Alopecia Areata In Hindi एलोपेशीया एरेटा बाल झड़ने की एक बीमारी है लेकिन यह बाल झड़ने के सामान्य तरीके से एकदम अलग है। इस बीमारी में व्यक्ति के सिर में जगह-जगह बाल जड़ से उखड़ जाते हैं और खाली जगह एकदम सपाट और पैच की तरह दिखायी देता है। लगभग पूरे सिर में जगह-जगह ऐसे पैचेज देखने को मिलते हैं। हालांकि कुछ दिनों बाद इन खाली पैचेज में हल्के बाल उग आते हैं। जिन व्यक्तियों के बाल प्राकृतिक तरीके से नहीं उगते हैं उन्हें इलाज कराने की जरूरत पड़ती है। आज के इस आर्टिकल में आप जानेंगे एलोपेशीया एरेटा (बाल झड़ना) के कारण, लक्षण और इलाज (Alopecia Areata causes, symptoms and treatment in Hindi) के बारे में।
विषय सूची
1. एलोपेशीया एरेटा क्या है? – What Is Alopecia Areata in Hindi
2. एलोपेशीया एरेटा के कारण – Causes of Alopecia Areata in Hindi
3. एलोपेशीया एरेटा के लक्षण – Symptoms of Alopecia Areata in Hindi
4. एलोपेशीया एरेटा का निदान – Diagnosis of Alopecia Areata in Hindi
5. एलोपेशीया एरेटा का इलाज – Treatment of Alopecia Areata in Hindi
6. एलोपेशीया एरेटा से बचाव – Prevention of Alopecia Areata in Hindi
Alopecia Areata एलोपेशीया एरेटा आटोइम्यून (autoimmune) से जुड़ी एक आम बीमारी है जिसमें असामान्यरूप से बहुत तेजी से बाल झड़ते (hair loss) हैं और सिर में जगह-जगह छोटे पैचेज बन जाते हैं। यह समस्या आमतौर पर तब होती है जब इम्यून सिस्टम हेयर फॉलिकल पर हमला (attack) करते हैं, जिसके कारण अचानक से सिर की त्वचा (scalp) और शरीर के अन्य हिस्सों से तेजी से बाल टूटने लगता है। एक स्थिति यह भी आती है कि सिर के बाल पूरी तरह से झड़ जाते हैं लेकिन दोबार से उग आते हैं। कुछ दुर्लभ मामलों (rare cases) में शरीर के पूरे बाल झड़ जाते हैं। हालांकि यह हर व्यक्ति में अलग-अलग होता है। इस बीमारी का समय पर इलाज कराकर भविष्य में बाल झड़ने की समस्या से बचा जा सकता है।
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Alopecia Areata एलोपेशीया एरेटा आटो इम्यून से जुड़ी बीमारी है। किसी व्यक्ति को यह बीमारी तब होती है जब सफेद रक्त कोशिकाएं हेयर फॉलिकल की कोशिकाओं पर हमला करती हैं और उन्हें सिकोड़कर (shrink) बालों के निर्माण को धीमा कर देता है। हालांकि यह उन्हीं लोगों में होता है जिनके परिवार में किसी सदस्य को एलोपेशीया एरेटा की समस्या रही हो या आटोइम्यून से जुड़ी जैसे टाइप 1 डायबिटीज या रूमेटॉइड अर्थराइटिस (rheumatoid arthritis) की बीमारी रही हो।
एलोपेशीया एरेटा की बीमारी होने के मुख्य कारण निम्न हैं।
माना जाता है कि सिर के 100 बाल प्रतिदिन टूटना चिंता की बात नहीं होती है क्योंकि सिर के बाल पतले (thin) होकर टूटते हैं और फिर दोबारा से उग आते हैं। लेकिन विशेष चिंता की बात तब होती है जब बाल उगने का चक्र (hair growth cycle) खराब हो जाता है और बाल टूटते तो हैं लेकिन उगते नहीं है और हेयर फॉलिकल क्षतिग्रस्त हो जाते हैं सिर की कोशिकाओं में निशान और धब्बे पड़ जाते हैं।
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सिर के बाल झड़ना एलोपेशीया एरेटा का मुख्य लक्षण है। सिर के बाल आमतौर पर छोटे गोल (small round patches) आकार में जड़ से खत्म हो जाते हैं । ये पैच आमतौर पर कई सेंटीमीटर या इससे छोटे आकार के होते हैं। इसके अलावा शरीर के अन्य हिस्सों के भी बाल झड़ते हैं। आप अगर ध्यान से देखेंगे तो तकिए पर भी टूटे हुए बाल मिल सकते हैं। एलोपेशीया एरेटा के कारण बाल टूटने के बाद बाल पुनः उग आते हैं और दोबारा टूट जाते हैं। लेकिन यह हर व्यक्ति में अलग-अलग तरीके से होता है।
बाल अधिक पतला हो जाना एलोपेशीया एरेटा का ही लक्षण होता है। पुरुषों के सिर के आगे और बीच में बाल झड़ जाना इस समस्या का लक्षण है जबकि महिलाओं में सिर के ऊपरी हिस्से (upper parts) से बाल झड़ना शुरू होता है। इस बीमारी से पीड़ित होने पर पुरुष पूरी तरह से गंजे हो सकते हैं जबकि महिलाओं के सिर के बाल पूरी तरह से नहीं झड़ते हैं।
