बेल फल (wood apple) एक पवित्र फल के रूप जाना जाता है। बेल एक सामान्य सा दिखने वाला फल होता है जिसे अन्य नामों जैसे कि जापानी, कड़वा नारंगी, गोल्डन सेब, पत्थर सेब या लकड़ी सेब के नाम से जाना जाता है। भारतीय सभ्यता में लोग बेल के पेड़ को पवित्र मानते हैं। बेल के फायदे के कारण इसका उपयोग कैंसर, मधुमेह और मोटापा जैसी बीमारियों को दूर करने में होता है। इसमें बहुत सारे पोषक तत्व व विटामिन अच्छी मात्रा में होते है। बेल के फल को आयुर्वेदिक दवाओं और स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ के रूप में प्रयोग किया जाता है।
इस पवित्र और प्राकृतिक बेल के पास बहुत से औषधीय गुण है, यह अपने स्वाद पोषक तत्वों और औषधीय प्रकृति के कारण बहुत लोकप्रिय और उपयोगी हो गया है।
1. बेल के फायदे – Bael Benefits in Hindi
2. बेल से होने वाले नुकसान – Side effects of bael Hindi
बेल का बाहरी आवरण बहुत ही कठोर व गोल होता है, इसके पेड़ के सभी भाग औषधीय और आयुर्वेदिक चिकित्सा के लिए उपयोग किये जाते है। यह प्रकृति द्वारा दिया गया नायाब उपहार है जो हल्के हरे रंग से शुरू होता है और पकने के बाद पीला रंग ले लेता है। इसमें पौष्टिक,मीठा, सुगंधित और रेशेदार गूदा होता है।
भारतीय इतिहास में बेल का उपयोग आयुर्वेदिक उपचार के लिए सदियों से किया जा रहा है, आइए जानते है बेल के वे गुण जिन्हें जानकर आप इसका सेवन किये बिना नहीं रह पाएंगे।
बेल भारत के आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में विशेष स्थान रखता है, संस्कृत के स्वास्थ्य सेवा ग्रंन्थ में लिखा है। बेल के पेड़ के सभी भाग तना, छाल, जड़, पत्तियां और फल में औषधीय गुण होते है। बेल जिसे लकड़ी का सेव भी कहते है इसमें बीटा कैरोटीन (beta carotene) होता है जो हमारे दिल के लिये बहुत लाभकारी होता है। इसके अलावा इसमें थाइमिन है जो विटामिन से प्राप्त होता है। इसलिए जिगर की समस्याओं से बचने के लिए बेल का नियमित सेवन करना चाहिए।
अगर आप बेल का सेवन नहीं करते है और आपको इससे होने वाले लाभ नहीं पता है तो हम आपको बताते है कि इस फल के द्वारा आप रोगों का उपचार कैसे कर सकते है।
पेट की आंतों को साफ करने का सबसे अच्छा विकल्प पका हुआ बेल होता है। यदि इसका नियमित रूप से रोजाना सेवन किया जाये तो यह हमारे पेट की बहुत सी परेशानियों को दूर कर सकता है।
पके हुए बेल से बीजों को अपशिष्ट के रूप में अलग कर गूदे को दूध और चीनी के साथ अच्छे से मिलाकर उसका उपयोग किया जा सकता है। इसलिए कब्ज से दूरी बनाने के लिए आपको बेल का सेवन करना चाहिए। (और पढ़े – कब्ज के कारण और इलाज)
बेल के फल का उपयोग डायरिया और पैंचिश के उपचार के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। इसके लिए बेल के कच्चे फलों को काटकर उन्हें सुखाने के बाद महीन मिश्रण बनाया जाता है। मिश्रण को गर्म पानी और चीनी के घोल में मिलाकर दिन में दो बार पीना चाहिए।
इस मिश्रण को खाने से मल में खून और बलगम आना कम हो जाता है। यदि इसका नियमित सेवन किया जाता है तो यह आपके पाचन तंत्र को मजबूत करने के साथ आपकी प्रतिरोधक क्षमता (Immunity Power) को भी बढ़ाती है।
(और पढ़े – दस्त ठीक करने के घरेलू उपाय)
बेल के पत्तों में बहुत सारे पोषक तत्व होते है जो अल्सर के इलाज में मदद करते है। रात में बेल के पत्तों को पानी में भिगो कर रखे, और इस काढ़े या मिश्रण का सेवन प्रत्येक दिन करें यह आपको अल्सर से लड़ने की शक्ति देगा। पके हुए बेल के फल में ऐसे पूरक पदार्थ होते है जो पेट के अंदरूनी कोशिकाओं की रक्षा करते है और अल्सर के इलाज में मदद करते है। अल्सर को ठीक करने के लिए कम से कम 3 दिनों तक पके हुए बेल को खाने की सलाह दी जाती है।
