Allergy ke liye gharelu upay एलर्जी के घरेलू उपाय अपना कर आप दैनिक जीवन में होने वाली असुविधा से बच सकते हैं। जब बाहरी पदार्थों या संक्रमण का संपर्क आपकी त्वचा पर होता है तब प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया स्वरूप एलर्जी होती है। ये प्रतिक्रियाएं आमतौर पर हानिकारक नहीं होती हैं। एलर्जी अलग-अलग प्रकार ही होती है जैसे कि भोजन और त्वचा की एलर्जी। एलर्जी राइनाइटिस प्रकार की एक एलर्जी है जो उस समय होती है जब आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली धूल, रूसी या पराग जैसे वायु कणों को नष्ट करती है। इस दौरान नाक से पानी आना या छींकने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। आज इस आर्टिकल में आप एलर्जी के घरेलू उपाय जानेगें। जिन्हें अपनाकर आप एलर्जी के लक्षणों से छुटकारा पा सकते हैं।
विषय सूची
1. एलर्जी के कारण – Allergy ke karan in Hindi
2. एलर्जी के लक्षण – Allergy ke lakshan in Hindi
3. एलर्जी के लिए घरेलू उपाय – Allergy ke liye gharelu upay in Hindi
जब प्रतिरक्षा प्रणाली किसी ऐसी चीज पर प्रतिक्रिया करती है जो अन्य लोगों को परेशान नहीं करती है। लेकिन यह स्थिति आपके लिए असामान्य हो तो आप एलर्जी की प्रतिक्रिया का सामना करते हें। एलर्जी होने के कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं :
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सामान्य रूप से एलर्जी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं होती है। लेकिन यह आपके दैनिक और व्यक्तिगत जीवन में कई प्रकार की परेशानियों का कारण बन सकती है। यदि आप कुछ विशेष लक्षणों का सामना कर रहे हैं तो आपको एलर्जी होने की संभावना हो सकती है। जो इस प्रकार है :
इस प्रकार की समस्याओं से बचने के लिए आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर आपकी समस्या को समझकर दवाओं और एलर्जी शॉट्स आदि की मदद से उपचार कर सकता है। हालांकि एलर्जी के घरेलू उपाय भी संभव है जिन्हें अपनाकर आप एलर्जी के लक्षणों को दूर कर सकते हैं।
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प्राकृतिक और घरेलू उपचार के माध्यम से आप एलर्जी का इलाज कर सकते हैं। लेकिन हम आपको सलाह देते हैं कि एलर्जी के लिए घरेलू उपाय अपनाने के साथ ही आपको डॉक्टरी इलाज भी कराना चाहिए। इसके अलावा आपको उन चीजों के संपर्क में आने से बचना चाहिए जिनसे आपको एलर्जी हो सकती है। आइए जानते हैं प्राकृतिक और प्रभावी एलर्जी के घरेलू उपाय क्या हैं।
अध्ययनों से पता चलता है कि नमक के पानी का उपयोग कर आप एलर्जी का उपचार कर सकते हैं। नमक का पानी नाक से लगातार बहने वाले पानी जैसी एलर्जी के लिए उपयोग किया जा सकता है। इस दौरान नमक के पानी से नाक की अंदर से सिंचाई (nasal irrigation) करना बच्चों और बुजुर्गों दोनों के लिए फायदेमंद होता है।
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एलर्जी के प्रभाव से बचने के लिए आप अपने घरों में हेपा फिल्टर (HEPA filter) का उपयोग कर सकते हैं। ऐसे उपचार को अपनाकर आप पराग, धूल और पालतू जानवारों की रूसी आदि के प्रभाव से बच सकते हैं। क्योंकि उच्च दक्षता वाले हेपा फिल्टर इन कणों को घर के अंदर आने से रोक सकते हैं। जिससे आपके लिए एलर्जी के लक्षणों और संभावना को कम करने में मदद मिल सकती है।
ब्रोमलेन एक प्रकार का एंजाइम है जो पपीता और अनानास में पाया जाता है। प्राकृतिक उपचारकर्ता ब्रोमलेन का उपयोग सूजन को कम करने के लिए और श्वास को बेहतर बनाने के लिए करते हैं। यदि आप भी इसी प्रकार की एलर्जी का सामना कर रहे हैं तो ब्रोमलेन का उपयोग कर सकते हैं।
