Arjun ki Chhal in hindi अर्जुन वृक्ष जिसे टर्मिनलिया अर्जुन (Terminalia arjuna) भी कहा जाता है। एक औषधीय पौधा होता है जो कि बहुत सी बीमारियों को दूर करने के लिए आयुर्वेद उपचार में उपयोग किया जाता है। इस लेख में आप जानेगे अर्जुन की छाल के फायदे और नुकसान – Arjun ki Chhal ke Fayde aur nuksan in Hindi अर्जुन छाल के फायदे, उपयोग, औषधीय गुण और लाभ के बारे में
इसमें कार्डियोप्रोटेक्टीव (cardioprotective) और हृदय को मजबूत करने वाले गुण होते है इसलिए इसका प्रयोग मुख्य रूप से दिल से संबंधित रोगों के उपचार में प्रयोग किया जाता है। इसमें बहुत से पोषक तत्व और खनिज पदार्थ होते है जो कि हड्डियों के नुकसान (osteoporosis) को रोकने में मदद करते है। यह अल्सर, मूत्र रोग आदि के इलाज में भी लाभदायक होते है।
1. अर्जुन की छाल के फायदे और औषधीय उपयोग – Arjun Bark Health Benefits and Medicinal Uses in Hindi
2. अर्जुन छाल के नुकसान – Arjun Bark Side effects in Hindi
अर्जुन की छाल का उपयोग बहुत सी बीमारीयों को दूर करने में किया जाता है। यह बहुत से एंटीऑक्सिडेंट और खनिजों से भरपूर होने के कारण हमारे स्वास्थ के लिए बेहद प्रभावी और लाभकारी होता है। अर्जुन की छाल ह्दय रोग के लिए जानी जाती है। इसके साथ ही यह डायबिटीज, अल्सर, कैंसर आदि रोगों के उपचार में भी सहायता करती है।
आयुर्वेद में हृदय संबंधी रोगों के उपचार के लिए अर्जुन छाल का उपयोग किया जाता है। क्योंकि इसमें हृदय की रक्षा करने और दिल को मजबूत करने वाले गुण होते है। अर्जुन छाल हृदय के बाएं निचले हिस्से (left ventricle) के कार्यविधि को ठीक करने के लिए उपयोग किया जाता है। अर्जुन छाल का उपयोग हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करने और हृदय द्वारा खून को पूरे शरीर में पहुंचाने की क्षमता में वृद्धि करने में किया जाता है। यह हृदय आघात (Heart attack) को रोकने में मदद करता है क्योंकि इसमें एंटी-एथेरोजेनिक (anti-atherogenic) गुण होते है को कोरोनरी धमनियों में प्लेक बिल्डअप (plaque build-up) को कम करने में मदद करते है और हृदय कोशिकाओं में रक्त परिवहन में मदद करते है। इन गुणों के कारण अर्जुन छाल हृदय रोगों के लिए बहुत ही लाभकारी औषधि होती है।
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दिल के दौरे के समय सीने में होने वाले दर्द को कम करने में अर्जुन की छाल मदद करती है। यदि आप दिल के दौरा से संबंधित दवाओं का सेवन कर रहे है तो आप उनको लेने के बाद इस छाल का भी सेवन कर सकते है जो कि आपको छाती के दर्द को कम करती है। इसका सेवन आगे भविष्य में होने वाले सीने के दर्द की संभावना को कम करता है।
दिल के रुकने का कारण कोरोनरी धमनी के और ब्लडप्रेशर होते है। अर्जुन छाल का सेवन कर हम खून की नसों और कोरोनरी धमनीयों (coronary arteries) में आई सूजन को कम कर उनकी कार्य गति को सामान्य रख सकते है। यह हमारे शरीर के कोलेस्ट्रोल और प्लाक गठन पर भी नियंत्रण करता है। अर्जुन का सेवन करने से शरीर में सीरम कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स, लिपोप्रोटीन और एथेरोजेनिक इंडेक्स को कम करता है जो हमारे शरीर के स्वास्थ को प्रभावित करते है। अर्जुन छाल केवल कोरोनरी धमनी रोग का इलाज के अलावा कोलेस्ट्राल को भी कम करने में मदद करता है।
Arjun ki Chhal अर्जुन छाल का प्रयोग प्राचीन समय से गलप्रदाह (Angina) के उपचार में किया जा रहा है। यह आयुर्वेदिक औषधी एंजिना पिक्टोरिस (angina pectoris) के इलाज में बहुत प्रभावशील होती है जो कि दिल के दौरे में सीने के दर्द का प्रारंभिक स्तर माना जाता है।
कोंहा (अर्जुन छाल) में बहुत से पोषक तत्व मौजूद रहते है जो एंटीऑक्सिडेंट गुणों से भरपूर होते है। इसकी छाल में ग्लाइकोसाइड्स (glycosides)और फ्लैवोनोइड्स (flavonoids) टैनिन और खनिज भरपूर मात्रा में होते है। यह प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और चर्वी को कम करने का काम करते है। इसके एंटी ऑक्सिडेंट तत्व हृदय कोशिकाओं में होने वाले नुकसानों को रोक कर हमारे दिल को स्वस्थ रखते है।
