Ayurvedic Treatment For Hair Loss And Regrowth in Hindi हर्बल और आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट फॉर हेयर लॉस एंड रिग्रोथ सुनने में बहुत ही सामान्य लगता है। लेकिन क्या आपको पता है कि यह आयुर्वेदिक उपाय वास्तव में बालों को झड़ने से रोकने और हेयर रिग्रोथ के बहुत ही प्रभावी होते हैं। हेयर लॉस आज हम सब की एक विशेष समस्या बन चुकी है जिससे पुरुष और महिलाएं दोनो ही प्रभावित हैं। इस कारण अक्सर आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट फॉर हेयर लॉस एंड रिग्रोथ इन हिंदी के उपाय ढूंढ़े जाते हैं। बालों की समस्या आपकी सुंदरता को कम कर सकती है। विशेष रूप से आपके पतले बाल। जब आप ब्रश या कंघी करते हैं तो बहुत से बालों का गुच्छा हाथ में आ जाता है। बालों का झड़ना हमारे आत्मविश्वास को कमजोर कर सकता है। पर घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि बालों की समस्याओं का आयुर्वेदिक उपाय मौजूद है। कैसे? आइए जाने।
विषय सूची
आयुर्वेदिक हेयर ट्रीटमेंट – Ayurvedic Hair Treatment in Hindi
बालों और हमारे स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं को आयुर्वेदिक उपचारों से ठीक किया जा सकता है। आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट फॉर हेयर लॉस एंड रिग्रोथ को जानने से पहले हमें आयुर्वेदिक उपचार को समझना चाहिए। आयुर्वेद कहता है कि हमारा ब्रह्मड पांच तत्वों घरती, अग्नी, जल, आकाश और वायु से बना है। इसके अलावा हमारे शरीर के प्रमुख तीन दोष होते हैं अर्थात वत, पिट्ट और कफ। आयुर्वेद कहता है कि यदि हम इन सभी को संतुलित कर लें तो सभी प्रकार की शारीरिक समस्याओं से बच सकते हैं। ये तीनो दोष भी बालों के रंग, मजबूती, विकास आदि को प्रभावित कर सकते हैं।
माना जाता है कि वात हमारे तंत्रिका तंत्र को, पित्त पाचन तंत्र और चयापच के लिए जिम्मेदार होता है। जबकि कफ हमारे जोड़ों को स्नेहक प्रदान करने, मजबूत करने और प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है। आइए जाने बाल गिरने और regrowth के लिए घरेलू उपचार हेयर फॉल सलूशन इन आयुर्वेद इन हिंदी के बारे में।
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बाल गिरने से रोकने और रेग्रोथ के लिए आंवला एक आयुर्वेदिक उपचार का रूप है। घरेलू उपचार से आप अपनी स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के साथ ही बालों को झड़ने से रोकने के लिए आंवले का उपयोग कर सकते हैं। आवला न केवल बाल गिरने से रोकता है बल्कि यह रक्त को शुद्ध करने और अपचन की समस्या को दूर करने में भी मदद करता है। आंवला का उपयोग कर आप डैंड्रफ और स्कैल्प की खुजली को भी शांत कर सकते हैं। आंवला आपके बालों के लिए प्राकृतिक डाई के रूप में कार्य करता है जो बालों को प्राकृतिक रंग देता है।
बालों का आयुर्वेदिक उपचार (हेयर ट्रीटमेंट आयुर्वेदिक) करने के लिए आपको 5 – 6 बड़े चम्मच आंवला पाउडर और 5 – 6 बड़े चम्मच पानी की आवश्यकता होगी। एक कटोरी में आंवला पाउडर लें और इसका पेस्ट तैयार करें। इस पेस्ट को अपने बालों में अच्छी तरह से लगाएं। पूरे बालों में लगाने के आधा घंटे के बाद आप अपने बालों को हल्के शैम्पू से धो लें। विकल्प के रूप में आप आंवला पाउडर के साथ शिकाकाई को मिलाकर रात भर पानी में भिगों दें। इसके अलावा आप आंवले के रस का भी उपयोग कर सकते हैं। इसमें मौजूद पोषक तत्व आपके बालों को झड़ने से बचा सकते हैं।
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हेयर फॉल से बचने के लिए उपयुक्त भृंगराज को जड़ी बूटीयों का राजा कहा जाता है। भृंगराज का उपयोग बालों की समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। यह न केवल बालों के विकास में मदद करता है बल्कि यह गंजेपन की समस्या को भी कम कर सकता है। बालों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले उत्पादों में भृंगराज को प्रमुख घटक के रूप में उपयोग किया जाता है। अक्सर सौंदर्य चिकित्सक सलाह देते हैं कि आप अपने बालों में नियमित रूप से भृंगराज तेल का उपयोग करें। क्योंकि यह बालों के विकास की गति को बढ़ा सकता है। आप अपने बालों के विकास को बढ़ावा देने के लिए भृंगराज का कई प्रकार से उपयोग कर सकते हैं। हालांकि भृंगराज से बने हुए कई उत्पाद बाजार में उपलब्ध हैं लेकिन आप इसे अपने घर पर भी बनाकर उपयोग कर सकते हैं।