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अध्ययनों से पता चलता है कि एक्यूपंक्चर के माध्ययम से मौसमी और बारहमासी एलर्जी को कम करने में मदद करता है। इस उपचार का उपयोग कर आप नाक बहना जैसी एलर्जी को प्रभावी रूप से दूर कर सकते हैं। यदि आप भी ऐसी ही किसी एलर्जी से प्रभावित हैं तो एक्यूपंक्चर का उपयोग कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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हालांकि शहद के प्रभाव एलर्जी को दूर करने में होते हैं इसके लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं। फिर भी ऐसा माना जाता है कि शहद का सेवन करने से लाभ प्राप्त होता है। आप भी एलर्जी का उपचार करने के लिए शहद को अजमा सकते हैं।
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अधिकांश एलर्जी हमारे पर्यावरण में फैले प्रदूषण के कारण होते हैं। आप इन कारणों से होने वाली एलर्जी से बचने के लिए एयर कंडीशनर का उपयोग कर सकते हैं। आप हवा से नमी को हटाकर एयर कंडीशनीर और dehumidifiers फफूंदी और मोल्ड के विकास को रोक सकते हैं। ये वे कारक हैं जो आपके लिए एलर्जी प्रतिक्रयाओं को जन्म देने में सहायक होते हैं।
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2015 में किये गए एक अध्ययन से पता चलता है कि स्पिरूलिना (Spirulina) जो कि एक नीला-हरा शैवाल है। इसका सेवन करने से छींक आना जैसी एलर्जी का इलाज किया जा सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि स्पिरूलिना में एंटीलार्जिक गुण होते हैं। इस तरह से यदि आप इस प्रकार की एलर्जी से परेशान हैं तो औषधी के रूप में स्पिरूलिना का इस्तेमाल कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
एलर्जी के प्राकृतिक उपाय के लिए बिच्छू बूटी का उपयोग किया जा सकता है। अध्ययन बताते हैं कि बिच्छू बूटी में प्राकृतिक एंटीहिस्टामाइन (antihistamine) गुण होते हैं। इस तरह से आप इस जड़ी बूटी का उपयोग कर एलर्जी के लक्षणों को कम कर सकते हैं।
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चिकित्सकों का मानना है कि विटामिन ई का सेवन करने से शरीर में हिस्टामाइन के स्तर को कम किया जा सकता है। इसके लिए प्रतिदन 2000 मिलीग्राम विटामिन C लेने की सलाह दी जाती है। आप भी अपने आहार मे विटामिन C युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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एक अध्ययन से पता चला है कि पुदीने के तेल में उपचार गुण होते हैं साथ ही इसमें एंटी-इंफ्लामेटरी गुण भी होते हैं। इन्हीं गुणों के कारण पुदीने के तेल को एलर्जी दूर करने के उपाय के रूप में उपयोग किया जाता है। ब्रोन्कियल अस्थमा और छींक आना जैसी एलर्जी को दूर करने के लिए पुदीने का तेल बहुत ही प्रभावी होता है। आप भी इस प्रकार की एलर्जी का इलाज करने के लिए पुदीने के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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प्राकृतिक चिकित्सा करने वाले चिकित्सकों के अनुभव के अनुसार नीलगिरी का तेल मौसमी एलर्जी को दूर करने में प्रभावी होता है। नीलगिरी के तेल में जीवाणुरोधी और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। इन्हीं गुणों के कारण एलर्जी के लक्षणों को कम करने के लिए नीलगिरी तेल का उपयोग करने की सलाह दी जाती है।
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