भारत में यौन शिक्षा यानि सेक्स एजुकेशन एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर आज भी लोग बात करना गंदा मानते हैं। खासतौर से कई लोग बच्चों के सामने सेक्स से जुड़ी बात करने के पक्ष में भी नहीं है। भले ही आप या हम बच्चों के सामने यौन संबंध की बात करने से कतराते हों, लेकिन सच तो ये है कि आजकल के बच्चे इन सब चीजों में जिज्ञासा रखते हैं और अब वे अपने माता-पिता से इस संबंध में सवाल करने से हिचकते भी नहीं हैं। इसलिए हमने आपके लिए यह सेक्स शिक्षा गाइड तैयार की है इसमें हमने: सेक्स की जानकारी, किशोरों के लिए यौन शिक्षा, माता-पिता का अपने बच्चों को सेक्स एजुकेशन देना, विवाहित जोड़ो के लिए सेक्स एजुकेशन, और स्कूलों में सेक्स शिक्षा के बारे में बताया है।
आजकल इंटरनेट पर ज्यादा से ज्यादा समय बिताने पर बच्चों को सेक्स संबंधी सामग्री आसानी से मिल जाती है। ऐसे में बच्चे अगर माता-पिता से यौन संबंध से जुड़ा कोई सवाल कर ले, तो माता-पिता के पसीने छूट जाते हैं। उन्हें समझ ही नहीं नहीं आता, कि वे बच्चे के सवाल का जवाब आखिर कैसे दें या इस संबंध में उनसे कैसे बात करें। यह उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं होता। तो चलिए आज के हमारे इस आर्टिकल में हम आपको बताते हैं कि कैसे अपने बच्चे को यौन शिक्षा की जानकारी दें, लेकिन इससे पहले जानिए कि यौन शिक्षा यानि सेक्स एजुकेशन क्या है और बच्चों के लिए सेक्स एजुकेशन क्यों जरूरी है ।
विषय सूची
1. सेक्स एजुकेशन क्या है – What is sex education in Hindi
2. भारत में क्यों जरूरी है यौन शिक्षा – Importance of Sex Education in India in Hindi
3. सही उम्र में सेक्स शिक्षा महत्वपूर्ण क्यों है? – Why Is Sex Education Important At The Right Age in Hindi
4. बच्चों में यौन शिक्षा का उद्देश्य – Sex education aims in Children in Hindi
5. सेक्स एजुकेशन की आवश्यकता क्यों है – Sex education reason in Children in Hindi
6. स्कूलों में यौन शिक्षा – Sex education in schools in Hindi
7. माता-पिता के लिए यौन शिक्षा – Sex education for parents in Hindi
8. बच्चों से उनकी उम्र के अनुसार सेक्स की बात करें – Talking to kids about sex according to their age in Hindi
9. यौन शिक्षा से जुड़े अपेक्षित प्रश्र – Expected Questions related to sex education in Hindi
10. सेक्स के बारे में बच्चों से बात करने के टिप्स – Tips for talking to kids about sex in Hindi
सेक्स एजुकेशन क्या है – What is sex education in Hindi
यौन शिक्षा एक ऐसी प्रोसेस है, जिसमें स्कूल में टीचर और घर में माता-पिता बढ़ते बच्चों को यौन संबंधी जानकारी देते हैं। ताकि वह अपनी यौन क्रिया, करीबी रिश्ते और यौन पहचान के बारे में जान सकें। यह क्रिया बच्चों को यौन संबंधों के प्रति एक अच्छी समझ पैदा करती है, जिससे भविष्य में वे यौन संबंधित फैसले लेने में सक्षम होते हैं।
