Antioxidants rich foods and its Benefits in Hindi एंटीऑक्सीडेंट युक्त आहार के फायदे और नुकसान क्या होते है। एंटीऑक्सिडेंट सब्जियों और फलो में अधिक पाये जाते है। एंटीऑक्सिडेंट के उदाहरण में विटामिन सी, विटामिन ई, सेलेनियम, कैरोटीनॉड्स, बीटा-कैरोटीन, लाइकोपीन, ल्यूटिन ओर लेक्सैथीन शामिल है। यह अक्सर अच्छे स्वास्थ्य और बीमारियों को रोकने का काम करते है। एंटीआक्सिडेंट अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत महात्वपूर्ण होते हैं। एंटीऑक्स्डिेट हमारे शरीर के हानिकारक तत्वों को रोकने का काम करते है। यदि हानिकारक तत्वों की रोक थाम न की जाए तो वे हमारे लिए घातक बीमारियों का रूप ले सकते है। इस लेख में आप जानेंगे एंटीऑक्सीडेंट युक्त आहार क्या हैं और उनके फायदे और नुकसान के बारे में।
विषय सूची
1. एंटीऑक्सीडेंट क्या है – What is Antioxidants in Hindi
2. एंटीऑक्सीडेंट की कमी के लक्षण – Antioxidant deficiency Symptoms in Hindi
3. एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थ – Antioxidants Rich Foods in Hindi
4. एंटीऑक्सीडेंट शरीर में कैसे काम करता है – How Do Antioxidants Work In Your Body in Hindi
5. एंटीऑक्सीडेंट के फायदे – Benefits Of Antioxidants in Hindi
6. एंटीऑक्सीडेंट के नुकसान – Antioxidants Side Effects in Hindi
7. एंटीऑक्सीडेंट की जरूरी मात्रा कितनी होती है – Antioxidants Recommended dietary allowance (RDA) in Hindi
एंटीऑक्सीडेंट ऐसे पदार्थ होते हैं जो शरीर में कोशिकाओं को मुक्त कणों द्वारा क्षतिग्रस्त होने से बचाते हैं। मुक्त कण आमतौर पर रसायनों, धूम्रपान, प्रदूषण एवं रेडिएशन के कारण उत्पन्न होते हैं। एंटीऑक्सीडेंट फल एवं सब्जियों सहित कई तरह के भोज्य पदार्थों (foods) में पाये जाते हैं। इसके अलावा यह पूरक आहार के रूप में भी पाये जाते है। आमतौर पर बीटा-कैरोटिन, ल्यूटिन, लाइकोपिन, सेलेनियम, विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन ई में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है। कुछ ऐसे भी एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो इंसान के शरीर के अंदर ही बनते हैं लेकिन ज्यादातर एंटीऑक्सीडेंट संतुलित आहार (balanced diet) के माध्यम से प्राप्त किया जाता है। पर्याप्त मात्रा में फल और सब्जियों के सेवन से शरीर को प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट मिलता है और इनके कारण बीमारियों का ख़तरा नहीं होता है।
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उच्च जोखिम वाले समूहों में शामिल कुछ कारक:
एंटीऑक्सीडेंट कई तरह के खाद्य पदार्थों, जड़ी-बूटियों (herbs) और मसालों में मौजूद होता है। इन्हें आसानी से भोजन में शामिल कर पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट लिया जा सकता है। आइये जानते हैं किन-किन चीजों में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है।
यह हमारे शरीर में किस तरह से काम करते हैं, यह जानना बहुत महत्वपूर्ण होता है। हम सभी जानते हैं कि हमारा शरीर परमाणुओं (atoms) से मिलकर बना है। दो या दो से अधिक परमाणु एक अणु का निर्माण करते हैं। ये अणु सिर्फ तभी तक मजबूत बने रहते हैं जब तक इनके पास पर्याप्त इलेक्ट्रॉन होते हैं। जब इन अणुओं के पास इलेक्ट्रानों खत्म हो जाते हैं तो यह मुक्त कणों में बदल जाता है। यह अस्थिर होकर अन्य अणुओं (molecules) के साथ प्रतिक्रिया करता है और उन्हें क्षतिग्रस्त कर देता है। इस तरह ये अणु एक श्रृंखला बना लेते हैं और पूरी तरह से मुक्त कणों में बदल जाते हैं और शरीर में गड़बड़ी उत्पन्न करने लगते हैं।
इसके बाद व्यक्ति को एंटीऑक्सीडेंट लेने की जरूरत पड़ती है। एंटीक्सीडेंट मुक्त कणों को इलेक्ट्रॉन डोनेट करते हैं जिससे वे प्रभावी ढंग से निष्क्रिय हो जाते हैं। हालांकि हमें मुक्त कणों और एंटीऑक्सीडेंट के बीच संतुलन बनाये रखने की आवश्यकता होती है क्योंकि जब मुक्त कण एंटीऑक्सीडेंट से अधिक हो जाते हैं तो ऑक्सीडेटिव तनाव उत्पन्न हो जाता है।
एंटीऑक्सीडेंट का सेवन करने से व्यक्ति का स्वास्थ्य ठीक रहता है और कई तरह के विकारों (diseases) को दूर करने में भी यह फायदेमंद होता है। शरीर को मुक्त कणों और सूजन के प्रभाव से बचाने में एंटीऑक्सीडेंट फायदेमंद होता है। यह हृदय को स्वस्थ रखता है और यादाश्त में भी सुधार करता है। इसलिए एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करके अपनी सेहत में फर्क देखा जा सकता है। आइये जानते हैं कि एंटीऑक्सीडेंट के फायदे क्या हैं।
