50 Ayurvedic Tips For Weight Loss In Hindi अधिकांश लोगों के लिए मोटापा एक गंभीर समस्या बन चुका है। लेकिन ऐसे लोग वजन कम करने के लिए आयुर्वेदिक टिप्स को अपना सकते हैं। आज हम आपको मोटापा कम करने के 50 आयुर्वेदिक उपाय बताने जा रहे हैं जिसकी मदद से आप घर बैठे ही अपना वजनहैं और मोटापा कम कर सकते हैं। मोटापा न केवल उनके शरीर को विकृत करता है बल्कि यह उनके संपूर्ण स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। हालांकि वजन कम करने के लिए विभिन्न व्यायाम और दवओं का उपयोग किया जा सकता है। लेकिन सभी लोगों के पास व्यायाम के लिए पर्याप्त समय और महंगी दवाएं लेना संभव नहीं है। ऐसे लोगों के लिए आयुर्वेदिक वजन कम करने के उपाय बहुत उपयोगी होते हैं। आज इस आर्टिकल में आप स्वाभाविक रूप से वजन कम करने के आयुर्वेदिक टिप्स जानेगें। जिनका कोई गंभीर दुष्प्रभाव भी नहीं होता है।
विषय सूची
1. क्या आयुर्वेद वजन घटाने में मदद करता है – Kya Ayurveda Vajan Ghatane Me Madad Karta Hai In Hindi
2. आयुर्वेद से वजन घटाने के लिए टिप्स – Ayurveda Se Vajan Ghatane Ke Liye Tips In Hindi
3. आयुर्वेदिक टिप्स और दवाएं जो वजन कम करें – Ayurvedic Tips and Medicines For Weight Loss in Hindi
नि:संदेह आयुर्वेदिक उपचार और टिप्स वजन को प्रभावी रूप से कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा आयुर्वेद समस्या के मूल कारणों की पहचान कर उनका जड़ से इलाज करने में भी सहायक होता है। आयुर्वेद में हर समस्या के लिए अंतर्निहित सिद्धांत है। आयुर्वेद में दवाओं का सुझाव एक व्यक्ति के शरीर के प्रकार, समस्या और इनके लक्षणों के आधार पर दिया जाता है। वजन घटाने के लिए बहुत सी आयुर्वेदिक दवाएं हैं जिन्हें आप उपयोग कर सकते हैं। हालांकि यह समझना बहुत जरूरी है कि आयुर्वेदिक दवाओं से आपको त्वरित लाभ नहीं मिल सकता है। बल्कि यह आपकी समस्या को धीरे-धीरे किंतु स्थाई रूप से दूर करता है। सबसे अच्छी बात यह होती है कि आयुर्वेदिक उपचार करने में रासायनिक दवाओं की तरह गंभीर दुष्प्रभाव नहीं होते हैं।
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आपके लिए यह समझना आवश्यक है कि टिप्स और उपचार में थोड़ा सा अंतर है। टिप्स से तात्पर्य अपनी जीवनशैली में परिवर्तन करने से है। जबकि उपचार में हम विभिन्न खाद्य पदार्थों, जड़ी बूटीयों का मौखिक और बाहृ रूप में उपयोग करते हैं। उसी तरह से वजन कम करने के लिए भी कुछ आयुर्वेदिक टिप्स होते हैं। जिनको अपने दैनिक जीवन में शामिल कर आप वजन को नियंत्रित कर सकते हैं। इसलिए दवाओं और औषधी का उपयोग करने से पहले आपको इन टिप्स को आजमाना चाहिए।
वजन कम करने के लिए सबसे अच्छा तरीका है समय पर सोना और समय पर जल्दी उठना है। वैसे भी अच्छी जीवन शैली में जल्दी सोना और जल्दी उठना शामिल है। किसी भी स्वस्थ व्यक्ति के लिए सोने का सबसे अच्छा समय रात के 10 से 11 बजे का है। जबकि सुबह उठने का समय 5 से 6 बजे का है। हमारा शरीर प्रकृति के अनुरूप एक संगठित तरीके से कार्य करता है और प्राकृतिक चक्र का पालन करता है जो हमारे शरीर के लिए सबसे अच्छा होता है। हमारा शरीर दिन के दौरान सक्रिय रहता है और रात में आराम करता है।
जब आप इस दिनर्चया का पालन करते हैं तो मोटापे सहित कई स्वास्थ्य समस्याएं स्वाभाविक रूप से दूर हो सकती हैं।
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एक स्वस्थ शरीर के लिए दिन में तीन बार भोजन करना अच्छा होता है। लेकिन यह स्थिति उस समय सही है जब आपके शरीर में रक्त शर्करा का स्तर सामान्य हो। आयुर्वेद में ऐसे बहुत से आहार करने की सलाह दी जाती है जो कि सामान्य पेशेवर चिकित्सक देते हैं। आयुर्वेद के अनुसार एक स्वस्थ नाश्ता, शानदार पोषक तत्व युक्त दोपहर का भोजन और रात्रि में एक हल्का भोजन करने की सलाह दी जाती है। हमारा जिगर दोपहर के समय सबसे अच्छा होता है इसलिए आपको दोपहर के समय भारी भोजन करना सही है। इसके अलावा स्वस्थ और प्राकृतिक डिटॉक्सिफिकेशन के लिए हमारे लीवर को रात में पर्याप्त आराम करना चाहिए। यही कारण है कि रात्रि का हमारा भोजन हल्का होना चाहिए।