भृंगराज तेल बनाने के लिए आप इसकी कुछ ताजा पत्तियां लें और धूप में इसे सुखा लें। इसके बाद आप एक जार में नारियल का तेल लें और इसमें इन सूखी पत्तियों को डुबों दें। इस जार को दो दिनों तक धूप में रखें और नारियल के तेल का रंग बदलने तक प्रतीक्षा करें। जब नारियल तेल का रंग हल्का हो जाए तो इस तेल को किसी अन्य बोतल में भर कर सुरक्षित जगह पर रखें। इस तेल का उपयोग नियमित रूप से करने पर यह आपके बालों के विकास को बढ़ावा देने के साथ ही अन्य समस्याओं को भी दूर करेगा।
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बाल उगाने के लिए एक प्राकृतिक शैम्पू के रूप में प्राचीन समय से ही रीठा का उपयोग महिलाओं के द्वारा किया जा रहा है। नियमित रूप से रीठा का उपयोग करने पर यह बालों के विकास को बढ़ावा दे सकता है। इसके अलावा यह बालों की गुणवत्ता और इनकी संख्या को भी बढ़ा सकता है। इसका उपयोग बालों के प्राकृतिक तेल को हटाए बिना ही बालों को पोषण उपलब्ध कराता है। घर पर ही रीठा से बने प्राकृतिक शैम्पू को तैयार करने के लिए आपको चाहिए :
1 मुठ्ठी रीठा के सूखे फल और 2 कप पानी। आप 2 कप गर्म पानी में रीठा के फलों को रात भर भीगने दें। अगली सुबह रीठा सहित इस पानी को 15 मिनिट तक उबालें और फिर इसे ठंडा होने दें। इस पानी में रीठा को निचोड़ कर अलग कर लें और लगभग 5 मिनिट की मालिश के बाद आप इसे साफ पानी से धो लें। बालों के विकास के लिए रीठा शैम्पू का उपयोग हर दूसरे दिन करना चाहिए।
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सिर और बालों से संबंधित समस्याओं के आयुर्वेदिक उपचार के लिए एलोवेरा का उपयोग बहुत ही फायदेमंद होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि एलोवेरा में प्रोटियोलिटिक एंजाइम होते हैं जो क्षतिगसत कोशिकाओं की मरम्मत कर सकते हैं। जिससे बालों की जड़ों को मजबूत करने में मदद मिलती है। इसके अलावा एलोवेरा में एंटी इंफ्लामेटरी गुण भी होते हैं जो सिर की जलन और खुजली को भी दूर करने में मदद करते हैं। आप अपने बालों में मौजूद डैंड्रफ को हटाने
के लिए भी एलोवेरा का उपयोग कर सकते हैं।अपने बालों में एलोवेरा के प्राकर्तिक और आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट करने के लिए आप ताजे एलोवेरा की पत्तियों को तोड़ें, जितनी भी की आपको आवश्यकता हो। इसकी पत्तियों की ऊपरी परत को निकाल कर अलग कर दें और इसकी लुग्दी को किसी कटोरी में इकठ्ठा करें। इस लुग्दी को अच्छी तरह से मिलाएं और अपने बालों में लगाएं। बालों में एलोवेरा जेल लगाने के लगभग 1 घंटे के बाद इसे सामान्य पानी से धो लें। बालों की देखभाल में प्रभावी परिणाम प्राप्त करने के लिए प्रति सप्ताह 3-4 बार एलोवेरा जेल का उपयोग करें।
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प्राकृतिक रूप से बालों की देखभाल के लिए जोजोबा तेल सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है। नियमित रूप से जोजोबा तेल का बालों में उपयोग करने पर यह बालों के झड़ने की समस्या को कम कर सकता है। जोजोबा तेल में एंटीफंगल गुण होते हैं। इसके अलावा इस आयुर्वेदिक तेल में विटामिन ई, ओमेगा-6 और ओमेगा-9 फैटी एसिड भी उच्च मात्रा में होते हैं। इन पोषक तत्वों की उपलब्धा फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद कर सकती है। फ्री रेडिकल्स हमारे बालों में प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। जोजोबा तेल से बालों की नियमित मालिश करने पर बालों के स्वास्थ्य को बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा यह बालों की जड़ों को मजबूत करने और नए बालों को उगने में भी मदद करता है।
बालों की मालिश के लिए आप जोजोबा तेल को बाजार से खरीद सकते हैं। लेकिन इसकी शुद्धता आदि का ख्याल रखना चाहिए। आप इस तेल को किसी साफ बर्तन में रखें और हल्का गर्म करें। इस तेल को बालों में लगाएं और बालों की हल्की मालिश करें। लगभग आधे घंटे के बाद आप अपने बालों को हल्के शैम्पू के साथ धो लें। यह आपके बालों के विकास में मदद कर सकता है।
