Alfalfa ke Fayde Aur Nuksan in Hindi: अल्फाल्फा जिसे ल्यूसर्न या मेडिकोगो सैटिवा (Lucerne or Medicago sativa) भी कहा जाता है, यह मटर परिवार एक पौधा है जिसे प्राचीन समय से पशुओं के चारे (Feed) के लिए उपयोग किया जाता है। अल्फाल्फा के फायदे अन्य खाद्यों की तुलना में विटामिन, खनिजों और प्रोटीन (Minerals and proteins) की बेहतर सामग्री होने के कारण बहुत अधिक हैं। अल्फाल्फा लेग्यूम परिवार का हिस्सा है, लेकिन इसे एक जड़ी बूटी भी माना जाता है। चारे के रूप में इस्तेमाल होने के अलावा यह मनुष्यों के लिए औषधीय जड़ी बूटी के रूप में लंबे समय से उपयोग किया जा रहा है। इसके बीज या सूखे पत्तियों को पूरक आहार (Supplementary) के रूप में लिया जा सकता है, या बीजों को अंकुरित (sprouted) करके भी उपयोग किया जा सकता है। यह कैंसर, मधुमेह जैसी घातक बीमारियों के उपचार में सहायक होता है।
विषय सूची
1. अल्फाल्फा क्या है – What is Alfalfa in Hindi
2. अल्फाल्फा का पौधा – Alfalfa Plant in Hindi
3. अल्फाल्फा के पोषक तत्व – Alfalfa Nutrition Value in Hindi
4. अल्फाल्फा के फायदे – Alfalfa ke fayde in Hindi
5. अल्फाल्फा के नुकसान – Alfalfa ke Nuksan in Hindi
यह एक खाद्य पदार्थ के रूप में उपयोग की जाने वाली जड़ी बूटी है, जो कि अल्फाल्फा पौधे (Alfalfa Plant) से प्राप्त किये जाने वाले बीज होते हैं। इसका उपयोग बहुत सी बीमारियों को दूर करने के लिए और भोजन की पौष्टिकता को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है। कई आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा इसका उपयोग दवाओं के निर्माण के लिए भी किया जाता है।
यह एक बारहमासी पौधा (Perennial plant) है जिसे जड़ी बूटी के तौर पर भी उपयोग किया जाता है जो मूल रूप से पशूओं का चारा होता है। पशूओं और मनुष्यों के उपभोग के साथ-साथ दवाओं के लिए इसे प्राचीन समय से ही व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है। इस पौधे की मुख्य जड़ (Taproot) जमीन में गहराई (20 से 30 फीट) तक होती है जिससे पौधा जमीन की गहराई से भी पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व और खनिज पदार्थों को प्राप्त करता है। ये पौधे ऐसी जगह में भी हो सकते हैं जहां मिट्टी की कमी होती है।
इसकी पत्तियां एकान्तर क्रम और तिकोनी (Alternate and Trifoliate) होती हैं। इसके फूल छोटे और समूहों के रूप में व्यवस्थित रहते हैं जिनका रंग बैंगनी नीला होता है। इसके फल पकने के बाद काले भूरे रंग के होते हैं, इसमें कुछ बीज हल्के पीले रंग के होते हैं जो गुर्दे (Kidney) के आकार के होते हैं।
आपने शायद कुलथी दाल (Kulthi dal) के बारे पढ़ा हो, तो आपको पता चलेगा कि मवेशियों के चारे में भी इतने पोषक तत्व होते हैं कि यह मानव समाज के लिए भी कितने फायदेमंद होते हैं। यही स्थिति अल्फाल्फा के साथ भी है। यह मूल रूप से चारा (Cattle feed) है लेकिन इसमें मौजूद पोषक तत्व और खनिज पदार्थों के कारण यह हमारे स्वास्थ्य के लिए औषधी का काम करता है। आइए जाने अल्फाल्फा में पाए जाने वाले पोषक तत्व (Nutrition) कौन से हैं और कितनी मात्रा में होते हैं।
अल्फाल्फा के पोषक तत्व प्रति 100 ग्राम के अनुसार :
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आयुर्वेदिक जड़ी बूटी (Herb) के रूप में उपयोग किये जाने वाले अल्फाल्फा के फायदे शारीरिक स्वास्थ्य प्राप्त करने का अच्छा तरीका होता है। इसमें उपस्थित पोषक तत्व और खनिज पदार्थ हमारी विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। इस लेख के माध्यम से आप अल्फाल्फा के फायदे और नुकसान की जानकारी प्राप्त करेंगे, आइए इन्हें जानें।