अर्जुन की छाल में कासुआर्निन (Casuarinin) नामक घटक होता है जो कि स्तन कैंसर के विषाणुओं की वृद्धि को रोकने मदद करता है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट गुण इसे और अधिक प्रभावी बनाते है। जिन महिलाओं को स्तन कैंसर की शिकायत होती है उनके लिए अर्जुन छाल का सेवन बहुत ही फायदेमंद होता है।
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इसके लिए आप गर्म दूध में अर्जुन छाल के पाउडर को मिला कर इसका सेवन करना चाहिए। पर इसका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
Arjun ki Chhal अर्जुन छाल में उपस्थित पोषक तत्व खून में ट्राइग्लिसराइड (Triglyceride) की मात्रा को बनाए रखता है। ट्राइग्लिसराइड और कोलेस्ट्रोल दोनों एक दूसरे से संबंधित होते है।
अर्जुन छाल में उपस्थित मेथनॉल (Methanolic) हेलीकॉक्टर पिलोरी (helicobacter pylori) और लिपोपोलिसैक्साइड (lipopolysaccharide) प्रेरित गैस्ट्रिक अल्सर को रोकने मदद करता है। इसके लिए अर्जुन छाल का एक टुकड़ा लें और इसे आठ घंटों तक पानी में भींगने दें। फिर इससे काढ़ा बना लें और ठंडा कर इसे नियमित रूप से सेवन करे यह आपके पेट के अल्सर को ठीक करने मे मदद करेगा और साथ ही पेट को स्वस्थ रखेगा।
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अर्जुन छाल में उपस्थित एंटीऑक्सिडेंट हमारी त्वचा में होने वाले संक्रमण को रोकने में मदद करते है। अर्जुन छाल को पीसकर इसका घोल चेहरे में लगाने से मुंहासों को कम करने में मदद मिलेगी। इसके लिए आप अर्जुन वृक्ष के पत्तों को पीस कर उसमें शहद मिला लें। इस मिश्रण को मुंहासों पर लगाने के 15 मिनिट के बाद इसे गर्म पानी से धो लें। कुछ दिन ऐसा करने से मुंहासे आपके चेहरे से गायब हो जाएगें।
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अर्जुन छाल में बाँधनेवाला (astringent) गुण होते है जो कि मसूढ़ो में खून बहने की समस्या को प्रभावी ढंग से दूर करते है। इस गुण के कारण अर्जुन छाल को टूथपाउडर के अवयवों में शामिल किया जाता है।
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Arjun ki Chhal अर्जुन छाल का उपयोग हड्डियों के फ्रैक्चर को ठीक करने के लिए आयुर्वेदिक पद्यति में किया जाता है। इसके लिए इस छाल को पानी के साथ मिलाकर बारीक पीसा जाता है और इस लेप उस जगह जहां पर हड्डी छतिग्रस्त हुई हो वहां लगाते है। ऐसा दिन में दो बार तक किया जाता है जब तक की आपको आराम न मिल जाए।
अर्जुन छाल का उपयोग अधिक थकान और शारीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए किया जाता है। यह पुराने निम्न ग्रेड बुखार को कम करने में लाभकारी होता है। यह सीधे ही बुखार को कम नहीं करता पर यह बुखार में ली जाने वाली दवाओं की सहायता करता है। यह बुखार और उसके संक्रमण को दूर करने में मदद करता है। यह कमजोरी को दूर कर शरीर में ऊर्जा देता है।
• अर्जुन छाल मेहाहर में उपस्थित यौगिक मूत्र पथ रूकावट में उपयोगी होता है।
• Arjun ki Chhal अर्जुन छाल और हुद्रोगा में एक यौगिक होता है जो हृदय विकार में उपयोगी है।
• अर्जुन छाल और बूगना साथ मिलकर फ्रैक्चर को ठीक करने में उपयोगी होता है।
• अर्जुन छाल और जड़ीबूटी बूश्लय के मिश्रण में उपस्थित यौगिक जो पुरानी श्र्वशन संबंधी विकार और बुखार में के लिए उपयोगी होता है।
• इसमें उपस्थित यौगिक रक्तस्राव विकारों में उपयोगी होते है।
• अर्जुन छाल का सेवन कफ संतुलन के लिए उपयोगी होता है।
• अर्जुन छाल हड्डियों को ताकत दिलानें में मदद करता है।
ऊपर के लेख में आपने जाने अर्जुन की छाल के फायदे इसका उपयोग सभी लोगों के लिए फायदे मंद होता है। लेकिन यह गर्भावस्था के समय महिलाओं के लिए कुछ नुकसान कारक हो सकती है। इसलिए इसका सेवन करने से पहले गर्भवती महिला को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। (और पढ़े – प्रेगनेंसी में महिलाओं को ब्लीडिंग होने के कारण)
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