सेक्स एजुकेशन के संबंध में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा यह निर्देश जारी किया गया था कि 12 वर्ष और उससे अधिक आयु वाले बच्चों को स्कूल में सेक्स एजुकेशन दी जानी जरूरी है। एक सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है, कि जिन बच्चों को शिक्षकों द्वारा सेक्स एजुकेशन दी गई है, वे अपनी सही उम्र में जाकर शारीरिक संबंध बनाते हैं वो भी सुरक्षित तरीके से।
यौन शिक्षा मानव यौन व्यवहार से संबंधित मुद्दों पर एक निर्देश चिकित्सा है, जिसमें भावनात्मक जिम्मेदारियां और रिलेशनशिप, यौन गतिविधियां, यौन सहमति की उम्र, मानव यौन शरीर रचना विज्ञान, प्रजनन अधिकार, प्रजनन की आयु, जन्म नियंत्रण, सुरक्षित यौन संबंध और यौन संयम से संबंधित मामलों के बारे में जानकारी शामिल होती हैं।
सेक्स शिक्षा जो इन सभी पहलुओं को शामिल करती है, जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, व्यापक यौन शिक्षा के रूप में जानी जाती है। सेक्स एजुकेशन प्राप्त करने के सामान्य रास्ते बच्चों की देखभाल करने वाले, माता-पिता और औपचारिक स्कूल कार्यक्रम हैं। कई पारंपरिक संस्कृतियों में किशोर लड़के और लड़कियों को यौन मामलों से संबंधित कोई भी जानकारी नहीं दी गई थी, जहां सेक्स पर चर्चा को एक निषेध माना जा रहा था।
(और पढ़े – सेक्स एजुकेशन (यौन शिक्षा) की जानकारी…)
भारत में क्यों जरूरी है यौन शिक्षा – Importance of Sex Education in India in Hindi
यौन शिक्षा के महत्व पर कई बहस और चर्चाएं हो चुकी हैं, कि इसे स्कूल में लागू किया जाना चाहिए। कुछ लोग इसके खिलाफ हैं, तो कुछ लोगों ने इसकी जरूरत को समझते हुए हरी झंडी दे दी है। बच्चों के बीच यौन शिक्षा उन्हें कामुकता के बारे में सिखाती है, उनके शरीर में परिवर्तन होता है और यह सब उन्हें यौवन की शुरूआत होने से पहले पता होना चाहिए। सेक्स एजुकेशन बच्चों को उनके शरीर के बारे में कई बातें सिखा सकती है, वहीं उन्हें गुमराह भी कर सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों में सेक्स के प्रति दिलचस्पी बढऩे का प्रमुख कारण है इंटरनेट।
इंटरनेट पर उपलब्ध अश्लील सामग्रियों और युवाओं की इंटरनेट की प्रति रूझान की वजह से बच्चों में सेक्स को लेकर दिलचस्पी बढ़ी है। आज भी हमारे समाज में अगर बच्चे पैरेंट्स से सेक्स से जुड़ा सवाल कर लें, तो पैरेंट्स शर्म से लाल हो जाते हैं और उन पर गुस्सा करते हैं। ऐसे में बच्चे इंटरनेट और मैग्जीन्स की मदद से सेक्स से जुड़े सवालों के जवाब ढूंढते हैं। इसमें इन्हें जानकारी तो मिलती है, लेकिन आधी-अधूरी। कई बार तो इस अधूरी जानकारी की वजह से बच्चे शारीरिक संबंध भी स्थापित करने लगते हैं। इससे बेहतर है, कि स्कूल में सेक्स के प्रति बच्चे की जिज्ञासा को सही तरह से शांत किया जाए या फिर पैरेंट्स उन्हें उनकी उम्र के अनुसार सही भाषा में सेक्स एजुकेशन देने की कोशिश करें।
