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बैक्टीरियल वेजिनोसिस (योनि में बैक्टीरियल संक्रमण) के लक्षण, कारण, जांच, इलाज और बचाव – Bacterial Vaginosis Causes, Symptoms and Treatment in Hindi

Bacterial Vaginosis in Hindi बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस क्‍या है यह बहुत सी महिलाओं को पता नहीं है। बैक्टीरियल वेजिनोसिस (योनि में बैक्टीरियल संक्रमण), 15 से 44 उम्र की महिलाओं के लिए योनि संक्रमण का सबसे आम कारण है और यह अक्सर एक नए साथी के साथ संभोग करने के बाद विकसित होता है, और यह उन महिलाओं के लिए एक दुर्लभ स्थिति है जिन्होंने कभी किसी के साथ संभोग नहीं किया है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें महिलाओं की योनि में कुछ प्रकार के बैक्टीरिया की मात्रा में परिवर्तन होता है। महिलाओं में बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस होना एक आम बात है जो किसी भी महिला को हो सकता है। बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस होने पर महिलाओं को किसी डॉक्‍टर से उपचार लेना चाहिए क्‍योंकि उपचार न कराने पर यह यौन संचारित संक्रमण (STI) की संभावनाओं को बढ़ा सकता है और गर्भावस्था के दौरान समस्याएं पैदा कर सकता है।

आज इस लेख में हम जानेंगे की बैक्टीरियल वेजिनोसिस (योनि में बैक्टीरियल संक्रमण) क्या है और इसके लक्षण कारण जांच इलाज जटिलताएं और बचाव क्या है।

विषय सूची

  1. बैक्टीरियल वेजिनोसिस क्‍या है – Bacterial Vaginosis kya hai in Hindi
  2. बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस किसे होता है – Bacterial Vaginosis kise hota hai in Hindi
  3. बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस के लक्षण – Bacterial Vaginosis ke lakshan in Hindi
  4. बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस और योनि खमीर संक्रमण में अंतर – Bacterial Vaginosis aur vaginal yeast infection me anter in Hindi
  5. बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस होने के कारण – Bacterial Vaginosis hone ke karan in Hindi
  6. बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस के जोखिम कारक – Bacterial vaginosis ke jokhim karak in hindi
  7. बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस की जांच – Bacterial Vaginosis ki janch in Hindi
  8. बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस का इलाज – Bacterial Vaginosis ka ilaj in Hindi
  9. बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस की पुनरावृत्ति – Bacterial Vaginosis Recurrence in Hindi
  10. बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस से होने वाली जटिलतायें – Bacterial Vaginosis se hone vali jatiltaye in Hindi
  11. बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस से बचाव – Bacterial Vaginosis se bachav in Hindi
  12. क्‍या गर्भावस्‍था में बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस का इलाज सुरक्षित है – kya Garbhavastha me Bacterial Vaginosis ka ilaj surakshit hai in Hindi

बैक्टीरियल वेजिनोसिस क्‍या है – Bacterial Vaginosis kya hai in Hindi

महिलाओं की योनि में होने वाले एक प्रकार के संक्रमण को बैक्टीरियल वेजिनोसिस (योनि में बैक्टीरियल संक्रमण) कहा जाता है। यह उस समय होता है जब शारीरिक परिवर्तनों या उचित साफ साफाई ना रखने से महिला की योनि में बैक्टीरिया की संख्‍या में अचानक परिवर्तन आते हैं या फिर यह कहा जाए कि बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस उस समय होता है जब योनि में अच्‍छे बैक्‍टीरिया के मुकाबले हानिकारक बैक्‍टीरिया की मात्रा बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में किसी महिला को बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस की समस्‍या होने की संभावना हो सकती है।

(और पढ़े – बैक्टीरियल वेजिनोसिस के लिए घरेलू उपचार…)

बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस किसे होता है – Bacterial Vaginosis kise hota hai in Hindi

इस प्रकार का संक्रमण 15 से 44 वर्ष के उम्र की किसी भी महिला को होना आम बात है। लेकिन यह संक्रमण किसी भी महिला को हो सकता है चाहे उन्‍होंने सेक्‍स किया हो या सेक्‍स न किया हो। गर्भावस्‍था के दौरान असुरक्षित यौन संबंध बनाने से भी बैक्टीरियल वेजिनोसिस (योनि में बैक्टीरियल संक्रमण) होने की संभावान बढ़ जाती है। यह समस्‍या लगभग 4 गर्भवती महिलाओं में से 1 को होना सामान्‍य है, क्‍योंकि गर्भावस्‍था के दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होते हैं। जिसके कारण उनमें इस प्रकार के संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है।