जैसे की हमने आपको बताया की बेल (wood apple) में बहुत सारे औषधीय गुण होते है, यह हमारे शरीर को गर्मी से बचाने और शीतला दिलाने में मदद करता है। ऐसिडिटी बदहजमी का इलाज करने के लिए शहद और बेल के शर्बत (cold drink) को पीना चाहिए जिससे आपको आराम मिलेगा। साथ ही यह शर्बत आपके मुंह और जीभ के छालों के लिए भी उपयोगी होता है। यह शर्बत आपको गर्मी और प्यास दोनों को कम करने का काम करता है।
(और पढ़े – मुंह के छाले दूर करने के घरेलू उपाय)
बेल के पत्तों में ब्लड यूरिया कोलस्ट्रॉल और रक्त शर्करा के स्तर को कम करने वाले गुण होते हैं। हाल के अध्ययनों में पाया गया है कि पत्तियों का ये गुण आज की सबसे प्रभावी दवाओं के समान होती है। बेल के सूखे पत्तों को काढ़ा के रूप में प्रतिदिन सेवन करना चाहिए जिससे कि आपके शरीर में रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रहे। इस चाय में ट्राइग्लिसराइड और लिपिड प्रोफाइल भी कम होता है।
(और पढ़े – मधुमेह को कम करने वाले आहार)
बेल में एंटीऑकिसडेंट तत्व भरपूर मात्रा में होते है, जो सूजन वाले क्षेत्रों और अंगों में मांसपेशियों को आराम दिलाते है। यदि कोई व्यक्ति सूजन से ग्रसित है तो यह उसके लिए बेल सबसे अच्छा और त्वरित लाभकारी विकल्प हो सकता है।
इसके लिए बिना पके बेल की लुगदी को मसलकर उसमें सरसों के तेल को गर्म करके मिलाया जाता है, फिर जिन जोड़ो में सूजन हो वहां इसका लेप लगाने पर सूजन जल्दी कम हो जाएगी साथ ही दर्द से भी राहत मिलेगी ।
(और पढ़े – गठिया (आर्थराइटिस) कारण लक्षण और वचाब)
बेल पर किये गए शोध से पता चलता है कि इसके अर्क में एंटी-प्रोलिफायरेटिव और एंटी-मेटाजेन गुण हैं जो ट्यूमर की कोशिकाओं के विकास को रोकता है। बेल में एंटी-ऑक्सिडेंट भी अधिक मात्रा में होते है जो कैंसर के इलाज में बहुत मदद करते है।
(और पढ़े – कैंसर क्या है कारण लक्षण और बचाव के उपाय )
बेल में एंटी-इंफ्लामेशन (सूजन को रोकने वाला) प्रभाव होता है । बेल फल के रस में टैनिन होता है जो दस्त, हैजाइरोहाइड और विटिलिगो (vitiligo) का इलाज करने के लिए उपयोगी है। यह एनीमिया (Anemia), कान, और नेत्र विकारों को भी दूर करता है।
बेल बवासीर को भी ठीक कर सकता है इसके घरेलू उपचार के दो तरीके है
बेल के रस के साथ 30 मिलीलीटर तेज पत्ता (Bay leaf) का रस और जीरा मिलाएं। और इस मिश्रण को दिन में दो या तीन बार पीयें जो आर्टिकियारिया का इलाज करने में मदद करेगा। यह त्वचा के लाल चकते के लिए भी फायदेमंद हो सकता है।
जिन महिलाओं को स्तन में कम दूध की शिकायत होती है, उनके लिए बेल एक औषधि से कम नहीं है। बेल के फल का सूखा पाउडर बनाकर उसे गुड़ के साथ घोल बनाकर उपयोग किया जा सकता है। इससे महिलाओं को अपने शिशुओं के लिए अधिक दूध उत्पादन करने में मदद मिलती है।
विटामिन सी की कमी से स्कर्वी रोग होने की संभावना होती है। और यह रक्त वाटिकाओं को भी प्रभावित करता है। बेल विटामिन का अच्छा स्रोत होने के कारण इस बीमारी के उपचार में मदद करता है।
बेल के उपयोग करते समय कुछ सावधानियां आवश्यक होती है क्योंकि कुछ विशेष स्थिति में इसका उपयोग हानिकारक हो सकता है। आइए जानते है बेल के नुकसान के बारे में ।
Homemade face pack for summer गर्मी आपकी स्किन को ख़राब कर सकती है, जिससे पसीना,…
वर्तमान में अनहेल्दी डाइट और उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का सेवन लोगों में बीमारी की…
Skin Pigmentation Face Pack in Hindi हर कोई बेदाग त्वचा पाना चाहता है। पिगमेंटेशन, जिसे…
चेहरे का कालापन या सांवलापन सबसे ज्यादा लोगों की पर्सनालिटी को प्रभावित करता है। ब्लैक…
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिन्हें पहचान कर आप…
त्वचा पर निखार होना, स्वस्थ त्वचा की पहचान है। हालांकि कई तरह की चीजें हैं,…