बच्चो की देखभाल

शिशु त्‍वचा की देखभाल के लिए टिप्‍स – Baby Skin Care Tips in Hindi

Bache ki twacha ki dekhbhal ke tips शिशुओं और छोटे बच्चों की त्‍वचा वयस्‍कों से अलग होती है क्‍योंकि यह बहुत ही पतली और नाजुक होती है। इसलिए शिशु त्‍वचा की देखभाल बहुत ही आवश्‍यक है। इस आर्टिकल में शिशु त्‍वचा देखभाल के लिए टिप्‍स दिये गए हैं। जिन्‍हें जानकर आप अपने शिशुओं की त्‍वचा की अच्‍छी तरह से केयर कर सकते हैं। क्‍योंकि उनकी त्‍वचा मौसम और पर्यावरण के परिवर्तन के लिए अतिसंवेदनशील होती है। जिससे शिशुओं की त्‍वचा में संक्रमण, चकत्ते और एलर्जी आदि की समस्‍या हो सकती है। त्‍वचा शिशु का सुरक्षा कवच है जो उसे बाहर‍ी दुनियां में होने वाले नकारात्‍मक परिवर्तन से बचाती है। इसलिए हमें भी शिशु की त्‍वचा की उचित देखभाल करनी चाहिए। आइए जाने शिशु त्‍वचा की देखभाल के टिप्‍स।

विषय सूची

बेबी स्किन केयर – Baby Skin Care in Hindi

  1. बेबी स्किन की देखभाल कैसे करें – How to Take Care of Baby Skin in Hindi
  2. बेबी स्किन क्‍लीनिंग – Baby Skin Cleaning in Hindi
  3. शिशु को नहलाना – Baby Bathing in Hindi
  4. बेबी को पाउडर लगाना – Baby Powdering in Hindi
  5. बेबी स्किन केयर फॉर नेचुरल प्रोडक्‍ट – Baby Skin Care For Natural Products in Hindi
  6. शिशु में डायपर रैश – Baby Diaper Rash in Hindi
  7. बेबी स्किन प्रॉब्लम – Baby Skin Problems in Hindi
  8. शिशु की देखभाल के लिए बेबी मसाज – Baby Massages in Hindi
  9. बच्चे को सुबह की धूप दिखाना – Sun Exposure in Hindi
  10. शिशुओं के कपड़ों का डिटर्जेंट – Use Gentle Detergents For Baby Clothes in Hindi

बेबी स्किन केयर – Baby Skin Care in Hindi

जब कोई बच्‍चा जन्‍म लेता है तो उसकी त्‍वचा को इंसान की सबसे अच्‍छी त्‍वचा मानी जाती है। लेकिन इस त्‍वचा की उचित देखभाल आवश्‍यक है जो उसे पूरे जीवन सुरक्षा प्रदान करती है। नवजात शिशु की त्‍वचा बहुत नरम और नाजुक होती है। नए माता पिता अक्‍सर अपने बच्‍चे की त्‍वचा को लेकर चितिंत रहते हैं जो कि स्‍वाभाविक है। नए माता पिता को अपने बच्‍चे की संवेदनशील त्‍वचा के लिए बेहद सावधान रहने की आवश्‍यकता है। उन्हें अपने बच्‍चे की त्‍वचा के लिए ऐसे उत्‍पादों का उपयोग करना चाहिए जो प्राकृतिक हों। इसके अलावा कई ऐसी युक्तियां भी हैं जो हर मौसम के अनुसार त्‍वचा को स्‍वस्‍थ्‍य रखने में मदद करती हैं। आइए विस्‍तार से जाने कि आप शिशु त्‍वचा की देखभाल किस प्रकार कर सकते हैं।

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बेबी स्किन की देखभाल कैसे करें – How to Take Care of Baby Skin in Hindi

नए माता पिता के लिए यह एक सहज और गंभीर प्रश्‍न है कि बेबी त्‍वचा की देखभाल कैंसे करें। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि शिशुओं की त्‍वचा में किसी प्रकार का प्रयोग नहीं किया जा सकता है। इसका मतलब यह है कि हम किसी भी उत्‍पाद का उपयोग करके परिक्षण नहीं कर सकते हैं। इसके लिए हमें पहले से शिशु की त्‍वचा को नुकसान न पहुंचाने वाले उत्‍पादों का उपयोग करना चाहिए। नए माता पिता अक्‍सर विभिन्‍न उत्‍पादों और विभिन्‍न लोगों की राय से भ्रमित हो सकते हैं। यहां आपको शिशुओं की त्‍वचा देखभाल से संबंधित कुछ उपचार और युक्तियां बताई जा रहीं हैं जो आपकी दुविधा को कम करने में मदद कर सकती हैं।

