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गठिया (आर्थराइटिस) के कारण, लक्षण और बचाव – Arthritis Causes, Symptoms And Treatment in Hindi

Arthritis in hindi आर्थराइटिस या गठिया जिसे संधिशोथ भी कहा जाता है। गठिया का अर्थ होता है जोड़ों में सूजन, लेकिन इस शब्द का उपयोग जोड़ों को प्रभावित करने वाली अनेक प्रकार की स्थितियों का वर्णन करने के लिए किया जाता है। आजकल यह रोग बुजुर्गों से लेकर जवान लोगों तक, हर किसी को अपनी चपेट में लेते जा रहा है। गठिया तब उत्पन्न होता है, जब आपके जोड़ों में उपास्थि (कोमल हड्डी) टूट जाती है या क्षतिग्रस्त हो जाती है। यह रोग अनेक प्रकार का होता है और कुछ स्थितियों में व्यापक लक्षण प्रगट करता है। इस लेख में आप जानेगें आर्थराइटिस या गठिया क्या है  इसके लक्षण, कारण, इलाज, जाँच, योग और गठिया से बचाव के उपाय के बारें में।

विषय सूची

गठिया क्या है – What is Arthritis in Hindi

किसी व्यक्ति के एक या अधिक जोड़ों में सूजन और कोमलता विकसित होने की स्थिति को गठिया कहते हैं। गठिया के मुख्य लक्षणों में जोड़ों में दर्द और जकड़न शामिल हैं, जो आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ अधिक गंभीर होते जाते हैं। अर्थराइटिस (गठिया) के सबसे आम प्रकार ऑस्टियोआर्थराइटिस (osteoarthritis) और रूमेटाइड अर्थराइटिस (rheumatoid arthritis) हैं।

गठिया के लक्षण आमतौर पर समय के साथ दिखाई देते हैं, लेकिन यह लक्षण अचानक भी प्रकट हो सकते हैं। गठिया आमतौर पर 65 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों को अधिक प्रभावित करता है, लेकिन यह बच्चों, किशोरों और कम उम्र के वयस्कों में भी विकसित हो सकता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं और अधिक वजन वाले व्यक्तियों में गठिया होना अधिक आम है।

गठिया के प्रकार – Types of Arthritis in Hindi

सबसे सामान्य तरह के गठिया के प्रकार में ऑस्टियोआर्थराइटिस (osteoarthritis) और रूमेटाइड अर्थराइटिस (rheumatoid arthritis) शामिल हैं। इसके अलावा 100 से भी ज्यादा प्रकार का आर्थराइटिस होता है।

  • ऑस्टियोआर्थराइटिस – इस प्रकार का गठिया अक्सर घुटनों (knees), कूल्हों (hips) और हाथों (hands) में होता है। उपास्थि (कार्टिलेज) जोड़ों में गद्दे (कुशन) की तरह होती है ,जो दबाव से जोड़ों की रक्षा करती है और क्रियाकलाप को सहज बनाती है। ऑस्टियोआर्थराइटिस पूरे जोड़ को भी प्रभावित करता है। यह संयोजी ऊतकों के क्षतिग्रस्त होने का कारण बनता है। यह जोड़ों के अस्तर (joint lining) की सूजन का भी कारण बनता है।
  • रूमेटाइड अर्थराइटिस – यह आर्थराइटिस उस समय भी होता है, जब प्रतिरोधक क्षमता (immune system) या प्रतिरक्षा प्रणाली, जो आमतौर से शरीर को संक्रमण से बचाती है, शरीर के ऊतकों पर आक्रमण कर, उन्हें क्षतिग्रस्त कर देती है। इससे जोड़ों में लाली आ जाती है और दर्द होता है और शरीर के दूसरे अंग भी इससे प्रभावित हो सकते हैं, जैसे कि हृदय, पेशियाँ, रक्त वाहिकाएँ, तंत्रिकाएं और आँखें। इस प्रकार के गठिया को रूमेटाइड अर्थराइटिस (Rheumatoid arthritis) कहते हैं।
  • आंक्यलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing spondylitis)
  • गाउट (Gout)
  • सोरियाटिक अर्थराइटिस (Psoriatic arthritis)
  • रिएक्टिव अर्थराइटिस (Reactive arthritis)
  • सेप्टिक अर्थराइटिस (Septic arthritis)
  • थंब आर्थराइटिस (Thumb arthritis)