फाइटोस्ट्रोजेन (Phytoestrogens) यौगिकों की अच्छी मात्रा अल्फाल्फा में मौजूद रहती है जो कि रासायनिक रूप से हार्मोन एस्ट्रोजेन के समान होते हैं। जो कि शरीर में एस्ट्रोजेन के समान प्रभावों का कारण बन सकते हैं। फाइटोऐस्ट्रोजेन महिलाओं में रजोनिवृत्ति के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं। रजोनिवृत्ति के लक्षणों पर अल्फाल्फा के प्रभावों का व्यापक रूप से शोध नहीं कि या गया है, लेकिन एक अध्ययन में पाया गया कि सेज और अल्फाल्फा (Sage and Alfalfa) का अर्क (extracts) महिलाओं में रात के पसीने और गर्म चमक को पूरी तरह से दूर कर सकता है। इसका सेवन करने से नींद की समस्याओं (Sleep problems) को दूर किया जा सकता है। हांलाकि इन संभावित लाभों की पुष्टि के लिए और भी अध्ययनों की आवश्यकता है।
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एंटी-डाइबेटिक (Anti-Diabetic) एजेंट के रूप में अल्फाल्फा का पारंपरिक रूप से उपयोग किया जाता है। एक पशु अध्ययन से पता चलता है कि अल्फाल्फा का सेवन करने से जानवरों में कुल एलडीए और वीएलडीएल कोलेस्ट्रोल (Cholesterol) के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है। यह रक्त शर्करा के स्तर को भी नियंत्रित कर सकता है।
एक अन्य अध्ययन से पता चलता है कि अल्फाल्फा से निकाला गया अर्क (extract) इंसुलिन की मात्रा को बढ़ाने में मदद करते हैं जिससे कि रक्त शर्करा के स्तर में कमी आती है। ये परिणाम मधुमेह के इलाज के लिए अल्फाल्फा की उपयोगिता को बताते हैं और चयापचय स्वास्थ्य (Metabolic Health) में भी वृद्धि करते हैं।
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आप जानते हैं कि कोलेस्ट्रोल की अधिक मात्रा आपके शरीर में बहुत सी बीमारियों का कारण बन सकती है विशेष रूप से हृदय से संबंधित परेशानियां। लेकिन यदि आप अल्फाल्फा के फायदे से परिचित हैं तो यह आपकी ऐसी सभी समस्याओं का निदान करने में मदद कर सकता है। अल्फाल्फा में कोलेस्ट्रोल कम करने की क्षमता होती है।
पशूओं में किये गए अध्ययन बताते हैं कि अल्फाल्फा रक्त कोलेस्ट्रोल (blood cholesterol) को नियंत्रित कर सकता है। यदि प्रतिदिन नियमित रूप से अल्फाल्फा का सेवन किया जाये तो यह कुल रक्त कोलेस्ट्रोल को कम कर सकता है। यह प्रभाव अल्फाल्फा में सैपोनिन (Saponins) की उच्च मात्रा के कारण होता है जो कि कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करता है।
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इस औषधीय पौधे में थायरोट्रोपिन-रिलीजिंग हार्मोन (Thyrotropin-Releasing Hormone) एक अणु के रूप में उपस्थित होते हैं। थायरोट्रोपिन-रिलीजिंग हार्मोन प्राणी जगत में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है पर वनस्पति जगत में इसकी उपलब्धता अज्ञात है। अल्फाल्फा में पाया गया टीआरएच हार्मोन (TRH hormone) प्राणीयों में जैविक रूप से सक्रीय होता है।
इस कारण अल्फाल्फा हाइपोथायरायडिज्य के इलाज के साथ-साथ पॉलीसिस्टिक अंडाशय (Polycystic Ovaries) में प्रोलैक्टिन के अतिरिक्त होने वाली बीमारियों के इलाज में मदद करता है। हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) के लिए अल्फाल्फा एक प्रभावी प्राकृतिक उपचार विकल्प हो सकता है।
एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidants) की अच्छी मात्रा होने के कारण अल्फाल्फा के फायदे हमारे लिए बहुत ही उपयोगी होते हैं। अल्फाल्फा के अंकुरित बीज हमारे शरीर की कोशिकाओं को मुक्त कणों के कारण होने वाले क्षति को रोकते हैं। एंटीऑक्सीडेंट बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं साथ ही कैंसर और हृदय रोग (Cancer and Heart disease) जैसी गंभीर बीमारियों से हमारी रक्षा करते हैं।
एक अध्ययन से पता चलता है कि अल्फाल्फा के अंकुरित बीजों में पाये जाने वाले विटामिन न केवल विटामिन की कमी को पूरा करते हैं बल्कि वृद्धावस्था से जुड़ी बहुत सी बीमारियों को रोकने में भी मदद करते हैं।
