Plums Benefits and Side effects in Hindi आलूबुखारा एक रसदार और मुलायम फल (Pulpy fruit) है जिसे संतुलित आहार के रूप उपभोग किया जाता है। संतुलित आहार के रूप में सेवन करने पर आलूबुखारा के फायदे कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने में मदद करते हैं। यह आपके शरीर के वजन को बनाए रखने और मधुमेह (Diabetes) के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। आलूबुखारा के फायदे सिर्फ इतने ही नहीं है बल्कि यह शरीर के कोलेस्ट्रॉल को कम करने और रक्त परिसंचरण की गुणवत्ता को बढ़ाने में भी सहायक होता है। इस फल का उपयोग आपकी त्वचा, हृदय और पाचन (Heart and Digestion) संबंधि बहुत सी समस्याओं को दूर करने प्राकृतिक तरीका हो सकता है। आलूबुखारा के लाभ इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा के कारण प्राप्त होते हैं।
विषय सूची
1. आलूबुखारा क्या है – What is Aloo Bukhara in Hindi
2. आलूबुखारा में पाए जाने वाले पोषक तत्व – Aloo Bukhara nutritional value in Hindi
3. आलूबुखारा के फायदे – Aloo Bukhara ke Fayde in Hindi
4. आलूबुखारा के नुकसान (साइड इफेक्ट्स) – Aloo Bukhara ke Nuksan (Side Effects) in Hindi
यह बहुत ही प्रसिद्ध और पौष्टिक फल है जो गर्मीयों के मौसम में मिलता है। यह बहुत से लोगों द्वारा पसंद किया जाता है क्योंकि इसके स्वास्थ्य लाभ बहुत अधिक होते हैं। यह फल रोसेस (Rosaceae) वनस्पिति परिवार से संबंधित है। यह फल स्वास्थ्य के नजरिये से बहुत ही लाभकारी होता है। इसमें बहुत से पोषक तत्व और खनिज पदार्थ अच्छी मात्रा में होते हैं, जो इसे हमारे लिए बहुत ही लाभकारी बनाते हैं।
औषधीय, स्वादिष्ट और पौष्टिक फल के रूप में आलूबुखारा बहुत ही प्रसिद्धि प्राप्त करने वाला फल बन चुका है। आमतौर पर स्वाद में यह फल मीठा होता है, लेकिन इसकी कुछ अन्य प्रजातियां खट्टी (sour) हो सकती हैं। इन फलों में वसा सामग्री कम मात्रा में होती है और ये फाइबर में समृद्ध होते हैं। आलूबुखारा में विटामिन ए और विटामिन सी अच्छी मात्रा में होते हैं साथ ही इसमें पोटेशियम (Potassium), आयरन और मैग्नीशियम भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होते हैं। आलूबुखारा के फायदे इसमें मौजूद विटामिन डी के कारण भी होते हैं जो हमें केवल सूर्य की रोशनी से प्राप्त होता है, इसके साथ ही इसमें विटामिन बी6, विटामिन बी12 और कैल्शियम भी होता है।
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प्लम्स (Plums) जिसे आप और हम आलूबुखारा के नाम से जानते हैं यह मुक्त कणों के हानिकारक प्रभावों को कम करते हैं और गठिया, अस्थमा, कैंसर और हृदय रोग जैसी समस्याओं का निदान करने में हमारी बेहद मदद करते हैं। इस फल में उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant) शरीर को हानिकारक प्रभावों से बचाते हैं। इस फल में जैक्सैंथिन आहार कैरोटीनोड मौजूद होता है जो मुख्य रूप से रेटिना में प्रकाश को अवशोषित करता है और पराबैगनी विकिरण से आंखों की रक्षा करता है।
इस औषधीय फल का उपयोग स्मृति में भी सुधार करता है। यदि आप आलूबुखारा के फायदे नहीं जानते हैं तो आज का यह लेख इसमें आपकी मदद करेगा। आइए जानते हैं आलूबुखारा के फायदे क्या हैं और इन्हें कैसे प्राप्त किया जा सकता है।
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शरीर में आयरन की कमी को पूरा करने के लिए आलूबुखारा एक अच्छा विकल्प हो सकता है। यह शरीर में लोहे के अवशोषण में मदद करते हैं जो कि इसमें उपस्थित विटामिन सी के कारण होता है। लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए आयरन की बहुत अधिक आवश्यकता होती है, जिसकी कमी को आलूबुखारा के नियमित सेवन से पूरा किया जा सकता है। यह शरीर में रक्त परिसंचरण को मजबूती प्रदान करने में सहायक होता है जिससे शरीर की कोशिकाओं का अच्छा विकास और शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यदि आपको ऐसा लगे कि आपके शरीर में खून की कमी हो सकती है, तो इस प्राकृतिक उपचार का सहारा लिया जा सकता है। आलूबुखारा के फायदे शरीर में खून बढ़ाने और इसकी कार्यप्रणाली को सुधारने के लिए जाने जाते हैं। इसका नियमित सेवन कर आप एनीमिया (Anemia) के खतरे को टाल सकते हैं।