आर्थराइटिस के कारण – Arthritis causes in Hindi

उपास्थि (Cartilage) हड्डियों के जोड़ों में एक दृढ़, लेकिन लचीला संयोजी ऊतक होता है। यह हड्डियों के हिलने-डुलने पर बने दबाव और झटके को अवशोषित करके जोड़ों की सुरक्षा रखता है और जोड़ों में लगभग घर्षण रहित गति की अनुमति देता है। इस उपास्थि ऊतक की सामान्य मात्रा में कमी या कार्टिलेज (उपास्थि) में टूट-फूट गठिया के कुछ रूपों का कारण बनती है।

गठिया के प्रकार के आधार पर इसके विभिन्न कारण हो सकते हैं जो विभिन्न तरीकों से जोड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं।

ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण – Osteoarthritis causes in Hindi

जोड़ के कार्टिलेज (उपास्थि) में सामान्य टूट-फूट या क्षति होने से ऑस्टियोआर्थराइटिस (OA) की स्थिति उत्पन्न होती है। कार्टिलेज (उपास्थि) में पर्याप्त क्षति के परिणामस्वरूप हड्डीयों में सीधे तौर पर धर्षण होता है, जिससे दर्द और गति में अवरोध उत्पन्न होता है। जोड़ों में क्षति कई वर्षों के परिणामस्वरूप उत्पन्न हो सकती है, या फिर चोट या संक्रमण के परिणामस्वरूप हो सकती है। यदि किसी व्यक्ति के पास इस बीमारी का पारिवारिक इतिहास है, तो उसे ऑस्टियोआर्थराइटिस (OA) विकसित होने का उच्च जोखिम होता है।

रूमेटाइड अर्थराइटिस का कारण – Rheumatoid arthritis causes in Hindi

रूमेटाइड अर्थराइटिस एक ऑटोइम्यून रोग है। यह गठिया तब होता है, जब प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर के ऊतकों पर हमला करती है। जिसके परिणामस्वरूप सिनोवियम (जोड़ों में पाया जाने वाला एक नरम ऊतक) नष्ट हो जाता है।सिनोवियम उपास्थि को पोषण और जोड़ों को चिकनाई देने के लिए एक तरल पदार्थ का निर्माण करता है। यह स्थिति जोड़ों के अंदर हड्डी और उपास्थि दोनों के विनाश का कारण बन सकती है। प्रतिरक्षा प्रणाली के हमलों का सटीक कारण अज्ञात है।

रक्त में बहुत अधिक यूरिक एसिड (Uric acid) होने पर बनने वाले यूरिक एसिड क्रिस्टल गाउट का कारण बन सकते हैं, जो एक प्रकार का अर्थराइटिस है। संक्रमण या अंतर्निहित बीमारी, जैसे कि सोरायसिस (psoriasis ) या ल्यूपस (lupus), अन्य प्रकार के अर्थराइटिस (गठिया) का कारण बन सकती है।

गठिया के लक्षण – Arthritis Symptoms in Hindi

जब किसी जोड़ में उपास्थि भंग (cartilage breaks) हो जाती है, तो आपकी हड्डियाँ एक दूसरे के साथ रगड़ खाती हैं, जिससे दर्द, सूजन और ऐंठन जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। गठिया से पीड़ित अधिकांश व्यक्तियों में यह नोटिस किया गया है, कि उनके लक्षण सुबह के समय बदतर होते हैं। गठिया रोग से पीड़ित व्यक्ति में कुछ सामान्य लक्षण देखने को मिलते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • जोड़ों में दर्द
  • जोड़ों में सूजन
  • अक्सर सुबह के समय जोड़ो में अकड़न होना
  • जोड़ों को गति देने या हिलाने डुलाने में परेशानी होना
  • जोड़ का उपयोग न कर पाना या उपयोग करने में कठिनाई होना
  • आपके जोड़ के आसपास गर्माहट महसूस होना
  • जोड़ के आसपास की त्वचा पर लालिमा दिखाई देना।

