Amaltas Ke Fayde Aur Nuksan in Hindi अमलतास के फायदे जानकर आप अपनी बहुत सी स्वास्थ्य समस्याओं (Health problems) को ठीक कर सकते हैं। आप अमलतास को साधारण पेड़ समझने की गलती न करें। पीले फूलों से लदे इस पेड़ के सभी भागों में औषधीय गुण होते हैं। अमलतास के उपचार गुण कैंसर, कब्ज (Constipation), दस्त, त्वचा, ट्यूमर संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। इस पेड़ को आयुर्वेद में जड़ी-बूटी के रूप उपयोग किया जाता है। इसकी जड़ों को त्वचा संबंधी समस्याओं जैसे संवेदनशील त्वचा और सिफलिस आदि के लिए उपयोग किया जाता है। इसकी छाल कुष्ठ रोग, दाद, मधुमेह और हृदय स्वास्थ्य के लिए उपयोगी होती है। इसकी पत्तियां बुखार, खांसी आदि को ठीक करने में सहायक होती है। आइए विस्तार से जाने अमलतास के बारे में।
विषय सूची
1. अमलतास का पौधा – Amaltas Ka Podha in Hindi
2. अमलतास के पोषक तत्व – Amaltas Ke Poshak Tatva in Hindi
3. अमलतास के फायदे और लाभ – Amaltas Ke Fayde Aur Labh in Hindi
4. अमलतास के नुकसान – Amaltas Ke Nuksan in Hindi
कैसिया फिस्टुला (Cassia fistula) एक मध्यम आकार का पर्णपाती पेड़ है। यह पेड़ लगभग 5 से 15 मीटर तक ऊंचा हो सकता है। यह पेड़ अपने सुनहरे पीले फूलों के लिए जाना जाता है। युवा अमलतास के पेड़ की छाल चिकनी (bark smooth) और भूरे रंग की होती है जो कि मोटाई में पतली होती है। इस पौधे के सभी भागों में विशेष औषधीय गुण होते हैं, जिनके कारण इनका उपयोग विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के लिए किया जाता है।
अमलतास की पत्तियां : इसकी पत्तियां चिकनी और अंडाकार होती हैं। ये पत्तियां वैकल्पिक रूप से एक के बाद के क्रम से होती हैं जो कि 3-8 के जोड़े में होती हैं। इनके पत्तों का समूह 15 से 60 सेमी लंबा और 7 से 15 सेमी चौड़ा हो सकता है। इसकी पत्तियां 7-15 सेमी लंबी और 2-7 सेमी चौड़ी हो सकती हैं।
फूल : अमलतास के फूल मुख्य रूप से मार्च से जुलाई तक दिखाई देते हैं। फूलों का रंग पीला और चमकदार होता है। इन फूलों की लंबाई लगभग 20-40 सेमी हो सकती हैं। इन फूलों का व्यास 4-7 सेमी का होता है जिनमें पांच पंखुड़ियां (petals) होती हैं।
अमलतास के फल : इसके फल लंबे और बेलनाकार (Long and cylindrical) होते हैं जो कि पकने के पहले हरे रंग के होते हैं। पकने के बाद इनका रंग भूरा हो जाता है। इनकी लंबाई 20-60 सेमी और चौड़ाई लगभग 1-2.5 सेमी होती है। इस फल से तेज गंध आती है और इनके अंदर बहुत सारे चमकदार और हल्के भूरे रंग के बीज होते है।
इस आयुर्वेदिक पेड़ में बहुत से पोषक तत्व (Nutrients) होते हैं, जिनके कारण ये हमारे लिए बहुत ही उपयोगी होते हैं। अमलतास के पेड़ और इसके अन्य भागों में एंटीआक्सीडेंट, और एंटीमाइक्रोबायल (Antimicrobial) गुण होते हैं जो कैंसर और अन्य प्रकार की समस्याओं का निदान करने में हमारी मदद करते हैं। इसके फूलों और पत्तों में भी बहुत से उपयोगी घटक मौजूद रहते हैं। अमलतास की छाल में ल्यूपोल, ß-sitosterol, हेक्साकोसैनोल आदि अच्छी मात्रा में मौजूद रहते हैं। आइए जाने अमलतास से प्राप्त होने वाले स्वास्थ्य लाभों के बारे में।
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कैसिया फिस्टुला को हर्बल दवा के रूप में पेट साफ करने वाली दवा (laxative), इम्यूनो मॉड्यूलेटर (immuno modulator), घाव उपचार आदि के लिए किया जाता है। इसका उपयोग मुंहासों, त्वचा की जलन (Skin irritation) आदि के इलाज में भी किया जाता है। आधे कप पानी में 5 ग्राम कैसिया लुगदी और ½ ग्राम अजवाइन पाउडर को मिला कर दिन में एक बार खाने से भूख की कमी को दूर किया जा सकता है। आइए विस्तार से जाने अमलतास के फायदे क्या हैं।