सेक्स विशेषज्ञों के अनुसार, अगर बच्चों को स्कूल में ही सेक्स से जुड़े पहलू समझा दिए जाएं, तो वह किसी प्रकार के बहकावे में नहीं आते। सेक्स के प्रति कोई भी गलत चीज उन्हें किसी भी तरह से प्रभावित नहीं कर सकती। खासतौर से लड़कियों के लिए सेक्स एजुकेशन बहुत जरूरी है।
(और पढ़े – यौन क्रिया व लैंगिकता की शिक्षा…)
सही उम्र में सेक्स शिक्षा महत्वपूर्ण क्यों है? – Why Is Sex Education Important At The Right Age in Hindi
भारत में अभी भी सेक्स को वर्जित माना जाता है, लेकिन कोई भी इस तथ्य से इनकार नहीं कर सकता है कि यह मानव शरीर के लिए एक शारीरिक आवश्यकता है। इसलिए, सेक्स एजुकेशन की सभी को सही उम्र में जानाकारी होना जरूरी है क्योंकि यह वास्तव में लोगों के जीवन और समाज की मानसिकता को बदल सकती है। सेक्स शिक्षा सेक्स से जुड़ी मान्यताओं की खोज करने में मदद करती है और साथ ही यह एक व्यक्ति को अपने स्वयं के यौन स्वास्थ्य और संबंधों का प्रबंधन करने में सक्षम बनाती है।
सही उम्र में यौन शिक्षा प्रदान करना महत्वपूर्ण है जिसमें लिंग पहचान, यौन स्वास्थ्य, स्वच्छता, जन्म नियंत्रण, यौन संचारित संक्रमण, शरीर की छवि, निर्णय लेने आदि जैसे विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है, यौन शिक्षा बचपन के दौरान संभवतः शुरू होनी चाहिए। जिस समय एक बच्चा अपने शरीर के गुप्त अंगों पर सवाल उठाने लगता है।
(और पढ़े – किशोरावस्था की शुरुआत और पैरेंट्स की ज़िम्मेदारियाँ…)
बच्चों में यौन शिक्षा का उद्देश्य – Sex education aims in Children in Hindi
इसका उद्देश्य यौन व्यवहार, अंतरंगता, सेक्स बीमारी की रोकथाम, गर्भावस्था और सुरक्षा से संबंधित जानकारी साझा करके यौन स्वास्थ्य और स्वच्छता की स्पष्ट तस्वीर देना है। यौन स्वास्थ्य का मतलब यह नहीं है कि कोई व्यक्ति किसी बीमारी से पीड़ित नहीं है, बल्कि यह कामुकता के मामले में शारीरिक, भावनात्मक, मानसिक और सामाजिक रूप से स्वस्थ होने की स्थिति है।
किशोरावस्था के दौरान सेक्स के बारे में अधिकांश जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से यौन शिक्षा प्राप्त होती है, इस उम्र में एक व्यक्ति अपने शरीर, मनोविज्ञान और उनके व्यवहार में बदलाव का अनुभव करता है। इस प्रकार, यौन शिक्षा का प्रमुख लक्ष्य युवा मन को कामुकता को समझने में मदद करना है ताकि वे अपने जीवन में इसके बारे में स्वस्थ निर्णय ले सकें।
सेक्स एजुकेशन की आवश्यकता क्यों है – Sex education reason in Children in Hindi
विभिन्न कारणों से सेक्स एजुकेशन की आवश्यकता है सेक्स शिक्षा काफी कारणों से महत्वपूर्ण है जैसे:
- किशोरावस्था के समय किशोरों को शारीरिक रूप से अपने शरीर में होने वाले परिवर्तनों को जानना चाहिए। यह केवल सही सेक्स एजुकेशन प्रदान करने से संभव हो सकता है।
