Health Benefits of Celery Ajmod in Hindi अजमोद एक पौधा है जिसका वैज्ञानिक नाम एपियमग्रेविओलिंस (Apiumgraveolens) है। अजमोद के फल और बीज को सूखाकर तेल निकाला जाता है और इसके तेल के साथ बीजों का इस्तेमाल दवा के रूप में किया जाता है। अजमोद की पत्तियों का उपयोग बहुत सी बीमारियों के इलाज में किया जाता है। आइये जानते है अजमोद के फायदे और अजमोद का सेवन के नुकसान (ajmod ke fayde aur nuksan in Hindi) के बारें में।
अजमोद का तेल कैप्सूल के रूप में भी बाजारों में बिकता है जो कई बीमारियों को ठीक करने के उपयोग में लाया जाता है। कुछ लोग अजमोद के रस का उपयोग दवा के रूप में करते हैं। अजमोद का उपयोग गठिया (rheumatism), हिस्टीरिया, घबराहट, सिरदर्द, कुपोषण के कारण वजन घटना, भूख की कमी और थकावट के उपचार में किया जाता है।
Celery (ajmod) में विटामिन ए, विटामिन B1, पोटैशियम, विटामिन B2, पॉलीन, सोडियम,विटामिन B6, एमिनो एसिट और विटामिन C, प्लांट हार्मोन और इसेंशियल ऑयल पाया जाता है, कई बीमारियों को दूर करने में उपयोग में लाया जाता है। तो आइये जानते हैं कि किन-किन बीमारियों के इलाज में अजमोद फायदेमंद होता है।
इसमें कैलोरी बहुत कम होती है इसलिए अजमोद वजन घटाने में सहायक होता है। अजमोद महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्रदान करने एवं लिपिड (वसा) के मेटाबोलिज्म को नियंत्रित करने में मदद करता है। अजमोद का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट, इलेक्ट्रोलाइट, विटामिन C, B एवं पोटेशियम जैसे मिनरल पाये जाते हैं और कैलोरी कम होने के कारण इसके सेवन से वजन घटता है।
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स्टडी में पाया गया है कि अजमोद (Celery) में ब्यूटिल प्थैलाइड पाया जाता है और यह शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल या एलडीएल के स्तर को कम करने में मदद करता है। अजमोद में उच्च मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो शरीर में पित्त स्राव (bile secretion) को बढ़ाता है और कोलेस्ट्रॉल को घटाने में मदद करता है।
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यह यूरिक एसिड को कम करता है और मूत्र के निर्माण को उत्तेजित करता है। अजमोद पाचन तंत्र और जननांगों के अंदर बैक्टीरियल इंफेक्शन से लड़ता है और यूटीआई, ब्लैडर की बीमारी, किडनी की समस्या और प्रजनन अंगों में सिस्ट बनने से बचाता है।
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यह पाचन क्रिया को बेहतर बनाने एवं शरीर एवं पेट की सूजन को दूर करने में उपयोग किया जाता है। आंत में सर्कुलेशन को बेहतर करने में अजमोद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अजमोद के बीच में एंटी-हाइपरटेंसिव गुण होता है जिसके कारण इसके सेवन से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। अजमोद के बीज में गंधहीन और ऑयली यौगिक मौजूद होते हैं जिसे एनबीपी के नाम से जाना जाता है और यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।
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रूमेटाइड अर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस, अस्थमा एवं ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) जैसी बीमारियों के इलाज में भी अजमोद बहुत फायदेमंद होता है। अजमोद में पॉलीएसिटिलीन नामक रसायन मौजूद होता है जो इन बीमारियों को दूर करने में बहुत प्रभावी होता है। अजमोद का रस हर्ब का कार्यकरता है और यह शरीर के सूजन को दूर करने में मदद करता है।
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सुबह एक गिलास अजमोद का जूस पीने से व्यक्ति पूरे दिन तरोताजा महसूस करता है। अजमोद के रस में मैग्नीशियम पाया जाता है जो हार्ट रेट को तो कम करता ही है साथ में अनिद्रा की बीमारी को दूर कर अच्छी नींद लाने में मदद करता है।
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शोधकर्ताओं का मानना है कि अजमोद में फ्लेनॉयड, टैनिन एंवं एल्केनॉयड पाया जाता है जो पेट, कोलोन एवं आंत को पोषण प्रदान करता है। अजमोद पेट में अल्सर को उत्पन्न होने से रोकता है क्योंकि अजमोद में एक विशेष प्रकार का एथेनॉल पाया जाता है जो अल्सर से पाचन तंत्र की परत को सुरक्षा प्रदान करता है।
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इसके रस में कुछ एंटी-ऑक्सीडेंट पाये जाते हैं जिन्हें प्थैलाइड्स के नाम से जानते हैं। ये एंटी-ऑक्सीडेंट धमनी (artery) की दीवारों को मजबूत करने और कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम के अंदर मरम्मत करने में मदद करते हैं। जिससे कि हृदय का तनाव एवं दबाव कम होता है और हार्ट अटैक एवं स्ट्रोक का खतरा कम होता है।
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महिलाओं में हार्मोन असंतुलन की समस्या को दूर करने के लिए अजमोद का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा बांझपन, मेनोपॉज के लक्षणों एवं मासिक धर्म की समस्याओं को दूर करने के लिए भी अजमोद बहुत लाभकारी माना जाता है।
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दो यौगिक ल्यूटीओलिन एवं एपिजेनिन अजमोद में उच्च सांद्रता में पाये जाते हैं और ये यौगिक एंटी-कार्सिनोजेनिक प्रभाव के होते हैं। ये फ्लैनॉयड ट्यूमर को कम करने एवं शरीर के विभिन्न हिस्सों में कैंसर को फैलने से रोकते हैं और मुक्त कणों को बेअसर करने में मदद करते हैं।
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