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इस फल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट मस्तिष्क कोशिकाओं और स्मृति (Brain Cells and Memory) पर फ्री रेडिकल्स के हानिकारक प्रभावों को कम करने में मदद करते हैं। यदि आप अपनी याददाश्त को बढ़ाना चाहते हैं तो नियमित रूप से प्रतिदिन 3 से 5 आलू बुखारा का सेवन करें। यह आपके मस्तिष्क को स्वस्थ्य बनाने के साथ साथ आपकी स्मरण शक्ति को भी बढ़ाने में प्रभावी रूप से कार्य करता है।
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कई अध्ययनों से पता चलता है कि आलूबुखारा का सेवन करने से हड्डीयों के स्वास्थ्य में वृद्धि होती है, विशेष रूप से महिलाओं में रजोनिवृत्ति (menopausal) के बाद। इसमें उपस्थित फेनोलोइक और फ्लैवोनोइड्स (phenolic and flavonoids) यौगिकों की अच्छी मात्रा हड्डी के नुकसान को कम करने में मदद करते हैं। आलूबुखारा हड्डीयों के निमार्ण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है सूखे आलूबुखारा हड्डीयों के द्रव्यमान को बढ़ाने और ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) से बचाने में मदद करते हैं।
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हाल ही के अध्ययनों से पता चला है कि आलूबुखारा में फाइटोन्यूट्रिएंट (Phytonutrients) उपस्थित होते हैं जो स्तन कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में प्रभावी रूप से सक्षम होते हैं। उन्होंने स्वस्थ्य कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाए बिना कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में मदद करते हैं। आलूबुखारा न केवल स्तन कैंसर की कोशिकाओं के विकास को रोकता है बल्कि स्तन कैंसर के खतरे को भी कम करता है। आलूबुखारा का नियमित सेवन कर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर (Gastrointestinal Cancer) और श्वशन पथ कैंसर का इलाज और इनके प्रभाव को कम किया जा सकता है।
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दिल को स्वस्थ्य बनाए रखने के लिए आलूबुखारा के फायदे बहुत अधिक होते हैं। आलूबुखारा में एंटीऑक्सीडेंट गुण बहुत अधिक मात्रा में उपलब्ध रहते हैं जो मुक्त कणों (Free Radicals) से हमारे शरीर की रक्षा करने में मदद करते हैं। नियमित सेवन करने पर यह कोलेस्ट्रॉल ऑक्सीकरण को रोकते हैं, जो हृदय रोग, हृदय स्ट्रोक और उच्च कोलेस्ट्रॉल जैसी कई हृदय संबंधि बीमारियों का कारण बन सकती हैं। आलूबुखारा में उपस्थित फाइबर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। आलूबुखारा में पोटेशियम, फ्लोराइड और लौह जैसे खनिज भी अच्छी मात्रा में होते हैं, जो शरीर में खून के निर्माण में सहायक होते हैं। पोटेशियम की अच्छी मात्रा दिल की धड़कन और रक्तचाप
को नियंत्रित करने में मदद करता है।(और पढ़े – हार्ट अटेक कारण और बचाव…)
फाइबर की अच्छी मात्रा होने के कारण आलूबुखारा आपके पेट की बहुत सी समस्याओं को कम करने में सहायक होता है। इसमें प्राकृतिक रूप से पेट साफ करने वाले (Natural Laxative) गुण होते हैं। विशेष रूप से यह कब्ज की शिकायत को प्रभावी रूप से दूर कर सकता है। इसमें उपस्थित फाइबर सामग्री खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने मे मदद करते हैं। यह आपके पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देकर आपको स्वस्थ्य और ऊर्जावान बनाने में सहायक होते हैं। यदि आप कब्ज की समस्या (Constipation) से परेशान हैं तो आलूबुखारा का उपभोग करें यह आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
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पुरुषों के यौन स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिए आलूबुखारा का उपयोग किया जा सकता है। नियमित रूप से आलूबुखारा और 1 चम्मच सौंफ के मिश्रण युक्त पानी का सेवन करने से यह पुरुषों में होने वाले वीर्य रिसाव (Semen Leakage) की समस्या से राहत प्रदान करता है। शुक्राणुओं की गुणवत्ता को सुधारने के लिए आप काले अखरोट (Black Walnuts) का भी उपयोग कर सकते हैं।
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आयरन और फोलिक एसिड की अच्छी मात्रा आलूबुखारा में मौजूद रहती है जो महिलाओं में रक्त और हीमोग्लोबिन के उचित संतुलन को बनाए रखती है जो रजोनिवृत्ति के खतरे को कम करता है। साथ ही यह महिलाओ में रजोनिवृत्ति के बाद होने वाले नुकसान जो विशेष रूप से हड्डीयों और जोड़ों से संबंधित होते हैं उन्हें कम करने में मदद करता है। इस तरह आलूबुखारा के फायदे महिलाओं के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।