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बेबी स्किन क्‍लीनिंग – Baby Skin Cleaning in Hindi

वैसे तो सभी माता पिता अपने शिशुओं की अच्‍छी तरह से देखभाल करते हैं। लेकिन नवजात शिशु की त्‍वचा आमतौर पर बहुत ही कोमल होती है और इसमें मोम जैसी सफेद परत होती है। यह जन्‍म के प्रथम सप्‍ताह में धीरे धीरे निकलती है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है इसलिए इस परत को निकालने के लिए त्‍वचा को रगड़ने या किसी क्रीम की आवश्‍यकता नहीं होती है। जन्‍म के शुरुआती सप्‍ताह के दौरान मुंह और डायपर क्षेत्र पर विशेष सावधानी के साथ बच्‍चे को साफ करने की आवश्‍यकता होती है। इस तरह से आप अपने बच्‍चे की त्‍वचा की सफाई पर विशेष ध्‍यान दे सकते हैं।

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शिशु को नहलाना – Baby Bathing in Hindi

आवश्‍यकता से अधिक बार नहलाने से बच्‍चे के प्राकृतिक तेल त्‍वचा से दूर हो सकते हैं। जिसके परिणाम स्‍वरूप त्‍वचा शुष्‍क और परतदार हो सकती है। इसलिए 1 सप्‍ताल में 3-4 बार नहलाना पर्याप्‍त है। इसके अलावा यह भी ध्‍यान देना चाहिए कि बच्‍चे को नहलाने के लिए हल्‍के साबुनों और हल्के गर्म पानी का उपयोग किया जाए। नहलाने के बाद बच्‍चे के शरीर से पानी को सुखाने के लिए नरम सूती टॉविल या कपड़े का उपयोग करना चाहिए।

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बेबी को पाउडर लगाना – Baby Powdering in Hindi

अक्‍सर देखा जाता है कि शिशु को नहलाने के बाद उन्‍हें पाउडर या अन्‍य क्रीम लगाई जाती है। लेकिन शायद यह मात्र एक औपचारिकता है। क्‍योंकि यदि नहाने के बाद बच्‍चे को अच्‍छी तरह से पोंछकर सुखा लिया जाता है तो पाउडर लगाने की आवश्‍यकता नहीं होती है। लेकिन अगर आप शिशु को नहलाने के बाद पाउडर लगाना चाहते हैं तो बेबी टेलकम पाउडर का उपयोग करना सुरक्षित हो सकता है। यह नाजुक त्‍वचा को नुकसान नहीं पहुंचाता है। इसके अलावा सुगंधित पाउडर का उपयोग करने से बचें जिनमें रसायनों का उपयोग किया जाता है।

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बेबी स्किन केयर फॉर नेचुरल प्रोडक्‍ट – Baby Skin Care For Natural Products in Hindi

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि शिशुओं की त्‍वचा बेहद संवेदनशील होती है। जन्‍म के बाद बच्‍चे की त्‍वचा को पर्यावरण और विभिन्‍न परिवर्तनों का आदि होने में समय लगता है। इसलिए शिशु त्‍वचा देखभाल के लिए रासायनिक उत्‍पादों का उपयोग करने से बचना चाहिए। इसलिए किसी भी रसायन से रहित प्राकृतिक और कार्बनिक शिशु उतपाद सुगंधित या जीवाणुरोधी उत्‍पादों की तुलना सुरक्षित विकल्‍प हैं। किसी भी संभावित प्रतिक्रिया से बचने के लिए बच्‍चे की त्‍वचा पर किसी भी नए उत्‍पादों का परिक्षण नहीं किया जाना चाहिए। इसलिए हमेशा ही ऐसे उत्‍पादों का उपयोग करना चाहिए जो प्रमाणित हों। इसके लिए आप हल्‍के साबुन, शैम्‍पू आदि का उपयोग कर सकते हैं जो बच्‍चों की त्‍वचा के अनुसार बनाए जाते हैं।

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शिशु में डायपर रैश – Baby Diaper Rash in Hindi

