पर्याप्त यौन उत्तेजना के बावजूद संभोग सुख (orgasm) या यौन चरमोत्कर्ष (sexual climax) प्राप्त करने में कठिनाई या असमर्थता को एनोर्गास्मिया या अनोर्गास्मिया के नाम से जाना जाता है। जब यह समस्या महिलाओं में उत्पन्न होती है, तो इसे फीमेल ऑर्गेज्मिक डिसफंक्शन (female orgasmic dysfunction) के रूप में जाना जाता है। पुरुष भी एनोर्गास्मिया का अनुभव कर सकते हैं, लेकिन यह समस्या पुरुषों में बहुत कम देखने को मिलती है। कभी-कभी शारीरिक, भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक कारकों का संयोजन संभोग सुख (orgasm) प्राप्त करने में कठिनाई उत्पन्न कर सकते हैं, जिसके कारण एनोर्गास्मिया रोग उत्पन्न होता है। आज के इस लेख में आप एनोर्गास्मिया या अनोर्गास्मिया क्या है, इसके कारण, लक्षण, जाँच, इलाज और घरेलू इलाज के बारे में जानेगें।
विषय सूची
एनोर्गास्मिया क्या है – What is Anorgasmia in Hindi
यौन उत्तेजित होने और पर्याप्त यौन उत्तेजना के बाबजूद भी जब किसी को संभोग सुख प्राप्त करने या ऑर्गेज्म तक पहुंचने में कठिनाई होती है, तो इस कामोत्तेजना विकार या ऑर्गेज्मिक डिसफंक्शन (Orgasmic Dysfunction) की स्थिति को एनोर्गास्मिया या अनोर्गास्मिया कहा जाता है। इस स्थिति में ऑर्गेज्म (orgasm) की कमी आपको परेशान करती है और आपके साथी के साथ आपके रिश्ते को ख़राब कर सकती है।
जब यह समस्या महिलाओं में उत्पन्न होती है, तो इसे फीमेल ऑर्गेज्मिक डिसफंक्शन (female orgasmic dysfunction) के रूप में जाना जाता है। पुरुष भी एनोर्गास्मिया का अनुभव कर सकते हैं, लेकिन यह समस्या पुरुषों में बहुत कम आम है।
संभोग सुख (ऑर्गेज्म) तीव्रता, अवधि और आवृत्ति में भिन्न हो सकते हैं। कम यौन उत्तेजना के साथ संभोग सुख या चरमोत्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है, लेकिन कभी-कभी ऑर्गेज्म के लिए बहुत अधिक यौन उत्तेजना आवश्यक होती है। लेकिन कई महिलाओं को पर्याप्त यौन उत्तेजना के बाद भी अपने साथी के साथ संभोग सुख (ऑर्गेज्म) तक पहुंचने में कठिनाई होती है। अध्ययनों से पता चलता है कि ऑर्गेज्मिक डिसफंक्शन या एनोर्गास्मिया की समस्या 11 से 41 प्रतिशत महिलाओं को प्रभावित करती है।
यदि आप यौन गतिविधियों के चरमोत्कर्ष (climax) से खुश हैं, तो चिंता की कोई बात नहीं है। लेकिन यदि आप ऑर्गेज्म की कमी या ऑर्गेज्म की तीव्रता से परेशान हैं, तो एनोर्गास्मिया के निदान के लिए डॉक्टर से बात करें।
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एनोर्गास्मिया के प्रकार – Anorgasmia Types in Hindi
मुख्य रूप से एनोर्गास्मिया चार प्रकार का होता हैं:
प्राइमरी एनोर्गास्मिया (Primary anorgasmia) – इसे आजीवन अनोर्गास्मिया (lifelong anorgasmia) के रूप में भी जाना जाता है। इस स्थिति में महिलाओं को पर्याप्त उत्तेजना के बाद भी, कभी भी संभोग सुख (ऑर्गेज्म) प्राप्त नहीं होता है।
प्राइमरी एनोर्गास्मिया उन लोगों में सर्वाधिक देखने को मिलता है:
- जो छोटी उम्र के हैं।
- जिनमें यौन अनुभव की कमी है।
- जो यौन दमनकारी वातावरण में पले-बढ़े हैं।
सेकेंडरी एनोर्गास्मिया (Secondary anorgasmia) – इस प्रकार के एनोर्गास्मिया की स्थिति में ऑर्गेज्म तक पहुंचने में कठिनाई या बहुत अधिक समय लगता है।
सिचुएशन एनोर्गास्मिया (Situational anorgasmia) – यह एनोर्गास्मिया का सबसे आम प्रकार है। इस स्थिति में आप केवल कुछ विशेष परिस्थितियों में ही संभोग सुख प्राप्त करने में सक्षम होते हैं, जैसे कि मुख मैथुन या हस्तमैथुन या केवल एक निश्चित साथी के साथ।