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नीम का उपयोग एक आयुर्वेदिक होम ट्रीटमेंट के रूप में किया जा सकता है। नीम में विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने की शक्ति होती है। इसी तरह से नीम के औषधीय गुण आपके बालों की समस्याओं को भी कम कर सकते हैं। प्राचीन समय से ही नीम का उपयोग बाल के उपचार के लिए किया जा रहा है। परंपरागत रूप से नीम का उपयोग बालों के झड़ने की समस्या को कम कर सकता है। नीम में एंटी माइक्रोबियल गुण होते हैं जो बालों और इनके विकास में बाधा बनने बाले कारकों को नष्ट करने में मदद करते हैं। नीम के पत्ते या इससे निकाले गए रस का उपयोग करने पर आप निश्चित ही बालों के विकास को बढ़ा सकते हैं।
घर पर एंटी हेयर फॉल नीम मास्क बनाने के लिए आप नीम के पत्तों को पीसकर एक गाढ़ा पेस्ट बना लें। इस पेस्ट में थोड़ा सा गर्म पानी मिलाकर पेस्ट को पतला कर लें। अब इस मिश्रण को अपने बालों में लगाएं और बालों को किसी तौलिया या कपड़े से ढक लें। लगभग 1 घंटे के बाद आप अपने बालों को शैम्पू की मदद से साफ कर लें।
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आयुर्वेद की द्रष्टि में बालों की जड़ों को मजबूत करने के लिए दही का उपयोग किया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि बालों के विकास के लिए दही किसी चमत्कार से कम नहीं है। दही में विटामिन बी 5 और विटामिन डी की उच्च मात्रा होती है। इसके अलावा दही में कैल्शियम भी अच्छी मात्रा में होता है। ये सभी पोषक तत्व बालों के विकास में अहम योगदान देते हैं। हेयर फॉल को कम करने के लिए दही से उपचार इस प्रकार है :
आप 1 चम्मच शहद और नींबू के रस के साथ 2 चम्मच दही मिलाएं। अच्छी तरह से पेस्ट बनाने के बाद ब्रश की सहायता से इस मिश्रण को अपने बालों में लगाएं। लगभग 30 मिनिट के बाद आप अपने बालों को सामान्य पानी से धो लें। बालों को गिरने से बचाने के लिए सप्ताह में कम से कम 1 बार इस मिश्रण का उपयोग किया जाना चाहिए।
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आप आयुर्वेदिक खाद्य पदार्थ और जड़ी बूटीयों के साथ ही औषधीय तेलों का भी उपयोग कर सकते हैं। इन औषधीय तेलों में ऐसे गुण मौजूद रहते हैं जो बालों की समस्या का प्रभावी इलाज कर सकते हैं। अच्छे ब्रांड के प्राकृतिक तेल आपके बालों को गिरने से बचा सकते हैं। आइए जाने किन प्राकृतिक तेलों का उपयोग कर बालों को झड़ने से बचाया जा सकता है।
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हेयर लॉस के लिए आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट में सुंदर और स्वस्थ्य बालों को पाने का सबसे अच्छा विकल्प अंरडी के तेल को माना जाता है। प्राचीन समय से ही बालों की देखरेख के लिए इस औषधीय तेल का उपयोग किया जा रहा है। यह बालों के झड़ने की समस्या को कम कर सकता है। इस तेल में मौजूद प्रोटीन, खनिज पदार्थ और विटामिन ई बालों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। अंडी के तेल में रेजिना लिक एसिड(ricinoleic acid) और ओमेगा-6 फैटी एसिड भी होता है। यह स्कैल्प में रक्त परिसंचरण को बढ़ावा देता है जिससे बालों के विकास में वृद्धि होती है। आप भी अपने बालों को स्वस्थ्य रखने और उनके विकास को गति देने के लिए कैस्टर ऑइल का नियमित उपयोग कर सकते हैं।
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बालों की जड़ों को नेचुरल और आयुर्वेदिक रूप से मजबूत करने और नए बालों को उगाने के लिए लैवेंडर तेल का उपयोग करें क्योंकि इसमें बालों को उगने की क्षमता होती है। इस तेल में मौजूद लिनलूल और लिनालूल एसीटेट (Linalool and Linalyl Acetate) बालों की जड़ों को गहराई से पोषण दिलाते हैं। जिससे बालों के विकास में मदद मिल सकती है। यह स्कैल्प में नए रोम छिद्रों को उत्तेजित करने में भी मदद करता है। इस तरह से आप भी लैवेंडर तेल के लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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औषधीय गुणों से भरपूर रोजमैरी तेल आपके बालों के लिए बहुत ही फायदेमंद आयुर्वेदिक उपचार है। यह तेल आपके बालों के विकास को बढ़ावा देता है। शोधकर्ता बताते हैं कि इस तेल में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण वाला कार्नोसोल (Carnosol) होता है। कार्नोसोल शरीर में हार्मोन को संतुलित करने में मदद करता है जिससे बालों के विकास को गति मिलती है। इस तरह से आप भी अपने बालों का ख्याल रखने के लिए रोजमैरी तेल का नियमित उपयोग कर सकते हैं।
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