Bajra (Millet) Benefits and side effects In Hindi बाजरा हमारे पूर्वजों द्वारा उपयोग किये जाने वाले सबसे पुराने खाद्य पदार्थों में से एक है जिसे गेंहूं के आटे के साथ नियमित आहार में शामिल किया जाता था। इस खाद्य पदार्थ में बहुत अधिक मात्रा में फाइबर सामग्री (fiber content) होती हैं जो हमारे अच्छे स्वास्थ्य और पाचन के लिए आवश्यक होती है।
बाजरा के फायदे और स्वास्थ्य लाभ बहुत अधिक होने के कारण कई स्वास्थ्य सलाहकारों द्वारा बाजरा के उपभोग की सलाह दी जाती है। बाजरा बहुत महंगा नहीं होता है इस कारण इसे सभी लोग आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं। बाजरा के स्वास्थ्य लाभों में अस्थमा को रोकना, खराब कोलेस्ट्रोल को कम करना, शरीर से विषाक्त पदार्थों को साफ करना, मधुमेह को कम करना, दिल से संबंधित स्वास्थ्य और कैंसर के खतरे को कम करना आदि शामिल है। साथ ही यह एनीमिया को रोकने और शरीर के ऊतकों की मरम्मत करने में मदद करता है। यह ग्लूटेन मुक्त (gluten-free ) खाद्य पदार्थ का सबसे अच्छा विकल्प है।
विषय सूची
1. बाजरा क्या है – What is Millet/ Bajra in Hindi
2. बाजरा में पाए जाने वाले पोषक तत्व – Millet Nutritional Facts in Hindi
3. बाजरा के फायदे – Bajara ke fayde in Hindi
4. बाजरा खाने के नुकसान – Bajra ke Nuksan in Hindi
बाजरा दुनिया भर में प्रमुख आहार के रूप में उपयोग किया जाता है। इसकी बहुत सी प्रजातियों का उत्पादन व्यापक रूप से किया जाता है। ‘’पैनिक’’ (panic) नामक बाजरा का एशिया और यूरोप के कुछ देशों में बड़ी मात्रा में उत्पादन किया जाता है। यह फसल बढ़ते समय मकई (corn) के पौधे की तरह दिखाई देती है। इस पौधे की उम्र लगभग 70 दिनों की होती है जो ठंडे और शुष्क क्षेत्रों पैदा किये जाते हैं। इसका उपयोग भोजन के रूप में सर्वाधिक किया जाता है। यह भोजन के रूप में सामान्य रूप से चावल की तरह या दलिया के रूप उपयोग किया जाता है।
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दुनिया के सबसे स्वस्थ्य खाद्य पदार्थों में से एक बाजरा को माना जाता है क्योंकि इसमें पोषक तत्वों की मात्रा अधिक होती है। इसमें कैल्शियम, कॉपर, आयरन, मैग्नीशियम, मैंगनीज, सेलेनियम (selenium), पोटेशियम और फास्फोरस अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। इन पोषक तत्वों के कारण यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही उपयोगी होता है। साथ ही बाजरा में नियासिन, पैंटोथेकि एसिड, रिबोफाल्विन, फोलट, फोलिक एसिड, विटामिन बी 6, विटामिन सी, विटामिन ई और विटामिन ‘’के’’जैसे कई विटामिन भी मौजूद रहते हैं। आइए जाने इन पोषक तत्वों और विटामिनों से भरपूर बाजरा के फायदे क्या हैं।
मोती बाजरा सिर्फ एक वैकल्पिक अनाज नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार यह पोषक तत्वों के सर्वोत्तम स्रोतों में से एक है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। बाजरा को अपने आहार में शामिल करने का विशेष महत्त्व हैं जिन्हें आप इस लेख के माध्यम से जान सकते हैं। आइए इन्हें जाने :
फाइबर कई बीमारियों के लिए एक फायदेमंद तत्व है जो हमारे शरीर मे कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करने और धमनियों को अवरुद्ध (clogging the arteries) होने से रोकने का सबसे अच्छा तरीका है। बाजरा में उपस्थित फाइबर शरीर की सफाई करने और खराब कोलेस्ट्रोल (LDL cholesterol) से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। यह आपके शरीर को विभिन्न बीमारीयों से बचाने का काम भी करता है। कोलेस्ट्रोल को कम करने के लिए बाजरा का सेवन फायदेमंद होता है।
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कई बीमारियों का कारण मधुमेह (diabetes) होता है, पिछले कुछ वर्षो में मधुमेह आम बीमारी का रूप ले चुका है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग बाजरा को अपने आहार में शामिल करते हैं उन्हें डायिबिटीज होने का खतरा बहुत ही कम होता है। बाजरा में मैग्नीशियम बहुत ही अच्छी मात्रा में पाया जाता है जो शरीर को इंसुलिन (insulin) का अच्छी तरह से उपयोग करने में मदद करता है और मधुमेह के प्रभाव को कम करता है। बाजरा का नियमित सेवन कर आप अपने शरीर में बढ़ते शुगर की मात्रा को नियंत्रित कर सकते हैं।
मुक्त कण (Free radicals) ऑक्सीडेटिव क्षति के लिये जिम्मेदार होते हैं और ऑक्सीडेटिव क्षति कैंसर जैसी कई बीमारियों का कारण होता है। बाजारा एक एंटीऑक्सीडेंट समृद्ध खाद्य पदार्थ है जिसमें कार्सेटिन, सेलेनियम और पैंटोथेनिक एसिड (pantothenic acid) होता है जो शरीर में कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने का काम करते हैं।