शिशुओं को अक्‍सर डायपर पहनाया जाता है। यदि डायपर बहुत तंग है या बच्‍चे को किसी विशेष ब्रांड के डायपर से एलर्जी है, तो इसका मतलब है कि बच्‍चा लंबे समय तक गंदे डायपर पहन रहा है। इससे डायपर रैश हो सकते हैं। इस तरह की समस्‍या में चकत्ते और त्‍वचा संक्रमण से बचने के लिए डायपर गंदे होने पर तुरंत ही बदलना चाहिए। इसके अलावा आपको अधिक शोषक और मुलायम डायपर का चयन करना चाहिए। अधिकांश चकत्ते गंभीर समस्‍या का कारण नहीं होते हैं लेकिन यदि वे लंबे समय तक बने रहते हैं तो बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह लेना आवश्‍यक है।

(और पढ़े – शिशु को डायपर रैशेज से बचाने के लिए घरेलू उपाय…)

बेबी स्किन प्रॉब्लम – Baby Skin Problems in Hindi

कुछ बच्‍चों की त्‍वचा में मुंहासों की तरह ही फुंसीयां हो सकती हैं जो वयस्‍कों से अलग होती हैं। ऐसे मामलों में डॉक्‍टर के पास जाना अधिक सुरक्षित है। कभी कभी बच्‍चों में एक्जिमा या एटॉलिक डार्माटाइटिस (atopic dermatitis) होता है जो त्‍वचा समस्‍याओं का एक प्रकार है। इसके परिणाम स्‍वरूप त्‍वचा पर लाल चकत्ते दिखाई देते हैं और यह खुजली के साथ शुष्‍क, मोटा और परतदार बन जाता है। एक्जिमा का इलाज करना मुश्किल है क्‍योंकि यह आनुवंशिक (inherited) होता है। लेकिन इसे सही उपचार के साथ नियंत्रित किया जा सकता है। एक्जिमा से ग्रसित बच्‍चों में धीरे-धीरे यह समस्‍या कम होती है।

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शिशु की देखभाल के लिए बेबी मसाज – Baby Massages in Hindi

आपके बच्‍चे की हड्डियों को मजबूत करने का सबसे अच्‍छा तरीका मालिश है। इसके लिए आप प्राकृतिक तेलों का उपयोग कर सकते हैं। इन तेलों से शिशुओं की हल्की मालिश करने पर यह त्‍वचा को पोषण देने के साथ ही त्‍वचा को मॉइस्चाइजिंग में भी मदद करती है। इसके लिए आप नारियल तेल, जैतून तेल या बादाम के तेल का उपयोग कर सकते हैं। आप अपने शिशुओं की मालिश के लिए बाजार में मिलने वाले तेलों का उपयोग करने से बचें जिनमे आमतौर पर इत्र और रसायन होते हैं। इस प्रकार के तेल बच्‍चे की त्‍वचा को परेशान कर सकते हैं।

(और पढ़े – नवजात शिशु की मालिश करने के बेहतर तरीके…)

बच्चे को सुबह की धूप दिखाना – Sun Exposure in Hindi

सूर्य की तेज धूप नवजात शिशु को देने की सलाह नहीं दी जाती है। क्‍योंकि इससे शिशु की नाजुक त्‍वचा सनबर्न का शिकार हो सकती है। इसलिए यदि बच्‍चों को धूप में बाहर निकाला जाता है तो उन्‍हें फुल आस्‍तीन वाले कपड़ों का पहनाना चाहिए। इसके अलावा बच्‍चों को कैप, पैंट आदि से कवर किया जाना चाहिए। इसके अलावा सनस्‍क्रीन लागू करना समझदारी भरा काम हो सकता है।

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शिशुओं के कपड़ों का डिटर्जेंट – Use Gentle Detergents For Baby Clothes in Hindi

नए माता पिता को सलाह दी जाती है कि वे बच्‍चों के लिए खरीदे गए नए कपड़ों को पहले धुल लें और फिर उन्‍हें पहनाएं। देखने में नए कपड़े साफ दिखते हैं लेकिन उनमे कई प्रकार के केमिकल्‍स होते हैं जो शिशु की त्‍वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए इन रसायनों को हटाने के लिए उन्‍हें धुलना आवश्‍यक है।

इसके अलावा बच्‍चों के अन्‍य कपड़ों को परिवार के कपड़ों के साथ नहीं धुलना चाहिए। क्‍योंकि अन्‍य लोगों के कपड़ों में भी कई प्रकार के जीवाणु हो सकते हैं जो शिशु की कोमल त्‍वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

(और पढ़े – डायपर के फायदे और नुकसान…)

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