एंग्जाइटी डिसऑर्डर को हम कई नाम से जानते है जैसे- चिंता, उत्कंठा, घबराहट, उत्सुकता, व्याकुलता, मानसिक व्यग्रता आदि। चिंता शरीर की तनाव (स्ट्रेस) के प्रति स्वाभाविक प्रतिक्रिया है। यह आने वाले समय के बारे में भय या आशंका की भावना है। जो लोग एनज़ाइटी (Anxiety) से ग्रस्त होते हैं उन्हें सामान्य जीवन व्यतीत करने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को चिंता विकार होने की संभावना अधिक होती है। यदि कोई व्यक्ति छह महीने से अधिक समय तक चिंता की भावना से ग्रसित है तो वह एंग्जाइटी डिसऑर्डर से पीड़ित माना जाता है।
इस लेख में आप एंग्जाइटी क्या है, चिंता के कारण, लक्षण, जाँच, इलाज, बचाव के उपाय और चिंता दूर करने के लिए आहार के बारे में जानेगें।
चिंता भावनात्मक विकार का सबसे आम रूप है। कभी-कभी चिंता का अनुभव करना एक सामान्य बात है। लेकिन चिंता विकार या एंग्जाइटी डिसऑर्डर से ग्रसित लोगों में अक्सर अत्यधिक तीव्र और लगातार चिंता बनी रहती है। यह स्थिति दैनिक जीवन की स्थितियों के बारे में डर का कारण बनती है तथा उन चीजों को करने से रोक सकती है, जो आपको पसंद हैं। अक्सर एंग्जाइटी डिसऑर्डर में तीव्र चिंता और भय या आतंक की अचानक भावनाओं के बार-बार आने वाले एपिसोड शामिल होते हैं, जो कुछ ही मिनटों में अपने चरम पर पहुंच जाते हैं।
चिंता और घबराहट की ये भावनाएँ मरीज की दैनिक गतिविधियों में बाधा डालती हैं, जिन्हें नियंत्रित करना मुश्किल होता है। इसके लक्षण बचपन, किशोरावस्था और वयस्कता किसी भी उम्र में उत्पन्न हो सकते हैं, और लंबे समय तक चलते हैं।
चिंता अनेक प्रकार के विकारों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसके अंतर्गत निम्न शामिल है:
चिंता विकार के प्रकार के आधार पर लक्षण अलग-अलग होते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षणों में निम्न शामिल होते हैं:
(और पढ़ें: मन को शांत करने के उपाय….)
चिंता का दौरा या एंग्जायटी अटैक अत्याधिक शंका, चिंता, कष्ट या भय की तीव्र भावना से सम्बंधित होता है। कुछ व्यक्तियों में एंग्जायटी अटैक धीरे-धीरे आता है, और तनावपूर्ण घटना के निकट आने पर मरीज की स्थिति काफी खराब हो जाती है। व्यक्तियों में एंग्जायटी अटैक के लक्षण और कारण भिन्न-भिन्न हो सकते हैं। तथा ये लक्षण समय के साथ बदल सकते हैं।
एंग्जायटी अटैक के सामान्य लक्षणों में निम्न को शामिल किया जाता है:
पैनिक अटैक और एंग्जायटी अटैक दो अलग अलग स्थितियां है, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण दोनों में समान हो सकते हैं।
अन्य मानसिक विकारों के कारणों की तरह चिंता डिसऑर्डर में भी कुछ चीजे समान होती है, क्योंकि अभी तक एनज़ाइटी के सटीक कारणों का पता नहीं लगाया जा सका है, फिर भी कुछ ऐसे कारक हैं, जिनका संबंध चिंता विकार से होता है, जैसे:
एक अकेले परीक्षण की मदद से चिंता (एंग्जाइटी) का निदान नहीं किया जा सकता। इसके निदान के लिए मरीज को कुछ शारीरिक परीक्षण, मानसिक स्वास्थ्य मूल्यांकन और मनोवैज्ञानिक प्रश्नावली की एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ सकता है।
कुछ डॉक्टर चिंता के अंतर्निहित कारणों का निदान करने के लिए रक्त परीक्षण या मूत्र परीक्षण सहित अन्य परीक्षणों की मदद ले सकते हैं।
एंग्जायटी (चिंता) का निदान करने के बाद डॉक्टर इसके उपचार के लिए उचित विकल्पों की तलाश कर सकता है। कुछ व्यक्तियों के लिए, चिकित्सकीय उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। बचाव संबंधी उपाय और आहार को अपनाकर चिंता या एंग्जायटी से निजात पा सकते हैं। जीवनशैली में बदलाव कर इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है।