कुछ अन्य अध्ययन बताते हैं कि महिलाओं में स्तन कैंसर के प्रभाव को कम करने के लिए फाइबर युक्त आहार का सेवन किया जाना चाहिए। जो महिलाएं प्रतिदिन 30% से अधिक फाइबर का सेवन करती हैं वे स्तन कैंसर (breast cancer) के प्रभाव से सुरक्षित रहती हैं। बाजरा फाइबर से समृद्ध है इसलिए इसका सेवन कर कैंसर से बचा जा सकता है।
महिलाओं के लिए एनीमिया (Anemia) रोग बहुत ही घातक होता है और यह उनकी मृत्यू का कारण भी बन सकता है। बाजरा का सेवन कर एनीमिया के प्रभाव को कम किया जा सकता है। बाजारा मे मौजूद फौलिक एसिड (folic acid), फोलेट और आयरन लाल रक्तकोशिकाओं के निर्माण के महत्वपूर्ण घटक होते हैं और हीमोग्लोबिन को पर्याप्त स्तर पर बनाए रखने में मदद करते हैं। बाजरा में तांबा भी अच्छी मात्रा में होता है जो खून में लाल रक्त कोशिकाओं (red blood cells) को बढ़ाने में मदद करता है।
कुछ अध्ययन बताते हैं कि पित्ताशय की पथरी (Gallstones) के गठन को रोकने में अघुलनशील फाइबर बहुत ही उपयोगी होता है। ऐसे बहुत से मामले हैं जो यह बताते हैं कि बाजरा और अन्य फाइबर से युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से गैल्स्टोन का खतरा कम होता है। फाइबर की उचित मात्रा में सेवन करने से आंतों के पारगमन समय मे कमी आती है जिसके कारण यह पित्त एसिड (bile acid) के स्राव को भी कम करता है जो गैल्स्टोन को बनने से रोकने में मदद करता है।
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दूध के मुकाबले बाजरा में कैल्शिम की मात्रा अधिक होती है जो आपके शरीर की हड्डियों के निर्माण (bone-building) में बहुत ही सहायक होता है। कैल्शियम के बिना आपकी हड्डीयां भंगुर और कमजोर (brittle and weak) हो सकती हैं। चूंकि आपका शरीर कैल्शियम नहीं बना सकता है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप इस तरह के खनिज पदार्थों की पूर्ति अपने आहार के माध्यम से करें। बाजरा में मैग्नीशियम भी अच्छी मात्रा में होता है जो आपकी हड्डियों को स्वस्थ्य रखने में मदद करता है। इसके अलावा कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि मैग्नीशियम फ्रैक्चर और ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) के खतरे को कम करने में आपकी मदद करता है।
फाइबर की अच्छी मात्रा होने के कारण बाजरा को वजन कम (weight loss) करने वाले आहारों की सूची में शामिल किया जाता है। बाजरा का सेवन करने से आपको ऊर्जा मिलती है और यह लंबे समय तक आपकी भूख नियंत्रित करता है। इसके अलावा बाजरा में कोलेस्ट्रोल को कम करने और इंसुलिन संवेदनशीलता (insulin sensitivity) बढ़ाने की क्षमता के कारण यह आपके वजन को कम करने में मदद करता है।
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एंटीऑक्सीडेंट और फिनोलिक्स (Antioxidants and phenolics) जो बाजरा में अच्छी मात्रा में होते हैं जो बढ़ती उम्र के प्रभाव को रोकने के लिए जाने जाते हैं। बाजरा में एंटीमाइक्रोबायल और एंटी-इन्फ्लामेट्री गुण भी होते हैं जो उम्र बढने के कारण कोशिकाओं की क्षति को कम करते हैं। अध्ययनों से पता चला है कि बाजरा में पाए गए पॉलीफेनॉल, कोलेजन के उत्पादन को बढ़ाते हैं और आपकी त्वचा को स्वस्थ्य व युवा बनाए रखने में मदद करते हैं। इसके साथ ही बाजरा आपके पाचन तंत्र (digestive system) को ठीक करने के साथ ही यह आपकी नींद की गुणवत्ता को भी सुधारता है।
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आप अपने घावों का उपचार करने के लिए बाजरा और पानी के मिश्रण का उपयोग कर सकते हैं। बाजरा कोलेजन की वृद्धि करने के लिए जाना जाता है जो घाव का उपचार करने में मदद करता है। एक अध्ययन से पता चलता है कि कुछ दिन तक नियमित रूप से बाजरा (millet) का उपयोग करने से चूहों के घाव को जल्दी ठीक करने में सफलता मिली है।
मां के दूध (breast milk) को बढ़ाने के लिए बाजरा का उपयोग पारंपरिक रूप से किया जाता है।
लेंकिन इसके अभी तक कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिले हैं कि यह मां के दूध में वृद्धि कर सकता है। कई उपयोगकर्ता यह मानते हैं कि इसमें उपस्थित लैक्टोजेनिक (lactogenic) गुणों के कारण यह महिलाओं में दूध उत्पादन को बढ़ाता है।
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मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा बाजरा मे होती है जो मांसपेशियों (muscles) को आराम देता है।
बाजरा का नियमित सेवन करने से रक्तचाप को कम करने में मदद मिलती है साथ ही यह अस्थमा की गंभीरता और माइग्रेन के आवृत्ति (frequency) को भी कम करता है।
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कम मात्रा में बाजरा का सेवन करने से कोई नुकसान नहीं होता है
लेकिन यदि इसका ज्यादा मात्रा में सेवन किया जाए तो यह बहुत सी परेशानियों का कारण बन सकता है। जो इस प्रकार है :
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