लड़की प्रेग्नेंट कैसे होती है यह सवाल लोगों के मन में हमेशा से जिज्ञासा का कारण रहा है इसके आलावा और भी कई सवाल है जिन्हें लोग जानना चाहते हैं जैसे औरत कब और कैसे गर्भवती होती है? प्रेग्नेंट होने के लिए सबसे सही उम्र क्या है? प्रेग्नेंट होने के लिए सबसे फर्टाइल दिन का पता कैसे करें? क्या प्रेग्नेंट होने के लिए कोई बेस्ट सेक्स पोजीशन होती है? महिला का गर्भ कब और कैसे ठहरता है? गर्भधारण करने के लिए कितनी बार सेक्स करना जरूरी है? पीरियड के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी होती है? गर्भवती होने के लिए कब करना चाहिए सेक्स? आदि आज हम इन्ही सवालों के आसान भाषा में जवाब देगें तो चलिए प्रेग्नेंट कैसे होते हैं (Guide To Get Pregnant In Hindi) पूरी जानकारी विस्तार से जानतें हैं।
विषय सूची
लड़की प्रेग्नेंट कैसे होती है?
पुरुष के साथ सेक्स करने पर लड़की की योनि (Vagina) के मार्ग से जब पुरुष का वीर्य या शुक्राणु (Sperm) छोड़ा जाता है तब यह लड़की के शरीर में प्रवेश करता हैं, यहाँ से वह लड़की की फैलोपिन ट्यूब में प्रवेश करता हैं और अगर उसे वहाँ जीवित अंडा मिल जाता है तब शुक्राणु अंडे से चिपक जाता है और उनकी निषेचन (Conception) की प्रक्रिया पूर्ण हो जाती है। यही स्थिति गर्भधारण कहलाती है। और फिर लड़की प्रेग्नेंट हो जाती है।
प्रेग्नेंट होने के लिए सबसे सही उम्र क्या है?
अगर हम मेडिकल साइंस की नजर से बात करें तो 20-30 वर्ष की उम्र के बीच किसी महिला की प्रजनन क्षमता सबसे अधिक होती है। इसलिए 20 से 30 वर्ष की उम्र प्रेग्नेंट होने के लिए सबसे सही उम्र मानी जाती है।
30 वर्ष के बाद प्रेग्नेंट होने पर बांझपन, मिसकैरेज (गर्भपात), उच्च रक्तचाप, जन्म दोष, गर्भकालीन मधुमेह, सिजेरियन डिलीवरी और मल्टीपल बर्थ जैसे जोखिम हो सकते हैं।
प्रेग्नेंट होने के लिए सबसे फर्टाइल दिन का पता कैसे करें?
खुद से फर्टाइल दिनों की गिनती करके, योनि श्राव की जाँच करके और अन्य शरीर के संकेतों जैसे -पेट के एक तरफ दर्द, स्तनों में भारीपन और कोमलता होना आदि पर नज़र रखकर, प्रेगेंट होने के लिए सबसे फर्टाइल दिन का पता लगाया जा सकता है।
क्या प्रेग्नेंट होने के लिए कोई बेस्ट सेक्स पोजीशन होती है?
यूँ तो प्रेग्नेंट होने के लिए कोई बेस्ट सेक्स पोजीशन नहीं होती है। मगर, आईयूआई के एक रिसर्च में यह पाया गया है कि जो महिलाएं यौन क्रिया के बाद कुछ देर तक लेटी रहीं, उनमें गर्भधारण की सफलता दर अधिक है।
प्रेग्नेंट होने के लिए ओवुलेशन पीरियड सबसे अच्छा समय होता है। हर महिला का ओवुलेशन पीरियड अलग-अलग हो सकता है। और ओवुलेशन का समय जानने के लिए सबसे पहले पीरियड का टाइम पता करना होता है। पीरियड शुरू होने के लगभग 12 से 14 दिन पहले का टाइम ही ओवुलेशन टाइम होता है और पीरियड आने के 7 दिन पहले तक रहता है यही वो टाइम होता है जिसमें अगर आप संबंध बनाती हैं तो गर्भ ठहरने की संभावना सबसे अधिक होती है। ओवुलेशन का समय मतलब पीरियड्स के 12 से 14 दिन पहले और उसके अगले 5 दिनों तक महिला की प्रजनन क्षमता बहुत ज्यादा होती है।
गर्भधारण करने के लिए कितनी बार सेक्स करना जरूरी है?