- सिर्फ लड़कियों को ही नहीं बल्कि लड़कों को भी मासिक धर्म के बारे में पता होना चाहिए ताकि दोनों लिंग आसानी से एक लड़की के शरीर में होने वाली प्राकृतिक घटना के रूप में इसे स्वीकार कर सकें। इसके अलावा, उन्हें सैनिटरी पैड और टैम्पोन के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए।
- गर्भावस्था, यौन संचारित रोग (एसटीडी) और मानव इम्यूनो वायरस (एचआईवी) के बारे में जागरूकता लाने के लिए सेक्स शिक्षा की आवश्यकता है ताकि युवा अधिक जिम्मेदार बन सकें और सेक्स के संबंध में बेहतर निर्णय ले सकें।
- लड़कियों और लड़कों को गर्भनिरोधक और सुरक्षित सेक्स के बारे में पता होना चाहिए।
- उन्हें बलात्कार, मारपीट, यौन सहमति और यौन शोषण के बारे में सिखाना भी महत्वपूर्ण है।
(और पढ़े – यौन उत्पीड़न क्या होता है इससे कैसे बचें…)
स्कूलों में यौन शिक्षा – Sex education in schools in Hindi
स्कूलों में यौन शिक्षा में प्रजनन, यौन संचारित रोग, यौन अभिविन्यास, एचआईवी / एड्स, संयम, गर्भनिरोधक, गर्भावस्था, गर्भपात और गोद लेने जैसे विषय शामिल होने चाहिए। इसे 7 से 12 वीं कक्षा के बच्चों को पढ़ाया जाता है, हालांकि इनमें से कुछ विषयों को कक्षा 4 के छात्रों को भी पढ़ाया जा सकता है। सेक्स शिक्षा कैसे सिखाई जानी चाहिए, इस पर विभिन्न कानून लागू किए गए हैं।
भारत के अधिकांश क्षेत्रों में, स्कूल यौन शिक्षा के लिए आयोजित कक्षाओं में अपने बच्चे की भागीदारी के बारे में माता-पिता की सहमति के लिए पूछते हैं। स्कूलों में यौन शिक्षा का प्राथमिक ध्यान बच्चे को किशोर गर्भावस्था और एसटीडी जैसे यौन स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरूक करना है। शोध बताते हैं कि अधिकांश परिवार अपने बच्चे को स्कूलों में यौन शिक्षा प्रदान करने के विचार का समर्थन करते हैं।
(और पढ़े – स्कूलों में सेक्स शिक्षा का महत्व…)
माता-पिता के लिए यौन शिक्षा – Sex education for parents in Hindi
माता-पिता अपने बच्चों के साथ सेक्स के बारे में बात करने में सहज महसूस नहीं करते हैं। सेक्स के बारे में उनके बच्चे के प्रश्न का उत्तर देना उन्हें बहुत अजीब लगता है, हालाँकि, इस विषय को टाला नहीं जाना चाहिए। माता-पिता अपने बच्चे में शारीरिक परिवर्तनों के बारे में स्वस्थ भावनाओं को विकसित करने के लिए जिम्मेदार हैं। अपने बच्चे को यह बताना महत्वपूर्ण है कि जैसे-जैसे वे परिपक्व होंगे उनके शरीर कैसे बदलेंगा। आपके बच्चे के साथ पेनिस इरेक्शन, यौवन, मासिक धर्म और हस्तमैथुन जैसे विषयों पर चर्चा की जानी चाहिए।
माता-पिता को अपने बच्चे के साथ यौन इच्छाओं और व्यवहार के बारे में बात करते समय आश्वस्त होना चाहिए। यदि इस तरह के विषयों पर बिना किसी हिचकिचाहट के चर्चा की जाती है, तो बच्चे को बड़े होने पर जिम्मेदार और स्वस्थ निर्णय लेने में मदद मिल सकती है। माता-पिता को अपने बच्चों को गर्भधारण, यौन संचारित रोगों और जन्म नियंत्रण विधियों के बारे में भी सिखाना चाहिए।
बच्चों से उनकी उम्र के अनुसार सेक्स की बात करें – Talking to kids about sex according to their age in Hindi
