Erectile Dysfunction In Hindi स्तंभन दोष के लिए आयुर्वेदिक दवा और उपचार भी मौजूद हैं जो बहुत ही प्रभावी हैं। प्राचीन समय से ही यौन स्वास्थ्य और अन्य शारीरिक समस्याओं को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक औषधी का उपयोग किया जा रहा है। स्तंभन दोष पुरुषों में होने वाली ऐसी समस्या है जो नपुंसकता से संबंधित है। स्तंभन दोष के लिए आयुर्वेदिक औषधी का सेवन लाभकारी होते हैं जिनके कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होते हैं। आज इस लेख में आप स्तंभन दोष को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक दवा और उपचार के बारे में जानेगें। आइए जाने स्तंभन दोष के लिए आयुर्वेदिक उपचार क्या हैं।
आयुर्वेदिक चिकित्सा स्वास्थ्य के लिए एक समग्र, संपूर्ण स्वास्थ्य शरीर के लिए आयुर्वेदिक दृष्टिकोण है। यह भारत में हजारों साल पहले से उत्पन्न हुआ था। यह अभ्यास हर्बल यौगिकों, आहार दिशानिर्देशों और विशिष्ट अभ्यासों के संयुक्त उपयोग से रोग में आराम देता है। आइये स्तंभन दोष के लिए आयुर्वेदिक दवा को विस्तार से जानते हैं।
विषय सूची
1. स्तंभन दोष के आयुर्वेदिक उपचार – Ayurvedic Treatments For Erectile Dysfunction In Hindi
इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या होने पर पुरुषों को यौन संबंध बनाने में परेशानी होती है। इस दोष को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक इलाज किया जा सकता है। स्तंभन दोष के लिए आयुर्वेदिक उपचार में जड़ी बूटीयों और आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन किया जाता है। ये दवाएं बहुत ही प्रभावी होती हैं जो पुरुषों में यौन कमजोरियों को दूर करने में मदद करते हैं। आइए जाने स्तंभन दोष या नपुंसकता के लिए किन औषधीयों का उपयोग किया जा सकता है।
इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (ED) से पुरुषों को सेक्स के दौरान पेनिस में इरेक्शन बनाए रखने में कठिनाई होती है। यह एक आम समस्या है, विशेष रूप से 40 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों में। ईडी के उपचार में अक्सर अंतर्निहित मनोवैज्ञानिक और शारीरिक चिंताओं को संबोधित करना शामिल होता है जो यौन क्रिया से डिस्कनेक्ट होते हैं। शोध बताते हैं कि आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के उपचार में सहायता कर सकती है।
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नपुंसकता और स्तंभन दोष दूर करने के लिए जिनसेंग एक प्रभावी जड़ी बूटी है। आमतौर पर जिनसेंग को आयुर्वेद में यौन कमजोरी को दूर करने के लिए उपयोग किया जाता है। स्तंभन दोष का आयुर्वेदिक इलाज करने में उपयोग की जाने वाली जिनसेंग को भारतीय अश्वगंधा के नाम से भी जाना जाता है। नियमित रूप से जिनसेंग का औषधीय उपयोग करने से यह पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या और प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है। स्तंभन दोष की समस्या मुख्य रूप से शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता दोनो की कमी के कारण होती है। भारतीय जिनसेंग पुरुषों के शरीर में सेक्स हार्मोन के स्तर को भी नियंत्रित कर आपकी यौन क्षमता को उत्तेजित करती है। इस तरह से आप स्तंभन दोष का आयर्वेदिक उपचार करने के लिए भारतीय जिनसेंग या अश्वगंधा का उपयोग कर सकते हैं।