जल्दी गर्भधारण करने की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए आपको निश्चित रूप से अधिक बार संभोग करने की आवश्यकता होगी। यदि आपकी या आपके साथी की प्रजनन क्षमता में कोई समस्या नहीं है, तो गर्भधारण करने के लिए हर दिन सेक्स करना भी एक अच्छा विचार है।
पीरियड्स शुरू होने के 14 दिन बाद आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं, यदि आपकी साइकल 28 दिनों की है तब। क्योंकि यह समय ओवुलेशन के लिए सबसे अच्छा माना जाता है, इस दौरान यदि आप अपने पार्टनर के साथ फिजिकल रिलेशन बनाती हैं तब आपके गर्भवती होने के चांसेस सबसे ज्यादा होते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि, इस समय आपके अंडाशय से एग रिलीज होता है, जो कि 12 से 24 घंटे तक जिंदा रहता है। हालाँकि, इसके लिए आपके ओव्यूलेशन साइकिल का सही होना बहुत जरूरी है। ऐसे में, गर्भधारण के लिए, जब भी संबंध बनायें तो अपने ओव्यूलेशन पीरियड का जरूर ध्यान रखें। उदहारण के लिए यदि आपके पीरियड्स शुरू होने का समय 30 को है तब आपके ओव्यूलेशन का समय 14 से 17 के बीच होगा। इसलिए, गर्भधारण करने के लिए इस दौरान संबंध बनाने की कोशिश करें।
गर्भधारण के लिए सेक्स का समय सुबह का होना चाहिए क्योंकि सुबह के समय आप फ्रेश फील करते हैं। स्त्री रोग विशेषज्ञ बताती हैं कि जिन महिलाओं में रेगुलर पीरियड हो वे प्रेगनेंट होने के लिए पीरियड के 10 दिन बाद रोज सुबह के समय पर सेक्स करें।
ओवुलेशन क्या है ?
ओवुलेशन महिला के शरीर में हर माह होने वाली एक प्रक्रिया है जो आमतौर पर हर मासिक चक्र में एक बार होती है जब शरीर में हार्मोन्स में बदलाव ओवरी को अंडा रिलीज करने के लिए उत्तेजित करते हैं।
मासिक धर्म चक्र के पहले भाग में ओवरी में मौजूद कोई एक अंडा मैच्योर होता है, और ओवुलेट करता है। इस ओवुलेशन के दौरान अगर मेल का स्पर्म अंडे को निषेचित करता है तो प्रेगनेंसी हो सकती है।
ओवुलेशन कब होता है?
ओवुलेशन पैटर्न हर महिला और मासिक चक्र के अनुसार बदल सकता है। हालाँकि, आमतौर पर ओवुलेशन पीरियड्स आने के 12 से 16 दिनों के पहले होता है।
क्या एक मासिक चक्र में एक बार ही ओवुलेशन होता है?
सामायतः एक मासिक चक्र में एक बार ही ओवुलेशन होता है। हालाँकि, एक ही वक़्त में आपकी ओवरी से दो या दो से अधिक अंडे भी रिलीज हो सकते हैं। अगर दोनों ही अंडे स्पर्म से फर्टिलाइज हो जाते हैं तो जुड़वां बच्चों का जन्म होने की संभावना हो सकती है।
अगर मासिक चक्र की अवधि कम है तो ओवुलेशन कब हो सकता है?
