How To Make A Child Obedient In Hindi: बच्चों को आज्ञाकारी कैसे बनाएं, आज लगभग हर माता-पिता इस सवाल का जवाब जानना चाहते हैं। जैसे-जैसे बच्चों की उम्र बढ़ती है, उनमें बहुत सारे व्यवहारिक बदलाव होने लगते हैं। जिनमें से प्रमुख है माता-पिता का कहना ना मानना, उनका आदर न करना, उनसे झगड़ा करना आदि। दरअसल, जब बच्चे छोटे होते हैं और वे कोई बात न मानें या गुस्सा करें, तो सबको बहुत प्यारे लगते हैं, लेकिन जब यही बच्चे बड़े होकर अपने बड़ों की आज्ञा का पालन न करें, तो सब उनसे नफरत करने लगते हैं।
इन बच्चों से न तो कोई उम्मीद करता है और न ही दिल में उसके लिए प्यार रहता है। ऐसे में हर माता-पिता के लिए जरूरी है, कि वह अपने बच्चे को बड़ों की आज्ञा का पालन करना सिखाएं। उन्हें बताएं कि माता-पिता की आज्ञा मानने से न केवल जीवन में सफलता मिलती है, बल्कि समाज में उन्हें सम्मान भी मिलता है।
आज का हमारा ये आर्टिकल ऐसे माता-पिता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जो अपने बच्चे के कहना ना मानने से परेशान हैं। यहां पर हम आपको बच्चों को आज्ञाकारी बनाने के ऐसे उपाय बताएंगे, जिनसे आपको अपने बच्चे को आज्ञाकारी बनाने में बहुत मदद मिलेगी। अपने बच्चों को आज्ञाकारी बनाने के लिए अपनाये यह तरीके।
जमाने के साथ बच्चों की दुनिया भी बदल रही है। अगर हम बच्चों के साथ दोस्त बनकर रहेंगें तो वह सुधरेंगे और यदि हम बार बार बच्चों के दोष निकालते रहेंगें तो वह बिगडेंगे। नीचे हम आपको कुछ ऐसे उपाय बता रहे हैं जिन्हें आजमाकर आप अपने बच्चे के नकारात्मक रवैये को आसानी से दूर कर सकते हैं अपने बच्चों को आज्ञाकारी बनाने के लिए अपनाये यह तरीके…
बचपन से ही हम सुनते आ रहे हैं, कि बड़ों की आज्ञा माननी चाहिए। आज्ञा मानना एक पारंपरिक मूल्य है और आज्ञाकारी होना एक संस्कार की निशानी है। हमसे बड़े लोग अनुभवी होते हैं। उन्हें हम से ज्यादा सही और गलत की पहचान होती है। इसलिए अगर वो कोई आज्ञा दें, तो इसका मतलब है कि वे पूरी तरह से सही हैं और आपको उनकी बात माननी चाहिए। ऐसा करने से न केवल भगवान आपसे खुश रहेंगे, बल्कि बड़ों के बीच आपका सम्मान और आदर भी होगा। बड़ों का स्नेह और आशीर्वाद पाने के लिए उनकी आज्ञा का पालन करना बहुत जरूरी है। ऐसे बच्चे जो अपने माता-पिता की आज्ञा मानते हैं, उन्हें जीवन में बहुत तरक्की मिलती है और वे समाज में अच्छा पद हासिल कर आज्ञाकारी नागरिक भी कहलाते हैं।
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अपने बच्चे को आज्ञाकारी बनाना वैसे इतना मुश्किल काम भी नहीं है। बस आपको सही तरीके पता होने चाहिए। यहां हम आपको कुछ ऐसे ही शानदार तरीके बताने जा रहे हैं, जिन्हें फॉलो कर आप अपने बच्चे को कम उम्र से ही आज्ञाकारी बनाने में सफल हो पाएंगे। अपने बच्चों को आज्ञाकारी बनाने के लिए अपनाये यह तरीके।
बच्चे छोटे हों या बड़े उन्हें आज्ञाकारी बनाने के लिए सबसे पहले ना शब्द का अर्थ बताना चाहिए। बच्चों को आज्ञाकारी कैसे बनाएं में नहीं शब्द के अर्थ का विशेष महत्त्व होता है। अक्सर बच्चों को ना सुनने की आदत नहीं होती और माता-पिता के नहीं कहने पर भी वे अपने जिद्दी व्यवहार के कारण अपना काम करवा ही लेते हैं। इसलिए बच्चों को आज्ञाकारी बनाने के उपाय में उन्हें सिखाएं, कि अगर कोई किसी चीज के लिए ना कह दे, तो उसकी आज्ञा का पालन करना उनका पहला फर्ज है।
