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चिंता (एंग्जाइटी) के लक्षण, कारण, इलाज और बचाव – Anxiety disorders in Hindi

एंग्जाइटी डिसऑर्डर को हम कई नाम से जानते है जैसे- चिंता, उत्कंठा, घबराहट, उत्सुकता, व्याकुलता, मानसिक व्यग्रता आदि। चिंता शरीर की तनाव (स्ट्रेस) के प्रति स्वाभाविक प्रतिक्रिया है। यह आने वाले समय के बारे में भय या आशंका की भावना है। जो लोग एनज़ाइटी (Anxiety) से ग्रस्त होते हैं उन्हें सामान्य जीवन व्यतीत करने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को चिंता विकार होने की संभावना अधिक होती है। यदि कोई व्यक्ति छह महीने से अधिक समय तक चिंता की भावना से ग्रसित है तो वह एंग्जाइटी डिसऑर्डर से पीड़ित माना जाता है।

इस लेख में आप एंग्जाइटी क्या है, चिंता के कारण, लक्षण, जाँच, इलाज, बचाव के उपाय और चिंता दूर करने के लिए आहार के बारे में जानेगें।

विषय सूची

एंग्जाइटी डिसऑर्डर (चिंता) क्या है – What is anxiety disorder in Hindi

चिंता भावनात्मक विकार का सबसे आम रूप है। कभी-कभी चिंता का अनुभव करना एक सामान्य बात है। लेकिन चिंता विकार या एंग्जाइटी डिसऑर्डर से ग्रसित लोगों में अक्सर अत्यधिक तीव्र और लगातार चिंता बनी रहती है। यह स्थिति दैनिक जीवन की स्थितियों के बारे में डर का कारण बनती है तथा उन चीजों को करने से रोक सकती है, जो आपको पसंद हैं। अक्सर एंग्जाइटी डिसऑर्डर में तीव्र चिंता और भय या आतंक की अचानक भावनाओं के बार-बार आने वाले एपिसोड शामिल होते हैं, जो कुछ ही मिनटों में अपने चरम पर पहुंच जाते हैं।

चिंता और घबराहट की ये भावनाएँ मरीज की दैनिक गतिविधियों में बाधा डालती हैं, जिन्हें नियंत्रित करना मुश्किल होता है। इसके लक्षण बचपन, किशोरावस्था और वयस्कता किसी भी उम्र में उत्पन्न हो सकते हैं, और लंबे समय तक चलते हैं।

चिंता (एंग्जाइटी) के प्रकार – Types of anxiety disorders in Hindi

चिंता अनेक प्रकार के विकारों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसके अंतर्गत निम्न शामिल है:

  • पैनिक डिसऑर्डर (panic disorder) – पैनिक डिसऑर्डर में व्यक्ति को बार-बार तीव्र चिंता और भय का अनुभव होता है, जिसका समय निर्धारित नहीं होता है।
  • फोबिया (phobia) – किसी विशिष्ट वस्तु, स्थिति या गतिविधि के संपर्क में आने का अत्यधिक भय फोबिया कहलाता है, जो एंग्जाइटी का एक सामान्य प्रकार है।
  • सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर (social anxiety disorder) – सामाजिक स्थितियों में शर्मिंदगी और दूसरों द्वारा नकारात्मक रूप से देखे जाने की चिंता, सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर कहलाती है।
  • सेपरेशन एंग्जाइटी डिसऑर्डर (separation anxiety disorder) – जब घर या प्रियजनों से दूर होने का डर तीव्र चिंता उत्पन्न करता है तो इसे सेपरेशन एंग्जाइटी डिसऑर्डर कहा जाता है।
  • पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (post-traumatic stress disorder) – एक दर्दनाक घटना के बाद की व्यक्ति के मन में जो तनाव, चिंता और भय की भावनाएं उत्पन्न होती हैं, तब इस प्रकार की एंग्जाइटी को पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर के नाम से जाना जाता है।
  • इलनेस एंग्जाइटी डिसऑर्डर (illness anxiety disorder) – इलनेस एंग्जाइटी डिसऑर्डर स्वास्थ्य संबंधी तीव्र चिंता की स्थिति है, जिसे हाइपोकॉन्ड्रिया (hypochondria) भी कहा जाता है।
  • जुनूनी-बाध्यकारी विकार (obsessive-compulsive disorder) – जुनूनी-बाध्यकारी विकार अनुचित तथा तर्कहीन विचारों और भय (जुनून) की बार-बार आवृति से सम्बंधित होता है जो बाध्यकारी व्यवहार का कारण बनता है।

एंग्जाइटी के लक्षण – Anxiety symptoms in Hindi

चिंता विकार के प्रकार के आधार पर लक्षण अलग-अलग होते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षणों में निम्न शामिल होते हैं:

(और पढ़ें: मन को शांत करने के उपाय….)