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विटामिन K हड्डियों के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाता है, अल्फाल्फा में विटामिन K बहुत अच्छी मात्रा में होते हैं। यही कारण है कि अल्फाल्फा ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने और इसका प्रभावी रूप से इलाज करने में मदद करता है। शरीर को कैल्शियम (Calcium) का पर्याप्त उपयोग करने के लिए विटामिन K की आवश्यक्ता होती है, जो हड्डियों का निर्माण करता है। अल्फाल्फा के अंकुरित (sprouted) बीजों में मैंगनीज भी अच्छी मात्रा भी होती है जो ऑस्टियोपोरोसिस और सूजन को रोकने में मदद करता है। आप अल्फाल्फा का नियमित सेवन करके ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) की संभावनाओं और लक्षणों को कम कर सकते हैं।
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आइसोफ्लावोन और अन्य फाइटोस्ट्रोजेन (Phytoestrogens) की अच्छी मात्रा अल्फाल्फा में मौजूद रहती है जो मानव एस्ट्रोजेन के समान कार्य करते हैं। आहार के रूप में आइसोफ्लावोन (Isoflavones) की उच्च मात्रा का सेवन करने पर यह कैंसर के प्रभाव को कम करने और इसकी पुनरावृत्ति के खतरे को कम करने में मदद करता है। अध्ययनों के अनुसार अल्फाल्फा स्तन कैंसर (Breast Cancer) को रोक सकता है।
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विटामिन B1 और विटामिन B6 की मौजूदगी के कारण अल्फाल्फा बालों के विकास में सहायक होता है। यह बालों की बनावट में भी सुधार करता है। अल्फाल्फा में एंजाइम भी होते हैं जो गंजापन और बालों के झड़ने को रोकते हैं। प्रोटीन की उपिस्थिति बालों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, जबकि कैल्शियम, जिंक सिलिका जैसे खनिजों की उपस्थिति बालों को मजबूत और बेहतर बनाती है। सिलिका भी बालों के झड़ने और गंजेपन (Hair Loss and Baldness) को रोकता है।
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पाचन समस्याओं के लिए अल्फाल्फा एक प्रभावी उपचार है। यह अपचन (Indigestion), पेट की सूजन, गैस्ट्रिटिस, पेट के अल्सर, मतली आदि समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। अल्फाल्फा में उच्च फाइबर सामग्री होती है जो कि कब्ज (Constipation) की समस्या को भी दूर करने में सहायक होते हैं। यदि आप पेट से संबंधित किसी भी समस्या से ग्रसित हैं तो अल्फाल्फा का सेवन करें, यह आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
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मूत्रवर्धक गुणों के लिए अल्फाल्फा जाना जाता है जो कि गुर्दे में पानी की प्रतिधारण (Water Retention) जैसी किसी भी समस्या को रोकने में मदद करते हैं। अल्फाल्फा यूटीआई या मूत्र पथ संक्रमण (Urinary Tract Infection) को रोकने के लिए भी जाना जाता है।
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विटामिन, लौह और क्लोरोफिल (Chlorophyll) की अच्छी मात्रा अल्फाल्फा में मौजूद रहती है। ये सभी घटक शरीर में खून को बढ़ाने में मदद करते हैं। अल्फाल्फा का उपयोग नाक से खून आना (Nosebleeds), एनीमिया, मसूड़ों से खून आना आदि समस्याओं का उपचार करता है।
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आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर अल्फाल्फा गुर्दे के पत्थरों, आर्थ्रोसिस, गठिया, एडीमा अल्सर आदि को रोक सकता है। अल्फाल्फा के फायदे ऊर्जा प्राप्त करने, थकान, मतली, स्मृति हानि आदि को दूर करने के लिए उपयोगी होते हैं। अल्फाल्फा का उपयोग कर आप थायराइड, नाखून, बाल, रात का अंधापन, दांत की समस्या और मां के दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए किया जाता है।
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अधिकांश लोगों के लिए अल्फाल्फा सुरक्षित होता है, लेकिन यह कुछ विशेष व्यक्तियों के लिए हानिकारक हो सकता है, इसलिए उन लोगों को अल्फाल्फा का सेवन करने से बचना चाहिए।
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