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यदि आपको पेट की गैस या एसिडिटी (Stomach gas or acidity) की शिकायत है तो इसे ठीक करने के लिए आप अमलतास का उपयोग कर सकते हैं। आप इसके फल से निकलने वाली लुग्दी से पेट में नाभी के आस-पास लगभग 10 मिनिट तक मालिश करने से गैस की समस्या से राहत मिल सकती हैं। जिन लोगों को पुरानी गैस की समस्या होती है उन्हें यह उपचार लगभग 1 महीने तक करना चाहिए।
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दुनिया भर की स्वास्थ्य समस्याओं में एक मधुमेह है। मधुमेह मेलिटस एक चयापचय रोग है। लेकिन ऐसा माना जाता है अमलतास पौधे में मधुमेह को कम करने वाले गुण मौजूद होते हैं। इस पौधे की छाल का अर्क (Bark extract) बनाकर सेवन करने से यह शरीर में इंसुलिन-उत्तेजित ग्लूकोज़ग्राही (Glucose uptake) की वृद्धि में मदद करता है। अध्ययनों से इस बात की पुष्टि होती है कि अमलतास के पौधे की पत्तियों और छाल का नियमित सेवन करे से यह एंटी-डायबेटिक गतिविधि के लिए सीरम ग्लूकोज स्तर और मधुमेह से जुड़ी अन्य जटिलताओं को कम करने में सहायक होते है।
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जो लोग गठिया के दर्द और सूजन (Arthritis pain and swelling) से परेशान हैं, उनके लिए अमलतास बहुत ही फायदेमंद होती है। रूमेटोइड गठिया एक पुरानी और दर्दनाक बीमारी है जो जोड़ों में दर्द और सूजन पैदा करती है। गठिया रोग से मुख्य रूप से उंगलियां, कलाई, पैर और एड़ीया प्रभावित होती हैं। लेकिन इस समस्या को दूर करने के लिए अमलतास का उपयोग किया जा सकता है। क्योंकि अमलतास में एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा होती है। इस औषधीय पौधे में एंथ्राक्विनोन (anthraquinones), फ्लेवोनोइड्स और फ्लैवन-3-ओ डेरिवेटिव्स आदि होते हैं।
कैसिया फिस्टुला पौधे के सभी हिस्सों और पेड़ की पत्तियों में भी गठिया विरोधी गुण पाए जाते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि यदि नियमित रूप से अमलतास की 12 से 24 ग्राम पत्तियों को घी में तलकर दिन में दो बार सेवन किया जाता है तो यह गठिया का उपचार कर सकता है।
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इस औषधीय पौधे का उपयोग आप कब्ज जैसी सामान्य दिखने वाली गंभीर समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। कब्ज के लिए एक गिलास पानी में अमलतास फल की 10 से 20 ग्राम लुग्दी को रात में भिगो दें। अगली सुबह इस पानी को छाने और इस पानी को पीएं। अमलतास के गूदे में पेट साफ करने वाले गुण (laxative) मौजूद होते हैं। यह आसानी से आपके पेट को साफ करने और पेट में उपस्थित विषाक्तता को दूर करने में मदद करते हैं।
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इस औषधीय पौधे का उपयोग गर्भावस्था को रोकने के लिए प्राचीन समय से किया जा रहा है। इस पौधे में मौजूद घटक प्रजनन में शामिल हार्मोन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। एक पशू अध्ययन से पता चलता है कि अमलतास के बीजों से निकाले गए पाउडर का संभोग करने के दौरान 1-5 दिनों तक मौखिक रूप से 100 से 200 मिलीग्राम / किग्रा (शरीर का वजन) के अनुसार सेवन करने से गर्भावस्था की संभावनाओं को 71.43 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।
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अध्ययनों से पता चलता है कि अमलतास पौधे में मौजूद औषधीय गुण घावों के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शोधों से पता चलता है कि कैसिया फिस्टुला चूहों के घाव की जगह को बेहतर करने, ऊतको के पुनर्जन्म और घाव चिकित्सा से संबंधित हिस्टोपैथोलॉजिकल पैरामीटर (histopathological parameters) का समर्थन करता है। इस तरह से अमलतास का उपयोग कर आप घावों का उपचार कर सकते हैं।