बच्चों से सेक्स के बारे में बात करने की प्रक्रिया शुरू करने में सबसे पहले उन्हें छोटी उम्र से नहलाते समय उनके प्राइवेट पाट्र्स के नाम बताएं। पेनिस, वल्वा, वेजाइना, निपल्स ये ऐसे शब्द हैं, जो हर बच्चे को जानना ही चाहिए। बच्चों से खुलकर बात करें और उन्हें सही जानकारी दें। दो साल की उम्र के बच्चों से आप इस बारे में बात कर सकते हैं। नीचे हम आपको बच्चों की उम्र के अनुसार सेक्स की बात करने के तरीके बता रहे हैं।
आयु 0-2 वर्ष के बच्चों के लिए सेक्स एजुकेशन
इस आयु वर्ग में अपने बच्चों को उसके बचपन के दिनों से शरीर के कुछ हिस्सों का नाम सिखाएं। गलत नाम का उपयोग करने के बजाय हमेशा बच्चों को शरीर के अंगों का सही नाम बताएं। दो साल की उम्र से निजी भागों के बारे में बच्चों से बात करना शुरू कर सकते हैं, ताकि वह समय के साथ उनसे परीचित हो सकें। उसे बताएं, कि नीजि अंग को नीजि क्यों कहा जाता है। टॉडलर्स यानि छोटे बच्चों को नग्न होना बहुत पसंद होता है। ऐसे में उन्हें सिखाएं, कि सार्वजनिक रूप से शारीरिक अंगों को दिखाना या छूना अच्छा नहीं माना जाता।
आयु 3-5 वर्ष वर्ष के बच्चों के लिए सेक्स एजुकेशन
यह वह उम्र होती है, जब बच्चा अपने शरीर को जानना शुरू कर देता है। एक बार जब आपका बच्चा प्री-स्कूल शुरू करता है, तो वह यह जानने के लिए उत्सुक होता है, कि लड़की और लड़के में क्या अंतर होता है। इस दौरान आप अपने बच्चों को इन्हें नीजि अंगों को छूते या इस संबंध में बात करते हुए देखें, तो घबराएं नहीं, बल्कि उन्हें समझाएं कि ऐसा करना ठीक नहीं है। आप अपने बच्चे को नहाने के समय उसे उसके नीजि अंगों के बारे में बता सकते हैं। अगर बच्चा इस दौरान कोई सवाल करें, तो उसे सही जवाब दें। टालें नहीं।
आयु 6-9 वर्ष वर्ष के बच्चों के लिए सेक्स एजुकेशन
इस उम्र तक आते-आते बच्चा लगभग शरीर के सभी अंगों के बारे में जान लेता है। इस वक्त आपको अपने बच्चों को सिखाना चाहिए, कि यौन शोषण से कैसे बचा जाए। उसके नीजि अंगों को उसे खुद साफ करने के लिए प्रेरित करें और ऐसा करने का महत्व भी उसे बताएं।
आयु 10-12 वर्ष वर्ष के बच्चों के लिए सेक्स एजुकेशन
10 से 12 साल की उम्र में या तो बच्चा यौन संबंध के बारे में बात करने से हिचक सकता है या फिर इस बारे में जानने के लिए बहुत उत्सुक हो सकता है। हार्मोन, भावनात्मक, शारीरिक परिवर्तनों के बारे में उसे बताकर यौवन के लिए उसे तैयार करें। जैसे आप मासिक चक्र धर्म के बारे में अपनी बेटी से बात कर सकते हैं। यह उसे पीरियड्स में होने वाली किसी भी असुविधा के लिए तैयार करेगा। इस उम्र में बच्चे काफी कुछ समझने लगते हैं, इसलिए आप उन्हें पॉर्न और इसके नतीजों के बारे में बताएं। उसे बताएं कि सेक्स से जुड़े विषयों की जानकारी वे मैग्जीन्स, इंटरनेट और किताबों से भी ले सकते हैं।
(और पढ़े – बच्चे से पॉर्न के बारे में कैसे बात करें?)