कम अवधि का मासिक धर्म चक्र 21 दिनों से कम का माना जाता है। आमतौर पर, सामान्य मासिक धर्म चक्र में ओवुलेशन पीरियड्स से 12-16 दिनों पहले होता है, तो कम अवधि के मासिक धर्म चक्र में ओवुलेशन संभवतः 7-10 दिनों पहले हो सकता है।
प्रेग्नेंट होने के लिए कब तक सेक्स करना चाहिए?
जिस महिला की आयु 35 वर्ष से कम है (जिनमें कोई प्रजनन विकार नहीं है) उसे प्रेग्नेंट होने के लिए अपने पार्टनर के साथ एक साल तक असुरक्षित सेक्स करना चाहिए।
वहीं जिस महिला की आयु 35 वर्ष से अधिक है (जिनमें कोई प्रजनन विकार नहीं है) उसे प्रेग्नेंट होने के लिए अपने पार्टनर के साथ छह महीने तक असुरक्षित सम्भोग करना चाहिए।
इन दोनों स्थितियों में, अगर इतनी कोशिश के बाद भी गर्भ नहीं ठहरता तो कपल को जल्द ही डॉक्टर से मिलना चाहिए।
वैसे तो सेक्स करने के तुरंत बाद महिला गर्भवती नहीं होती है। सेक्स करने के लगभग 10-15 दिनों के बाद महिला के गर्भधारण की संभावना होती है।
सम्भोग के कुछ मिनट, कुछ घंटों या कुछ दिनों के बाद फर्टिलाइजेशन की क्रिया हो सकती है मगर इसके बाद इम्प्लांटेशन की प्रक्रिया में 10-15 दिनों का समय लग सकता है। इसलिए महिला के सेक्स करने के 10-15 दिनों के बाद गर्भधारण की संभावना होती है।
प्रेग्नेंट होने के लिए प्रजनन क्षमता को कैसे बढ़ाये?
जल्दी प्रेग्नेंट होने के लिए प्रजनन क्षमता का मजबूत होना बेहद जरूरी होता है। प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए शुबह का नाश्ता करना कभी न छोड़े, पौष्टिक आहार को अपने भोजन में शामिल करें, तला-भुना खाने से बचें, अधिक फाइबर और प्रोटीन युक्त भोजन का सेवन करें और साथ ही प्रजनन क्षमता बढ़ाने के ज़रुरी सप्लीमेंट्स भी लें।
इसके अलावा स्ट्रेस फ्री रहकर, शारीरिक रूप से एक्टिव रहकर और संतुलित वज़न बनाये रखकर भी प्रजनन क्षमता को बढ़ाया जा सकता है।
एक महिला में अण्डों की संख्या कितनी होती है?
एक महिला 7 लाख से 20 लाख अण्डों के साथ पैदा होती है और यौवन तक पहुँचने के दौरान हर महीने 11,000 हज़ार अंडे खो देती है।
किशोरावस्था के दौरान महिला में 3 से 4 लाख अंडे शेष रहते हैं, इनमें से 500 से भी कम अंडे ओव्यूलेट कर पाते हैं। यौवन शुरू होते ही महिला हर महीने 1000 अंडे खोने लगती है।
40-50 वर्ष तक यानी मेनोपॉज के दौरान महिला अपने ज्यादातर अंडे खो चुकी होती है, जिसके कारण इस ऐज में गर्भधारण कर पाना महिला के लिए मुश्किल हो जाता है।
क्या अनियमित माहवारी (अनियमित पीरियड्स) के साथ गर्भवती होना संभव है?
जी हाँ, इर्रेगुलर पीरियड्स में अधिक सेक्स करने और अपने ओव्युलेशन को ट्रैक करने से महिला के गर्भधारण की सम्भावना बढ़ सकती है।
इसके अलावा अनियमित माहवारी की स्थिति में गर्भधारण करने के लिए पौष्टिक भोजन खाएं, नुकसानदायक खाद्य पदार्थों से दूर रहें, वजन को संतुलित रखें और डॉक्टर से परामर्श लेते रहें।
क्या व्यायाम करने से गर्भधारण करने में मदद मिलती है?