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प्राकृतिक रूप से शरीर को डिटॉक्सिफाइंग करने के लिए आप नींबू पानी का उपयोग कर सकते हैं। आयुर्वेदिक टिप्स के अनुसार नीबू पानी का सेवन करना शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होता है। यह आपके वजन को संतुलित या कम करने में सहायक हो सकता है। नियमित रूप से सुबह 1 गिलास गर्म पानी के साथ नींबू के रस का सेवन न केवल पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है बल्कि वजन भी कम करता है। नींबू में ऐसे गुण होते हैं जो गर्म पानी के साथ मिलकर चयापचय को बढ़ाते हैं और वसा को आसानी से दूर कर सकते हैं।
इस तरह से आप भी अपने वजन को नियंत्रित करने के लिए आयुर्वेदिक टिप्स से लाभ ले सकते हैं।
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फिट और तंदरुस्त बने रहने के लिए आपको रोजाना व्यायाम करना चाहिए। वजन कम करने के आयुर्वेदिक तरीके के अनुसार व्यायाम करने से पसीना निकलता है। आयुर्वेदिक चिकित्सकों का मानना है कि नियमित रूप से किसी योग या व्यायाम को 40 से 45 मिनिट तक करने की आवश्यकता होती है। ऐसा करना आपके शरीर में अतिरिक्त वसा को कम करने में सहायक होता है जिससे आप आसानी से अपना वजन कम कर सकते हैं। लेकिन व्यायाम और योग के साथ ही आपको आयुर्वेदिक और संतुलित आहार करना चाहिए।
यह न केवल आपके शरीर को स्वस्थ रखता है बल्कि आपके मानसिक स्वास्थ्य को भी बढ़ाता है।
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आयुर्वेद के अनुसार पाचन तंत्र को सही तरीके से काम करने के लिए एक दिन का आराम देना आवश्यक है। हालांकि पाचन तंत्र कभी भी पूरी तरह से रूका हुआ या आराम की मुद्रा में नहीं होता है। लेकिन फिर भी ऐसा माना जाता है हर व्यक्ति को सप्ताह में कम से कम 1 दिन का उपवास रखना चाहिए। सप्ताह में 1 दिन का उपवास आपकी आंतों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। उपवास के दौरान आप अपने शरीर को तरल पेय, चाय, हल्के सूप आदि का सेवन कर सकते हैं जो आपको ऊर्जा दिलाने में सहायक हैं।
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प्रकृति हमें वे सभी साधन उपलब्ध कराती है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं। इसके लिए आपको मौसमी फलों और सब्जियों का भरपूर सेवन करना चाहिए। हमारे शरीर को भी विभिन्न मौसमी फलों और सब्जियों में मौजूद पोषक तत्वों की अतिआवश्यकता होती है। सभी प्रकार के अनाजों के साथ ही फलों और सब्जियों युक्त संतुलित आहार आपके शरीर के वजन को नियंत्रित करने में सहायक होता है। आप भी अपने वजन को कम करने के लिए आयुर्वेदिक टिप्स के रूप में संतुलित आहार का सेवन कर सकते हैं।
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अगर आप आयुर्वेदिक तरीके से वजन कम करना चाहतें हैं तो खूब पानी पीयें। पानी हमारे शरीर के लिए बहुत ही आवश्यक घटक है। लेकिन पानी पीने के गलत तरीके
आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं। भोजन करने के तुरंत बाद में या तुरंत पहले पानी पीना उचित नहीं है। जबकि पानी पीना समग्र स्वास्थ्य और वजन कम करने के लिए अच्छा होता है। भोजन के साथ पानी का सेवन करना पाचन में सहायक होता है। यही कारण है कि बहुत से लोग मोटे होते हैं क्योंकि उनका भोजन पर्याप्त मात्रा में टूटता नहीं है। जिससे शरीर में विषाक्तता उत्पन्न हो सकती है साथ ही यह हार्मोनल परिवर्तन का कारण बनता है। इसलिए आपको पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। लेकिन पानी भोजन के पहले या तुरंत बाद में पीने से बचें।(और पढ़े – पानी पीकर वजन कम करने के उपाय…)
