Conjunctivitis in Hindi इस लेख में आप कंजंक्टिवाइटिस की समस्या, आँख आने के लक्षण, आँख आने के कारण और आँख आना ट्रीटमेंट इन हिंदी के साथ ही आँख आने का घरेलू उपचार के बारे में जानेंगे। aankh aane ka ilaj in Hindi, how to cure pink eye at home in Hindi कंजंक्टिवाइटिस आंखों से संबंधित एक बीमारी होती है। जिसे हम आँख आना कहते है यह आंखों से संबंधित एलर्जी होती है जिसके कारण आंखें लाल या गुलाबी रंग की हो जाती है और उनमें सूजन आ जाना, दर्द होना और पानी गिरने की समस्या पैदा हो जाती है। कंजंक्टिवाइटिस को लोग अक्सर संक्रामक बीमारी मान लेते हैं लेकिन यह संक्रामक नहीं होती है। यह एक साथ दोनों आंखों को प्रभावित करती है।
विषय सूची
1. आँख आना क्या है – what is Conjunctivitis or pink eye in Hindi
2. आँख आने के लक्षण – symptoms of Conjunctivitis in Hindi
3. कंजंक्टिवाइटिस एलर्जी के कारण – cause of Allergic Conjunctivitis in Hindi
4. कितने प्रकार की होती है कंजंक्टिवाइटिस – Types of allergic conjunctivitis In Hindi
5. कंजंक्टिवाइटिस का घरेलू उपाय – Home remedies to cure conjunctivitis In Hindi
कंजंक्टिवाइटिस के दौरान आंखे लाल होना, खुजली आना, पानी गिरने के कारण आपको काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। हमारी पलकों और आंखों के आवरण के अंदर एक झिल्ली होती है जिसे कंजेंटिवा (conjunctiva) कहा जाता है। कंजेंटिवा में एलर्जी के कारण सूजन आ जाती है और आंखों में दर्द होने लगता है। जिन लोगों को अस्थमा, जुकाम, बुखार होता है उन्हें कंजंक्टिवाइटिस होने का खतरा ज्यादा रहता है। अगर इसका समय पर ईलाज ना करवाया जाए तो यह खतरनाक साबित हो सकती है। कंजंक्टिवाइटिस के इलाज के लिए आप कुछ घरेलू उपायों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस आर्टिकल में हम विस्तार से कंजंक्टिवाइटिस की समस्या, इसके लक्षण और उपचार के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए जानते है कि कंजंक्टिवाइटिस से जुड़ी कुछ जानकारियों के बारे में।
कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण हर किसी में आँख आने के प्रकार के आधार पर भिन्न होते हैं।
(और पढ़े – क्या आँखों की इन बीमारियों को जानते हैं आप)
जब आपका शरीर किसी खतरे यानि की बीमारी से खुद को बचाने की कोशिश करता है तो शरीर में बीमारी के कारण पैदा होने वाले केमिकल के विरोध में शरीर हिस्टामिन का उत्सर्जन करता है। जिसके कारण कंजंक्टिवाइटिस होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा
किसी केमिकल या डिटरजेंट के संपर्क में आने से भी कंजंक्टिवाइटिस हो सकता है।
एलर्जी कंजंक्टिवाइटिस दो प्रकार की होती है
यह कम समय के लिए आंखों को प्रभावित करने वाली एलर्जी होती है। एलर्जी के मौसम के दौरान इसके होने का खतरा बढ़ जाता है। इस कारण आपकी आंखों में अचानक से सूजन, खुजली, जलन बढ़ जाती है।
यह कंजंक्टिवाइटिस का ऐसा प्रकार है जो कि आपको सालभर परेशान कर सकता है। यह खाने-पीने, धूल आदि के कारण शरीर में बैक्टीरिया पहुंचने के कारण होती है। इसके कारण आपको आंखों में संवेदनशीलता, जलन, खुजली हो सकती है।
आंखों पर कॉल्ड कंप्रेस करने से जलन और दर्द से तुरंत आराम मिलता है और सूजन भी कम हो जाती है। इसका इस्तेमाल करने के लिए साफ कपड़े को ठंडे पानी में भिगोकर आंखों पर 5 मिनट के लिए रखें। इसके बाद फिर से ठंडे पानी में कपड़े को भिगोकर आंखों पर रखें और इस प्रक्रिया को 3-4 बार दोहराने से आराम मिलता है।
घर पर ही सेलाइन सॉल्यूशन यानि की नमकीन घोल बनाकर आंखें साफ करने से एलर्जी से तुरंत राहत मिलती है। नमक में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो तेजी से एलर्जी को ठीक करते हैं। इसका इस्तेमाल करने के लिए एक कप पानी को उबालकर ठंडा कर लें और उसमें आधा चम्मच नमक डाल लें। अब इसे फिर से उबाल कर ठंडा कर लें, इस प्रक्रिया को दिन में 3-4 बार दोहरा सकते हैं।
ब्लैक टी बैग में टैनिन होता है जो आंखों की जलन शांत करने के लिए लाभकारी होता है। इसके लिए ब्लैक टी बैग्स को पानी में डालकर 5 मिनट तक उबाल लें। अब टी बैग्स को पानी से निकालकर प्लेट में रख लें और ठंडा होने पर आंखों पर लगाएं। इस प्रक्रिया को दिन में 4-5 बार दोहरा सकते हैं।
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कैमोमाइल टी में एंटी-एलर्जीक गुण होते हैं इसलिए इसका इस्तेमाल करना उपयोगी होता है। इसके लिए कैमोमाइल टी बैग्स को पानी में डालकर 5 मिनट तक उबाल लें। अब टी बैग्स को पानी से निकाल कर प्लेट में रख लें और ठंडा होने पर आंखों पर लगाएं। इस प्रक्रिया को दिन में 3-4 बार दोहरा सकते हैं।
गुलाब जल में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं साथ ही यह आंखों को सूदिंग इफेक्ट भी देता है जिससे जलन और दर्द शांत करने में मदद करता है। इसका इस्तेमाल करने के लिए आंख में 3-4 बूंद गुलाब जल डालें या फिर गुलाब जल में कॉटन भिगोकर आंखों पर रखें।
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तुलसी में एंटी-इंफ्लेमेंट्री गुण होते हैं साथ ही इसमें सूदिंग गुण भी होते हैं जो कि आंखों को ठंडक पहुंचाते हैं। इसके लिए तुलसी को पानी में डालकर उबाल लें, 10 मिनट तक उबालने के बाद पानी को ठंडा कर लें और इस पानी से आंखें धो लें जिससे आंखें तेजी से ठीक होती है।
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खीरा सूजन और जलन को ठीक करने के लिए उपयोगी होता है। खीरे के टुकड़ों को काटकर आंखों पर रखें, जब खीरा गर्म हो जाए तो नए खीरे के टुकड़ों को आंखों पर रख लें जिससे आंखें तेजी से ठीक होती है। इसे आप दिन में कई बार दोहरा सकते हैं।
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दूध में आंखों को शांत करने के गुण होते हैं। ठंडा दूध आंखों की जलन को शांत करने के साथ-साथ, खुजली दूर करने के लिए उपयोगी होता है। इसके लिए ठंडे दूध में कॉटन बॉल डुबोकर आंखों को बंद करके उन पर लगाएं। दिन में 3-4 बार इस प्रक्रिया को दोहरा सकते हैं।
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