जी हाँ, क्योंकि व्यायाम, स्ट्रेस और अनिद्रा को दूर करने के साथ-साथ वजन संतुलित रखने और नार्मल प्रसव के लिए शरीर को तैयार करने में भी सहायक होता है, इसलिए व्यायाम करने से गर्भधारण करने में मदद मिलती है। जल्दी गर्भधारण के लिए आप योग, वॉकिंग, तैराकी और साईक्लिंग कर सकती हैं। लेकिन यदि आपको गर्भधारण करने में किसी प्रकार की समस्या हो तो व्यायाम करने से पहले डॉक्टर से बात करें।
क्या पीरियड्स के दौरान प्रेगनेंसी हो सकती है?
जिन महिलाओं का मासिक धर्म चक्र 28-30 दिन या अधिक लम्बा होता है उनके पीरियड्स के दौरान प्रेग्नेंट होने की संभावना न के बराबर होती है। लेकिन जिन महिलाओं का मासिक धर्म चक्र छोटा होता है, उन्हें
पीरियड्स के दौरान प्रेगनेंसी हो सकती है। क्योंकि स्पर्म महिला के शरीर में 4 से 5 दिनों तक जीवित रह सकते हैं। माहवारी के दौरान ओव्युलेशन की तिथि काफी दूर होती है जिस कारण से प्रेग्नेंट होने की सम्भावना बेहद कम हो जाती है।
तीस वर्ष के बाद गर्भावस्था के जोखिम क्या हैं?
तीस वर्ष के बाद गर्भधारण करने पर बांझपन, मिसकैरेज, जन्म दोष, गर्भकालीन मधुमेह, उच्च रक्तचाप, सिजेरियन डिलीवरी और मल्टीपल बर्थ जैसे जोखिम हो सकते हैं।
प्री-मेनोपॉज़ के स्टेज में अनियमित पीरियड्स के बावजूद ओवुलेशन भी हो सकता है जिस कारण इस स्टेज में गर्भधारण संभव है।
हालाँकि, पोस्ट-मेनोपॉज़ की स्टेज में (जब 12 महीने तक महिला को पीरियड्स नहीं आएं हों) ओवुलेशन ना होने के कारण गर्भधारण नहीं किया जा सकता।
प्रेग्नेंट होने के लिए सबसे फर्टाइल दिन का पता कैसे करें?
जल्दी प्रेग्नेंट होने के लिए आपको अपने ओवुलेशन पीरियड को ट्रैक करना होगा। अपने ओवुलेशन के समय को ट्रैक करके आप गर्भवती होने के लिए सबसे फर्टाइल दिनों का पता लगा सकती हैं।
आप निम्न तरीकों से ओवुलेशन (फर्टाइल दिन) को ट्रैक कर सकती हैं :
मासिक धर्म के अनुसार फर्टाइल दिनों की गणना करके।
वेजाइनल डिसचार्ज की स्थति की जाँच करके।
अन्य शारीरिक संकेतों पर नज़र रखकर जैसे -पेट के एक तरफ दर्द, स्तनों में भारीपन या कोमलता आदि।
क्या मैं 35 वर्ष के बाद गर्भवती हो सकती हूँ?
जैसे-जैसे महिला की उम्र बढ़ती है, उसकी प्रजनन क्षमता कम होने लगती है। 35 वर्ष के बाद गर्भवती होने पर बांझपन, मिसकैरेज, जन्म दोष, गर्भकालीन मधुमेह, उच्च रक्तचाप, सिजेरियन डिलीवरी और मल्टीपल बर्थ जैसे जोखिम हो सकते हैं। हालांकि,अगर आप अपने शरीर को स्वस्थ रखती हैं तो 35 वर्ष के बाद भी आप सुरक्षित गर्भधारण कर सकती हैं।
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