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प्रारंभिक शोध से पता चलता है कि त्वचा में अमलतास और दालचीनी का तेल से बनी क्रीम को लगाने से मच्छर के काटने से बचा जा सकता है। इसके लिए आप अमलतास के तेल और दालचीन के तेल की बराबर मात्रा लें और अपने शरीर में इस मिश्रण को लगा लें। इसको लगाने से मच्छर आपके शरीर के आस-पास नहीं आते हैं। लेकिन यह मिश्रण साइट्रोनला और जीरेनियम तेल (citronella and geranium oils) या डीईईटी युक्त क्रीम की अपेक्षा कम प्रभावी होता है।
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त्वचा रोगों के उपचार के लिए अमलतास की पत्तियां और बीजों का उपयोग किया जाता है। अमलतास की पत्तियों में राइन और सेनोसाइड्स ए और बी (rhein and sennosides A and B) होते हैं। साथ ही अमलतास की पत्तियों से निकाले गए रस में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण भी होते हैं। आप दाद के उपचार के लिए अमलतास की पत्तियों का उपयोग कर सकते हैं यह दाद की जलन और सूजन दोनों को ठीक करने में मदद करती है। कांजी में तैयार पत्तियों की लेप को प्रभावित हिस्से में लगाएं। गंभीर खुजली के दौरान प्रभावित क्षेत्र में भी इस लेप का उपयोग किया जा सकता है।
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बवासीर का इलाज करने के लिए, अमलतास फलों के लुगदी, हरद और मुनक्का के 10 ग्राम को उबालें और कुछ दिनों तक सोने के समय इस काढ़े को पीएं। इससे आपको बवासीर के दर्द से राहत मिलेगी।
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कैसिया फिस्टुला का सेवन कर आप पुरानी से पुरानी खांसी (chronic cough) का उपचार कर सकते हैं। नियमित सेवन के दौरान अमलतास में मौजूद पोषक तत्व किसी खांसी रोकने वाली दवा के समान (antitussive activity) कार्य करते हैं। अमलतास के खांसी कम करने वाले गुण कोडेन फॉस्फेट के समान कार्य करते हैं जो कि एक प्रोटोटाइप एंटीट्यूसिव एजेंट (prototypes antitussive agent) है। अमलतास फल की लुग्दी को देशी घी में पकाकर एक औषधीय घी तैयार करें। इस घी को नियिमत रूप से प्रतिदिन 5-10 ग्राम मात्रा का सेवन करें।
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आप अपने बालों और यहां तक की गंजेपन की समस्या को दूर करने के लिए अमलतास की पत्तियों का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप बकरी के दूध और अमलतास की पत्तियों की राख को मिलाकर अपने सिर में लगाएं। यह सिर के बाल, भौंहें, और दाढ़ी के बालों के लिए बहुत ही उपयोगी और प्रभावी होता है।
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आप इस औषधीय गुणों बाले पौधे का उपयोग बुखार (fever) को ठीक करने के लिए कर सकते हैं। अमलतास पेड़ की जड़ें बुखार को कम करने के लिए किसी टॉनिक का काम करती हैं। अमलतास की जड़ का काढ़ा या जड़ों से बनाई गई शराब (alcoholic extract) का सेवन करने से बुखार में राहत मिल सकती है।
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यह एक आयुर्वेदिक और औषधीय गुणों वाला पौधा है जो कि हमे विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं से राहत दिलाने के लिए उपयोग किया जाता है। लेकिन इसका उपयोग करने के लिए पूरी जानकरी का होना आवश्यक है। अमलतास का उपयोग करने पर होने वाले नुकसानों की ज्यादा जानकारी नहीं है। फिर भी अमलतास का उपयोग बहुत ही कम मात्रा में करना चाहिए।
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