यौन शिक्षा से जुड़े अपेक्षित प्रश्र – Expected Questions related to sex education in Hindi
यहां कुछ ऐसे प्रश्रों की सूची दी जा रही है, जो आपके बच्चे आपसे पूछ सकते हैं।
बच्चा कैसे होता है – How are babies made in Hindi
यह सवाल अक्सर छोटे बच्चे करते हैं। कई पैरेंट्स यह सवाल सुनकर ही झेंप जाते हैं और बताते हैं कि बच्चा हॉस्पीटल की दुकान से खरीदते हैं। लेकिन ऐसा जवाब देने के बजाए अगर आप उसे बताएं कि पिता के शरीर से निकलने वाला स्पर्म और मां के शरीर में मौजूद अंडा मिलता है, तो यह एक बच्चे के रूप में विकसित होता है और इस तरह एक बच्चे का जन्म होता है। तो आप बातों-बातों में यौन संबंधित जानकारी भी दे देंगे और बच्चे की जिज्ञासा भी शांत हो जाएगी।
सेफ सेक्स क्या है – What is Safe Sex in Hindi
जब आपका बच्चा सवाल करे, कि सुरक्षित सेक्स क्या है, तो आपको उसे बहुत सहज तरीके से इसका जवाब देना है। उसे बताएं कि, अगर कोई लड़की बिना कंडोम का इस्तेमाल कर किसी लड़के के साथ संभोग करती है, तो क्या हो सकता है। आप उसे बताएं कि ऐसा करने से एचआईवी जैसी यौन संचारित जैसी बीमारियां हो सकती हैं। अगर एहतियात न बरती जाए, तो यह घातक हो सकता है।
पीरियड्स क्या होते हैं – What does menstrual cycle mean in Hindi
अक्सर बच्चे ये सवाल अपनी मम्मी से करते हैं। कई मम्मियां ये कहकर टाल देती हैं, कि इस दौरान वो बीमार रहती हैं। लेकिन बच्चे को ऐसा कहकर भ्रमित न करें, बल्कि उसे बताएं कि यह एक मासिक चक्र है। जब एक लड़की यौवन की उम्र में आती है, तो उसे यह चक्र शुरू होता है। इस अवधि के दौरान एक लड़की को रक्त स्त्राव होता है और पेट में ऐंठन व शारीरिक परेशानी भी हो सकती है।
लड़का किसी लड़की को किस करें, तो क्या लड़की प्रेग्नेंट हो सकती है – Will a girl get pregnant if she kiss a Boy in Hindi
कई मिथकों से उत्पन्न होने वाले बच्चों के मन में यह सवाल आना सामान्य है। जब भी आपका बच्चा ऐसा सवाल करे, तो उसे बताएं कि किस करने से गर्भवती नहीं होते। उसे बताएं कि, एक लड़की तभी गर्भवती हो सकती है, जब उसका अंडाणु संभोग के दौरान लड़के द्वारा रिलीज किए गए शुक्राणु के संपर्क में आने के बाद फर्टिलाइज हो जाता है।
अगर खेलते समय या साइकलिंग करते समय मेरा हाइमन फट जाता है, तो क्या मैं अपनी वर्जिनिटी खो दूंगी?
ये सवाल अक्सर लड़कियों के मन में आता है, खासतौर से शादी से पहले लड़कियां इस सवाल को लेकर बहुत डरी हुई रहती हैं। लेकिन यह एक मिथ है, जिसे खत्म करने की जरूरत है। आप उन्हें बताएं, कि यह सब कही-सुनी बातें हैं। असल में लोग संभोग के बाद ही अपनी वर्जिनिटी खोते हैं। हाँ खेलना, दौड़ना या साईकिल चलाना जैसी किसी भी गतिविधि को करने से हाइमन जरूर टूट सकता है लेकिन इसका वर्जिनिटी खोने से कोई संबंध नहीं है।
(और पढ़े – महिला पुरुष के गुप्तांगों की जानकारी और कार्य…)
सेक्स के बारे में बच्चों से बात करने के टिप्स – Tips for talking to kids about sex in Hindi
सेक्स से जुड़े मामलों में बच्चों से कैसे बात करते हैं, इसके सुझाव हम आपको नीचे बता रहे हैं। ये टिप्स आपको बच्चों से यौन संबंधित विषयों पर बात करने में आपकी बहुत मदद करेंगे।
