हर माँ आपने बच्चों के बारे में बहुत सी चीज़ों के लिए चिंतित रहती है। उनमें से एक है बच्चे की त्वचा। अक्सर मायें चाहती हैं की उनके बच्चे की त्वचा निखरी और दाग धब्बो रहित हो। और ये भी सच है की अक्सर जन्म के बाद बच्चे का रंग थोड़ा छिप जाता है जो बाद में अपने आप उम्र बढ़ने के साथ-साथ ठीक हो जाता है। वास्तव में इसका कारण त्वचा में मौजूद मिलानिन पिगेमेंट (melanin pigment) होता है जिसके अधिक होने पर त्वचा का रंग सांवला होता है। इसके अतिरिक्त अनुवांशिक कारणों यानी माँ बाप के रंग की वजह से भी कई बार बच्चे का रंग सांवला हो जाता है।
ऐसे में परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि सही समय आने पर बच्चे का रंग अपने आप ही साफ़ हो जाता है। इसके अलावा भी कुछ तरीके और उपाय है जिनकी मदद से आप अपने बच्चे के रंग को साफ़ कर सकती है। इन उपायों से आपका बच्चा और बच्चों की तरह बिलकुल गोरा तो नहीं होगा लेकिन हां, उसकी त्वचा के रंग में कुछ फर्क जरूर आएगा। और अगर आप सोच रही है की मालिश करने से आपका बच्चा गोरा हो जाएगा तो समझ लें की मालिश करने से बच्चा गोरा नहीं होता बल्कि उसकी हड्डियां और मासपेशियां मजबूत होती है।
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यहाँ हम आपको उन्ही कुछ उपायों के बारे में विस्तार से बताने जा रहे है। बच्चे की त्वचा को गोरा और दाग रहित बनाने के लिए बहुत से घरेलू नुस्खे हैं। लेकिन चूँकि बच्चे की त्वचा कोमल और नाजुक होती है। सभी नुस्खे बच्चो के संवेदनशील त्वचा के लिए ठीक भी नहीं होते है। इसीलिए इस लेख में उन उपायों के बारे में जिक्र किया गया है जिनसे बचे की त्वचा सुरक्षित रहती है तो आइये जानते है क्या है वे उपाय।
शिशु के दबे हुए रंग को निखारने के लिए आप उसकी नारियल तेल से मालिश करें। क्योंकि, यह सिर्फ त्वचा को निखारने में ही मदद नहीं करता है बल्कि इसे लगाने से बच्चे के शरीर में इंफेक्शन का भी डर नहीं रहता। साथ ही यह तेल, नाजुक त्वचा के लिए काफी लाभकारी होता है।
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छोटे बच्चों को नहलाने के लिए न बहुत ज्यादा ठंडे और न बहुत ज्यादा गर्म पानी की आवश्यकता है। क्योंकि उनकी त्वचा बहुत संवेदनशील होती है। ऐसे में अगर आप बहुत ठंडे या बहुत गर्म पानी का प्रयोग करेंगे तो दुष्परिणाम सामने आ सकते है। जिससे उसकी त्वचा का रंग और सांवला हो सकता है। इसीलिए छोटे बच्चों को हमेशा गुनगुने पानी से ही नहलाना चाहिए। एक कप कच्चे दूध को लेकर अपने नवजात शिशु के पूरे शरीर में हल्के हाथों से मलें, उसके बाद गुनगुने पानी से नहला दें। इससे बच्चे के रंग में निखार तो आएगा ही साथ ही बच्चे की त्वचा कोमल और मुलायम भी बनी रहेगी।
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अपने बच्चे को बेसन और दूध का बना हुआ पैक भी लगा सकती हैं यह उबटन केवल नवजात शिशुओं के लिए बनाया जाता है जिससे उनकी स्किन को कोई नुकसान भी नहीं होता और उनके रंग में भी फर्क आ जाता है। इसके लिए आप बेसन, पानी, दूध और बेबी आयल को बराबर मात्रा में एक साथ मिलाकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट से बच्चे के शरीर को हलके हाथों से रगड़ें। इसके प्रयोग से बच्चे की स्किन में चमक भी आएगी और रक्त परिसंचरण भी बेहतर होगा।
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बच्चे की स्किन बहुत अधिक ड्राई होती है, जिससे बच्चों की त्वचा की अतिरिक्त देखभाल करने की आवश्यकता होती है। जिसके लिए आप मॉइस्चराइज़र का प्रयोग कर सकते है। इसके लिए हमेशा अच्छे और बेस्ट क्वालिटी और ब्रांड वाले मॉइस्चराइज़र का ही प्रयोग करें। बच्चे की स्किन को रुखा होने से बचाने के लिए 4 घंट के अंतराल में उसकी त्वचा पर मॉइस्चराइज़र लगाते रहे। ऐसा करने से बच्चों का रंग तो साफ होगा ही साथ-साथ त्वचा का रूखापन भी दूर हो जाएगा। यदि आप शरीर पर बेबी लोशन लगाना चाहती हैं तो किसी अच्छी कंपनी के क्रीम्स या लोशन खरीदें।
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छोटे बच्चों की स्किन पर कभी भी साबुन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। क्योंकि साबुन बच्चों की त्वचा की बाहरी परत को हटा देता है जिससे वे रूखी और बेजान हो जाती है। इसकी बजाय आप दूध, क्रीम (मलाई) या गुलाबजल से बच्चे की स्किन साफ़ कर सकती है। चाहे तो ग्लिसरीन और क्रीम से बने बेबी वाश का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
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धुप बच्चों के लिए बहुत अच्छी होती है। क्योकि धुप से विटामिन डी प्राप्त होता है ये उनके शरीर में रक्त संचार को बढ़ाती है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है की आप उसे रोजाना धुप में ले जाएँ। क्योंकि लम्बे समय तक धुप के सम्पर्क में रहने से बच्चे का रंग सावला हो सकता है। इसलिए आप सुबह की हलकी धूप में ही अपने बच्चे को रखे अल्प समय की धुप उसको बहुत से फायदे प्रदान करती है।
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6 महीने के बाद के बच्चों का रंग साफ़ करने के लिए फलों का रस वाकई एक जादुई उपाय है। अंगूर का रस पिलाने से बच्चे की त्वचा का रंग अच्छा होने लगता है। सेब और नारंगी जैसे फलों का रस भी उसका रंग निखारने में मदद कर सकते है। ये थे कुछ तरीके जिनकी मदद से आप अपने बच्चों के रंग को सावला होने से बचा भी सकती है और उसे कुछ कम भी कर सकती है।
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