Prickly Poppy Benefits in Hindi जानिए सत्यानाशी के फायदे और नुकसान Satyanashi ke Fayde aur Nuksan in Hindi के बारे में, हम सभी ने अपने घरों के आसपास, सड़क किनारे, पथरीली मिट्टी या खेल के मैदान के आसपास एक प्रकार का कांटेदार पौधा देखते है जिसमें पीले रंग के फूल होते है। हम में से लगभग सभी लोग इसे खरपतवार (Weed) समझकर इस पौधे को नष्ट कर देते है या किसी भी प्रकार से उपयोग में नहीं लेते है। लेकिन शायद आप लोगों को यह नहीं पता कि इसमें कितने औषधीय गुण होते है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते है। इसे कांटेदार अफीम भी कहा जाता है।
आप सभी चकित है ना? 10 में से 9 लोग इसे कचरा ही समझते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। अब की बार यदि यह पौधा आपको मिल जाए तो आप इसका उपयोग अस्थमा, पीलिया, मूत्र रोग, आंखों के रोग आदि के आयुर्वेदिक उपचार के लिए कर सकते है। आइए जाने सत्यानाशी से होने वाले स्वास्थ्य लाभ क्या है। Satyanashi ke Fayde aur Nuksan in Hindi
विषय सूची
1. सत्यानाशी के स्वास्थ्य लाभ – Prickly poppy Health Benefits in Hindi
2. सत्यानाशी पौधे के अन्य लाभ – Prickly poppy Other benefits in Hindi
3. सत्यानाशी से होने वाले नुकसान – Prickly poppy side effects in Hindi
एनाल्जेसिक, एंटीस्पाज्मोडिक (antispasmodic) से भरपूर सत्यानाशी में हेलूसीनोजेनिक, शामक, एंटी-बैक्टीरिया, एंटी-कैंसर, एंटी-डाइबेटिक और एंटी-इन्फ्लामेंट्री गुण भी होते है। जिनका उपयोग कर हम बहुत सी स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान कर सकते है। आइए जाने कैसे –
एंटी-बैक्टीरियल गुण होने के कारण सत्यानाशी बहुत से त्वचा संक्रमण को रोकने में फायदेमंद होती है। इस पौधे की किसी शाखा के टूटने पर इससे दूध जैसा तरल पदार्थ बहता है। इस दूध का उपयोग कर हम त्वचा रोग को ठीक कर सकते है। इसके दूध का उपयोग एक्जिमा, खुजली, फोड़े, और त्वचा के अल्सर जैसे त्वचा संक्रमण के इलाज में किया जाता है। सत्यानाशी का उपयोग कर आप इन समस्याओं से मुक्ती पा सकते है। (और पढ़े – त्वचा में निखार के लिए सल्फर युक्त भोजन )
ऐसे फोड़े या घाव जो ठीक होने में ज्यादा समय लेते है उन्हें जल्दी ठीक करने के लिए सत्यानाशी का उपयोग फायदेमंद होता है। सत्यानाशी पौधे की पत्तियों को पीस कर उसका रस निकाला जा सकता है या उसे पेस्ट के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है। इस पेस्ट को आप घाव या फोड़े के ऊपर लगाएं। इसके एंटीबैक्टीरियल (anti-bacterial) गुण घाव को जल्द ठीक करने में मदद करते है। यदि आपको इस प्रकार की कोई समस्या हो तो आप इसका उपयोग कर सकते है।
मच्छरों को दूर भगाने के लिए आप सत्यानाशी का उपयोग कर सकते है यह बहुत प्रभावी होता है। सत्यानाशी के बीजों में लार्विसैदल (larvicidal) गुण होते हैं जो मच्छरों भ्रमित और घृणित करने का काम करते है। सत्यानाशी के पत्तों में भी मच्छरों को दूर करने की क्षमता होती है। इनमें निमेटाइडल (nematicidal) गुण होते है जो मच्छरों को भागने में मजबूर करते है। यदि आपके आस-पास मच्छर ज्यादा हों तो आप इसका उपयोग कर सकते है। (और पढ़े – मलेरिया के कारण, लक्षण और बचने के घरेलू उपाय)