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विटामिन ए और बीटा-कैरोटीन (Beta Carotene) की अच्छी मात्रा प्लम्स में मौजूद रहती है जो अच्छी द्दष्टि और श्लेष्म झिल्ली को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं। आलूबुखारा बढ़ती उम्र से संबंधित मैकुलर अपघटन (Macular Degeneration) को रोकते हैं जो बुजुर्ग व्यक्तियों में द्रष्टि हानि का प्रमुख कारण होता है। आप अपनी आंखों को स्वस्थ्य बनाए रखने के लिए विकल्प के तौर पर आलूबुखारा का फायदेमंद उपयोग कर सकते हैं।
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एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant) की अच्छी मात्रा होने के कारण आलूबुखारा मुक्त कणों से त्वचा की रक्षा करता है और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है। इस फल में उपस्थित विटामिन ई, बीटा-कैरोटीन और फैटी एसिड मुक्त कणों के हमलों से कोशिका झिल्ली (Cell Membranes) की रक्षा करते हैं जो शरीर के उम्र बढ़ाने वाले संकेतों को कम करने में सहायक होते हैं जैसे कि झुर्रियां और लोच का नुकसान। यह मृत कोशिकाओं को हटा कर जीवित कोशिकाओं को स्वस्थ्य बनाते हैं जो त्वचा की झुर्रियों और उम्र बढ़ने (Anti-aging) के अन्य संकेतों को कम करने में मदद करते हैं।
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जब आप गर्भवती होती है तब आपके आहार में हर दिन फल का एक अच्छा हिस्सा शामिल होना चाहिए। मिश्रित फलों के बीच प्लम को जोड़ने के कई लाभ है, आलू बुखारा में अच्छी मात्रा में मैग्नीशियम होता है, जो आपकी मांसपेशियों को आराम दे सकता है। यह बदले में समय से पहले संकुचन और प्रसव से बचने में मदद कर सकता है, प्लम में विटामिन सी होता है, जो आपके आहार से लौहे के बेहतर अवशोषण के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अलावा आलू बुखारा प्रेगनेंसी के समय दस्त और मरोड़ को भी कम करने का कम करता है
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यह विषाक्त पदार्थों को दूर करने और कब्ज (Constipation) की समस्या से निजात दिलाने में मदद करता है, जो स्वाभाविक रूप से वजन को कम करने में सहायक होता है। आलूबुखारा में एंअीआक्सीडेंट और फाइबर अच्छी मात्रा में होते हैं जो पाचन को स्वस्थ्य बनाते हैं और अच्छे चयापचय (Metabolism) में सहायक होते हैं। इस फल में साइट्रिक एसिड होता है जो थकावट और ऐंठन को रोकता है। यह यकृत और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (Liver and Gastrointestinal) कार्य के स्वास्थ्य को भी बढ़ाता है। इस प्रकार आलूबुखारा का सेवन करने या इसका रस को नियमित रूप से सेवन करने पर यह आपके अतिरिक्त वजन को कम करने में मदद करता है।
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वसा की बहुत ही कम मात्रा आलूबुखारा में होती है। यदि आप आलूबुखारा का पूरा एक कप भी सेवन करते हैं तो इससे आपको ज्यादा कैलोरी नहीं मिलती है। आलूबुखारा में विटामिन बी जैसे कि नियासिन (Niacin) और विटामिन बी 6 होते हैं जो कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates), प्रोटीन और वसा को तोड़ने में मदद करते हैं।
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ग्लाइसेमिक इंडेक्स की मात्रा आलूबुखारा में बहुत ही कम होती है, इसलिए इसका सेवन करने से रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है। यह टाइप-2 मधुमेह के विकास के खतरे को कम करता है। आलूबुखारा में पाए जाने वाले फाइटोन्यूट्रिएंट्स (Phytonutrients) आपके भोजन करने के बाद इंसुलिन स्पाइक को नियंत्रित करते हैं जो रक्त में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करता है। इसलिए ऐसा माना जाता है कि मधुमेह रोगियों को अपने आहार में आलूबुखारा को शामिल करना चाहिए।
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आमतौर पर आलूबुखारा को सामान्य रूप से खाने के लिए फल के रूप में उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग कर आप विभिन्न प्रकार के व्यंजनों को बनाने और सजाने के लिए भी कर सकते हैं। इस फल का जूस भी निकाला जाता है। इस फल को आप सलाद के रूप में भी उपयोग कर सकते हैं। आलूबुखारा के सूखे फलों का उपयोग औषधीय प्रयोजनों के लिए किया जाता है।
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