बजन घटाना

क्‍या आयुर्वेदिक चिकित्‍सा से वजन घटाया जा सकता है – Can Ayurvedic Medicine Be Used for Weight Loss in Hindi

Ayurvedic Medicine for Weight Loss in Hindi: आयुर्वेद एक प्राचीन चिकित्‍सा पद्धति है जो लगभग 5000 वर्ष पहले से भारत में उपयोग की जा रही है। बहुत सी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को दूर करने के लिए आयुर्वेद उपचार लिया जाता है। लेकिन क्‍या आयुर्वेदिक चिकित्‍सा से वजन घटाया जा सकता है। जी हां यदि आप भी अपने वजन को कम करना चाहते हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्‍सा ले सकते हैं। क्‍योंकि आयुर्वेद में संतुलित पोषण, तनाव में कमी और संतुलित जीवन शैली आदि शामिल हैं। बहुत से लोग अपने आहार सिद्धांतों और प्राकृतिक उपचारों का मोटापा दूर करने के दौरान उपयोग करते हैं। आयुर्वेदिक चिकित्‍सा खाने के तरीके, उपाय और पूरक आहार से संबंधित है। आज इस लेख में आप आयुर्वेद चिकित्‍सा से वजन घटाने के उपाय जानेगें।

विषय सूची

1. अपने दोष के अनुसार भोजन करना – Eating according to your dosha in Hindi
2. अपने दोष का निर्धारण करना – Determining your dosha in Hindi

3. वजन घटाने के आयुर्वेदिक उपाय – Ayurvedic weight loss remedies in Hindi

4. वजन घटाने के लिए आयुर्वेदिक कैप्‍सूल – Ayurvedic capsule for weight loss in Hindi
5. वजन घटाने के लिए आयुर्वेदिक आहार टिप्‍स – Ayurvedic diet tips for weight loss in Hindi
6. क्‍या वजन घटाने की आयुर्वेदिक दवाएं सुरक्षित हैं – Are Ayurvedic medicines for weight loss safe in Hindi

अपने दोष के अनुसार भोजन करना – Eating according to your dosha in Hindi

आयुर्वेद के जानकार बताते हैं कि मनुष्‍य के शरीर में तीन प्रकार की ऊर्जा होती है जिन्‍हें संतुलित रखना अनिवार्य है। इन तीनों में से प्रत्‍येक ऊर्जा प्राकृतिक तत्‍वों से संबंधित है।

  • वात – शारीरिक गतिविध संबंधी ऊर्जा जो अंतरिक्ष और हवा से जुड़े होते हैं।
  • पित्त – आग और पानी से जुड़े चयापचय की ऊर्जा।
  • कफ – शारीरिक ऊर्जा जो पृथ्‍वी और पानी से जुड़ी है।

हालांकि सभी लोगों में वात, पित्त और कफ संबंधी दोष होते हैं लेकिन इनकी संतुलित मात्रा आपके शरीर की प्रमुख ऊर्जा होती है। इसलिए वजन कम करने के लिए आयुर्वेदिक चिकित्‍सा में आपके दोष के अनुसार आपका भोजन और खानपान होना चाहिए।

(और पढ़े – स्वस्थ आहार के प्रकार और फायदे…)

अपने दोष का निर्धारण करना – Determining your dosha in Hindi

जिन लोगों को आयुर्वेद की कम जानकारी है या जो आयुर्वेद चिकित्‍सा में नये हैं उन्‍हें अपने इन दोषों को निर्धारित करना मुश्किल होता है। हालांकि हर दोष के लिए कुछ विशेष लक्षण निर्धारित किये गए हैं। लेकिन यदि आप इन दोषों को निर्धारित करने में मुश्किल का अनुभव कर रहे हैं तो आप किसी आयुर्वेदिक चिकित्‍सक की सलाह ले सकते हैं। वे आपके शरीर में इन तीनों दोषों की स्थिति को निर्धारित करने में आपकी मदद कर सकते हैं।

वात दोष वाले लोगों के लिए आहार – Diet for people with Vata dosha in Hindi

आयुर्वेद के अनुसार जिन लोगों को वात दोष है या उनके शरीर में वात के स्‍तर में असंतुलित है। उन लोगों को कुछ विशेष प्रकार के आहार करने की आवश्‍यकता होती है।