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बच्चों को आज्ञाकारी बनाने के उपाय में मृदुभाषी शब्दों का इस्तेमाल करना बहुत ही जरुरी है। अपने बच्चे को डांट-फटकार, चिल्लाने या धमकाने से उसे आज्ञाकारी नहीं बनाया जा सकता। जैसे कई पैरेंट्स ऐसे धमकी देते हैं, ठहर जा, पिताजी को आने दे, तुझको मजा न चखाया तो कहना। ऐसी धमकियों से बच्चा ढीठ बन जाता है। इसलिए उसके साथ मृदुभाषी शब्दों का इस्तेमाल करें और अच्छे शब्दों में उसे आज्ञाकारी होने का मतलब भी समझाएं। ऐसा जरूरी नहीं, कि आपका बच्चा उसी वक्त से आपकी आज्ञा का पालन करने लग जाए, लेकिन आप उसे ऐसा करने के लिए प्रशिक्षित जरूर कर सकते हैं।
आज्ञाकारिता प्राकृतिक रूप से बच्चों में नहीं आती। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित करना पड़ता है। बच्चों को आज्ञाकारी कैसे बनाये में खेल का बहुत महत्त्व होता है। आपने देखा होगा, कि अक्सर जब हम बच्चे को कोई चीज छूने के लिए मना करते हैं, तो वह उसे जरूर छू कर देखेगा। इसलिए आप चाहें, तो बच्चों को खेलों के माध्यम से आज्ञा का पालन करना सिखा सकते हैं।
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बच्चे को आज्ञाकारी बनाने के लिए उसे रिवॉर्ड के तौर पर कुछ तो देना ही चाहिए। जैसे तारीफ। जी हां, आप दूसरों के सामने अपने बच्चे के आज्ञाकारी होने की तारीफ कर सकते हैं। वो भी तब जब बच्चा वहीं मौजूद हो। जैसे आप कह सकते हैं, कि मुझे पता है कि मेरा बेटा अंदर जाएगा और हाथ धोकर आएगा। ऐसा कहने से वह खुश हो जाएगा और तुरंत हाथ धोने चला जाएगा। आपका इस तरह से कहना बच्चे को आज्ञाकारी बनाने में बहुत मदद करेगा।
बच्चे को अगर कोई बात समझनी है तो हमेशा शांत रह कर ही समझाएं, गुस्से या जबरदस्ती से नहीं। वरना बच्चा आज्ञाकारी बनाने की जगह और भी जिद्दी हो जायेगा। बच्चे को अगर कोई बात समझानी है, जैसे किसी का आदर करना, बात मानना आदि तो उस पर सख्ती जरूर बरतें, लेकिन शांत रहकर समझाएं। अगर बच्चा छोटा है, तो उसे समझाएं कि भगवान कहते हैं, कि बच्चों को अपने से बड़ों का कहना मानना चाहिए, चाहे वह माता-पिता, भाई -बहन या अन्य कोई हो। अगर आप जोर-जबरदस्ती कर उसे कुछ भी समझाएंगे, तो बच्चा समझेगा नहीं, बल्कि और जिद्दी हो जाएगा।
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बच्चे को आज्ञाकारी बनाने के लिए दूसरो की इज़्ज़त करना महत्वपूर्ण गुण है। क्योंकि बच्चे अपने माँ बाप या अपने आस पास के माहौल से सबसे ज्यादा सीखते हैं। ये सच है, कि बच्चे में छोटी उम्र से ही अपने माता-पिता के गुण आ जाते हैं। वो जैसा करते हैं, बच्चे भी वैसा देखते और करते हैं। अगर आप चाहते हैं, कि आपका बच्चा आपकी आज्ञा माने, बड़ों का आदर करें, तो पहले आप खुद इस पर अमल करें। अगर आप अपने बड़ों की इज्जत करेंगे, तो आपके बच्चे भी आपको देखकर ये सब गुण सीखेंगे।
बच्चे को आज्ञाकारी बनाने के लिए उसे प्रोत्साहित करें। आपका बच्चा कोई भी अच्छा काम करे, बड़ों का आदर-सम्मान करें या फिर सबकी बात मानें, तो उसे प्रोत्साहन के तौर पर ईनाम जरूर दीजिए। लेकिन ऐसा आपको बार-बार नहीं करना है। वरना ये बच्चे की आदत बन जाएगी और वो फिर ईनाम पाने के लिए ही बड़ों की बात मानेगा।
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अपने बच्चों को आज्ञाकारी बनाने के लिए सहयोग की आदत डालें। देखा जाता है, कि अक्सर बच्चे अपने माता-पिता के अलावा किसी और का कहना नहीं मानते। ये आदत बहुत बुरी है। ऐसा करके बच्चे अपने बड़ों का अनादर करते हैं। माता-पिता होने के नाते आपका फर्ज है कि बच्चों में सहयोग और मिलकर काम करने की आदत डालें। बच्चा केवल इस भावना से काम न करे कि माता-पिता उसकी तारीफ करेंगे, बल्कि इस भावना से करे कि ये करना ठीक है।