एक स्टडी में पाया गया है कि एंटीऑक्सीडेंट रूमेटाइड अर्थराइटिस (rheumatoid arthritis) के लक्षणों को कम करता है और दर्द से राहत प्रदान करता है। यह एंटीऑक्सीडेंट के एंटी इंफ्लैमेटरी गुण के कारण होता है। बेरी और खट्टे फलों में पर्याप्त एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होता है जो अर्थराइटिस के दर्द से निजात दिलाने में मदद करता है।
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आमतौर पर एंटीऑक्सीडेंट मुक्त कणों को क्षतिग्रस्त होने से बचाते हैं जो कैंसर होने का कारण बनता है। एंटीऑक्सीडेंट युक्त आहार कैंसर के लक्षणों को दूर करने में मदद करते हैं और सूजन को भी कम करने में सहायक होते हैं।
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एक अध्ययन में पाया गया है कि विटामिन सी, बीटा कैरोटिन, और विटामिन ई जैसे एंटीऑक्सीडेंट उम्र संबंधी आंखों के रोगों से रक्षा करते हैं। स्वीट पोटैटो, गाजर,और पालक एंटीऑक्सीडेंट के अच्छे स्रोत हैं जो आंखों की रोशनी को ठीक रखने में मदद करते हैं।
जब शरीर के अंगों में ऑक्सीडेसिव तनाव उत्पन्न होता है तो लीवर संबंधी समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। एंटीऑक्सीडेंट लीवर के कार्य को सामान्य रखने में मदद करता है। इसलिए लीवर को मजबूत बनाने एवं इसकी क्रियाओं को बेहतर बनाने के लिए एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
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माना जाता है कि ऑक्सिडेटिव स्टेस एवं एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम की कमी के कारण पेशाब में संक्रमण की समस्या(Urinary Tract Infection) हो जाती है। लेकिन एंटीऑक्सीडेंट इस समस्या को दूर करने में मदद करता है। पॉलीफिनोल (Polyphenols) एक तरह का एंटीऑक्सीडेंट है जो यूटीआई को दूर करने में मदद करती है। यह यौगिक पेशाब में आयरन को बांधे रखने में मदद करते हैं और बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकते हैं। इसके अलावा एंटीऑक्सीडेंट स्पर्म की गुणवत्ता बढ़ाने और बांझपन को दूर करने में भी सहायक होता है।
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जो भोज्य पदार्थ एंटीऑक्सीडेंट युक्त होते हैं उनका पर्याप्त मात्रा में सेवन करने से किडनी की बीमारी दूर हो जाती है। इसके अलावा एंटीऑक्सीडेंट डायलिसिस (dialysis) में भी बहुत फायदेमंद साबित होता है।
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ग्रीन टी और डार्क चॉकलेट में फ्लैनॉयड पाया जाता है जो त्वचा में सूजन (inflammation) होने से बचाता है। एक स्टडी में पाया गया है कि ग्रीन टी सूर्य के हानिकारक किरणों से बचाने में मदद करती है। इसलिए ज्यादातर लोग त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए एंटीऑक्सीडेंट का उपयोग करते हैं।
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मुक्त कण पूरे शरीर में विचरण करते हैं और स्वस्थ कोशिकाओं से इलेक्ट्रॉन चुरा लेते हैं। इसके कारण त्वचा क्षतिग्रस्त हो जाती है और चेहरे पर मुंहासे होने लगते हैं। एंटीऑक्सीडेंट इन मुक्त कणों को दूर करता है और मुंहासों को ठीक करने में मदद करता है। इसके अलावा यह हानिकारक पदार्थों (toxins) से त्वचा की रक्षा करता है।
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अगर अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट लिया जाता है तो एंटीऑक्सीडेंट के कुछ स्रोत विषाक्त हो सकते हैं। बहुत अधिक खुराक लेना और साथ ही एंटीऑक्सीडेंट में समृद्ध भोजन खाने से एंटीऑक्सीडेंट विषाक्तता का कारण बनता है। उदाहरण के लिए, बहुत अधिक विटामिन ए लेना, विटामिन ए विषाक्तता का कारण बन सकता है, जिसके परिणामस्वरूप जन्म दोष, यकृत असामान्यताएं, ऑस्टियोपोरोसिस या केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (central nervous system) विकार उत्पन्न हो सकते हैं। विटामिन सी की बड़ी खुराक से भी नुकसान हो सकते हैं जैसे दस्त, मतली, और पेट की ऐंठन आदि।
आपके लिए एंटीऑक्सीडेंट की जरूरी मात्रा आपकी उम्र और लिंग पर निर्भर करती है। प्रत्येक एंटीऑक्सिडेंट के लिए अनुशंसित दैनिक मात्रा लेना महत्वपूर्ण है जब तक कि आपका डॉक्टर इसे बढ़ाने की अनुशंसा नहीं करता। अन्य कारक, जैसे कि गर्भावस्था और बीमारियां, आपकी आवश्यक एंटीऑक्सीडेंट लेने की मात्रा को भी प्रभावित करती हैं।
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