एंग्जायटी अटैक क्या है What is anxiety attack in Hindi

चिंता का दौरा या एंग्जायटी अटैक अत्याधिक शंका, चिंता, कष्‍ट या भय की तीव्र भावना से सम्बंधित होता है। कुछ व्यक्तियों में एंग्जायटी अटैक धीरे-धीरे आता है, और तनावपूर्ण घटना के निकट आने पर मरीज की स्थिति काफी खराब हो जाती है। व्यक्तियों में एंग्जायटी अटैक के लक्षण और कारण भिन्न-भिन्न हो सकते हैं। तथा ये लक्षण समय के साथ बदल सकते हैं।

एंग्जायटी अटैक के सामान्य लक्षणों में निम्न को शामिल किया जाता है:

  • बेहोशी या चक्कर महसूस होना
  • सांस लेने में कठिनाई होना
  • मुंह सूखना
  • पसीना आना
  • ठंड लगना और अचानक बुखार वाली गर्मी महसूस होना
  • बेचैनी होना
  • अत्‍यधिक पीड़ा और कष्‍ट
  • डर लगना
  • अकड़ जाना या झुनझुनी आना, इत्यादि।

पैनिक अटैक और एंग्जायटी अटैक दो अलग अलग स्थितियां है, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण दोनों में समान हो सकते हैं।

चिंता के कारण – Anxiety causes in Hindi

अन्य मानसिक विकारों के कारणों की तरह चिंता डिसऑर्डर में भी कुछ चीजे समान होती है, क्योंकि अभी तक एनज़ाइटी के सटीक कारणों का पता नहीं लगाया जा सका है, फिर भी कुछ ऐसे कारक हैं, जिनका संबंध चिंता विकार से होता है, जैसे:

  • आनुवंशिक कारक
  • तनाव (स्ट्रेस)
  • कुछ घटनाओं से मन को पहुंचने वाला आघात जैसे कि दुर्व्यवहार, शोषण या किसी प्रिय व्यक्ति की मृत्यु।
  • व्यक्तिगत संबंधों जैसे- विवाह, मित्रता में तनाव या अलगाव की स्थिति।
  • कार्य संबंधी तनाव।
  • वित्तीय अथवा धन सम्बन्धी तनाव
  • प्राकृतिक आपदा से तनाव
  • कुछ चिकित्सकीय कारण
  • दवाओं का दुष्प्रभाव
  • बीमारी के लक्षण के रूप में, इत्यादि।

एंग्जाइटी डिसऑर्डर की जाँच – Test for anxiety in Hindi

एक अकेले परीक्षण की मदद से चिंता (एंग्जाइटी) का निदान नहीं किया जा सकता। इसके निदान के लिए मरीज को कुछ शारीरिक परीक्षण, मानसिक स्वास्थ्य मूल्यांकन और मनोवैज्ञानिक प्रश्नावली की एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ सकता है।

कुछ डॉक्टर चिंता के अंतर्निहित कारणों का निदान करने के लिए रक्त परीक्षण या मूत्र परीक्षण सहित अन्य परीक्षणों की मदद ले सकते हैं।

चिंता के लिए उपचार – Treatments for anxiety in Hindi

एंग्जायटी (चिंता) का निदान करने के बाद डॉक्टर इसके उपचार के लिए उचित विकल्पों की तलाश कर सकता है। कुछ व्यक्तियों के लिए, चिकित्सकीय उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। बचाव संबंधी उपाय और आहार को अपनाकर चिंता या एंग्जायटी से निजात पा सकते हैं। जीवनशैली में बदलाव कर इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है।

हालांकि, मध्यम या गंभीर मामलों में, लक्षणों को दूर करने और दैनिक जीवन जीने में मदद करने के लिए मनोचिकित्सा जैसे- टॉक थेरेपी और दवाओं की सहायता ली जा सकती है। आमतौर पर चिंता का इलाज करने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाओं में अवसादरोधी (antidepressants) और सीडेटिव (sedatives) शामिल हैं। ये दवाएं मस्तिष्क रसायन को संतुलित करने, चिंता के एपिसोड को रोकने और गंभीर लक्षणों को दूर करने का कार्य करती हैं।

एंग्जाइटी डिसऑर्डर से बचाव के उपाय – Prevention of Anxiety in Hindi

चिंता विकार से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं

एंग्जायटी के घरेलू उपाय नकारात्मकता को ख़त्म करें – Home remedies for anxiety eliminate negativity in Hindi