इन लक्षणों के आलावा रूमेटाइड अर्थराइटिस के अन्य लक्षण भी हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • थका हुआ महसूस करना
  • प्रतिरक्षा प्रणाली की गतिविधि के कारण भूख में कमी का अनुभव होना
  • लाल रक्त कोशिका की संख्या कम हो जाना (anemic condition)
  • हल्का बुखार आना
  • गंभीर रूमेटाइड अर्थराइटिस की स्थिति में संयुक्त विकृति (joint deformity), इत्यादि।

यदि आप कोई लक्षण तकलीफ या चिंता का कारण बनते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से मिले और इन लक्षणों के बारें में बात करें।

(और पढ़ें – गठिया (आर्थराइटिस) के लिए योग)

अर्थराइटिस के जोखिम कारक – Arthritis Risk factors in Hindi

गठिया के जोखिम कारकों में शामिल हैं:

  • गठिया का पारिवारिक इतिहास।
  • उम्र – अधिक उम्र या उम्र बढ़ने के साथ गठिया का जोखिम बढ़ता है।
  • लिंग – पुरुषों की तुलना में महिलाओं में रुमेटीइड गठिया विकसित होने की संभावना अधिक होती है, जबकि पुरुषों में गाउट (एक प्रकार का गठिया) होने की अधिक संभावना होती है।
  • चोट – जो लोग पहले कभी किसी भी प्रकार से जोड़ों में चोट लगने का शिकार हुए हैं, उन्हें गठिया विकसित होने की संभावना अधिक होती है।
  • मोटापा – अधिक मोटापा आपके घुटनों, कूल्हों और रीढ़ की हड्डी पर अधिक दवाब और तनाव डालता है, जिससे गठिया होने का खतरा अधिक बढ़ जाता है।

गठिया रोग के लिए डॉक्टर को कब दिखाएं – When to see a doctor for arthritis in Hindi

व्यक्ति को निम्न स्थितियों में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, जैसे-

  • आपके जोड़ों में असहनीय तेज दर्द हो।
  • जोड़ में बहुत ज़्यादा सूजन हो।
  • आपको जोड़ हिलाने में अचानक परेशानी हो रही हो।
  • जोड़ के आसपास की त्वचा लाल
    या गर्म महसूस हो।
  • यदि आपको अन्य कोई कारण हों जिससे आपको चिंता होती है।

अर्थराइटिस की जांच – Arthritis Test in Hindi

आपके डॉक्टर आपके स्वास्थ्य के बारे में आपसे कुछ सवाल करेगें और आपके जोड़ की स्थति को  देखेगें। डॉक्टर दर्द वाले जोड़ के आसपास के द्रव का कुछ नमूना की जाँच के अलावा निम्न परीक्षणों की सिफारिश कर सकता हैं, जैसे:

  • रक्त परीक्षण – ब्लड टेस्ट के तहत एंटी-सीसीपी (anti-cyclic citrullinated peptide), आरएफ (रूमेटाइड फैक्टर) और एएनए (एंटीन्यूक्लियर एंटीबॉडी) जैसे विशिष्ट प्रकार की एंटीबॉडी की जांच की जाती है।
  • इमेजिंग परीक्षण – डॉक्टर आमतौर पर हड्डियों और उपास्थि को देखने के लिए एक्स-रे, एमआरआई और सीटी स्कैन जैसे इमेजिंग परीक्षण का उपयोग करते हैं, जो गठिया के निदान में प्रभावी हैं।

गठिया का इलाज – Arthritis Treatment in Hindi

गठिया के प्रकार के आधार पर अलग-अलग उपचार उपचार प्रक्रियाओं को अपनाया जा सकता है। आर्थराइटिस के उपचार का उद्देश्य दर्द को नियंत्रित करना, जोड़ों की क्षति को कम करना और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है। इसमें दवाएं, शारीरिक उपचार तथा रोग की शिक्षा और सहायता शामिल है।

आर्थराइटिस मेडिसिन – Medicine for Arthritis in Hindi

कई प्रकार की दवाएं गठिया का इलाज करने के लिए उपयोग में लाई जाती हैं, जैसे:

  • दर्द को दूर करने के लिए एनाल्जेसिक (Analgesics) दवाएं, जैसे हाइड्रोकोडोन (hydrocodone) या एसिटामिनोफेन (acetaminophen) प्रभावी हैं।
  • नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs), जैसे कि इबुप्रोफेन (ibuprofen) और सैलिसिलेट (salicylates), दर्द और सूजन को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।
  • मेन्थॉल (Menthol) या कैप्साइसिन (capsaicin) क्रीम दर्द के संचरण या दर्द की आवृति को रोकने में मददगार हैं।
  • इम्यूनोसप्रेसेन्ट ड्रग (Immunosuppressants drug) जैसे- प्रेड्नीसोन (prednisone) या कोर्टिसोन (cortisone), सूजन को कम करने में मदद करते हैं।

यदि किसी व्यक्ति को रूमेटाइड अर्थराइटिस (आरए) है, तो डॉक्टर कोर्टिकोस्टेरॉयड या डिजीज-मोडिफाइड एंटीरूमेटिक ड्रग्स (disease-modifying antirheumatic drugs) की सिफारिश कर सकता है।

(और पढ़ें: हाथी पांव (फाइलेरिया रोग) क्या है, लक्षण, कारण, जांच, इलाज, बचाव…)

आर्थराइटिस के लिए सर्जरी – Arthritis Treatment Surgery in Hindi

गठिया रोग के इलाज के दौरान जब अन्य उपचार विकल्प कारगर नहीं होते हैं तो डॉक्टर सर्जरी की सिफारिश कर सकता है। सर्जरी के दौरान निम्न प्रक्रियाओं को शामिल किया जा सकता है, जैसे:

  • जोड़ों की मरम्मत (Joint repair) – जोड़ों के दर्द को कम करने और उनके कार्य को बेहतर बनाने के लिए जोड़ों की सतहों को चिकना किया जा सकता है। यह सर्जरी अक्सर आर्थोस्कोपिक प्रक्रियाओं (जोड़ पर छोटे चीरों) के माध्यम से की जा सकता है।
  • जोड़ों का प्रतिस्थापन (Joint replacement) – इस प्रकार की सर्जरी के दौरान क्षतिग्रस्त जोड़ों को हटा दिया जाता है और इसे कृत्रिम जोड़ से बदला जाता है। आमतौर पर इस सर्जरी के दौरान कूल्हे और घुटने के जोड़ों को बदला जाता है।
  • जॉइंट फ्यूज़न (Joint fusion) – इस प्रकार की सर्जरी का उपयोग गठिया से प्रभावित छोटे जोड़ों का इलाज करने के लिए किया जाता है, जैसे- कलाई, एड़ियाँ (ankle) और उंगलियां। इस सर्जरी के दौरान गठिया रोग से प्रभावित जोड़ की दोनों हड्डियों के सिरों को हटा दिया जाता है और फिर उन सिरों को एक साथ बंद कर दिया जाता है।

गठिया को सही करने के लिए फिजियोथेरेपी – Physiotherapy For Arthritis in Hindi

फिजियोथेरेपी शरीर के जोड़ों में गति और लचीलेपन की सीमा को बढ़ाने के साथ ही पैर की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करती है। फिजियोथेरेपिस्ट (शारीरिक चिकित्सक) रोग का पूरी तरह मूल्यांकन करने के पश्चात, रोगी की हालत, उम्र और जीवन शैली को ध्यान मे रखते हुए एक व्यक्तिगत व्यायाम कार्यक्रम का सुझाव देते हैं।

गठिया के लिए रामदेव योग – Ramdev Yoga For Arthritisin Hindi

योग को अपनाकर आप गठिया के लक्षणों को कम कर सकते है। यहाँ हम आपको 7 सबसे असरदार योग आसन के बारें में जानकारी दे रहे है, जो आर्थराइटिस और अन्य प्रकार के जोड़ो के दर्द को कम करने में लाभदायक साबित होते है