ब्रोंकायल अस्थमा या ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) से पीडित व्यक्तियों के लिए सत्यानाशी का उपयोग फायदेमंद होता है। इस रोग से छुटकारा पाने के लिए आप सत्यानाशी पौधे की जड़ें निकाल कर सुखा लें। सुखी हुई जाड़ों को पीस कर पाउडर बनाएं और दूध या पानी के साथ इसकी आधा ग्राम या 1 ग्राम मात्रा का सेवन करें। ऐसा आपको दिन में दो बार करना चाहिए। यह कफ छोड़ने में मदद करता है। इस पौधे से निकलने वाले दूध की 4-5 बूंदों को चीनी में मिला कर भी उपयोग किया जा सकता है। (और पढ़े – अस्थमा (दमा) के कारण, लक्षण, उपचार एवं बचाव
)किसी भी प्रकार की आंख विकार को दूर करने में सत्यानाशी का उपयोग फायदेमंद होता है। सत्यानाशी पौधे के दूध की एक बूंद गाए के दूध की तीन बूंद के साथ मिलाकर आंखों में लाइनर के रूप में इस्तेमाल करें, यह आंख के सूखापन, ग्लूकोमा (glaucoma), और अंधापन को ठीक करने में मदद करेगा।
सत्यानाशी दूध की एक ग्राम मात्रा को 50 ग्राम गुलाब जल में मिला कर आंखों में दो-दो बूंदे प्रतिदिन सुबह शाम डालें। यह आपकी आंखों की लालिमा और नेत्र संबंधी विकारों को दूर करने में मदद करेगा। रोजमेरी के रस के साथ सत्यानाशी पौधे के रस को मिलाकर उपयोग कर सकते है। यह भी आंखों के लिए फायदेमंद होता है। (और पढ़े – आँखों को स्वस्थ रखने के लिए 10 सबसे अच्छे खाद्य पदार्थ)
पेट दर्द को दूर करने के लिए सत्यानाशी पौधे का उपयोग किया जाता है, जो कि बहुत ही प्रभावी होता है। इसके लिए आप सत्यानाशी पौधे का 3-5 मिली लीटर दूध लें और इसे 10 ग्राम धी में मिला लें। इस मिश्रण का सेवन करने से पेट दर्द से पीडित व्यक्ति को आराम मिलेगा। (और पढ़े – खाने के बाद पेट में दर्द होने के कारण और वचाव के तरीके)
आधा लीटर पानी में एक या दो सत्यानाशी पौधे के रस को निकाल कर उबालें। जब यह गाढ़ा होने लगे तो इसमे 60 ग्राम गुड़ और 20 ग्राम राल (resin) मिलाएं। जब यह अच्छी तरह मिल जाये तो इसे ठंडा कर इसकी गोलीयां बना ले। रोगी को दिन में तीन बार 1-1 गोली पानी के साथ दें। यह खांसी के साथ ही अस्थमा में भी अत्यधिक राहत देता है।
आप इसकी पत्तियों का काढ़ा भी तैयार कर सकते है और इस काढ़े में बेंजोइक ऐसिड (benzoic acid) मिलाकर गोलियां तैयार करें यह भी अस्थमा रोगी के लिए बेहद फायदेमंद होता है। (और पढ़े – खांसी का घरेलू उपचार, ड्राई कफ हो या वेट कफ)
मूत्र पथ (urinary tract) में जलन होने की स्थिति में सत्यानाशी पौधे से उपचार किया जा सकता है। इसके लिए 200 ग्राम पानी के साथ आप 20 ग्राम सात्यानाशी पौधे को डुबों दें और इसे गर्म करें। अच्छी तरह गर्म होने के बाद आप इसे ठंडा कर रोगी पिलाएं। यह भारी पेशाब का इलाज करता है और जलन को दूर करने में मदद करता है। (और पढ़े – मूत्राशय में संक्रमण के कारण, लक्षण और बचाव)
सत्यानाशी से होने वाले नुकसानों की अभी कोई विशेष जानकारी नहीं है। लेकिन इसका उपयोग कम मात्रा में और पूरी जानकारी होने के बाद ही करें। नहीं तो आपको कुछ नुकसान हो सकता है।
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