  • नियमित रूप से प्रतिदिन थोड़ी-थोड़ी मात्रा में भोजन करना चाहिए लगभग 2-2 घंटों के अंतराल से।
  • अपने आहार में अधिक से अधिक पकी हुई सब्जियां शामिल करें।
  • वात दोष वाले रोगी को बैंगन, मिर्च, टमाटर जैसी सब्जियों को रात में खाने से बचना चाहिए।
  • अधिक से अधिक रसदार और मीठे फलों का सेवन करना चाहिए जबकि क्रैनबेरी और कच्‍चे सेब जैसे कसैले फलों से बचना चाहिए।
  • लगभग सभी प्रकार के नट्स और सूखे फल खाएं विशेष रूप से दूध के साथ अखरोट
  • चीनी, शराब और तम्‍बाकू जैसे नशीले उत्‍पादों का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • ऐसे खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए जो कच्‍चे हों, अधिक ठंडे या जमे हुए हों।

(और पढ़े – ड्राई फ्रूट्स के फायदे और नुकसान…)

पित्त दोष वाले रोगी के लिए आहार – Diet for people with pitta dosha in Hindi

जो लोग पित्त दोष से परेशान हैं उनके लिए भी कुछ विशेष प्रकार के आहार निर्धारित किये गए हैं। जो उनके शरीर में पित्त दोष को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं।

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कफ दोष वाले रोगी के लिए आहार – Diet for people with kapha dosha in Hindi

कफ दोष वाले लोगों को अपने भोजन में विशेष सावधानी रखनी चाहिए।

  • भोजन की बहुत ही कम मात्रा का सेवन करें।
  • उच्‍च वसा वाले डेयरी उत्‍पादों के साथ ही अधिक प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों से बचें।
  • जमीन के ऊपर उगने वाली सब्जियां और पत्तेदार सब्जियों का अधिक सेवन करें साथ ही जमीन के नीचे होने वाले खाद्य पदार्थों को सीमित करें।
  • पशु आधारित खाद्य पदार्थ, नट्स, बीज आदि का बहुत ही कम मात्रा में सेवन करें।

कुछ अध्‍ययनों ने इन तीनों प्रकार के दोषों के आधार पर आयुर्वेदिक आहार की प्रभावशीलता की जांच की है। कुछ अध्‍ययनों से यह निष्‍कर्ष निकलता है कि योग अभ्‍यास के साथ विशिष्‍ट आहार लेना आपके वजन को घटाने में सहायक होता है।

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वजन घटाने के आयुर्वेदिक उपाय – Ayurvedic weight loss remedies in Hindi

जड़ी बूटीयां और हर्बल उपचार आयुर्वेदिक चिकित्‍सा का एक महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा है। इन आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग प्राचीन काल से किया जा रहा है जो वजन घटाने में अहम योगदान देती हैं। यदि आप भी मोटापे संबंधी समस्‍या से परेशान हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्‍सा ले सकते हैं। इस चिकित्‍सा के दौरान आप कुछ विशेष जड़ी बूटीयों और प्राकृतिक उत्‍पादों का सेवन करेगें जो आपके वजन घटाने की प्रकिया में सहयोग करते हैं। आइए जाने उन आयुर्वेदिक दवाओं और चिकित्‍सा के बारे में जो वजन कम करने में प्रभावी होते हैं।

(और पढ़े – आयुर्वेदिक तरीके से मोटापा कम करने के उपाय…)

वजन घटाने की आयुर्वेदिक दवा त्रिफला – Triphala Weight loss Ayurvedic medicine in Hindi

त्रिफला एक आयुर्वेदिक हर्बल उत्‍पाद है जो तीन सुपरफ्रुट्स को मिलाकर बनाया जाता है। त्रिफला में आंवला (Indian gooseberry), बहेरा या बिभित्‍की (Terminalia bellirica) और हरितकी या हर्र (Terminalia chebula) को प्रमुख घटक के रूप में मिलाया जाता है। कुछ अध्‍ययनों से यह भी पता चलता है कि त्रिफला का सेवन मधुमेह प्रकार 2