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एलोपेशीया एरेटा के लक्षण निम्न हैं।
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एलोपेशीया एरेटा के निदान के लिए डॉक्टर आमतौर पर पीड़ित व्यक्ति के सिर और शरीर में दिखने वाले लक्षणों की समीक्षा करते हैं। इसके बाद सिर की त्वचा में बाल टूटने के बाद खाली हुई जगह की भी जांच करते हैं और बालों का सैंपल लेकर सूक्ष्मदर्शी (microscope) से जांच करते हैं।
स्काल्प बायोप्सी (Scalp Biopsy)
बाल झड़ने या एलोपेशीया एरेटा के निदान के लिए डॉक्टर सिर की त्वचा की बायोप्सी (scalp biopsy) करते हैं और फंगल इंफेक्शन का पता लगाते हैं। स्कॉल्प बायोप्सी करने के लिए डॉक्टर सिर की त्वचा का एक टुकड़ा (sample) निकालते हैं और फिर उसका विश्लेषण करते हैं।
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ब्लड टेस्ट (Blood Test)
यदि ऑटो इम्यून संबंधी बीमारियों के कारण एलोपेशीया एरेटा की समस्या हुई हो तो डॉक्टर मरीज को ब्लड टेस्ट कराने की सलाह देते हैं। ब्लड टेस्ट कराने के बाद यह पता चल जाता है कि रक्त में कितने असामान्य एंटीबॉडी (abnormal antibody) मौजूद हैं। यदि ये ऑटोएंटीबॉडी ब्लड में पाये जाते हैं तो इसका अर्थ यह है कि एलोपेशीया एरेटा ऑटो इम्यून की बीमारी के कारण हुई है।
इसके अलावा ब्लड टेस्ट कराने से शरीर में आयरन का स्तर का भी पता चल जाता है।
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आप को जानकर खुसी होंगी की एलोपेशीया एरेटा का इलाज संभव है। समय पर इस समस्या का इलाज कराने से सिर के बाल दोबारा उग (develop) आते हैं और भविष्य में सिर के बाल टूटने की समस्या होने से रोका जा सकता है। हालांकि एलोपेशीया एरेटा का इलाज व्यक्ति-व्यक्ति पर निर्भर करता है क्योंकि कुछ लोगों के बाल बिना इलाज के दोबारा उग आते हैं जबकि कुछ लोगों के बाल विकसित करने के लिए दवाओं की जरूरत पड़ती है। आइये जानते हैं एलोपेशीया एरेटा का इलाज क्या है।
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Alopecia Areata : एलोपेशीया एरेटा के इलाज के लिए मरीज को कुछ विशेष दवाएं दी जाती हैं। मिनॉक्सिडिल (minoxidil) नामक दवा को सिर की त्वचा में रगड़ा (rub) जाता है जो बाल को दोबारा उगने के लिए उत्तेजित (stimulate) करता है। इसके अलावा स्टीरॉयड का इंजेक्शन भी दिया जाता है और कॉर्टिकोस्टीरॉयड (corticosteroid) क्रीम और मलहम (ointment) सिर की त्वचा में लगाया जाता है। कुछ मामलों में बाल दोबारा उगाने के लिए फोटोकीमोथेरेपी की जाती है। फोटोकीमोथेरेपी (photochemotherapy) एक प्रकार का रेडिएशन ट्रीटमेंट है जिसमें मरीज को कुछ दवाएं मुंह से खिलाने (oral drug) के साथ ही अल्ट्रावॉयलेट लाइट के संयोजन से इलाज किया जाता है।
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एलोपेशीया एरेटा से पीड़ित व्यक्ति इस समस्या का इलाज कराने के लिए वैकल्पिक थेरेपी (alternative therapy) का भी चयन कर सकते हैं। इनमें से कुछ मुख्य थेरेपी निम्न है।
ये सभी थेरेपी बालों को टूटने से बचाने में मदद करती हैं और प्रभावी तरीके से काम करती हैं। इसके अलावा एलर्जिक रिएक्शन के कारण उत्पन्न एलोपेशीया एरेटा के इलाज के लिए सिर की त्वचा (scalp) में कुछ केमिकल लगाए जाते हैं जो काफी हद तक बाल को दोबारा विकसित करने में मदद करते हैं। कुछ लोगों के शरीर में जिंक और आयरन की कमी के कारण भी बाल टूटते हैं इसके लिए उन्हें आयरन और जिंक के सप्लिमेंट्स लेने की सलाह दी जाती है।
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बाल झड़ने या गंजेपन(baldness) की ज्यादातर समस्या आनुवांशिक (genetics) होती है। यदि आपको ऐसी समस्या है तो उसका बचाव नहीं किया जा सकता है। लेकिन यदि बाल टूटने या एलोपेशीया एरेटा की समस्या सामान्य कारणों से उत्पन्न हुई हो तो उसका बचाव किया जा सकता है।
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