आयुर्वेद में वजन कम करने के लिए बहुत से विकल्प होते हैं। आयुर्वेद में हर प्रकार की स्वास्थ्य समस्या को दूर करने के लिए उपाय मौजूद हैं। वजन कम करने के लिए भी आप आयुर्वेदिक टिप्स और औषधीयों का उपयोग कर सकते हैं। चूंकि ये आयुर्वेदिक उपाय बहुत ही सरल हैं और आसानी से उपलब्ध हो सकते हैं। इसलिए इनका उपयोग करना बहुत ही आसान है।
आइए जाने किन आयुर्वेदिक औषधीयों का उपयोग कर आप अपने वजन को कम कर सकते हैं।
यदि आप वजन कम करने के आयुर्वेदिक टिप्स अपनाना चाहते हैं तो नींबू और शहद मोटापा कम करने का सबसे अच्छा उपाय है। हर सुबह ब्रश करने के तुरंत बाद आप नींबू और शहद को पानी के साथ मिलाकर सेवन करें। यह एक स्वादिष्ट पेय भी है जो आपकी भूख को नियंत्रित करने में सहायक होता है जो आपके वजन को कम कर सकता है। कुछ लोग सर्दिर्यों के मौसम में नींबू का सेवन करने से कतराते हैं। अगर आपको भी ऐसा ही लगता है तो जान लीजिये की सर्दियों में भी गर्म पानी के साथ नींबू के रस और शहद का सेवन किया जा सकता है।
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आयुर्वेदिक टिप्स के अनुसार अदरक का उपयोग वजन को कम करने के लिए किया जा सकता है। क्योंकि अदरक में ऐसे गुण होते हैं जो शरीर में मौजूद अतिरिक्त वसा को कम कर सकते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि अदरक में जिंजरॉल नामक एक यौगिक होता है जो आंतरिक अंगों की सूजन को कम करने में सहायक होता है। इसलिए यह मोटापे और इंसुलिन प्रतिरोध के परिणामों को प्रभावित करता है। अदरक में मोटापे को कम करने के गुण भी होते हैं क्योंकि इसके प्रमुख 6-जिंजरॉल में लिपिड सिंथेसाइजिंग एंजाइमों की गतिविधियों में बदलाव करके वसा संश्लेषण को रोक दिया जाता है। इस तरह से यदि आप आयुर्वेदिक दवाओं से वजन को कम करना चाहते हैं तो अदरक को अपने नियमित आहार में शामिल करें।
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औषधीय जड़ी बूटीयों का आयुर्वेद में विशेष महत्व होता है। इन जड़ी बूटीयों का नियमित रूप से लंबे समय तक उपयोग करने से आपको निश्चित ही लाभ प्राप्त होगा। जब आप अपने वजन को नियंत्रित करने के लिए शहद और नींबू के रस का सेवन करते हैं तो इसमें काली मिर्च पाउडर को मिलाकर और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है। हालांकि इस मिश्रण को पीने के लिए यह बाध्यता नहीं है कि आप इसे केवल सुबह के समय पियें। आप इस औषधीय मिश्रण को दिन में कभी भी सेवन कर सकते हैं। जिन लोगों को नींबू से सर्दी होने का डर होता है इस डर को दूर करने के लिए काली मिर्च पर्याप्त है। इस तरह से वजन कम करने के आयुर्वेदिक टिप्स के रूप में आप इस उपाय को अपना सकते हैं।
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आयुर्वेद के अनुसार गोभी को कच्चा या पकाकर सेवन करना दोनों ही फायदेमंद है।
लेकिन ऐसा माना जाता है कि गोभी को कच्चा खाना अधिक फायदेमंद होता है।
आप अपने शरीर में मौजूद फैट को कम करने के लिए दिन में कुछ कच्चे गोभी खाने का प्रयास करें।
आप इसे भोजन से पहले या नाश्ते के रूप में कर सकते हैं।
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यदि आप आयुर्वेदिक तरीके से अपने वजन को कम करना चाहते हैं तो अपने आहार में मसालों का सेवन करें। मसाले की कमी पाचन आग को कम कर सकती है। जिससे पाचन व्यवस्था खराब होने की संभावना बढ़ जाती है। किसी शरीर में पाचन अग्नि को बनाए रखने के लिए आप तीखे, कड़वे और कसैले मसालों का उपभोग कर सकते हैं। जीरा, लाल मिर्च, सरसों और काली मिर्च जैसे कुछ मसाले हैं जो आपके पाचन तंत्र के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। इस तरह के मसालों का सेवन करने से शरीर में अतिरिक्त वसा को इक्हट्ठा होने से रोका जा सकता है। इस तरह से आप आयुर्वेदिक वजन कम करने के उपाय में इन औषधीय मसालों को अपने नियमित आहार में शामिल करें।