वाले लोगों मे रक्‍त शर्करा के स्‍तर को कम करने में भी प्रभावी होता है। लेकिन आप वजन घटाने के लिए भी त्रिफला का उपयोग कर सकते हैं।

(और पढ़े – 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण, मोटापा करेगा दूर…)

वजन कम करने का आयुर्वेदिक उपाय गुग्‍गुल – Guggul Ayurvedic remedy to lose weight in Hindi

गुग्‍गुल मुकुल लोहित (Mukul myrrh) वृक्ष की सूखी राल होती है जिसे हम सभी लोबान के नाम से जानते हैं। लोबान का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्‍सा में मोटापे को कम करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसकी प्रभावशीलता पर नैदानिक अनुसंधान ने असंगत परिणाम प्राप्‍त हुए। 2008 में एक अध्‍ययन से पता चलता है कि गुग्गुल में मौजूद सक्रिय घटक के कारण वसा कोशिकाएं टूटने लगती हैं। हालांकि 2017 में एक अन्‍य अध्‍ययन से यह निष्‍कर्ष निकला कि यह हार्मोन पर कोई प्रभाव नहीं डालता है जो वसा के चयापचय का कारण बनता है।

(और पढ़े – गुग्गुल के फायदे, गुण, लाभ और नुकसान…)

मोटापा कम करने का आयुर्वेदिक इलाज कलौंजी – Black Seeds Ayurvedic treatment to reduce obesity in Hindi

कलौंजी जिसे काले बीज या काला जीरा (black seeds) के नाम से भी जाना जाता है। आयुर्वेद में कलौंजी का व्‍यापक उपयोग किया जाता है। एक शोध के अनुसार कलौंजी (Nigella sativa) के बीज और कलौंजी के तेल दोनों में मोटापे को कम करने के गुण होते हैं। कलौंजी प्रभावशीलता मोटापे को कम करने के लिए आशाजनक है लेकिन परिणामों की पुष्टि के लिए अधिक शोध की आवश्‍यकता है।

(और पढ़े – कलौंजी के बीजों से कैसे कम करें वजन…)

मोटापे के लिए आयुर्वेदिक उपाय विजयसार या किनो ट्री – Ayurvedic remedy for obesity Vijayasar or Kino tree in Hindi

विजायासर वृक्ष (Pterocarpus marsupium) को कीनो वृक्ष (Kino tree) के रूप में भी जाना जाता है। इस वृक्ष से प्राप्‍त अर्क का सेवन करना आपको मोटापे की समस्‍या से छुटकारा दिला सकता है। आप वजन कम करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार में इसे शामिल कर सकते हैं। हालांकि इस विषय पर केवल पशु अध्‍ययन किये गए हैं। लेकिन अच्‍छे परिणाम प्राप्‍त हुए जो मनुष्‍यों में इसकी प्रभाविता की संभावना को बढ़ाते हैं।

(और पढ़े – विजयसार के फायदे और नुकसान…)

अन्‍य वजन घटाने के आयुर्वेदिक उपाय – Other weight loss Ayurvedic remedies in Hindi

आयुर्वेद के कुछ जानकारों के अनुसार वजन घटाने में सहायक अन्‍य वनस्‍पति या हर्बल उपचार भी होते हैं। इनका उपयोग किया जा सकता है लेकिन इसके लिए उनके उपयोग का समर्थन करने के लिए पर्याप्‍त शोध नहीं हैं। यदि आप इनका उपयोग करना चाहते हैं तो किसी आयुर्वेद सलाहकार से सलाह लेना आवश्‍यक है।

(और पढ़े – मोटापा और वजन घटाने में एलोवेरा जूस का उपयोग ऐसे करें…)

वजन घटाने के लिए आयुर्वेदिक कैप्‍सूल – Ayurvedic capsule for weight loss in Hindi