  1. Virasana (वीरासन (हीरो पोज़) करने का तरीका और फायदे)
  2. Malasana (मलासन योग करने का तरीका और फायदे)
  3. Makarasana (मकरासन करने का तरीका, फायदे और सावधानियां)
  4. Parivrtta Parsvakonasana (परिवृत्त पार्श्वकोणासन करने का तरीका और उसके फायदे)
  5. Parsvottanasana (पर्श्वोत्तनासन करने का तरीका और फायदे)
  6. Trikonasana (त्रिकोणासन के फायदे और करने का तरीका)
  7. Garudasana (गरुड़ासन करने का तरीका और फायदे)

गठिया से बचने के उपाय – Arthritis Prevention in Hindi

वजन घटाने और स्वस्थ वजन बनाए रखने से आप गठिया होने के खतरे को कम कर सकते हैं। गठिया रोग की रोकथाम और इससे बचने के लिए निम्न उपाय अपनाए जा सकते हैं, जैसे:

  • जोड़ों की शक्ति और क्रियाशीलता में सुधार करने के लिए व्यायाम करें। अच्छे विकल्पों में टहलना (walking), तैरना (swimming), साईकिल चलाना,  नृत्य करना (dancing), शक्ति परीक्षण (strength training) और शरीर के हल्के खिंचाव वाले व्यायाम (stretching exercises) शामिल हैं।
  • दर्द और सूजन पर नियंत्रण के लिए गर्म या ठंडे पानी का प्रयोग।
  • जोड़ों के दर्द और चोट का कारण बनने वाली स्थितियों और गतिविधियों से बचें।
  • किसी एक स्थिति या पोजीशन में अधिक लंबे समय तक रहने से  बचें।
  • वजन घटाने के लिए हेल्दी डाइट का सेवन करें। एंटीऑक्सिडेंट युक्त आहार का सेवन आंतरिक सूजन को कम करने में मदद कर सकता है, अतः अपने आहार में  ताजे फल, सब्जियां, मछली और नट्स जैसे एंटीऑक्सिडेंट युक्त आहार को शामिल करें।
  • गठिया से पीड़ित व्यक्तियों को तले हुए खाद्य पदार्थ, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, डेयरी उत्पाद और मांस का अधिक सेवन करने से बचना चाहिए।

(और पढ़ें – घुटनों में दर्द के लक्षण, कारण, जाँच, इलाज और घरेलू उपचार)

गठिया रोग का आयुर्वेदिक उपचार – Arthritis Treatment In Ayurveda in Hindi

शुरूआती दौर में गठिया पर सही आहार और उचित उपचार द्वारा आराम पाया जा सकता है। आर्थराइटिस रोग के कुछ आयुर्वेदिक उपचार भी हैं जो इसके दर्द को कम करते हैं। आइये जानते है गठिया रोग का आयुर्वेदिक उपचार क्या है?

  1. मालिश आर्थराइटिस में बहुत ही लाभदायक होती है। जोड़ों में दर्द और सूजन से राहत प्राप्त करने के लिए आप जैतून का तेल से मालिश कर सकते हैं।
  2. सुबह के समय आलू का रस निकालकर उसमें बराबर मात्रा में पानी मिलाकर सेवन करने से आर्थराइटिस के लक्षणों को कम करने में सहायता मिलती है।
  3. अदरक का सेवन गठिया रोग में फायदेमंद होता है। आप प्रतिदिन 5 से 30 ग्राम अदरक का सेवन कर सकते है, इसे आप अपनी चाय में शामिल कर सकते हैं। (और पढ़े: अदरक के फायदे, औषधीय गुण, उपयोग और नुकसान..)
  4. अरंडी के तेल को दर्द वाले स्थान पर लगाने और मालिश करने से गठिया रोग जल्दी ठीक हो जाता है।
  5. संतुलित आहार जिसमे विटामिन सी, जिंक और कैल्शियम जैसे तत्व पाए जाते हो, गठिया की स्थिति में अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए।
  6. स्टीम बाथ लेने से आर्थराइटिस रोग में आराम मिलता है। (और पढ़े: स्टीम बॉथ के इन बड़े फायदों को जानते हैं आप..)

गठिया (आर्थराइटिस) के कारण, लक्षण और बचाव (Arthritis Causes Symptoms And Treatment in Hindi) का यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट्स कर जरूर बताएं।

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