बच्चों को सेक्स की सही जानकारी दें
कई पैरेंट्स बच्चों को सेक्स से जुड़े सवालों के जवाब देने से बचते हैं। लेकिन ऐसा न करते हुए बच्चों से खुलकर यौन संबंधित विषयों पर बात करें और उन्हें सही जानकारी दें। अगर आपको उनके सवाल का जवाब नहीं पता, तो मनघडंत कहानियां बनाने के बजाए उसके साथ बैठकर इस बारे में थोड़ा सर्च करें। इससे बच्चे को भी अहसास होगा कि इस बारे में बात करना कितना जरूरी है।
बच्चों से सेक्स की बात करते समय घबराएं नहीं
अगर आपका बच्चा कभी सेक्स से जुड़ा सवाल करता है, तो घबराएं नहीं। बल्कि आपको गर्व महसूस होना चाहिए कि आपका बच्चा आपसे इस संबंध में बात करते हुए सहज है। सवाल का जवाब देने से बचें नहीं, बल्कि ईमानदारी से जवाब दें। अगर आप जवाब नहीं जानते, तो उसे बताएं कि इस संबंध में थोड़ी रिसर्च की जरूरत है। हालांकि, जवाब देने से पहले उससे पूछें कि वह ऐसा क्यों जानना चाहता है या चाहती है। उसकी जिज्ञासा के पीछे की वजह क्या है।
शारीरिक अंगों के लिए सही शब्दों का प्रयोग करें
आमतौर पर पैरेंट्स बच्चे के प्राइवेट पार्ट के लिए क्यूट शब्दों का प्रयोग करते हैं। ऐसा इसलिए, सही शब्दों का इस्तेमाल करने से कई बार बच्चे अपने निजी अंगों को गंदा समझने लगते हैं और यह चीज उन्हें शर्मिन्दा भी कर सकती है। लेकिन आप उन्हें सही तरीके से समझाने की कोशिश कर सकते हैं।
बच्चों से सेक्स एजुकेशन पर पॉजिटिव टॉक करें
आपको अपने बच्चे से सेक्स से जुड़ी बातें करने के दौरान नकारात्मक बातें करने से बचना चाहिए। उसके मन में सेक्स के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण बनाएं। इसके अच्छे पक्ष को साझा करते हुए बताएं कि यौन संचारित रोगों और इससे जुड़ी अवांछित गर्भावस्था के संभावित खतरे क्या हैं।
बच्चे को समझें
युवावस्था में बच्चे कई तरह के मानसिक और शारीरिक बदलाव से गुजरते हैं, जो उनके लिए थोड़ा चुनौतीपूर्ण होता है। पैरेंट्स होने के नाते आपका फर्ज है, कि आप प्यूबर्टी के दौरान बच्चे की भावनाओं को समझें और उन्हें सपोर्ट करें।
बच्चों से सेक्स से जुड़े सवाल पूछने के लिए कहें
अपने बच्चे को सेक्स से जुड़ा कोई भी सवाल पूछने के लिए प्रोत्साहित करें। क्योंकि अगर वह आपसे बात करने से डरता है, तो वह दोस्तों या इंटरनेट से इसका जवाब जरूर ढूंढेगा, जिसके बाद हो सकता है कि उसे कई कठिनाईयों का सामना करना पड़े। ऐसे में आपका साथ उसके लिए बहुत जरूरी होता है। उससे कहें, कि वह जो कुछ भी जानना चाहता है आपसे पूछ सकता है। आपका बच्चा आपको जो बताता है, उसे ध्यान से सुनें। सुनने के बाद उससे सवाल पूछें। उससे पूछें कि ऐसी स्थिति में वे खुद क्या करेगा।
यौन शिक्षा को लेकर भले ही लोग सहमत या अहमत हों, लेकिन यह बच्चों को एक ऐसी जानकारी प्रदान करती है, जो उनके शरीर को सकारात्मक रूप से समझने के लिए जरूरी है। यौन शिक्षा आदर्श रूप से घर से शुरू होनी चाहिए, इसलिए हर माता-पिता की जिम्मेदारी है, कि बच्चे को सही तरह से सही शब्दों में सेक्स एजुकेशन से जुड़े सवालों के जवाब दें।
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