आप वजन कम करने के लिए कुछ विशेष प्रकार के आयुर्वेदिक कैप्‍सूल, टेबलेट और पाउडर आदि का भी इस्‍तेमाल कर सकते हैं। इस प्रकार के उत्‍पाद आसानी से बाजार में उपलब्‍ध हैं। हालांकि इस प्रकार के उत्‍पादों का उपभोग करने से पहले आपको स्वास्थ्‍य सलाहकार से परामर्श करने की आवश्‍यकता है। नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ हेल्‍थ भी सलाह देता है कि आप वजन घटाने वाले पूरक आहार का सेवन करने से पहले अपने डॉक्‍टर से बात करें।

(और पढ़े – वजन कम करने के लिए 5 बेस्ट प्रोटीन पाउडर…)

वजन घटाने के लिए आयुर्वेदिक आहार टिप्‍स – Ayurvedic diet tips for weight loss in Hindi

आयुर्वेद के जानकारों ने कई अध्‍ययनों से पता लगाया है कि आयुर्वेदिक पद्धतियों के माध्‍यम से वजन को कम करने में मदद मिल सकती है। हालांकि वजन घटाने के आयुर्वेदिक उपचार में आपका आहार मुख्‍य भूमिका निभाता है। आपको इस दौरान अपने आहार में संयम और विशेष सावधानी रखनी चाहिए।

  • जब भी आप भोजन करते हैं तब सचेतन (mindfulness) का अभ्‍यास करें। अपने दैनिक जीवन में ध्‍यान को जोड़ना भी फायदेमंद है। ऐसा करने से शरीर में कोर्टिसोल (cortisol) जो एक तनाव और वजन बढ़ाने वाला हार्मोन है इसकी मात्रा को कम करने में मदद मिलती है। माइंडफुलनेस बढ़ाने का एक और तरीका है धीरे-धीरे और बिना बात करे भोजन करना। इसके साथ ही कब और कितना भोजन करना चाहिए इस तरह के अपने शारीरिक संकेतों को भी पहचानना चाहिए।
  • आप दिन या दोपहर के दौरान पर्याप्‍त भोजन करें लेकिन रात के समय केवल हल्‍का और कम मात्रा में खाएं। कुछ अध्‍ययन बताते हैं कि अधिक कैलोरी वाले भोजन का अधिक मात्रा में सेवन करना आपके वजन को बढ़ा सकता है।
  • आप वजन कम करने के लिए सुबह उठने के बाद 1 गिलास गर्म पानी के साथ नींबू के रस का सेवन करें।
  • वजन कम करने के लिए नियमित व्‍यायाम भी करें लेकिन आप व्‍यायाम कैसे और कब करतें हैं यह भी महत्‍वपूर्ण हैं। आपका आहार और व्‍यायाम दोनों ही आपके दोष के अनुकूल होना चाहिए। आयुर्वेदिक और एलोपैथिक चिकित्‍सक दोनों ही इस बात से सहमत हैं कि वजन कंट्रोल करने के लिए आहार के साथ ही व्‍यायाम करना जरूरी है।
  • वजन कम करने के लिए पर्याप्‍त नींद का होना भी आवश्‍यक है।

(और पढ़े – वजन घटाने और कम करने वाले आहार…)

क्‍या वजन घटाने की आयुर्वेदिक दवाएं सुरक्षित हैं – Are Ayurvedic medicines for weight loss safe in Hindi

आयुर्वेदि चिकित्‍सा के सिद्धांत लंबे समय से उपयोग किये जा रहे हैं। आयुर्वेदिक आहार खाद्य पदार्थों में समृद्ध है जो सब्जियों, साबुत अनाज लीन प्रोटीन से भरपूर होते हैं। आयुर्वेदिक आहार से संयम और माइंडफुलनेस प्राप्‍त होता है। इसके अलावा इस प्रकार कर आहार तनाव को कम करने और संतुलित जीवन पर विशेष जोर देता है। लेकिन आपको सलाह दी जाती है कि वजन कम करने वाले आयुर्वेदिक उत्पादों या दवाओं का सेवन करने से पहले आप अपने आयुर्वेदिक चिकित्‍सक की सलाह जरूर लें।

(और पढ़े – इन आयुर्वेदिक ड्रिंक का सेवन कर पाएं पेट की चर्बी से हमेशा के लिए निजात…)

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