बच्चे को उसके बुरे कामों के लिए डांटते समय ध्यान रखें, कि उसे हमेशा गलती करते वक्त ही डांटें। एक या दो दिन बाद नहीं। एक या दो दिन बाद बच्चे पर डांट या सजा का असर नहीं होता, बल्कि वह उल्टा चिढ़ जाता है। बच्चों को आज्ञाकारी बनाने के लिए सजा देते समय ध्यान रखें, कि उसका आत्म सम्मान नष्ट न हो। वरना उसमें हीनता की भावना पैदा हो जाएगी।
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बच्चों को सही और गलत के बीच फर्क बताएं। उन्हें गलत प्रतिक्रियाओं का उदाहरण दें। उन्हें समझाएं कि अगर वे अपने से बड़ों की इज्जत नहीं करेंगे, उनकी आज्ञा नहीं मानेंगे, तो इसके क्या परिणाम हो सकते हैं और आज्ञाकारी बनने के क्या फायदे होंगे। बच्चे आपकी बात को जरूर समझेंगे।
यह बच्चों को आज्ञाकारी बनाने का बहुत ही अच्छा उपाय है। अपने बच्चे को आज्ञाकारी बनाने के लिए उसके लिए एक कैरेक्टर चार्ट बनाने पर विचार करें। जब भी आपका बच्चा अच्छा व्यवहार करे, तो उसे एक स्टीकर जरूर दें, एक निश्चित संख्या में स्टीकर हासिल किए जाने के बाद आप उसे एक ईनाम देकर भी प्रोत्साहित कर सकते हैं। बता दें कि, व्यवहार में परिवर्तन को प्रोत्साहित करने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना बहुत जरूरी है।
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अगर आपका बच्चा किसी की कोई बात नहीं मानता, तो उसे आज्ञाकारी न होने के परिणाम स्पष्टता के साथ बताएं। आप उसे बताएं, कि आज्ञा का पालन न करने से दूसरे लोगों की नजर में उसकी और उसके माता-पिता की इज्जत कम हो सकती है। साथ ही दूसरों की आज्ञा मानना एक अच्छा और नेक काम है। ऐसा करने से आपको पुण्य और बड़ों का आर्शीवाद दोनों मिलते हैं।
बच्चों के सामने अपनी कोई भी बात को बार-बार दोहराने से बचना चाहिए। कोशिश करें, कि बच्चा आपकी एक आवाज पर ही आपकी बात मान ले। जैसे आप उसे कह सकते हैं, कि तीन की गिनती में टीवी बंद कर दे, बीस मिनट में खेल कर घर वापस आए, अगर लेट हुआ तो टीवी देखने की अनुमति नहीं मिलेगी। ऐसा सुनकर आपका बच्चा आपकी आज्ञा का पालन जरूर करेगा।
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बच्चे को सही और गलत की पहचान कराना पैरेंट्स का तो फर्ज है ही, लेकिन बच्चों का भी कर्तव्य है कि वह बड़ों की बात मानें। उनकी हर आज्ञा का पालन करें। यहां हम बच्चों के लिए कुछ ऐसे ही टिप्स बता रहे हैं, जो उन्हें आज्ञाकारी बनने में बहुत काम आएंगे।
आप कितने आज्ञाकारी हैं, ये आपकी पर्सनालिटी (जैसे कपड़े, रहने का तरीका, स्टाइल आदि) को देखकर पता चल जाता है। हम आपको यहां रहन-सहन के कुछ ऐसे ही तरीके बता रहे हैं, जिनसे लोगों के मन में आपकी छवि एक आज्ञाकारी बच्चे की बन जाएगी।
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अपने माता-पिता की आज्ञाकारी संतान बनने के लिए जीवन में शिष्टाचार बहुत जरूरी है। अगर आप वाकई आज्ञाकारी बनना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए टिप्स को जल्द से जल्द अपने जीवन में लागू कर सबकी नजर में अच्छा इंसान बन सकते हैं।
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ऊपर लेख में आपने जाना बच्चे को आज्ञाकारी कैसे बनाएं। कोई भी आदत रातों- रात नहीं बदली जा सकती। बच्चे में आज्ञाकारिता की आदत विकसित करने के लिए समय और ऊर्जा की जरूरत होती है। बच्चे को आज्ञाकारी बनाना आप पर निर्भर करता है। उन्हें ऐसे सिखाएं, कि वह समझें कि माता-पिता उसकी भलाई के लिए ऐसा कहते हैं। उनकी बात मानने से उसे खुद को भी सुख और आनंद की अनुभूति होगी। लेकिन ये तभी संभव है, जब आप बच्चे के प्रति कठोर न होकर सहनशील माता-पिता बनेंगे। ऐसे में बच्चा आपकी और दूसरों की आज्ञा का पालन जरूर करेगा।
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