जनरल एनोर्गास्मिया (General anorgasmia) – इस प्रकार के एनोर्गास्मिया में आप अत्यधिक उत्तेजित और पर्याप्त यौन उत्तेजना के बाबजूद भी, किसी भी परिस्थिति या किसी भी साथी के साथ संभोग सुख प्राप्त करने में सक्षम नहीं होते हैं।
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एनोर्गास्मिया के कारण – Anorgasmia Causes in Hindi
अनोर्गास्मिया या एनोर्गास्मिया के अंतर्निहित कारण को निर्धारित करना मुश्किल हो सकता है। शारीरिक, भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक कारकों के कारण महिलाओं को ऑर्गेज्म (orgasm) तक पहुंचने में कठिनाई हो सकती है। इस बीमारी का कारण बनने वाले कारकों में शामिल हो सकते हैं:
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एनोर्गास्मिया के शारीरिक कारण – Physical causes of Anorgasmia in Hindi
बीमारियों की एक विस्तृत श्रृंखला, शारीरिक परिवर्तन और कुछ दवाओं का सेवन संभोग सुख (orgasm) प्राप्त करने में हस्तक्षेप कर सकती हैं। एनोर्गास्मिया के शारीरिक कारणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:
- गंभीर बीमारियां जैसे- मल्टीपल स्केलेरोसिस (multiple sclerosis) और पार्किंसंस रोग (Parkinson’s disease)।
- स्त्री रोग संबंधी सर्जरी जैसे- हिस्टेरेक्टॉमी या कैंसर सर्जरी संभोग सुख (orgasm) को प्रभावित कर सकती हैं। इसके अलावा, असहज या दर्दनाक संभोग (Dyspareunia) भी एनोर्गास्मिया का कारण बन सकता है।
- एनोर्गास्मिया का कारण बनने वाली दवाओं में शामिल हैं: ओवर-द-काउंटर दवाएं, ब्लड प्रेशर मेडिसिन, एंटीसाइकोटिक्स, एंटीहिस्टामाइन और एंटीड्रिप्रेसेंट्स।
- बहुत अधिक शराब और धूम्रपान का सेवन यौन अंगों में रक्त के प्रवाह को सीमित कर चरमोत्कर्ष की क्षमता को बाधित कर सकता है और अनोर्गास्मिया का कारण बन सकता है।
- जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शरीर की रचना, हार्मोन, तंत्रिका तंत्र और संचार प्रणाली में सामान्य परिवर्तन आते हैं, जो आपकी कामुकता (sexuality) को प्रभावित कर सकते हैं। रजोनिवृत्ति (menopause) के दौरान एस्ट्रोजन के स्तर में कमी भी ऑर्गेज्म (orgasm) तक पहुँचने में परेशानी उत्पन्न कर सकता है।
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एनोर्गास्मिया के मनोवैज्ञानिक कारण – Psychological causes of Anorgasmia in Hindi
कुछ मनोवैज्ञानिक कारक एनोर्गास्मिया का कारण बन सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं जैसे- चिंता (anxiety) या अवसाद (depression)
- शरीर की खराब छवि
- तनाव (Stress)
- सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यताएं
- शर्मिंदगी (Embarrassment)
- यौन शोषण का इतिहास
एनोर्गास्मिया रिलेशनशिप इश्यूज – Relationship issues of Anorgasmia in Hindi
कपल्स की कुछ आपसी और सामाजिक समस्याएं उनके यौन संबंधों को प्रभावित कर सकती है, जिनमें शामिल हो सकती हैं:
- अपने यौन साथी के साथ लगाव की कमी
- अनसुलझे झगड़े
- यौन जरूरतों और वरीयताओं का खराब संचार
- यौन साथी की बेवफ़ाई (Infidelity) या विश्वासघात
एनोर्गास्मिया के लक्षण – Anorgasmia Symptoms in Hindi