हालांकि, मध्यम या गंभीर मामलों में, लक्षणों को दूर करने और दैनिक जीवन जीने में मदद करने के लिए मनोचिकित्सा जैसे- टॉक थेरेपी और दवाओं की सहायता ली जा सकती है। आमतौर पर चिंता का इलाज करने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाओं में अवसादरोधी (antidepressants) और सीडेटिव (sedatives) शामिल हैं। ये दवाएं मस्तिष्क रसायन को संतुलित करने, चिंता के एपिसोड को रोकने और गंभीर लक्षणों को दूर करने का कार्य करती हैं।
चिंता विकार से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं
सकारात्मक रहना जीवन जीने का एक अच्छा तरीका है, परंतु आपको आने वाली नकारात्मक परिस्थितियों के लिए भी तैयार रहना बेहद जरुरी होता है। अपने अन्दर के नकारात्मक विचारों को बाहर निकालें इसका और विचारों में सकारात्मकता लायें। पुरानी असफलताओं से सीखने का प्रयास करें।
(और पढ़े – नकारात्मक विचारों से मुक्ति पाने के उपाय)
चिंता संबंधी विकारों को दूर करने के लिए आपका स्वस्थ रहना महत्वपूर्ण है। अच्छा और स्वस्थ आहार आपको नई उर्जा और शक्ति देता है, तथा मानसिक रोग और अन्य बीमारियों से शरीर की रक्षा करता है। अपने आहार में फल और सब्जियों को शामिल करें। भोजन थोडा थोडा खाएं और बार बार खाएं। इससे रक्त में ग्लूकोज़ की मात्रा स्थिर रहती है और आपका मूड अच्छा रहता है। चिकना, मीठा, उच्च वसा और संसाधित खाद्य पदार्थों के सेवन से दूर रहें।
एंग्जाइटी या चिंता इंसान को अन्दर से कमजोर बना देती है। इसलिए आपको अपने तनाव को कम करने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। तनाव कम करने के लिए आप बाहर घूमने जाएं, नियमित व्यायाम करें अच्छी नींद लें, काम के बीच में ब्रैक लें और आराम के तरीको को खोजें आप उन चीजों को करें जो आपको पसंद हो।
किसी भी प्रकार की लत का शिकार होना (ऐसी कोई चीज़ जिसके बिना आप नहीं रह सकते), चिंता या एंग्जाइटी का कारण बन सकती है। अत: चिंता संबंधी विकार से छुटकारा पाने के लिए अच्छी आदतों को अपनाएं, बुरी आदतों से दूरी बनाएं रखें। शराब, तंबाकू, सिगरेट, निकोटिन या किसी भी तरीके का नशा न करें।
नियमित योगाभ्यास आपको शांत एवं सकारात्मक रहने में मदद कर सकता है। और साथ ही मन को विचलित करने वाली समस्याओं का सामना करने की शक्ति प्रदान करता है। योगाभ्यास आदर्श रूप से योगासन, प्राणायाम (Pranayama), ध्यान एवं प्राचीन योग विज्ञान का संपूर्ण समन्वय है। इन सभी योगाभ्यास की मदद से कई चिंता ग्रसित व्यक्तियों को पुनः स्वस्थ करने के साथ-साथ जीवन को फिर से सकारात्मक रूप से जीने की क्षमता प्रदान की जा चुकी है।
(और पढ़ें: अपनी सोच को सकारात्मक बनाने के 5 तरीके…)
अधिक समय तक घर पर रहना, चिंता विकार होने के जोखिम को बढ़ा सकता है। जब आप बाहर घूमने जायेगें, तो आपको वहां बहुत कुछ देखने को मिलेगा। आपको यह सलाह दी जाती है कि आप अपने दैनिक कार्यों से कुछ समय निकालकर घूमने जाएं और अपने चारों ओर की नकारात्मक बातें देखें। आपके द्वारा नकारात्मक बातों को जानने और उन्हें समझने से आपके अन्दर की नकारात्मकता दूर होगी, और चिंता कम करने के लिए अच्छे विचार आयेगें।
वैज्ञानिकों ने भोजन और हमारे मस्तिष्क के बीच संबंध को पहचानना शुरू कर दिया है। कुछ पोषक तत्वों से परिपूर्ण खाद्य पदार्थ भावनाओं को शांत करने और चिंता को दूर करने में लाभदायक होते हैं। चिंता (एंग्जायटी) से बचने के लिए खाए जाने वाले आहार में निम्न को शामिल किया जाता है:
चिंता (एंग्जाइटी) के लक्षण, कारण, इलाज और बचाव (Anxiety disorders symptoms, causes and treatment in Hindi) का यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट्स कर जरूर बताएं।
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