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सफेद मूसली का उपयोग कर स्तंभन दोष का आयुर्वेदिक इलाज किया जा सकता है। सफेद मूसली (Chlorophytum borivilianum) में यौन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले औषधीय गुण होते हैं। कई अध्ययनों से पता चलता है कि सफेद मूसली में कामाद्दीपक (aphrodisiac) प्रभाव होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार किसी भी व्यक्ति को दैनिक आधार पर नियमित रूप से प्रतिदिन 2 ग्राम सफेद मूसली का सेवन करना लाभदायक होता है। आप इस औषधीय जड़ी बूटी को बाजार में आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। इसे आप कैप्सूल या शुद्ध पाउडर के रूप से उपयोग कर सकते हैं। यदि आप भी स्तंभन दोष का उपचार ढूंढ रहे हैं तो सफेद मूसली सबसे अच्छा विकल्प है।
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दालचीनी का उपयोग स्तंभन दोष के लिए आयुर्वेदिक उपचार में किया जाता है। यह एक औषधीय जड़ी बूटी है जो एक सदाबहार पेड़ की छाल से प्राप्त की जाती है। दालचीनी में ऐसे औषधीय गुण होते हैं जो शरीर में हार्मोन को नियंत्रित करते हैं और यौन स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रखें कि दालचीनी का अधिक मात्रा में सेवन नुकसानदायक भी हो सकता है। इसलिए इसकी बहुत ही कम मात्रा का नियमित सेवन करना चाहिए। दालचीनी का नियमित सेवन स्तंभन दोष का प्रभावी इलाज माना जाता है।
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प्राचीन समय से ही शतावरी का उपयोग आयुर्वेद में चिकित्सा के लिए किया जा रहा है। शतावरी के फायदे स्तंभन दोष को दूर करने के लिए जाने जाते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि पुरुषों द्वारा शतावरी का उपभोग नसों को शांत करने और उनके कामकाज में सुधार करते हैं। ये दोनों लाभ स्तंभन दोष का उपचार करने में पुरुष की मदद करते हैं। इसके अलावा शतावरी के औषधीय गुण पुरुष प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में सहायक होते हैं। इन दोनों लाभों को देखते हुए स्तंभन दोष का आयुर्वेद उपचार करने में शतावरी का इस्तेमाल होता है। शतावरी का उपयोग आप पाउडर या कैप्सूल के रूप में कर सकते हैं। जो बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं। इस तरह से शतावरी के फायदे पुरुषों की प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में सहायक होते हैं।
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जिन लोगों को स्तंभन दोष या यौन कमजोरी है उन्हें अदरक का नियमित सेवन करना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि अदरक में ऐसे गुण होते हैं यौन उत्तेजना को बढ़ा सकते हैं। आयुर्वेद में भी अदरक को विशेष जड़ी बूटी के रूप में उपयोग किया जाता है। स्तंभन दोष का इलाज करने के लिए आप ताजे अदरक का 2 चम्मच पेस्ट बनाए। इस पेस्ट में 2 चम्मच शहद मिलाएं और दिन में 3 बार सेवन करें। यह स्तंभन दोष दूर करने का सबसे अच्छा और सरल उपाय है।
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कई अध्ययनों से पता चलता है कि आयुर्वेदिक जड़ी बूटीयों का सेवन निश्चित मात्रा में करना चाहिए। अधिक मात्रा में इनका सेवन नुकसानदायक हो सकता है। स्तंभन दोष के लिए आयुर्वेदिक दवाओं का प्रभाव भी ऐसा ही होता है। स्तंभन दोष को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक दवाओं का सही मात्रा में सेवन करना फायदेमंद होता है।
कई अध्ययनों ने स्तंभन दोष के लिए आयुर्वेदिक औषधी और जड़ी बूटियों की प्रभावशीलता पर ध्यान केंद्रित किया है। लेकिन इन जड़ी बूटियों के उचित खुराक और अन्य हर्बल और सिंथेटिक दवाओं के साथ उनके संभावित इंटरैक्शन के बारे में बहुत कुछ पता नहीं है। इन जड़ी-बूटियों के संयोजन के साथ अपने स्तंभन दोष का स्व-उपचार करना आपको अच्छे परिणाम दिला सकता है, लेकिन इनका इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें।
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