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विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य लाभों के लिए मेथी का सेवन किया जाता है। मेथी भी एक आयुर्वेदिक मसाला है जिसका उपयोग आप वजन कम करने के लिए कर सकते हैं। मेथी में मौजूद औषधीय गुण भी आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाने में सहायक होते हैं। मेथी में गैलेक्टोमेनान (Galactomannan) नामक एक घटक होता है जो पानी में घुलनशील है। यह भूख की भावना को कम करता है जिससे आपको बार-बार भोजन करने से मुक्ति मिल सकती है। इसके अलावा मेथी का सेवन करने से चयापचय दर में वृद्धि होती है। इन लाभों को प्राप्त करने के लिए आपको बस इतना करना है कि कुछ मेथी के बीजों को लें और इन्हें भून लें।
इन भुने हुए बीजों को पीसकर पाउडर तैयार करें। इस पाउडर को नियमित रूप से सुबह खाली पेट पानी के साथ सेवन करें। विकल्प के रूप में आप मेथी के पानी का भी सेवन कर सकते हैं।
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गुग्गुल (Commiphora Mukul) एक औषधीय उत्पाद है जिसका प्राचीन समय से उपयोग किया जा रहा है। यह एक औषधीय पौघा है जिसमें लस्टेरोल होता है जो गुग्गुलस्टेरोन के नाम से जाना जाता है। यह शरीर के चयापचय को उत्तेजित करता है जिससे वजन को कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा यह प्राकृतिक रूप से भी कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक होता है। आप भी इस आयुर्वेदिक औषधी का उपयोग कर अपने वजन को कम कर सकते हैं।
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विजयसार (Pterocarpus Marsupium) एक पर्णपाती वृक्ष है। इसकी छाल का उपयोग मधुमेह और मोटापे के लक्षणों को दूर करने के लिए किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि विजयसार में वसा को कम करने वाले गुण होते हैं जो पेट की चर्बी को दूर करने में मदद करते हैं। इसके अलावा इस पेड़ की राल और छाल का उपयोग करने से पाचन तंत्र को स्वस्थ रखा जा सकता है। आप प्रभावी परिणाम प्राप्त करने के लिए विजयसार का उपयोग कर एक हर्बल चाय का सेवन कर सकते हैं। विजयसार भी वजन कम करने के आयुर्वेदिक टिप्स में अपना विशेष स्थान रखता है।
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त्रिफला शरीर से विषाक्त पदार्थों को दूर करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा त्रिफला के फायदे पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं। त्रिफला एक आयुर्वेदिक औषधी है जो आंवला सहित दो अन्य जड़ी बूटीयों के संयोजन से बनाया जाता है। इस मिश्रण में शरीर की सफाई करने वाले गुण होते हैं। आयुर्वेद विशेषज्ञ के अनुसार नियमित रूप से गर्म पानी के साथ त्रिफला चूर्ण का सेवन कर आप अपने वजन को नियंत्रित कर सकते हैं। त्रिफला चूर्ण को रात के भोजन के लगभग 2 घंटे पहले और नाश्ते से लगभग आधा घंटे पहले सेवन करना चाहिए।
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दालचीनी (Cinnamon) भी एक आयुर्वेदिक औषधी है जिसे हम मसाले के रूप में उपयोग करते हैं। औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण दालचीनी का उपयोग विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक औषधियों के निर्माण में किया जाता है। मुख्य रूप से यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करती है। लेकिन दालचीनी शरीर के चयापचय को उत्तेजित करने में मदद करता है जो पेट की चर्बी को कम करने में सहायक होता है। एक अध्ययन के अनुसार दालचीनी फैटी आंत ऊतक के चयापचय को उत्तेजित करता है जिसका अर्थ यह है कि दालचीनी पेट की वसा को कम करने में सहायक हो सकता है। लाभ प्राप्त करने के लिए आप सुबह दालचीनी से बनी चाय का सेवन कर सकते हैं।
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