सकारात्मक रहना जीवन जीने का एक अच्छा तरीका है, परंतु आपको आने वाली नकारात्मक परिस्थितियों के लिए भी तैयार रहना बेहद जरुरी होता है। अपने अन्दर के नकारात्मक विचारों को बाहर निकालें इसका और विचारों में सकारात्मकता लायें। पुरानी असफलताओं से सीखने का प्रयास करें।

(और पढ़े – नकारात्‍मक विचारों से मुक्ति पाने के उपाय)

खाने पर ध्यान देने से एंग्जायटी से छुटकारा – get rid of anxiety by focusing on food in Hindi

चिंता संबंधी विकारों को दूर करने के लिए आपका स्वस्थ रहना महत्वपूर्ण है। अच्छा और स्वस्थ आहार आपको नई उर्जा और शक्ति देता है, तथा मानसिक रोग और अन्य बीमारियों से शरीर की रक्षा करता है। अपने आहार में फल और सब्जियों को शामिल करें। भोजन थोडा थोडा खाएं और बार बार खाएं। इससे रक्त में ग्लूकोज़ की मात्रा स्थिर रहती है और आपका मूड अच्छा रहता है। चिकना, मीठा, उच्च वसा और संसाधित खाद्य पदार्थों के सेवन से दूर रहें।

चिंता दूर करने का उपाय कम तनाव – way to relieve anxiety, less stress in Hindi

एंग्जाइटी या चिंता इंसान को अन्दर से कमजोर बना देती है। इसलिए आपको अपने तनाव को कम करने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। तनाव कम करने के लिए आप बाहर घूमने जाएं, नियमित व्यायाम करें अच्छी नींद लें, काम के बीच में ब्रैक लें और आराम के तरीको को खोजें आप उन चीजों को करें जो आपको पसंद हो।

चिंता से बचने के उपाय बुरी लत को छोड़ना – leave bad addiction for Avoid Anxiety in Hindi

किसी भी प्रकार की लत का शिकार होना (ऐसी कोई चीज़ जिसके बिना आप नहीं रह सकते), चिंता या एंग्जाइटी का कारण बन सकती है। अत: चिंता संबंधी विकार से छुटकारा पाने के लिए अच्छी आदतों को अपनाएं, बुरी आदतों से दूरी बनाएं रखें। शराब, तंबाकू, सिगरेट, निकोटिन या किसी भी तरीके का नशा न करें।

एंग्जाइटी से बचाव के लिए करें योग – Do yoga to prevent anxiety in Hindi

नियमित योगाभ्यास आपको शांत एवं सकारात्मक रहने में मदद कर सकता है। और साथ ही मन को विचलित करने वाली समस्याओं का सामना करने की शक्ति प्रदान करता है। योगाभ्यास आदर्श रूप से योगासन, प्राणायाम (Pranayama), ध्यान एवं प्राचीन योग विज्ञान का संपूर्ण समन्वय है। इन सभी योगाभ्यास की मदद से कई चिंता ग्रसित व्यक्तियों को पुनः स्वस्थ करने के साथ-साथ जीवन को फिर से सकारात्मक रूप से जीने की क्षमता प्रदान की जा चुकी है।

(और पढ़ें: अपनी सोच को सकारात्मक बनाने के 5 तरीके…)

एंग्जायटी से बचाव के उपाय घर से बाहर जाना – Going out of the house to prevent Anxiety in Hindi

अधिक समय तक घर पर रहना, चिंता विकार होने के जोखिम को बढ़ा सकता है। जब आप बाहर घूमने जायेगें, तो आपको वहां बहुत कुछ देखने को मिलेगा। आपको यह सलाह दी जाती है कि आप अपने दैनिक कार्यों से कुछ समय निकालकर घूमने जाएं और अपने चारों ओर की नकारात्मक बातें देखें। आपके द्वारा नकारात्मक बातों को जानने और उन्हें समझने से आपके अन्दर की नकारात्मकता दूर होगी, और चिंता कम करने के लिए अच्छे विचार आयेगें।

चिंता (एंग्जायटी) दूर करने के लिए क्या खाएं – diet for anxiety in Hindi

वैज्ञानिकों ने भोजन और हमारे मस्तिष्क के बीच संबंध को पहचानना शुरू कर दिया है। कुछ पोषक तत्वों से परिपूर्ण खाद्य पदार्थ भावनाओं को शांत करने और चिंता को दूर करने में लाभदायक होते हैं। चिंता (एंग्जायटी) से बचने के लिए खाए जाने वाले आहार में निम्न को शामिल किया जाता है:

चिंता (एंग्जाइटी) के लक्षण, कारण, इलाज और बचाव (Anxiety disorders symptoms, causes and treatment in Hindi) का यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट्स कर जरूर बताएं।

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