अनोर्गास्मिया नामक ऑर्गेज्मिक डिसफंक्शन (orgasmic dysfunction) का मुख्य लक्षण यौन चरमोत्कर्ष (sexual climax) प्राप्त करने में असमर्थता है। अन्य लक्षणों में असंतोषजनक ऑर्गेज्म (unsatisfying orgasms) और चरमोत्कर्ष तक पहुँचने में सामान्य से अधिक समय लगना शामिल हैं।
इस रोग से पीड़ित महिलाओं को संभोग (sexual intercourse) या हस्तमैथुन (masturbation) के दौरान संभोग सुख (orgasms) प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है।
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एनोर्गास्मिया का निदान – Anorgasmia Diagnosis in Hindi
यदि आप एनोर्गास्मिया रोग के लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर आपकी संभोग सुख को प्राप्त न कर पाने की स्थिति का निदान करने और उचित उपचार योजना प्रदान करने में मदद कर सकता है। यदि आप फिर से यौन क्रिया का पूरी तरह से आनंद लेना चाहते हैं तो अपने चिकित्सक से सहायता प्राप्त करना सुनिश्चित करें।
डॉक्टर एनोर्गास्मिया रोग का निदान करने के लिए आपके यौन इतिहास के बारे में जानकारी लेगा और एक शारीरिक परीक्षण करेगा। परीक्षण की मदद से अंतर्निहित कारणों का निदान किया जाता हैं।
एनोर्गास्मिया का इलाज – Anorgasmia Treatments in Hindi
कारणों के आधार पर एनोर्गास्मिया रोग का इलाज किया जाता है। इलाज प्रक्रिया के दौरान निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
- अंतर्निहित स्थितियों का इलाज करना
- एंटीडिप्रेसेंट दवाओं में बदलाव करना
- संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (cognitive behavioral therapy (CBT)) या सेक्स थेरेपी (sex therapy)
- हस्तमैथुन और संभोग के दौरान क्लिटोरल उत्तेजना (clitoral stimulation) में वृद्धि करना
- कुछ ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) और पोषक तत्वों की खुराक
- युगल परामर्श (couple counseling)
कुछ मामलों में एनोर्गास्मिया रोग का इलाज करने के लिए एस्ट्रोजन हार्मोन थेरेपी का उपयोग किया जा सकता है। एस्ट्रोजन यौन इच्छा को बढ़ाने और उत्तेजना के लिए जननांगों में रक्त प्रवाह की मात्रा बढ़ाने में मदद कर सकता है। एस्ट्रोजन हार्मोन थेरेपी के दौरान गोली लेना, पैच पहनना या जननांगों पर जेल लगाना शामिल हो सकता है।
एनोर्गास्मिया का घरेलू उपाय – Anorgasmia Home Treatments in Hindi
एनोर्गास्मिया की समस्या को दूर करने के लिए आप कुछ घरेलू उपाय अपना सकती है और संभोग सुख को प्राप्त कर सकती है। इसके लिए निम्न तरीके अपनाए जा सकते हैं, जैसे:
- उत्तेजना के तेल (Arousal oils) जैसे ज़ेस्ट्रा (Zestra), भगशेफ (clitoris) को गर्म करते हैं और उत्तेजना बढ़ाते हैं। संभोग और हस्तमैथुन के दौरान इन तेल का उपयोग कर आप आसानी से ऑर्गेज्म प्राप्त कर सकते हैं।
- जिन महिलाओं को कभी भी संभोग सुख (ऑर्गेज्म) प्राप्त नहीं हुआ है, तो हो सकता है उन्हें पर्याप्त यौन उत्तेजना नहीं मिल रही है। चूँकि अधिकांश महिलाओं को संभोग सुख के लिए भगशेफ (clitoris) की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष उत्तेजना की आवश्यकता होती है। अतः आप आत्म-उत्तेजना के लिए, क्लिटोरल वैक्यूम (clitoral vacuum) नामक उपकरण या वाइब्रेटर की मदद ले सकती हैं।
- आत्म-उत्तेजना के लिए वाइब्रेटर की मदद से आप यह पता लगा सकती है कि आपको किस प्रकार का स्पर्श सबसे अच्छा लगता है और यह जानकारी आप अपने यौन साथी के साथ साझा कर सकती हैं। जिससे आपको संभोग के दौरान उत्तेजित होने में ज्यादा समय न लगे।
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