(और पढ़े – गर्भावस्था में योनि में दर्द के कारण और उपचार…)

बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस के लक्षण – Bacterial Vaginosis ke lakshan in Hindi

सामान्‍य रूप से देखा जाए तो महिलाओं में इस संक्रमण के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। फिर भी यदि इसकी पहचान की जाए तो बैक्टीरियल वेजिनोसिस (योनि में बैक्टीरियल संक्रमण) के कुछ सामान्‍य लक्षण इस प्रकार हैं :

नोट- जरुरी नहीं है की ये सभी लक्षण बैक्टीरियल वेजिनोसिस के ही हों,ये सभी लक्षण योनि में खमीर संक्रमण (yeast infection) और अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं के कारण भी हो सकते हैं। इसलिए ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर तुरन्त अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

(और पढ़े – योनी में खुजली, जलन और इन्फेक्शन के कारण और घरेलू इलाज…)

बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस और योनि खमीर संक्रमण में अंतर – Bacterial Vaginosis aur vaginal yeast infection me anter in Hindi

ये दोनो ही प्रकार के संक्रमण योनि स्राव के सामान्‍य कारण हैं। इनके लक्षण भी लगभग समान ही होते हैं, इसलिए यह पहचान पाना मुश्किल होता है कि किसी महिला को बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस है या यीस्ट संक्रमण। इसलिए किसी भी प्रकार के संक्रमण की पुष्टि केवल आपके डॉक्‍टर ही कर सकते हैं। बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस होने पर योनि से सफेद या ग्रे रंग का डिस्‍चार्ज हो सकता है और साथ ही इससे बदबूदार गंध भी आ सकती है।

(और पढ़े – योनि यीस्ट संक्रमण क्या है…)

बैक्टीरियल वेजिनोसिस (योनि में बैक्टीरियल संक्रमण) होने के कारण – Bacterial Vaginosis hone ke karan in Hindi

शोधकर्ता अभी भी इस विषय पर शोध कर रहे हैं कि बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस की समस्या किसी महिला में कैसे उत्पन्न होती है। क्‍योंकि बहुत से ऐसे उदाहरण मिले हैं जिनमें बिना सेक्‍स किये ही यह संक्रमण महिलाओं में पाया गया है। लेकिन यह संक्रमण उन महिलाओं को अधिक प्रभावित करता है जो बहुत अधिक यौन सक्रिय होती हैं। इसके अलावा एक नया सेक्‍स पार्टनर या कई सेक्‍स पार्टनर के साथ सेक्‍स करने से भी योनि में मौजूद बैक्‍टीरिया का संतुलन बिगड़ सकता है। यह स्थिति भी किसी महिला को बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस संक्रमण दिलाने में सहायक है।

वैसे तो बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस की समस्या ज्यादातर बैक्टीरिया की संख्या के असंतुलन की वजह से होता है, क्योकि हमारे शरीर में दो प्रकार के बैक्टीरिया होते है गुड बैक्टीरिया और बैड बैक्टीरिया। योनि में लैक्टोबैसिली (lactobacilli) नामक गुड बैक्टीरिया होना चाहिए। ये बैक्टीरिया लैक्टिक एसिड (lactic acid) का उत्पादन करते हैं, जिससे योनि थोड़ा अम्लीय (acidic) हो जाती है। यह अन्य बैक्टीरिया को योनी में बढ़ने से रोकते है। यदि इनकी संख्या कम हो जाती है और बैड बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाती है तब उस स्थिति में बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस के संक्रमण होने का खतरा रहता है।

(और पढ़े – सुरक्षित सेक्स करने के तरीके…)

बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस के जोखिम कारक – Bacterial vaginosis ke jokhim karak in Hindi

बैक्टीरियल वेजिनोसिस (योनि में बैक्टीरियल संक्रमण) संक्रमण की वजह कई तरह के जोखिम कारक भी हो सकते है, जैसे-

योनी की सफाई के लिए डाउचिंग (douching) की प्रक्रिया करना या पानी से साफ करना  किसी तरह के एंटीसेप्टिक (antiseptic) तरल पदार्थ के साथ स्नान करना एक नया सेक्स पार्टनर होने से बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस की समस्या उत्पन्न हो सकती है कई यौन साथी होने से बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस होने का जोखिम बढ़ जाता है सुगंधित पदार्थ से फोम से स्नान करना या योनि दुर्गन्ध को दूर करने के लिए सुगंधित साबुन का उपयोग करना धूम्रपान करना अंडरवियर को हार्ड डिटर्जेंट से धोना यह सभी कारक जोखिम भरे हो सकते है और इनसे बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस के संक्रमण होने की संभावना हो सकती हैं।

(और पढ़े – योनि को स्वस्थ और साफ कैसे रखें…)

बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस की जांच – Bacterial Vaginosis ki janch in Hindi

बैक्टीरियल वेजिनोसिस (योनि में बैक्टीरियल संक्रमण) की जांच के कई तरीके है जैसे-

बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस की जांच के लिए पेल्विक एग्जाम

पैल्विक परीक्षा के दौरान,आपका डॉक्टर संक्रमण के संकेतों को जांचने के लिए आपकी योनि की जांच करता है। इस संक्रमण की जांच करने के लिए डॉक्टर सबसे पहले अपने हाथ से पेट पर दबाव डालते हुए आपकी योनि में दो उंगलियां डालते है और दूसरे हाथ से बाकि पेल्विक अंगो को देखते है की कौन से अंग में संक्रमण दिखाई दे रहा है।

योनी स्राव का नमूना लेकर बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस की जांच करना

इस तरह की जांच में डॉक्टर आपके योनी स्राव का नमूना लेकर उसे माइक्रोस्कोप के द्वारा जांचकर यह देखेंगे की कहीं कोई संक्रमण के लक्षण दिखाई दे रहें या नहीं।

बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस की जांच के लिए योनि का पीएच परीक्षण

इस परीक्षण में आपका डॉक्टर आपकी योनि में पीएच परीक्षण पट्टी (pH test strip) रखकर आपकी योनि की अम्लता (acidity) की जांच करते है। यदि 4.5 या उससे अधिक की योनि का पीएच आया तो यह बैक्टीरियल वेजिनोसिस का संकेत हो सकता है।

(और पढ़े – पीरियड्स के खून के रंग से जानिए क्या बीमारी है आपको…)

बैक्टीरियल वेजिनोसिस (योनि में बैक्टीरियल संक्रमण) का इलाज – Bacterial Vaginosis ka ilaj in Hindi

आपका डॉक्‍टर इस संक्रमण के इलाज के लिए आपको कई तरह की एंटीबोयोटिक दवाएं दे सकता है जैसे-

मेट्रोनिडाज़ोल (Metronidazole आप इस दवा का सेवन मौखिक रूप से गोली के रूप में कर सकती है। मेट्रोनिडाजोल एक तरह के जेल के रूप में भी उपलब्ध होता है जिसे आप अपनी योनि में लगा सकती हैं। इस दवा का उपयोग करते समय पेट खराब, पेट दर्द या उल्टी होने के जोखिम को कम करने के लिए, उपचार के दौरान शराब पीने  से बचें।

क्लिंडामाइसिन (Clindamycin) – यह दवा एक क्रीम के रूप में उपलब्ध होती है जिसे आप अपनी योनि में लगा सकती हैं। क्लिंडामाइसिन क्रीम उपचार के दौरान लेटेक्स कंडोम के असर को कमजोर कर सकती है इसलिए यौन सम्बन्ध बनाने के कम से कम तीन दिन पहले आप क्रीम का उपयोग करना बंद कर दें और बाद में आप फिर से इसकी शुरुआत कर सकती है।

टिनिडाज़ोल (Tinidazole) – यह दवा मौखिक रूप से ली जाती है। टिनिडाज़ोल से भी पेट की ख़राबी और उल्टी जैसी परेशानी हो सकती है क्योकि इसका असर भी मौखिक मेट्रोनिडाज़ोल जैसा ही है, इसलिए उपचार के दौरान शराब पीने से बचें

नोट- डॉक्टर की सलाह लिए बिना किसी भी दवाई का सेवन ना करें किसी भी प्रकार के संक्रमण की आशंका होने पर पहले डॉक्टर से जांच कराएं।

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बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस की पुनरावृत्ति – Bacterial Vaginosis Recurrence in Hindi

लगभग 30 प्रतिशत महिलाओं में बैक्टीरियल वेजिनोसिस (योनि में बैक्टीरियल संक्रमण) लक्षण उपचार के साथ गायब हो जाते हैं परन्तु  3 महीने के भीतर ही इनकी दोबारा पुनरावृत्ति हो सकती है और कुछ महिलाओं में 6  महीने के भीतर इसकी पुनरावृत्ति होती है ,सभी महिलाओं के लिए इसकी अवधि अलग अलग हो सकती है। इसका इलाज मौखिक या योनि मेट्रोनिडाजोल या क्लिंडामाइसिन के 7 दिन के कोर्स के  द्वारा किया जा सकता है। यदि पिछला उपचार मौखिक रूप से हुआ है, तो योनि उपचार दूसरी बार बेहतर काम कर सकता है, और यदि पहला उपचार योनि द्वारा था, तो दूसरी बार उपचार मुंह द्वारा किया जा सकता है।

(और पढ़े – एक महीने में दो बार पीरियड्स आने के कारण और उपाय…)

बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस से होने वाली जटिलतायें – Bacterial Vaginosis se hone vali jatiltaye in Hindi

बैक्टीरियल वेजिनोसिस (योनि में बैक्टीरियल संक्रमण) से होने वाली कुछ जटिलताओं में शामिल है-

  • एचआईवी संक्रमण होने पर बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस इसके वायरस के लिए संवेदनशीलता और जोखिम को और बढ़ावा देता है।
  • एसटीआई, जैसे कि हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस, क्लैमाइडिया, गोनोरिया और मानव पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) के होने की भी संभावना रहती है।
  • यह सर्जिकल संक्रमण होने का खतरा बढ़ाता है जैसे यदि आपकी कोई सर्जरी या हिस्टेरेक्टॉमी हुए है तो इस बैक्टीरिया की वजह से संक्रमण बढ़ सकता है।

गर्भावस्था के दौरान बैक्टीरियल वेजिनोसिस (योनि में बैक्टीरियल संक्रमण) से होने वाली संभावित जटिलताओं में शामिल हैं-

  • जल्दी या अपरिपक्व प्रसव का होना
  • गर्भपात का खतरा
  • एमनियोटिक थैली टूटना या बहुत जल्दी खुल जाना

प्रसवोत्तर एंडोमेट्रैटिस (postpartum endometritis) – गर्भाशय की लाइनिंग में जलन या सूजन होना

ट्यूबल कारक बांझपन (tubal factor infertility) – इस समस्या में फैलोपियन ट्यूब (जो अंडाशय को गर्भाशय से जोड़ता है) को नुकसान पहुँचता है

कोरिओमनीओनाइटिस (Chorioamnionitis) – भ्रूण के आसपास के झिल्ली में सूजन होना, जिसे कोरियोन (chorion) और एमनियन (amnion) के रूप में जाना जाता है। Chorioamnionitis काफी जल्दी प्रसव होने की संभावना को बढ़ाता है। यदि इस स्थिति में नवजात शिशु जीवित रहता है, तो उन्हें मस्तिष्क पक्षाघात (cerebral palsy)  होने का खतरा अधिक होता है।

  • अगर किसी महिला को बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस है तो उस महिला के इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) तकनीक के सफल होने की संभावना कम हो सकती है।
  • बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस पैल्विक सूजन की बीमारी (पीआईडी) के जोखिम को भी बढ़ाता है।

(और पढ़े – गर्भपात (मिसकैरेज) के कारण, लक्षण और इसके बाद के लिए जानकारी…)

बैक्टीरियल वेजिनोसिस (योनि में बैक्टीरियल संक्रमण) से बचाव – Bacterial Vaginosis se bachav in Hindi

बैक्टीरियल वेजिनोसिस (योनि में बैक्टीरियल संक्रमण) से बचाव के कई तरीके है जिनमें शामिल है-

योनि की जलन को कम करने का उपाय – माइल्ड, असुगंधित साबुन और अनसेन्टेड टैम्पोन या पैड का उपयोग करें।

बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस से बचाव के लिए डाउचिंग ना करें – आपकी योनि को सामान्य स्नान के अलावा किसी प्रकार के सफाई करने के तरीके की आवश्यकता नहीं होती है। इसलिए बार-बार डाउच करने से योनि का संतुलन बिगड़ सकता है और आपके योनि संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।

बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस से बचने के लिए यौन संचारित संक्रमण (STI) से बचें सेक्स करते समय कंडोम का उपयोग अवश्य करें। यौन संचारित संक्रमण के अपने जोखिम को कम करने के लिए संभोग के लिए अपने साथी की संख्या को सीमित करें।

(और पढ़े – सैनिटरी नैपकिन क्या है सही सेनेटरी पैड का चुनाव और लगाने का तरीका…)

क्‍या गर्भावस्‍था में बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस का इलाज सुरक्षित है – kya Garbhavastha me Bacterial Vaginosis ka ilaj surakshit hai in Hindi

जो महिलाएं गर्भवती हैं यदि उन्‍हें बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस है तो इसका इलाज सुरक्षित रूप से किया जा सकता है। क्‍योंकि बैक्‍टीरियल वेजिनोसिस के उपचार के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं गर्भवती महिला के लिए सुरक्षित हैं। लेकिन गर्भवती महिलाओं को परीक्षण के बाद ही दवाओं का सेवन करना चाहिए। जो महिलाएं गर्भवती हैं और उन्‍हें इस प्रकार की समस्‍या है तो उनका इलाज गर्भावस्‍था के किसी भी चरण में किया जा सकता है।

(और पढ़े – जानें गर्भावस्था में कितने सप्ताह, महीने और ट्राइमेस्टर होते हैं…)

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