो का भी उपभोग कर सकती हैं। क्योंकि इनमें भी फोलेट की अच्छी मात्रा होती है।
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विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा सीताफल में मौजूद रहती है। इनके अलावा सीताफल में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण भी होते हैं जो कि प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने में मदद करते हैं। नियमित रूप से इस मौसमी फल का सेवन करने से विटामिन बी को भी प्राप्त किया जा सकता है जो कि थकान को कम करने मे मदद करता है। इसका सेवन कर दिन भर के लिए ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है।
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अपने शरीर की हड्डीयों को मजबूत करने के लिए सीताफल एक अच्छी औषधी की तरह काम कर सकता है। सीताफल में कैल्शियम और मैग्नीशियम की दैनिक जरूरत का लगभग 2 % और 6 % प्राप्त किया जा सकता है। ये दोनों ही पोषक तत्व हड्डी के स्वास्थ्य को बढ़ाने और उन्हें मजबूत करने में मदद करते हैं। सीताफल का नियमित सेवन करने से ऑस्टियोपोरोसिस और अन्य हड्डीयों से संबंधित समस्याओं की संभावना को कम किया जा सकता है।
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यह औषधीय फल हमे स्वास्थ्य लाभ दिलाने के साथ-साथ हमारे बालों के लिए भी फायदेमंद होता है। सीताफल के बीजों से निकाला गया तेल बालों को मॉइस्चराइज करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
सीताफल बीज के तेल का उपयोग कर बालों के झड़ने, स्केलप की सूजन, समय से पहले भूरे बाल, डैंड्रफ, सिर की खुजली आदि समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके साथ ही यह तेल नए बालों को उगाने और बालों के विकास में भी मदद करता है। सीताफल में विटामिन सी, आयरन और कापर आदि भी मौजूद रहते हैं जो कि बालों को स्वस्थ्य बनाने में मदद करते हैं।
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1-2 पका हुआ सीताफल या अपनी आवश्यकता के अनुसार इसे लें। सुबह के नाश्ते में या दोपहर के खाने में उन्हें (बीज के बिना) खाना ज्यादा श्रेयस्कर होता है।
इसे अपने हाथों से खाएं, अपनी उंगलियों को चाटें और इसके खास स्वाद का आनंद लें!
औषधीय गुणों के कारण सीताफल का सेवन हमारे लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में यह गंभीर परिणाम दे सकता है। स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए सीताफल को नियमित रूप से कम मात्रा में सेवन करना चाहिए। अधिक मात्रा में सेवन करने पर इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।
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